जिसके आने से रोशन गृहस्थ का दर होता है
नारी से जीवन का खूबसूरत सफ़र होता है
जिस घर में नारी की भावनाओं की कद्र हो
सोचा जाए तो असल में वही घर घर होता है
सर्वप्रथम सृष्टिकर्ता की सर्वोत्तम कृति जगत जननी नारी को प्रणाम करता हूं ।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पधारे माननीय मुख्य अतिथि,विशिष्ट अतिथि,युवाओं एवं आयोजकों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।
जब से हमें स्वराज्य प्राप्ति हुई है भारतवर्ष के आर्थिक सामाजिक राजनीतिक एवं तकनीकी विकास में पुरुषों के साथ-साथ नारी ने भी अहम भूमिका निभाई है।आज बड़े-बड़े पदों पर अविष्कारों में,राजनीति में नारी ने अपना अहम स्थान बनाया है।
शासन,प्रशासन की ओर से नारियों की सुरक्षा का जिम्मा लिया गया है।जिससे घर की चारदीवारी में रहने वाली औरत अब आजादी और स्वावलंबन की ओर बढ़ रही है।
नारी को दुनियां ने जब से सम्मान दिया है
नारी ने अपनी ताक़त को पहचान लिया है
अबला से बन गई है सबला देखो
सच है नारी ने जग पर बड़ा एहसान किया है
मगर आज भी इस दौर में बेटियों की जल्दी शादी या ससुराल में रूढ़ियों ने नारी के मानसिकता को कमजोर किया है ।
इसके लिए मैं हर समाज के लिए कहूंगा कि हम अपनी बहन बेटियों को पढ़ाएं और स्वावलंबी बनाएं ताकि ये अपने जीवन में हमेशा सम्मान से जी सकें।
दूसरी बात कि नारी को भी अपने हितों की रक्षा के लिए समाज, परिवार से संघर्ष करना होगा अपने आत्मविश्वास से गुलामी की बेड़ियों को तोड़ना होगा।
सावित्री बाई फुले ने उस दौर में संघर्ष किया जब नारी की अति दुर्दशा थी। संघर्ष के बलबूते पर ही स्त्री शिक्षा के मिशन में सफलता प्राप्त की।
अगर एक बहन बेटी को परिवार समाज से समस्या आती है तो उस बेटी को अपनी योग्यता साबित करने के लिए पूरी लगन से पढ़ना होगा ।अगर वह अपनी योग्यता साबित करती रही तो आगे से आगे सफलता के पायदान चढ़ती जाएगी।
मुझे विश्वास है कि समाज के सभी बेटियां अपनी आजादी और सपनों भरे जीवन के लिए मेहनत के बलबूते पर कामयाबी की डगर भरेंगी। बेटियों के अभिभावक भी
लड़की को लड़के के समान समझकर उस पर विश्वास करके उसे अपनी योग्यता साबित करने का अवसर देंगे। अंत में दो पंक्तियों के साथ अपना वक्तव्य समापन करता हूं।
इसे बेटा बना पा लो तो ये इतिहास छू लेगी
करो विश्वास बेटी पर ये विश्वास छु लेगी
कभी जीवन में बेटी को नज़रअंदाज़ मत करना
जरा से पंख खोलोगे ये आकाश छू लेगी
धन्यवाद
Mujhe ward parshad ke liye speech/ek sundr sa bhashan ki jrurt hii