Republic Day speech in Hindi

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26 जनवरी की मंच पर भाषण देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आप गणतंत्र दिवस और संवैधानिक नियमों पर जरूर बोलें। क्योंकि अच्छे वक्ता विषय अनुसार भाषण देते हैं। अगर आपको गणतंत्र दिवस पर बहुत अच्छा भाषण देना हो तो मैंने यह दो भाषण लिखे हैं आप यहां से पढ़ सकते हैं।

गणतंत्र दिवस भाषण

कामयाबी के एहसासों की गूंज दे सकता हू
अनुभूति भरे शब्दों से सुकून दे सकता हूं
अगर आपकी तालियों की आवाज आती रही
तो मैं आपको जीने का जुनून दे सकता हूं

कुछ भी बोलने से पहले मैं आपकी तालियों की आवाज देखना चाहता हूं क्योंकि तालियों से ही मंच रोशन होती है और कलाकारों के हौसले बढ़ते हैं। सबसे पहले आप सभी को 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। इस पावन अवसर पर उपस्थित सभी मेहमानों का प्यारे बच्चों का स्वागत करता हूं।

देश के वीरों के बलिदान की बदौलत 15 अगस्त 1947 को अपना देश अंग्रेजों के शासन से मुक्त हुआ था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को अपने देश में भारतीय शासन और कानून व्यवस्था लागू हुई। इस व्यवस्था के लिए डॉ अबुल कलाम आजाद, डॉ भीमराव अंबेडकर जैसे अनेक महापुरुषों ने मिलकर भारतीय संविधान लिखा और हमें गणतंत्र भारत दिया। आज हम अपने गणतंत्र के संस्थापकों को याद करें और उनके अहसानों को हमेशा याद रखें।

इस पावन अवसर पर एक दो बातें आपके साथ सांझा करना चाहूंगा। आज राष्ट्रीय दिवस है और राष्ट्रीय दिवस पर देश सेवा, राष्ट्रहित की ही बातें होती है। ऐसे संकल्प लिए जाते हैं जिससे देश का भला हो, देश में सुव्यवस्था कायम हो।

चिंतन करो मनन करो
नव भावना के कमल दो
नूतन व्यवस्था दो ना दो
तुम दुर्व्यवस्था बदल दो

आज देश में व्यवस्था बनाए रखने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी युवाओं पर है। देखने में आता है कि आए दिन हम अपने हितों के लिए धरना हड़ताल करते हैं। इस दौरान अच्छे पढ़े लिखे लोग भी शांति व्यवस्था की बजाय संवैधानिक नियमों का उल्लंघन कर देते हैं। कुछ लोग राजकीय पद पर रहते हुए उस पद की गरिमा का उल्लंघन करते हैं। अपने दायित्व के प्रति लापरवाह होने के साथ-साथ रिश्वतखोर बन जाते हैं, सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग करते हैं।

मैं तो कहूंगा कि ऐसे लोगों को अपने देश का कहना अपराध होगा। जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करने वाले इन लोगों को अपने ज़मीर में झांक कर देखना चाहिए।
मेरा देश मुझसे भिन्न नहीं है।
मैं ही भारत हूं,मेरे अंदर ही भारत निवास करता है।
अगर मैं ईमानदार हूं तो मेरा देश ईमानदार है।
अगर मेरे अंदर देशभक्ति है तो देश के अंदर देशभक्ति होगी।

जमीं पर घर बनाया है
मगर जन्नत में रहते हैं
हमारी खुशनसीबी है की
हम भारत में रहते हैं

यह हमारी खुशनसीबी है कि हम भारत में रहते हैं। हम अपनी भारतीयता की पहचान करें और गणतंत्र के इस पावन पर्व पर शुभ कर्मों संकल्प लें। यह तिरंगा उठा लेने से या भारत माता की जय बोलने से कोई देशभक्त नहीं हो जाता। देशभक्ति के लिए हमें पल-पल जागरूक रहना पड़ेगा। ऐसे कदम ना उठाएं जो संवैधानिक नियमों के विरुद्ध हों। समाज में अराजकता फैलाने वाली गतिविधियों को त्याग कर देश में व्यवस्था कायम करने के लिए प्रतिबद्ध होना हमारा कर्तव्य है।

देश के प्रति हम अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हों। इन्हीं शब्दों के साथ में आशा करता हूं कि हम मिलकर अपने गणतंत्र के संस्थापकों को याद करते हुए उनके नक्शे कदम पर चलेंगे। और समाज में नई राहों का सृजन करेंगे। एक बार पुनः आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद जय भारत

26 जनवरी हिंदी भाषण गणतंत्र दिवस संबोधन स्क्रिप्ट

राहों में कांटे सही पर चलना सीख जाते हैं
ये गांव के लोग हैं जो हर हाल में जीना सीख जाते हैं

सबसे पहले अपने गांव की पावन भूमि और अपनी निराली संस्कृति को को प्रणाम करता हूं और सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। गणतंत्र दिवस के इस पावन अवसर पर उपस्थित माननीय मुख्य अतिथि महोदय श्री……. , आदरणीय प्रधानाचार्य सर, आदरणीय गुरुजनों, माता बहनों, विद्यार्थियों और समस्त ग्राम वासियों का स्वागत करता हूं।

आज के दिन हम पूर्ण रूप से आजाद हुए। हमारा संविधान लागू हुआ। देश के हर नागरिक को हक और अधिकार मिले। देश में कानून व्यवस्था लागू हुई। हमारे संविधान निर्माताओं ने अपने त्याग और समर्पण से हमें गणतंत्र भारत दिया। इसके लिए हम अपने आजादी के फरिश्तों और संविधान निर्माताओं को हमेशा याद रखें और उनके सपनों के भारत का निर्माण करें।

जमीं पर घर बनाया है
मगर जन्नत में रहते हैं
हमारी खुशनसीबी है की
हम भारत में रहते हैं।

पूरा विश्व इस बात से परिचित है कि भारत की संस्कृति सबसे उज्जवल है।हमारी वेशभूषा,खानपान ,भाषा,रहन-सहन में हमारे संस्कारों के दर्शन होते हैं। भारत की सांस्कृतिक विभिन्नताओं में एक राजस्थानी संस्कृति अपनी एक अलग पहचान रखती है। आज हमारे प्रांत में विदेशी सैलानी आते हैं या फिल्मों की शूटिंग होती है, तो इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि हमारी संस्कृति की आभा अभी बरकरार है।

उल्लास भरी गणगौर यहाँ
गलियों में फिरते मोर यहाँ
प्राणों को है पोषण देती
ऐसी निर्मल भोर यहाँ

इसलिए मैं आपको कहना चाहता हूं कि हम अपनी संस्कृति को हमेशा जिंदा रखें।संस्कृति संस्कारों से बनती है इसलिए हम अपने बड़े बुजुर्गों के पास बैठें,पुरानी बातें सुनें। जिससे हमें अपनी संस्कृति से प्रेम हो। हमारे संस्कार ही हमारी पहचान होती है। इसलिए हम कितने भी सफल हो जाएं,अपनी भाषा, वेशभूषा और संस्कारों को हमेशा धारण रखें।

आज हमारे खोते हुए संस्कारों का परिणाम यह हुआ कि जिस राजस्थान में चाय भी नशा मानी जाती थी,वहां आज हमारे युवा शराब,स्मैक जैसे नशों में लिप्त हो रहे हैं। किसी भी परिवार के लिए युवा संतान एक सहारा होती है। मगर जब संतान ही नशे रूपी राक्षस के चंगुल में फंस जाए तो परिवारों को परिवार उजड़ जाते हैं।

एक बोतल शराब के लिये ,
कतार मे जिंदगी लेकर खड़ा हो गया
मौत का ग़म तो वहम लगता है,
आज नशा जिंदगी से बड़ा हो गया

इसलिए मैं विशेष करके युवाओं से निवेदन करूंगा की हम नशे से दूर रहें। जो लोग नशा करते हैं और वह नशा छोड़ने के लिए कोई इलाज लें। अगर एक बच्चे का पिता नशा करता है तो हो सकता है संतान को भी नशे की लत लग जाए। इसलिए हम जागरूक होकर समाज को नशे से बचने के लिए संकल्प लें। आज के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। कानून व्यवस्था लागू हुई थी। इसलिए हम कानून व्यवस्था का भी पालन करें। जिस तरह से हम अपने अधिकारों का प्रयोग करते हैं,उसी तरह से देश के प्रति हमारे जो कर्तव्य हैं, उनका पालन करें।

शिक्षा के साथ-साथ इंसानियत का पालन करें। हमारे देश भक्तों और संविधान निर्माता का सपना था की हर भारतवासी इंसान बने। इंसानियत के बिना हमारी आजादी अधूरी है। इसके साथ हमारे गांव के आदरणीय भामाशाहों का धन्यवाद करता हूं, जो विद्या के लिए दान करते हैं। विद्या के लिए दान महादान माना जाता है। आज के कार्यक्रम में मुझे बोलने का अवसर मिला इसके लिए मैं हमारे आदरणीय गुरुजनों का आभार प्रकट करता हूं।

इन शब्दों के साथ आए हुए अतिथियों, माता बहनों और ग्राम वासियों का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं और सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
दो पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूं।

नई सोच है,नई दिशाएं
नए बनाएं रास्ते
अपने लिए नहीं दोस्तों
जिएं वतन के वास्ते

जय भारत जय राजस्थान


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