15 August Par Bhashan || 15 August मुख्य अतिथि भाषण || देशभक्ति भाषण

सभी माननीय वक्ताओं को सादर प्रणाम। आशा करता हुं आप पब्लिक स्पीकिंग के लिए नियमित तैयारी कर रहे हैं। अच्छा वक्ता बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रैक्टिस ही होती है। इसलिए आप बोलने की अकेले में नियमित प्रैक्टिस करें। इंडिपेंडेंस डे के लिए यह कुछ भाषण है जो आप बोल सकते हैं।

15 अगस्त मुख्य अतिथि भाषण || 15 august Chief Guest speech || 15 अगस्त भाषण

जो जीवन भर अंधियारों से लड़ते हैं
दुनिया उनके चरणों में दीप जलाती है
फूलों जैसी झड़ने की जिनकी तैयारी है
खुशबू उनके माथे पर तिलक लगाती है

सर्वप्रथम मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले देशभक्तों को शत शत नमन करता हुं।

आज के आजादी के पर्व पर उपस्थित कार्यक्रम अध्यक्ष, माननीय,आदरणीय प्रधानाचार्य सर, शिक्षक गण, ग्रामपंचायत, मुखिया जी, मातृशक्ति, यूवा साथी और प्यारे विद्यार्थियों का स्वागत करता हुं।

हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान की बदौलत आज हम एकत्रित होकर आजादी की खुशियां मना रहे हैं। हम अपने स्वतंत्र भारत के लिए अपने देशभक्तों की प्रेरणा और त्याग को हमेशा याद रखें। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का समर्पण देश के लिए हमेशा अमृत रहेगा, चिरस्थाई रहेगा।

मेरे से पहले कुछ माननीय वक्ताओं ने आजादी पर बहुत अच्छे संदेश दिए। एक दो बातें मेरे लिए शेष बची हैं जो मैं आपके साथ सांझा करूंगा।

मेरा संदेश विशेष रूप से नई उम्र के बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए है।

सबसे पहले तो आपसे मेरा सवाल है कि कितने स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो अपने देश से प्यार करते हैं और देश का विकास चाहते हैं?………………

वैरी गुड एक बार इन सभी स्टूडेंट्स के लिए क्लैपिंग होनी चाहिए। अब बात आती है कि देश की उन्नति होती कैसे हैं?
आज अगर हमारा देश प्रगति पथ पर अग्रसर है तो इसके पीछे देश की सफल युवाशक्ति है।

जब हम देश की उन्नति चाहते हैं तो जरूरी है कि पहले स्वयं को उन्नत करें । जो खुद का सुधार नहीं कर सकता वह समाज या देश के विकास में योगदान नहीं दे सकता।

इसलिए सबसे पहले जरूरी है आत्मानुशासन। आपके अनुशासन समाज में आपका चरित्र उज्ज्वल होता है। जो बच्चे स्टूडेंट लाइफ से ही खुद को अनुशासित, विनम्र ,इंटेलिजेंट बना लेते हैं,उनके लिए सफलता बहुत आसान होती है। अगर आप अपनी स्कूल ड्रेस, जूते, बैग से लेकर घर में आपकी भाषा, व्यवहार जैसी हर छोटी से छोटी चीज़ को सुंदर ढंग से मैनेज करते हैं तो आप देश के एक सफल इन्सान बन रहे हैं।

बदलते समय और नएपन का स्वागत करें। आज समय की मांग है कि हम हर दिन अपनी नॉलेज को अपडेट करें। आप देख रहे हैं कि आज पढ़ाई,कोर्सेज ,कॉन्पिटिशन, बिजनेस में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं। परिवर्तन से घबराने की बजाए समय के साथ खुद में बदलाव करें।

हो जायेगा सफ़र आसां
आओ साथ चलकर देखें
कुछ तुम बदलकर देखो
कुछ हम बदलकर देखें।

इसके साथ-साथ बच्चों के अभिभावकों से कहना चाहूंगा कि अपनी संतान को समय दें। संतान सबसे बड़ी दौलत होती है।अगर आप चाहते हैं कि आपकी संतान आपके सपनों को पूरा करें, आपके पारिवारिक संस्कारों के साथ चले तो इसके लिए बच्चों के साथ समय बिताएं।उन्हें प्रेम करें।

इस समारोह में आना मेरे लिए सौभाग्यशाली रहा।आज आपने जो सम्मान दिया यह मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा। आपके प्रेम,आदर,सत्कार ने मुझे अच्छे एहसास दिए हैं। इस शिक्षण संस्थान और गांव के लिए आपकी जो भी मांगे हैं वो पूरी करने का प्रयास रहेगा। मुझे जब भी आप बुलाओगे आपकी सेवा के लिए हमेशा तैयार हूं।

आज के आयोजन के लिए विद्यालय प्रिंसिपल सभी आदरणीय अध्यापक, अध्यापिकाओं के लिए एक बार तालियां हो जाए‌ जो आपने इन प्रतिभाओं को मंच पर लाने का काम किया। बच्चों ने मंच पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। इनके लिए भी एक बार तालियां बजाइए। मुझे आज का कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा। मनमोहक प्रस्तुतियां देखकर समय का पता ही नहीं लगा कैसे बीत गया।

एक बार पुनः आप सभी का आभार प्रकट करता हूं जो आपने मुझे आमंत्रित किया।इन्हीं शब्दों के साथ आपको स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

जय हिंद जय भारत

15 अगस्त राष्ट्रीय एकता भाषण || देशभक्ति भाषण || deshbhakti Bhashan

सब धर्मों को समान होने दो
मेरे देश को महान होने दो
अब मस्जिद में पढ़ी जाने दो गीता
और मंदिर में अजान होने दो

सबसे पहले स्वाधीनता के लिए जान की बाजी लगाने वाले वीरों को शत-शत करता हूं।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी युवाओं, बुजुर्गों ,माताओं बहनों का अभिवादन करता हूं।आज पूरे भारतवर्ष में 77वां स्वाधीनता दिवस मनाया जा रहा है। शहीदों की याद में देश के हर प्रांत में मेले लगे हुए हैं। हमारे शूरवीर योद्धाओं के त्याग और बलिदान की बदौलत हम खुशियां मना रहे हैं।

आज का दिन स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन को अपनाने का अवसर है।

हमारे शूरवीरों ने अपने प्राण न्योछावर करके आजादी की कीमत चुकाई। शायद उनके लिए आजादी बहुत बड़ी चीज थी। मगर आज देश का माहौल देखें तो लगता है हमने अपने देशभक्तों की शहादत का कोई मुल्य नहीं समझा।

आजादी के बाद देश में आपसी भाईचारा, प्रेम और मानवता जैसे गुण विकसित होने थे‌ ।मगर आज इसके विपरीत हो रहा है। आज हम, संप्रदाय ,जाति ,भाषा ,क्षेत्र के नाम पर दंगा करके देश को खंड खंड करने पर तुले हुए हैं।

ज़मी कहती है मैंने प्यार सबको प्यार से बांटा
अनाज का इक इक भी दाना आदर,सत्कार से बांटा
मेरे नादान बेटों ने मेरे टुकड़े किये ऐसे
क़लम की नोक से बांटा लहु की धार से बांटा

अभी हाल ही में हरियाणा के मेवात जिले में सांप्रदायिक दंगा हुआ ।दंगे में बीच बचाव करते गृहरक्षी विभाग के दो जवान मारे गए। अगर कोई व्यक्ति उन जवानों के परिवार से जाकर पूछे कि क्या यह आजादी आपको अच्छी लग रही है तो शायद वो कहेंगे ऐसी आजादी से तो गुलामी अच्छी। हमें नहीं चाहिए ऐसी आज़ादी दंगे फसाद,भीड़,उपद्रव में कोई बेकसूर मारा जाए है तो उसके लिए ऐसी आजादी अभिशाप है,जिसमें लोग जाति और धर्मांधता में मनमानी करते हैं।

माना कि भारत टूटने वाला नहीं है
मगर एक दरार बड़ी हो रही है
धर्मनिरपेक्ष राज्य में एक तरफ मंदिर तो
दूसरी ओर मस्जिद खड़ी हो रही है

जब हमारे व्यक्तिगत स्वार्थ और हट की बात आती है तो हमारी देशभक्ति, शहीदों की गौरव गाथा,राष्ट्रहित सब बातें दांव पर लग जाती हैं। ऐसे उपद्रव में हम नहीं सोच पाते कि सार्वजनिक संपत्ति देश की संपत्ति है। देश की रक्षा करना केवल हमारे सैनिकों की जिम्मेदारी‌ नहीं है। जहां एक सैनिक ढाल बनकर सीमा पर मुल्क की हिफाजत करता है। वहीं कोई व्यक्ति अगर देह आंतरिक व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक संपत्ति‌ का आदर करता है तो समझो वह देश की रक्षा कर रहा है।

चिंतन करो मनन करो
नव भावना के कमल दो
नूतन व्यवस्था दो न दो
तुम दुर्व्यवस्था बदल दो

मैं तो कहूंगा कि नवभारत के निर्माण या देश के लिए जीने मरने की खोखली बातें करने की बजाय अगर हम देश में किसी को नुकसान ना पहुंचाएं, यही काफी है।जात-पात,धर्म ,क्षेत्रवाद जैसी घृणित सोच के लोग देश के लिए धब्बा है। ये लोग सबसे बड़े आंतकवादी हैं। क्योंकि इनका आंतक‌ कभी खत्म नहीं होता। यह भी अपने जैसे आतंकी आगे तैयार करते रहते हैं।

हमें अपने देश में रहकर ऐसे द्वेष और नफरतों का त्याग करना होगा। अपने अपने जमीर से पूछे कि मैं जो कर रहा हूं, क्या हमारे शहीदों का यही सपना था।

अगर आज हम संभल गए तो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नया भारत होगा। सद्भावना बंधुता और सहिष्णुता की बातें सच साबित होंगी।

इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि हम आज अपने मनों धर्म जाति का भेद खत्म करें। उपद्रव ,दंगे फसाद में शामिल ना होकर अमन चैन से रहेंगे। सार्वजनिक संपत्ति को अपने घर की संपत्ति‌ जैसा मानकर आदर और सुरक्षा करेंगें।

इन्हीं शब्दों के साथ में आशा करता हूं कि हम राष्ट्रहित के लिए प्रेरित होकर कार्य करेंगे।
एक बार पुनः आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

जय हिंद जय भारत

स्वतन्त्रता दिवस बाबा साहेब भाषण || स्वाधीनता दिवस समारोह || स्वाधीनता दिवस भाषण || independence Day speech in Hindi || 15 August anchoring script

बाबा साहब के सपनों की आजादी

जो कुर्बानी की राहों में पांव भरता है
नई सुबह में जिसका लहू सुर्ख रंग भरता है
जमीन ही नहीं गोद में सुलाती उसे
खुद आसमान भी झुककर सलाम करता है

सबसे पहले आजादी के आंदोलन की आवाज बनकर मातृभूमि के लिए प्राण अर्पित करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को शत-शत नमन करता हूं।

प्रांगण में उपस्थित सभी भाई बंधु मातृशक्ति का अभिवादन करता हूं।

देश की आजादी के लिए सदियों तक संघर्ष करने के बाद 15 अगस्त 1947 को हम स्वतंत्र हुए और देश ने नई सोच के साथ आगे बढ़ने का प्रण लिया।

आजादी के पर्व पर आज मैं एक ऐसे महापुरुष के बारे में बात करना चाहूंगा,जिन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान भी देश के वंचितों,पिछड़ों ,मजदूरों ,महिलाओं ,दलितों के कल्याण के लिए संघर्ष किया।

हर भारतवासी को गले लगाना होगा
अपने नजरिए में बदलाव लाना होगा
समाधान केवल आजादी में नहीं है
दबे कुचले समाज को ऊंचा उठाना होगा

इस तरह की दूरदर्शी और पूर्वाभासी सोच के मालिक थे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर।

एक तरफ जहां उन्हें संविधान का निर्माता कहा जाता है।वहीं दूसरी ओर कुछ लोग उन पर उंगली उठाते हैं कि वह स्वतंत्रता आंदोलन से दूर रहे।

यहां बाबा साहब का पूर्वाभास और अनूठा मनोविज्ञान था। स्वतंत्रता आंदोलन के चलते आजादी के बाद का दृश्य वर्षों पहले आभास करने वाला बाबा साहब जैसा कोई नहीं था।

बाबा साहब यह जानते थे कि भारत शताब्दियों से कुरीतियों,अंधविश्वासों से जूझता रहा है। उच्च जातियों के लोगों में दलितों पिछड़ों के प्रति जो वैमनस्य था।जरूरी नहीं कि आजादी के बाद खत्म होगा। बाबा साहब ने कहा था कि हमारे इन्हीं ब्राह्मणवाद और कट्टर हिंदुत्व ने हमें खंड खंड करने का काम किया है। जब एक देश में जाति के आधार पर भेद हो, आपसी फूट तो ये कैसे हो सकता है कि हम आजादी आनंद उठा पाएंगे।

मजहबों में बंटा हुआ है चित्त यहां
जातिवाद का दंश अति भारी है
चरित्र की महिमा से कर्तव्य का बोध करो
हर भारतवासी की ये जिम्मेदारी है

स्वतंत्रता आंदोलन के दौर में भी सत्ता और जमीन-जायदाद में दलितों की हिस्सेदारी न के बराबर थी। डॉ आंबेडकर ने अपनी किताबों और लेखों में अनगिनत बार दलितों के उत्पीड़न, उनके जातीय तिरस्कार वाली खबरों का हवाला दिया। कांग्रेस ने उनकी बात को माना लेकिन इसके लिए किया कुछ नहीं।

बाबा साहब इस बात से चिंतित थे की जब देश का उच्च जातीय वर्ग जातिवाद,छुआछूत जैसी नपुंसक सोच से ग्रस्त है तो क्या हम एक हो पाएंगे ?क्या हम आजादी को संभाल कर रख पाएंगे?

देश के कुछ हिस्सों की हालत
गुलामी में भी इतनी बुरी नहीं हुई
किसी वंचित,शोषित को देख लगता है
इनकी आज़ादी अभी पूरी नहीं हुई

बाबा साहब के दूरदर्शी सोच सच साबित हुई। आजादी के बाद भी वर्षों तक दलित, पिछड़े ,महिलाएं मानसिक रूप से गुलाम रहीं। आज शिक्षा के कारण जागरूकता आई है ।जिससे हालात कुछ ठीक हुए हैं। मगर मनों में अभी भी‌ जाति के आधार पर भेद है।

उनका कहना था कि हमने एक लंबे संघर्ष के बाद राजनीतिक लोकतंत्र हासिल किया है लेकिन क्‍या सामाजिक एवं आर्थिक लोकतंत्र के बिना राजनीतिक लोकतंत्र जीवित रह पायेगा ?

इसलिए बाबा साहब आजादी से पहले दबे ,कुचले ,वंचित, दलित ,किसान, महिला, मजदूरों की आवाज बने रहे। भारतीय संविधान लागू होने तक उनका यह संघर्ष अनवरत जारी रहा।

इन बातों को जानने के बाद कहा जा सकता है कि एक तरफ जहां आजादी के लिए शूरवीर कुर्बान हो रहे थे, वहीं दूसरी ओर बाबा साहब देश के पिछड़े लोगों के कल्याण के लिए लगे हुए थे। यही उनकी देशभक्ति थी। यही उनका राष्ट्रीय चरित्र था। यही उनकी मानवता थी।यही उनकी आजादी थी।

जिंदगी का खेल समझना आसान नहीं है
यहां इंसानियत के लिए कोई विधान नहीं है
अधूरी हैं ये उपलब्धियां और ये शानों शौकत
अगर देशहित में अपना कोई बलिदान नहीं है

आजादी के इस उत्सव पर मैं बाबा साहब को प्रणाम करता हूं और आजादी की बलिवेदी पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले योद्धाओं को शत-शत नमन करता हूं।

कर्तव्य पथ पर खुद को खपा देने वाले इन महापुरुषों के सपनों के भारत के निर्माण का संकल्प लें। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

जय हिंद जय भारत

Swami ji You Tube channel और हमारी वेबसाइट healerbaba.com पर विजिट करने वाले सभी माननीय वक्ताओं ,प्रेरकों का स्वागत करता हूं।

1 thought on “15 August Par Bhashan || 15 August मुख्य अतिथि भाषण || देशभक्ति भाषण”

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.