हेलो दोस्तों आप सभी को सादर प्रणाम
Swami ji You Tube channel और हमारी वेबसाइट healerbaba.com पर विजिट करने वाले सभी माननीय वक्ताओं ,प्रेरकों का स्वागत करता हूं। Public Speaking में सबसे महत्वपूर्ण है समझ।
आपमें कार्यक्रम के माहौल और और कार्यक्रम के उद्देश्य किस समझ होनी चाहिए। अगर आप में समझ है तो आपको किसी की नकल नहीं करनी पड़ेगी। और आप अपना Speech ,मंच संचालन, anchoring बेहतर तरीके से कर पाएंगे।
15 अगस्त पर बहुत से विशिष्ट प्रतिष्ठित लोगों को मंच पर बोलने से बहुत डर लगता है इसलिए उनके लिए कुछ आसान और छोटे भाषण हैं।
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सबसे पहले हमारे देशभक्तों को नमन करता हुं।
कार्यक्रम में उपस्थित आदरणीय मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, सम्मानीय बुजुर्गों, युवाओं, मातृशक्ति एवम प्यारे बच्चों का हार्दिक अभिवादन करता हूं।
200 वर्ष अंग्रेजों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को हम आजाद हुए। इस आजादी के लिए देशभक्तों ने लंबी लड़ाई लड़ी। हम अपने वीरों को हमेशा याद रखें और उनके जीवन से शिक्षा लेकर देश की सेवा करें।
देश के विकास के लिए सबसे पहला काम शिक्षा है। इसलिए सभी विद्यार्थी अपनी पढ़ाई का कार्य लगन और मेहनत से करें। एकमात्र पढ़ाई ही ऐसा हथियार है जिससे कोई गरीब, वंचित अपना भाग्य बदल सकता है।
विषम परिस्थितियों में भी सीखकर
गरीबी के दुष्चक्र से निकल सकते हैं
शिक्षा वो शक्तिशाली हथियार है बच्चो
जिससे आप दुनियां बदल सकते हैं
इसके साथ साथ विद्यार्थी अपनी अच्छी आदतें बनाएं। छोटी-छोटी अच्छी आदतें हमारे चरित्र का निर्माण करती हैं।चरित्र से ही हमारे संस्कार बनते हैं। बड़े बुजुर्गों और अपने अध्यापकों का हमेशा आदर करें। बड़ी सफलताओं के लिए बुजुर्गों का आशीर्वाद काम आता है।
इन्हीं शब्दों के साथ आप सभी से कहना चाहूंगा कि हम आपस में सद्भावना कायम करें। आपसी प्रेम, भाईचारा रखना भी सच्ची देश सेवा है।
एक बार पुनः आप सभी का आभार जो आपने मेरी बातें सुनी स्वतंत्रता दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनाएं धन्यवाद।
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गीत आंसू पोंछ कर सृजन के गा रहा हुँ
मां भारती के दर्द को मैं आप तक पहुंचा रहा हूं
सार मेरी साधना का शेष रहना चाहिए
मैं भले मिट जाऊं मेरा देश रहना चाहिए
सबसे पहले हमारे वीर शहीदों को नमन करता हुं।
सम्मानित मंच पर विराजमान मुख्य अतिथि महोदय श्री….., कार्यक्रम अध्यक्ष श्री …., स्कूल प्रशासन, आदरणीय बुजुर्ग, मातृशक्ति, यूवा साथी, प्यारे विद्यार्थियों और सभी ग्राम वासियों का अभिवादन करता हूं।
आज पूरे भारतवर्ष में स्वाधीनता दिवस मनाया जा रहा है।आज ये कल्पना करना कितना कठिन है कि हमारे देशभक्तों को किन-किन कुर्बानियों से गुजरना पड़ा। 200 वर्ष की गुलामी थी, लंबा संघर्ष था।लक्ष्य को पाना आसान नहीं था। मगर अपने देशभक्तों के बल पर हमने आजादी पाई और आज हम स्वाधीनता का पर्व मना रहे हैं।
यह दिन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का पर्व है।
एक शिक्षक रहते हुए बहुत कुछ सीखने को मिलता है। समाज, देश को लेकर एक, दो बातें मैंने एहसास की है, जो मैं आपके साथ सांझा करूंगा।
आज पूरा भारत स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहा है। देश के विकास की बातें हो रही हैं।
मुझे लगता है जब देश के विकास की बात आती है तो वहां सबसे पहले जरूरी है कि मनुष्य खुद विकसित हो। जो खुद का सुधार नहीं कर सकता वह समाज का या देश का क्या सुधार करेगा।
स्वयं को स्वयं के अंदर बोध करो
अपने कर्माें पर स्वयं ही शोध करो
किसी भी देश का वहां रहने वाले लोगों के बिना प्रत्यक्ष रूप से विकास नहीं हो सकता। अगर देश में रहने वाले लोगों का विकास हो रहा है, सार्वजनिक संपत्ति के प्रति हर देशवासी सजग है। देश की कानून व्यवस्था और मानवीय मूल्यों में सबका विश्वास हो तो यही एक विकसित देश के निशानी है।
एक व्यक्ति अगर नशा करता है,अपने बच्चों को शिक्षित नहीं कर पा रहा या एक विद्यार्थी जिसके लिए अनुशासन में रहना या लगन से पढ़ाई करना भी कठिन है। वो राष्ट्रहित में क्या योगदान देगा।जो खुद को बदल पाने में असमर्थ है। वो उन्नति की बजाय देश का पतन कर रहे हैं।
हम हमेशा एक बात ध्यान में रखें कि हम ही भारत हैं। जैसे हम हैं वैसा ही हमारा देश होगा। आपने देखा होगा कुछ लोग ऐसा बोलते हैं कि 100 में से 99 बेईमान फिर भी मेरा भारत महान। कहीं ना कहीं यह बात हम खुद को ही बोलते हैं।
हम देशवासियों का जैसा चरित्र, चाल चलन, शिक्षा, आत्मिक विकास, अध्यात्मिक विकास होगा। उसी से हमारे राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण होगा।
जब युवाओं की बात आती है तो ओलंपिक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, राजस्थान प्रांत की बेटी अवनी लेखरा जिसने दिव्यांग होते हुए भी मात्र 20 वर्ष की आयु में टोक्यो पैरालंपिक 2020 में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक हासिल किया।
मणिपुर से लिसिप्रिया कंगुजम जो मात्र 10 वर्ष की पर्यावरण कार्यकर्ता हैं।
अगर स्टडी की बात करें तो सुंदर पिचाई से श्रेष्ठ उदाहरण और नहीं है। जिन्होंने मध्य वर्गीय परिवार में जन्म लिया।
आईआईटी पास आउट होकर आज सुंदर पिचाई गूगल के सीईओ पद पर है।
जब देश के कुशल खिलाड़ियों और सफल युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में देखते हैं तो हमें गर्व होता है कि हमारा देश उन्नति कर रहा है।
आज राष्ट्र निर्माण में अगर इन युवाओं का नाम में आता है तो इसके पीछे का कारण यही है की इनकी अपने कार्य में कड़ी मेहनत, निष्ठा और लगन। जो दृढ़ निश्चय के साथ कोई भी कर सकता है।
कामयाबी के शिखरों को छू लोगे
अपने काम में मिटकर तो देखो
आपके चरणों में दीप जलाएगी दुनियां
अपने संकल्प की कहानी लिखकर तो देखो
इस कार्यक्रम में उपस्थित प्यारे विद्यार्थियों से कहना चाहूंगा की आज लगभग हर घर में स्मार्टफोन हैं। मुझे नहीं पता आप उसका सदुपयोग करते हैं या नहीं। आज से आप स्मार्टफोन में छोटी छोटी उम्र के प्रतिभाशाली बच्चों और सफल युवाओं की कहानियां पढ़ें, आपको जरूर प्रेरणा मिलेगी।
सफलताओं के लिए विद्यार्थी जीवन से ही खुद को अनुशासित करना होता है। बेशक घर में निर्धनता और विपरीत परिस्थितियां हैं। मगर मेहनत, लगन,अनुशासन और श्रद्धा हर कोई पाल सकता है।
इसलिए प्यारे विद्यार्थियों से कहूंगा कि आप लगन से अपनी शिक्षा हासिल करें। जिन बच्चों की रचनात्मक कार्यों या खेलों में रुचि हैं वो अपनी रुचि को एक लक्ष्य बनाएं। शिक्षा, रचनात्मकता और खेल तीनों एक दूसरे के पूरक हैं।
आज आपके पास अवसर है। आप इस विद्या मंदिर और शिक्षकों से ज्यादा से ज्यादा ज्ञान हासिल करें।
ग़मों की शाम ढलती रहे
ख़ुशियों की बगिया खिलती रहे
आओ हम मिलकर करें कुछ ऐसा
शिक्षा की ज्योति हरदम जलती रहें
शिक्षा के बाद संस्कारों और हमारी अच्छी आदतों की बात आती है।हम अपनी मर्यादा और संस्कृति, धर्म को मन में हमेशा धारण रखें। किसी भी प्रांत देश के लिए उसकी सांस्कृतिक विरासत अहम होती है।
आज इस कार्यक्रम में आदरणीय ग्रामवासी, ग्राम पंचायत और एसएमसी सदस्य भी आए हुए हैं।
आप सभी से यही कहूंगा कि आपके सहयोग से ही यह संस्था चलती है। यह विद्या मंदिर हम सबका है। हम सभी मिलकर इसकी स्वच्छता,अनुशासन की जिम्मेदारी निभाएं।
एक छोटी सी बात है की अगर एक विद्यार्थी के घर में अपशब्दों का प्रयोग होता है तो वह भी स्कूल में ऐसे शब्दों का प्रयोग करेगा। जिससे विद्यालय का अनुशासन भंग होता है।
इसलिए हम सभी खुद में सुधार करने का संकल्प लें।
इन्हीं शब्दों के साथ माननीय मुख्य अतिथि महोदय और आदरणीय ग्राम वासियों का हार्दिक आभार प्रकट करता हूं जो आपने इस कार्यक्रम को आयोजित करने में हमारा सहयोग किया। आप ऐसे ही समय-समय पर विद्यालय में आते रहे और हमारा मार्गदर्शन करते रहें।
इन्हीं शब्दों के साथ एक बार पुनः आप सभी को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय हिंद जय भारत
15 August Speech || independence day speech || swatntrata Divas ka bhashan || 15 अगस्त भाषण स्वतन्त्रता दिवस भाषण
राजनितिक भाषण
सबसे पहले मां भारती के चरणों में प्राण अर्पित करने वाले शुरवीर योद्धाओं को नमन करता हुं।
पार्टी कार्यालय में आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में उपस्थित पार्टी जिलाध्यक्ष, पदाधिकारी गण और सभी पार्टी समर्पित युवाओं का अभिवादन करता हूं।
भिन्न-भिन्न देशों में बसे प्रवासी भारतीय और पूरा देश आज 77वां स्वाधीनता दिवस मना रहा है। हमें अपने देशभक्तों के बलिदान से आजादी मिली है। आज हम अपने देशभक्तों को याद करते हुए उनकी प्रेरणा पर चलने का संकल्प लें।
देश की आजादी के ये 76 वर्ष भारतीय भारतीय राजनीति के लिए स्वर्णिम रहें हैं। संविधान बनने के बाद देश की राजनीति में की युवाशक्ति,नारीशक्ति तेजी से सक्रिय हुए हैं।
प्रजातंत्र में जनता का, जनता द्वारा और जनता के लिए शासन होता है। इसलिए एक पार्टी के लिए देश के नागरिक के ही संप्रभु होते हैं।
हमारे लिए लोक कल्याण की भावना को विकसित करना सबसे अहम है।
जनसेवा की भावना के बिना किसी पार्टी या सरकार का वजूद नहीं रहता।इसलिए हमारी सरकार हो ना हो, हमें जन कल्याण के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। तभी हम देश को अच्छी राजनीति दे पाएंगे।
जिंदगी को और भी जिंदा बनाएंगे
हम कलम से खून का रिश्ता निभाएंगे
ताज और मीनार किस काम के
सबसे पहले आदमी का घर बनाएंगे
अगर मन में जनसेवा और मानवता का भाव हो तो जनता खुद ब खुद हमें अपना समर्थन देती है। सही मायनों में ये ही प्रजातंत्र का स्वच्छ रुप है।
स्वतंत्रता दिवस पर हम ये संकल्प लें की अपनी पार्टी और देश की जनता के प्रति निष्ठावान रहेंगे। यही हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सच्चा सम्मान होगा।
इन्हीं शब्दों के साथ एक बार पुनः आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय हिंद जय भारत