रिटायरमेंट स्पीच | Retirement Speech in Hindi

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रिटायरमेंट पर भाषण देते हुए सबसे महत्वपूर्ण है की आप रिटायर होने वाले व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में कुछ बातें बोलिए। उसके ऐसे गुणों का संतुलन के साथ बखान कीजिए, ताकि रिटायरी को अच्छा महसूस हो। अगर आपके किसी सहकर्मी या मित्र के रिटायरमेंट है तो आप बेहतरीन तरीके से स्पीच को बोलिए। हां इतना जरूर कहूंगा कि आप रिटायरमेंट के स्पीच की एक-दो दिन तैयारी कर लें। तैयारी से आपका सेवानिवृत्ति संबोधन बहुत अच्छा होगा। मैंने सेवानिवृत्ति पर यह दो स्क्रिप्ट लिखी है।आप इनसे सहायता लेकर अपनी स्क्रिप्ट तैयार कर सकते हैं।

सहअधिकारी मित्र रिटायरमेंट संबोधन

अलविदा कह कर जब कोई दूर होता है
आंखों देखी है दिल मजबूर होता है

सबसे पहले मेरे परम मित्र और सहअधिकारी आदरणीय श्री…. जी एवं उनकी फैमिली को इनकी सफल रिटायरमेंट की हार्दिक शुभकामनाएं। इस अवसर पर उपस्थित हमारे वरिष्ठ अधिकारी माननीय श्री……और बिजली विभाग के सभी कर्मचारियों का स्वागत करता हूं। कुछ लोग हमें जीवन में ऐसे मिलते हैं जो पहले अजनबी होते हैं, मगर बाद में अपने जीवन का अहम हिस्सा बन जाते हैं। वैसे अपना तब की कोई परिभाषा नहीं की जा सकती। मगर इतना जरूर कहूंगा कि श्री……..जी के साथ हमेशा अपनेपन का एहसास किया है।

जज्बात में लिपटा हुआ
एहसास ही तो है
अपनापन और क्या है
एहसास ही तो है

सन 1999 में मैंने ज्वाइन किया था।तबसे आज तक 27 वर्ष उनके साथ सेवाएं देने का अवसर रहा। ऐसे बहुत कुछ सीखने के साथ इनसे एक मधुर पारिवारिक रिश्ता कायम हुआ। वैसे तो मंच पर किसी की तारीफ ही की जाती है, मगर ये वास्तव में हमेशा सच्ची तारीफ के लायक रहे हैं। अपनी ड्यूटी को हमेशा इन्होंने निष्ठा से किया है। पूरी दिल्ली में बड़ी लाइनों को बिछाने जैसा कठिन कार्य उनके हाथों से हुआ है। और मैं यह भी कहूंगा कि इन्होंने इस कार्य को शिद्दत और पूरा कुशलता से किया। इनका अनुभव और उनकी बुद्धिमत्ता मेरे लिए हमेशा रोल मॉडल है। और मैं कहना चाहूंगा कि सीखने वालों के लिए श्री…… जी जैसे अधिकारी हमेशा रोल मॉडल का काम करते हैं।

जो खैरात में मिलती कामयाबी
तो हर शख्स कामयाब होता
फिर कदर न होती किसी हुनर की और
न ही कोई शख्स लाजवाब होता

मुझे लगता है इंसान को व्यक्तित्व के अनुसार ही ये कायनात छोटे या बड़े पद या व्यवसाय से सृजित करती है। इन्होंने जैसे निष्ठा और बुद्धिमत्ता से अपने दायित्व को निभाया है । जिससे ऐसा लगता है कि ये इसी पद के लिए बने थे। जैसा इन्होंने ईमानदारी से अपने कार्य को किया, उसका परिणाम है कि आज उनके बच्चे संस्कारी और वेलसेटल्ड है। परिवार खुशहाल है। रिटायरमेंट का दिन उसे अधिकारी या कर्मचारी के लिए बहुत बड़ा सौभाग्यशाली दिन होता है, जिसने हमेशा अपनी व्यवहारिक कला से अपनी छाप छोड़ी हो।

ईश्वर से दुआ है कि आप जीवन में हमेशा खुश रहें। रिटायरमेंट के बाद फुर्सत के पल खुशियों में बीते। हमारी भाभी जी को दिन की विशेष करके शुभकामनाएं दूंगा। एक अच्छी पत्नी की ही बदौलत ही व्यक्ति अपनी ड्यूटी सही कर पाता है। इसलिए उनके लाइफ पार्टनर को भी हार्दिक शुभकामनाएं। इन्हीं शब्दों के साथ आदरणीय वरिष्ठ अधिकारियों का और समस्त कर्मचारियों का आभार व्यक्त करता हूं जो आज उनके सम्मान में ये खूबसूरत कार्यक्रम आयोजित किया।
धन्यवाद

अगर आपने खुद की रिटायरमेंट पर भाषण देना हो तो आप यह भाषण बोल सकते हैं।

खुद की रिटायरमेंट पर भाषण

आदर सत्कार सम्मान जीवन की कूंजी है
रिश्ते एक दिन की नहीं पूरे जीवन की पूंजी है

सबसे पहले मेरी कर्मस्थली महाविद्यालय सिरसा को प्रणाम करता हूं। मेरी रिटायरमेंट विदाई समारोह में उपस्थित माननीय Hod महोदय श्री……..जी, सभी वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों का स्वागत करता हूं। 35 साल की अपनी सर्विस में मैंने हमेशा इस संस्था में अपनत्व का एहसास किया है। यह भी भाग्य की बात होती है कि जहां हम काम करते हैं,वहां अच्छे मित्र मिल जाएं। राजकीय सेवा हमें नए रिश्ते देती है। जब हम किसी सरकारी सेवा में नियुक्त होते हैं तो हमारे लिए सबकुछ नया होता है।धीरे-धीरे आपसी सहयोग स्नेह की बदौलत एक परिवार की भांति बन जाते हैं।मेरे लिए भी ऐसा ही रहा।ये मैंने ऐसा एहसास किया है।

जज्बात में लिपटा हुआ विश्वास ही तो है
अपनापन और क्या है एहसास ही तो है

ऐसे ही एहसासों के साथ समय निकल गया और आज रिटायर होने का समय आ चुका है। जब इकट्ठे काम करते हैं तो छोटी-मोटी नोंक झोंक हो ही जाती है। हो सकता है मुझे भी हुई हो। मगर कई बार ऐसा लगता है कि ये छोटी-छोटी समस्याएं जीवन का हिस्सा होती हैं। इसलिए सीखते हुए हम जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहें।

टेक्निकल सुपरवाइजर पद पर ज्वाइनिंग हुई थी और आज सिनियर टेक्निकल ऑफिसर रिटायर हो रहा हूं। जीवन में सुधार की हमेशा जरूरत रहती है, मगर मैंने अपने कार्य को हमेशा निष्ठा से करने का प्रयास किया है। इस राजकीय पद ने मुझे जीविका के साथ-साथ गरिमा, सम्मान और प्रतिष्ठा‌ दी है। इसके लिए मैं हमेशा अपनी राजकीय सेवा का एहसानमंद रहूंगा।

मैंने एक बात सुनी है कि जिस व्यवसाय या स्थान से हमें रोजी-रोटी मिलती है, वह स्थान हमारे लिए हमेशा पूजनीय होता है। बाकी आप लोगों से हमेशा मैंने सम्मान पाया है। मनुष्य का आचरण हमेशा सर्वोपरि रहता है। मुझे खुशी है कि मैं अच्छे आचरण के लोगों के बीच रहा हूं। प्रेरणा के रूप में एक बात जरूर कहूंगा कि अपने कार्य या ड्यूटी को जी जान से करें। चाहे कोई कितना भी छोटा कर्मचारी हो अगर अपनी ड्यूटी के प्रति निष्ठावान है और अपने कार्य को दिल से करता है। तो वह हमेशा सम्मान पाता है। ईमानदारी से काम करने वालों को खुद को आत्मसंतुष्टि होती है। और इसके साथ उसके अधिकारियों, कर्मचारियों को संतुष्टि होती है।

मेरे सीनियर्स से हमेशा मुझे सीखने को मिला है और मैं सीखता रहा हूं। आदरणीय hod सर और dean सर का विशेष रूप से में धन्यवाद करता हूं जो आज मेरे विदाई समारोह में शामिल हुए। इन्हीं शब्दों के साथ एक बार पुनः आप सभी का आभार प्रकट करता हूं जो आप मेरे सेवानिवृत्ति विदाई समारोह को शानदार बनाया। मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा। अपने वक्तव्य के समापन पर दो पंक्तियां कहना चाहूंगा।

लम्हा-दर-लम्हा गुज़रता ही चला जाता है,
वक़्त ख़ुशबू है बिखरता ही चला जाता है।

धन्यवाद


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