वार्षिक उत्सव भाषण | एनुअल फंक्शन भाषण

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स्कूल का वार्षिक उत्सव बच्चों और अभिभावकों के लिए बड़ा रोचक होता है स्कूल के वार्षिक उत्सव में बच्चे सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। वार्षिक पारितोषिक वितरण में भाषण और मोटिवेशनल वक्तव्य का भी विशेष स्थान होता है। कुछ विद्यालय विशेष रूप से प्रेरक वक्ताओं को बुलाते हैं। स्कूल के वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि या विशिष्ट अतिथि के लिए भी भाषण बोलना अति आवश्यक होता है। वार्षिक उत्सव में बोलने के लिए ये दो भाषण स्क्रिप्ट है। आप इसे आइडिया भी ले सकते हैं और ये भाषण भी बोल सकते हैं।

अतिथि द्वारा वार्षिक उत्सव भाषण

सबसे पहले विद्या और कला की देवी मां सरस्वती को नमन करता हुं।. ……. स्कूल के वार्षिकोत्सव में पधारे माननीय मुख्य अतिथि महोदय श्री हेमाराम जी चौधरी वन एवं पर्यावरण मंत्री राजस्थान सरकार, कार्यक्रम के अध्यक्ष CEO बाड़मेर आदरणीय श्री……., विशिष्ट अतिथि एसडीएम आदरणीय श्री लाखाराम बाना, श्री ……….,श्री ………,श्री…….., श्री………, स्कूल प्रिंसीपल आदरणीय श्री…… एवं मेहमानों,बच्चों के अभिभावकों,रेस्पेक्टेड टीचर्स वेलकम करता हूं। आज हमारे लिए सौभाग्य का दिन जो आप सभी इस आपके अपने शिक्षण संस्थान में पधारे।

……. स्कूल अपनी सफलता का प्रथम वर्ष पूरा कर चुका है।अच्छी शिक्षा के सपने को लेकर इस विद्यालय की नींव पड़ी थी। एक वर्ष की हमारी मेहनत और अभिभावकों के विश्वास से ये सपना ही पूरा नहीं हुआ बल्कि इस विद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किया है।

मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है?
हौसला हो तो फासला क्या है

कोई भी शिक्षण संस्थान कितना भी सुंदर हो।बच्चों की ड्रेस, ट्रांसपोर्ट की सुविधा,इमारत अच्छी हो मगर शिक्षण संस्थान की उपलब्धि उसके स्टूडेंट्स की कामयाबी से होती है। आपके साथ और विश्वास से ये संस्था कामयाबी के नए द्वार खोलेगी।

कोई भी कार्य, मिशन, संस्था हो,उसकी सफलता किसी एक व्यक्ति से नहीं होती। इसके लिए पूरा टीम वर्क होता है। 1 वर्ष में अगर स्कूल ने क्षेत्र के लोगों के विश्वास को मजबूत किया है तो इसका कारण हमारे स्कूल के प्रिंसिपल श्री और हमारे सभी आदरणीय शिक्षक है। जो अपनी अथक मेहनत और ज्ञान से बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। इसके साथ-साथ हमारे स्कूल को स्वच्छ और साफ सुथरा रखने वाले कर्मचारी, गाड़ियों के ड्राइवर का भी धन्यवाद करता हूं जिनका इस विद्यालय की तरक्की में सहयोग है।

इस विद्यालय के प्रथम वर्ष में ही बच्चों की संख्या 300 है, इसके लिए बच्चों के अभिभावकों का धन्यवाद करता हूं,जिन्होंने शिक्षण संस्थान पर विश्वास किया। इसके बाद हमारे प्रिंसिपल सर और आदरणीय अध्यापकों ने पहले ही वर्ष अपनी मेहनत से आपका भरोसा जीता की इस क्षेत्र में ये शिक्षण संस्थान श्रेष्ठ है। आदरणीय अभिभावक बच्चों को लेकर स्कूल परिवार का पूर्ण रूप से सहयोग करते हैं। बाकी मैं यह कहूंगा कि आप समय-समय पर विद्यालय में आते रहे ताकि अभिभावकों और टीचर्स के आपसी तालमेल से बच्चों की शिक्षा दीक्षा का कार्य बेहतरीन हो।

शिक्षा हमारे जीवन का अभिन्न अंग है इसलिए सभी से कहूंगा कि शिक्षा के लिए हमेशा प्रेरित रहे। विशेष करके बेटियों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाएं। राजस्थान प्रांत शिक्षा,उच्च पदों की तैयारी में राष्ट्रीय स्तर पर अपने मुख्य पहचान बना चुका है। आज हमारे प्रांत की बेटियां और युवा शिक्षा की बदौलत बड़े-बड़े पदों से विभूषित हो रहे हैं। हमारे लिए प्रेरणा का विषय है कि आज हमारे बीच कार्यक्रम अध्यक्ष श्री ……. Ras और श्रीलाखाराम बाना Ras है। जो शिक्षा में अपनी मेहनत और लगन से इस पद पर है। इसलिए अभिभावक बच्चों की शिक्षा में उनका पूरा सहयोग करें। आगे बढ़ने के लिए उन्हें हमेशा प्रेरित करें।

इसके साथ-साथ बच्चे अपनी संस्कृति और पर्यावरण के प्रति भी सजग रहें। आज हमारे बीच में वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री हेमाराम जी पधारे हुए हैं जिनका मुख्य काम यही है कि प्रदेश में पर्यावरण की रक्षा हो ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं। माननीय मुख्य अतिथि महोदय श्री हेमाराम जी चौधरी का ख़ास तौर पर आभार प्रकट करते हैं,जिन्होंने शिक्षा के इस उत्सव में अपनी 100% उपस्थिति दर्ज करवाई।

आज के आयोजन में हमारे प्रिंसिपल सर सभी शिक्षकों ने पूरी निष्ठा से भूमिका निभाई,इसके लिए मैं इनका धन्यवाद करता हूं। हमारे साउंड ऑपरेटर,…… टेंट हाउस ‌का धन्यवाद जो इतना खूबसूरत तरीके से पंडाल को सजाया। इसके साथ हमारे वॉलिंटियर में पूरी सेवा भावना से अतिथियों अभिभावकों की आवभगत की उसके लिए उनका धन्यवाद।

आज के कार्यक्रम बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दी और उनके अभिभावक यहां पर दर्शक बनकर पहुंचे। इसलिए बच्चों अभिभावकों का विशेष रूप से धन्यवाद करता हूं। हमारे अतिथियों की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को रुप दिया खास बनाया, इसके लिए माननीय मुख्य अतिथि महोदय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री हेमाराम जी चौधरी ,सीईओ श्री……, एसडीएम श्री लाखाराम जी बाना का विशेष रूप से आभार प्रकट करते हैं। इन शब्दों के साथ एक बार पुनः आप सभी का धन्यवाद और आभार जो इस कार्यक्रम को सफल बनाया। धन्यवाद

Annual function speech in Hindi वार्षिक उत्सव

मुख्य अतिथि उद्बोधन

जीवन और चरित्र का गठन करें
आओ ऐसी शिक्षा के लिए यत्न करें

सबसे पहले आपको…. स्कूल के वार्षिक उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। इस शुभ अवसर पर उपस्थित माननीय प्रधानाचार्य सर श्री ……., आदरणीय शिक्षक गण,विशिष्ट अतिथि श्री………..,श्री… …..,बच्चों के अभिभावकों और सभी बच्चों का स्वागत करता हुं।

विद्यालय के वार्षिक उत्सव पर मैं आपके साथ एक दो बातें हैं सांझा करूंगा। पहली बात तो कोई भी शिक्षण संस्थान कितना भी सुंदर हो।बच्चों की ड्रेस, ट्रांसपोर्ट की सुविधा,इमारत अच्छी हो। शिक्षण संस्थान की असल सुंदरता उसके स्टूडेंट्स की कामयाबी और संस्कारों से होती है। मुझे आशा है कि इस विद्यालय से शिक्षित होकर बच्चे अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।

भारतवर्ष के नामी शिक्षण संस्थानों में सरस्वती विद्या मंदिर का नाम आता है। मेरा अक्सर इस विद्यालय में आना जाना होता है। मैं यही देखा है कि सरस्वती विद्या मंदिर में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ देशभक्ति की भावना, अच्छी आदतें, और जीवन मूल्य सिखाएं जाते हैं।

अपनी पीढ़ी को जैसे संस्कार दे जाएंगे
आने वाले कल के खातिर वो ही नींव बनाएंगे

मैं यह भी कहना चाहूंगा की संस्कारों और जीवन मूल्यों के बिना हमारी शिक्षा अधूरी है। स्वामी विवेकानंद जी ने भी कहा है की शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य बच्चों में जीवन और चरित्र का गठन करना होता है। एक स्टूडेंट के लिए उसकी आदतें बहुत महत्वपूर्ण होती है। और विद्यार्थी जीवन से ही अच्छी या बुरी आदतों का निर्माण होता है। इसलिए विद्यार्थी जीवन से ही अच्छी आदतों के लिए यह विद्यालय हमेशा प्रतिबद्ध है।

इसके साथ-साथ सभी बच्चों से से भी कहूंगा कि आप भाग्यशाली हैं जो इतने अच्छे विद्यालय में पढ़ रहे हैं। आप अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाकर अपने बेहतर भविष्य का निर्माण करें। अभिभावकों से विशेष करके कहूंगा की माता पिता बच्चों के लिए आईना है। इसलिए बच्चों के अभिभावक तंबाकू बीड़ी शराब से दूर रहें ताकि बच्चे आपका अनुकरण करें।

जिन बच्चों ने शिक्षा, खेल और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में स्थान प्राप्त किया है उनको हार्दिक बधाई देता हूं। दूसरे बच्चे भी इन बच्चों से प्रेरणा लेकर बेहतर प्रयास करें।
स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि असफलताओं की चिंता मत करें। ये बिल्कुल स्वाभाविक हैं और वे इस जीवन का सौंदर्य है। असफलताओं के बिना जीवन में रस नहीं है। जीवन में यदि संघर्ष ना हो तो जीवन व्यर्थ है। इस संघर्ष में ही जीवन का काव्य छिपा है।

पथ में कांटे ना होते
तो जीवन का आभास ना होता
मंजिल मंजिल रह जाती
मानव का इतिहास ना होता

विद्यालय के शानदार वार्षिक उत्सव के सफल आयोजन की बधाई देता हूं। इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर मिलता है और मंच से बच्चों का आत्मविश्वास सुदृढ़ होता है। मंच पर मनमोहक प्रस्तुतियों के लिए बच्चों और उनके टीचर्स का एक बार जोरदार तालियों स्वागत करेंगे। विद्यालय परिवार का हृदय से आभार और धन्यवाद करता हूं जो आपने मुझे मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया।आज बच्चों के बीच में बीते ये पल मेरे लिए हमेशा यादगार रहेंगे। आपने इतना सम्मान दिया इसके लिए आपका पुनः पुनः आभार प्रकट करता हूं।

अपने वक्तव्य के समापन पर सभी अतिथियों बच्चों के अभिभावकों और विद्यार्थियों का धन्यवाद करता हूं। धन्यवाद


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