Republic day speech in Hindi | 26 January Speech in Hindi | Public speaking tips on 26 January | Public speaking for Republic day

प्रिय पाठकों को सबसे पहले सादर प्रणाम करता हूं।

भावी मंच संचालक, प्रेरक, वक्ता बनने का आपका सपना पूरा करने में swami ji यूट्यूब चैनल और healerbaba.com वेबसाइट से आपको मदद मिल रही है।

प्रभाव कारी पब्लिक स्पीकिंग सीखने के लिए भी swami ji यूट्यूब चैनल पर अच्छी तरह से आपको बताया जाता है।

Republic day के शुभ अवसर पर काफी विद्यार्थियों को वक्ताओं को जरूरत होती है कि वो अच्छा Speech दें।

26 January Speech के लिए हम अक्सर विषय का चुनाव नहीं कर पाते।

या हमारे पास बस गणतंत्र दिवस का इतिहास, संविधान के बारे में बने बनाए आंकड़े होते हैं।

बस उसी को हम मंच पर बोल देते हैं यानी बस एक ही प्रकार का Speech सभी बोलते रहते हैं।

Republic day पर आप अनेक विषयों पर बोल सकते हैं।
संविधान निर्माताओं,देशभक्तों को याद करते हुए,उनके त्याग बलिदान के समर्पण को जोड़ते हुए आप देश की वर्तमान स्थिति के बारे में, समस्याओं के बारे में, हमारी तरक्की के बारे में ,युवाओं के बारे में बहन बेटियों के बारे में कोई भी स्पीच बोल सकते हैं।

हमारी कोई सामूहिक समस्या,हमारे सामूहिक प्रयास, हमारी सामूहिक मर्यादा, कर्तव्य जहां पर आते हैं।
उन टॉपिक पर आप बोलिए।

कुछ टॉपिक में आपको यहां पर देता हूं।

इन विषयों पर आप पर गणतंत्र दिवस पर भाषण दीजिए

1.वैश्विक महामारी कोरोना महामारी के बीच हमारी अर्थव्यवस्था निर्माण में युवाओं की भूमिका

2.किसानों के हित

3.डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से बढ़ते रोजगार

4.धरने, हड़ताल और किसी विशेष समूह के कार्यक्रमों में प्रतिपक्ष के लिए गलत भाषा का प्रयोग

4.शिक्षा में रचनात्मकता

5.नारी शक्ति बेटियां

6.देश में धर्म जाति संप्रदाय की राजनीति राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा

7.गणतंत्र के 70 वर्ष

8.संविधान निर्माताओं के सपनो का भारत

9.समाज निर्माण में युवाओं की भूमिका

इन विषयों पर आपको अच्छे से तैयारी करनी होगी और आप का भाषण बहुत अच्छा होगा।

इस आर्टिकल के साथ आपको यूट्यूब का एक लिंक भी दिया गया है।
उस वीडियो में इस आर्टिकल के बारे में अच्छे से जानकारी दी गई है।

गणतंत्र दिवस पर ये 2 Speech मैंने लिखे हैं। आप यह स्पीच भी याद करके मंच के माध्यम से बोलिए।

1.संविधान में निहित मूल्यों को बचाकर
हम अपनी वचनबद्धता दोहराते हैं
हमें हमारे संविधान पर गर्व है
आओ गणतंत्र का महापर्व मनाते है

गणतंत्र दिवस की इस पावन बेला पर सभा में उपस्थित आदरणीय मुख्य अतिथि महोदया/महोदय…… नारी शक्ति,प्यारे बच्चों,बुजुर्गों और देश का स्वर्णिम भविष्य बहन बेटियों और युवा शक्ति का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।
और गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

देश की आजादी के लिए,देश की आन बान शान के लिए,देश के गौरव के लिए जिन-जिन विभूतियों ने अपना योगदान दिया,यातनाएं झेली है, बलिदान दिया है,त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा की है।उन सभी देशभक्तों, महापुरुषों को महानुभावों को शत-शत नमन करता हूं।

कुछ दिन और कुछ अवसर जो अतीत के साथ हमारे संबंधों को मजबूती देते हैं।
हमें बेहतर भविष्य और उस दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करते हैं।

आज यह गणतंत्र का दिन का दिल ऐतिहासिक दिवस है।
70 साल पहले हमने विधिवत रूप से एक नए रंग रूप के साथ सविधान को भी अंगीकार किया था।

15 अगस्त 1947 को भारत के आजाद होने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसंबर 1947 से आरंभ कर दिया।

डॉo भीमराव अंबेडकर,पंडित जवाहरलाल नेहरू,डॉ राजेंद्र प्रसाद सरदार वल्लभभाई पटेल,मौलाना अबुल आजाद जैसे महानुभावों की बदौलत 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान बनकर तैयार हुआ और 26 नवंबर 1950 को लागू हुआ।

जिस दिन हम गणतंत्र हुए हमारे संविधान निर्माताओं ने सपना लिया था कि भारत का प्रत्येक नागरिक अपने अधिकारों के साथ आपने कर्तव्यों का भी पालन करने के लिए प्रतिबद्ध होगा।
धर्म जाति सम्प्रदाय के नाम पर कोई भेद नहीं होगा।

आजादी से जीना आसान होगा
यहाँ हर जाति धर्म समान होगा
सपना था कानून लिखने वालों का
की हर भारतवासी इंसान होगा

आज हमें जरूरत है कि देश में पनप रही अव्यवस्था, संप्रदाय वाद जातिवाद पर हम गौर करें।

ऐसा संकल्प लें कि गणतंत्र के संस्थापकों के सपनों का भारत हमेशा अपनी आँखों के सामने हो।

आइए हम अपने गणतंत्र भारत को कर्तव्यों से ओतप्रोत नई संस्कृति की तरफ ले करके जाएं।

आईये हम सब देश के नव नागरिक बनें,नेक नागरिक बनें।

इसी भावना के साथ फिर एक बार गणतंत्र दिवस के पवित्र मौके पर पूज्य बाबा साहब अंबेडकर को प्रणाम करता हूं।

सविधान निर्माताओं को प्रणाम करता हूं और आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं

जय हिंद जय भारत

 

2.अब ना हो मुल्क़ में कोई दंगा कभी
और मैली न हो अब ये गंगा कभी
आओ आज हम मिलकर खाएं क़सम
झुकने ना देंगे अब ये तिरंगा कभी

सबसे पहले आप सभी को मेरी ओर से प्यार भरी नमस्ते।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि, देश की युवा शक्ति, बुजुर्ग, बच्चे, नारी शक्ति और बहन बेटियों को प्रणाम करता हूं।

इस मंच के माध्यम से मुझे अपने भाव रखने का अवसर मिला। इसके लिए मैं आयोजकों का धन्यवाद करता हूं।

गणतंत्र का अर्थ है, जनता के लिए जनता द्वारा शासन। 26 जनवरी 1950 को हमारा देश गणतांत्रिक देश के रूप में सामने आया। इसी दिन भारत का संविधान भी लागू किया गया। … तब से प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

हमारा संविधान वैश्विक लोकतंत्र की सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि है

बाबा साहब अंबेडकर ने 25 नवंबर 1949 को संविधान अंगीकार करने के 1 दिन पूर्व अपने आखिरी भाषण में जो एक बात कही थी, उसका मैं उल्लेख करना चाहूंगा।

बाबासाहेब ने देश को याद दिलाया था कि भारत पहली बार 1947 में आजाद हुआ है या फिर 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र बना,ऐसा नहीं है।

भारत पहले भी आजाद था और हमारे यहां अनेक रिपब्लिक भी थे। लेकिन अपनी ही गलतियों से हमने अतीत में आजादी भी खोई है और रिपब्लिक करैक्टर भी गवाया है।

ऐसे में बाबा साहब ने देश को चेताते हुए पूछा था कि हमें आजादी की मिल गई,गणतंत्र भी हो गए लेकिन क्या हम इसे बनाए रख सकते हैं या अतीत से हम सबक ले सकते हैं।

ये भाव थे बाबा साहब के और संविधान निर्माताओं के।
कहीं ना कहीं हम फिर आज गण तंत्र की मर्यादा को भूल रहे हैं।

अतीत में आजादी से पूर्व जो गलतियां हुई।
अपने व्यक्तिगत स्वार्थों या किसी समूह के निजी हित के लिए कानून का सरेआम उल्लंघन होता है।
और ऐसी समस्याएं पनप रही हैं जो हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए बहुत बड़ा खतरा है।

आप सभी जानते हैं कि आज प्रजातंत्र की आड़ में जातिवाद धर्म संप्रदाय की राजनीति ने घर कर रखा है।

छोटी सी घटना को राजनीतिक रुप देकर देश में अव्यवस्था फैलाने वाले लोग हम ही हैं।

आ रहा है जलजला देखिए
आदमी अधजला देखिए
बिक रही है देश की आबरू
कट रहा है गला देखिए
बन रहे हैं प्रजातंत्र में
कुछ नए कर्बला देखिए

भारत एक लोकतांत्रिक गणतंत्र है हमारा संविधान हमारे लिए सबसे बड़ा पवित्र ग्रंथ है।
जिसमें हमारे जीवन की,हमारे समाज की, हमारी परंपरा, हमारी मान्यताओं,हमारे व्यवहार, हमारे आचार उन सबके साथ उसका समावेश है।

गणतंत्र दिवस कि इस पावन मंच पर अपने भाषण के समापन पर यही कहूंगा कि हम अपने संविधान का पालन करें और हमारा सविधान तभी अच्छा सिद्ध होगा जब हम लोग अपने संविधान को अमल में लाएंगे।

जब देश के नागरिक देश की विधि व्यवस्था का सम्मान करते हैं।
तभी वो देश आगे बढ़ता है।

सभ्यता को गले लगाकर
देश को दुनियां में प्रसिद्ध करते है
संविधान को अमल में लाने वाले ही
संविधान को अच्छा सिद्ध करते हैं

जय हिंद जय भारत

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