Political speech in Hindi | राजनीतिक भाषण

Share the Post

अगर आपको राजनीति (politcal) में सफल होना है तो उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आपको मंच पर बोलना आना चाहिए।। राजनीति में मंच पर बोलने की कला एक आधारभूत चीज है। बेशक आपके पास कितना भी पैसा हो ,गाड़ियां हो, रुतबा हो, मगर भीड़ में बोलना तो आपको आना ही चाहिए। मेरा कहने का मतलब यह है कि आप इस भ्रम में मत रहे की मंच पर प्रभावशाली तरीके से बोलना बोले बिना आप राजनीति में अपना श्रेष्ठ स्थान बना पाएंगे। अगर आप उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से बिलॉन्ग करते हैं तो मैंने यह भाषण लिखे हैं, यह आप बोल सकते हैं।

समाजवादी पार्टी चुनावी (Political) भाषण

सबसे पहले इस सम्मानित मंच पर आसीन 28 नगर विधानसभा क्षेत्र मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हाजी यूसुफ अंसारी,माननीय पदाधिकारी,जिला अध्यक्ष, आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। समाजवादी पार्टी की इस चुनावी सभा में मौजूद नोजवानों का, माताओं-बहनों का स्वागत करते हुए आयु से अनुभवी सम्मानित बुजुर्गों का अभिवादन करता हूँ।

अब्राहम लिंकन ने कहा कि प्रजातंत्र जनता के लिए जनता द्वारा और जनता का शासन है यह स्वीकार किया गया कि लोक व्यवस्था वह है जिसमें जनता का राज हो जनता जिस व्यक्ति को अपना शासक बनाती है,सत्ता का ताज पहनाती है। उससे वह आशा करती है कि उनको पर्याप्त सुविधाएं मिले। चुनावों से पहले किए गए वादे पूरे हो ।मगर जब वादे पूरे नहीं होते तो सरकार से जनता का विश्वास उठ जाता है।

ऐसे ही उत्तरप्रदेश में जनता की उम्मीदें टूटी।विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी ने युवाओं से वादा किया कि हमारी सरकार के आने पर हर बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा।आम आदमी की सुध ली जाएगी। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा कुछ नहीं हुआ।सारे वादे धराशायी हो गए। क्या ऐसे होते हैं वादे।बस यही होती है ईमानदार राजनीति।

नहीं ये केवल जनता का समर्थन हासिल करने के लिए मजबूत हथकंडे थे। केवल सत्ता की कुर्सी पर बैठकर जुमलों से शासन नहीं चलता।राजनीति एक नैतिक एवं मानसिक भावना का नाम भी है। एक ओर देश घोर वैश्विक महामारी कोरोना में कठिन दौर से गुजर रहा था।उत्तरप्रदेश में स्थिति चिंताजनक थी। ऐसे में लोगों को सरकार से हौंसले, हिम्मत की ज़रूरत थी।

लेकिन लोकतंत्र की अस्मिता तार तार हुई जब कोरोना के भयानक दौर में वर्तमान भाजपा सरकार ने मजदूरों, दिहाड़ीदारों पर कहर बरसाया।उस मुश्किल दौर में जनता रोटी के निवाले को तरस गई थी।

ऐसे में कभी लोकतंत्रात्मक राष्ट्र का निर्माण संभव नहीं हो सकता। हमारे पूर्व मुख्यमंत्री माननीय अखिलेश यादव के शुरू किए कुछ अधूरे कार्यों को पूरा करके योगी जी कहते हैं कि उत्तरप्रदेश में विकास कार्य तो अब हुए हैं। ये लोग खुद धर्म की राजनीति की आग लगाकर खुद ही बुझाने आते हैं ताकि जनता का विश्वास बना रहे।

इस दौरे सियासत भाजपा का
बस इतना सा फ़साना है
बस्ती भी जलानी है
मातम भी मनाना है

आपकी जानकारी के लिए बताना चाहता हूं आज तक समाजवादी पार्टी ने सबसे अच्छा शासन किया है।और आगे भी यही सरकार up का विकास करेगी। आज हमें एक होकर फिर से समाजवादी पार्टी की सरकार बनानी है। हमारे क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या सड़क मार्ग की है।सड़कों पर पानी भराव होने के कारण सड़कें ख़राब हो जाती हैं जिससे आमजन को परेशानी होती है।समाजवादी पार्टी की सरकार में हमारा ये कार्य पूरा होगा।

माननीय अखिलेश जी यादव ने फ्री बिजली,बेरोजगारों को रोजगार और अन्य बहुत से जनसेवा के कार्यों को करने का निर्णय लिया है।जिस पर हमें पूर्ण विश्वास है। आज भाजपा के निरंकुश शासन से हमें छुटकारा पाना है।इसके लिए हमें एक होने की जरूरत है।आपकी ये उपस्थिति एक एक वोट में बदलेगी और फिर से समाजवाद का झंडा लहराएगा।

जहाँ लोकतंत्र में आस्था होती है
वहाँ सोच भी बलवती होनी चाहिए
निरंकुश शासन से मुक्त होना हो तो
जन-जन की परस्पर सहमति होनी चाहिए

अगर हम ऐसे निरकुंश शासन से निज़ात पाना चाहते हैं तो हमारे पास आज सबसे बेहतर विकल्प और अखण्ड विश्वास समाजवादी पार्टी है जिसने पूरे भारत की राजनीति को प्रभावित किया है और उत्तरप्रदेश की जनता की लम्बे अरसे तक सेवा की है। इस बार फिर हम लोगों के अटूट विश्वास की बदौलत समाजवादी पार्टी को जनसेवा और उत्तप्रदेश शासन का अवसर मिल रहा है।

हम एक हैं और भावनात्मक रूप से एक होकर इस संघर्ष में समर्पण के साथ एक दूसरे का साथ दें। मुझे विश्वास है हम पूर्ण बहुमत से यूसुफ जी को विजयी बनाएंगे एक बार फिर से आप सभी का धन्यवाद और आज की चुनावी सभा में पहुंचने के लिए हमारे प्रत्याशी माननीय यूसुफ जी का तहदिल से आभार प्रकट करता हूँ। इन चार पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूँ।

बुलबुलों के पंखों में बंधे हुए कभी बाज नहीं रहते
बुजदिलों और कायरों के हाथों में कभी राज नहीं रहते
सर झुका कर चलने की आदत पड़ जाए जिस इंसान को
उस इंसान के सर पर कभी ताज नहीं रहते

धन्यवाद

राजनीतिक भाषण कैसे सीखे समाजवादी पार्टी शायराना चुनावी भाषण

सियासत की एक ऐसी रीत है
जनता की आस्था का प्रतीक है
ये है देश की सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि
जहाँ लोकतंत्र के लिए दिल में प्रीत है

सबसे पहले भारतीय लोकतंत्र की इस पावन मंच को दीप्तिमान करते हमारे उत्तरप्रदेश प्रांत के पूर्व मंत्री यशस्वी नेता एवम समाजवादी पार्टी के मजबूत स्तम्भ माननीय श्री मौलाना जावेद आब्दी का हार्दिक अभिवादन करता हूँ,जिन्होंने हमारे बिजनोर जिले में शिरकत की और चांदपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता का विश्वास जगाने आज की इस चुनावी सभा में पहुंचे।

जिन्होंने अपने उज्जवल व्यक्तित्व की बुनियाद पर जनता में विश्वास की इमारत खड़ी की है।जनता में अनूठी पहचान बनाई है। कुशाग्र बुद्धि के धनी एवं प्रभावशाली छवि हमारे पूर्व मंत्री एवं चांदपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी स्वामी ओमवीर जी का हार्दिक अभिनंदन का करता हूं।

लोकतंत्र में जड़ आस्था रखने वाले चांदपुर विधानसभा क्षेत्र के युवा नागरिकों,मातृशक्ति और आदरणीय बुजुर्गों का स्वागत करता हूं। समाजवादी पार्टी की मंच से आज मुझे अपने विचार रखने का अवसर मिला है तो मैं जनहित को लेकर कुछ बातें सांझा करूँगा। जैसा कि आप सभी जानते कि आज हमारे प्रांत में बेरोजगारी और अव्यवस्था का बोलबाला है।कहने को सत्तादल के लोग कहते हैं कि हमने गुंडाराज ख़त्म किया है।क़ानून व्यवस्था बनाई है मगर धरातल पर ये बातें कहीं भी खरी नहीं उतरती।

उत्तरप्रदेश की आम जनता परेशान है।कोरोना काल में सहायता की अपेक्षा ग़रीब का शोषण हुआ है। अगर हम ऐसे निरकुंश शासन से निज़ात पाना चाहते हैं तो हमारे पास आज सबसे बेहतर विकल्प और अखण्ड विश्वास समाजवादी पार्टी है जिसने पूरे भारत की राजनीति को प्रभावित किया है और उत्तरप्रदेश की जनता की लम्बे अरसे तक सेवा की है।

इस बार फिर हम लोगों के अटूट विश्वास की बदौलत समाजवादी पार्टी को जनसेवा और उत्तप्रदेश शासन का अवसर मिल रहा है। हम एक हैं और भावनात्मक रूप से एक होकर इस संघर्ष में समर्पण के साथ एक दूसरे का साथ दें। मुझे विश्वास है हम पूर्ण बहुमत से स्वामी ओमवीर जी को विजयी बनाएंगे एक बार फिर से आप सभी का धन्यवाद और आज की चुनावी सभा में पहुंचने के लिए पूर्व मंत्री माननीय मौलाना जावेद अब्दी का आभार प्रकट करता हूँ। इन दो पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूँ

जहाँ लोकतंत्र में आस्था होती है
वहाँ सोच भी बलवती होनी चाहिए
निरंकुश शासन से मुक्त होना हो तो
जन-जन की परस्पर सहमति होनी चाहिए


Share the Post

Leave a Comment