जन्माष्टमी महोत्सव मंच संचालन || श्री कृष्ण जन्माष्टमी मंच संचालन स्क्रिप्ट || Jamashtami Anchoring Script

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भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मंच उद्घोषक स्क्रिप्ट
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सबसे पहले आपको मेरी ओर से सादर प्रणाम

ये जन्माष्टमी महोत्सव की विस्तार पूर्वक स्क्रिप्ट है। शानदार तरीके से शुरूआत के लिए ये पार्ट दिया है। आप अपनी पूरी तैयारी से मंच संचालन करें।

जन्माष्टमी पर्व की आपको हार्दिक शुभकामनाएं।

जहां तक मेरा अनुभव है, मैं आपको दिशा देने का प्रयास करूंगा।

ज्यादातर हम लोग देखते हैं कि जब हमारा कोई भी कार्यक्रम शुरू होता हैं उसमें साज सजावट साउंड हर चीज लग जाती है। उसके बाद भी एक एंकर उस कार्यक्रम के आरंभ होने के इंतजार में रहता है। यानी कि जब जन्माष्टमी महोत्सव में मुख्य अतिथि पहुंच जाए या विधिवत रूप से शुरू करना हो तभी एक संचालक अपने आप को मंच पर लेकर आता है।

सज्जनों इससे भी अच्छा हो सकता है,अगर गायक , कलाकारों और मुख्य अतिथि के आने से पूर्व आप मंच पर बोलना शुरू कर दें।

धार्मिक कार्यक्रम में साउंड लगने के बाद 30,40 मिनट पहले कोई धार्मिक गीत, भजन बजने लगता है,उस समय कुछ कुछ बोलना शुरू कर दें।

कथा कार्यक्रम, किसी धार्मिक आयोजन अथवा जागरण में नारी शक्ति, बच्चे, कुछ वरिष्ठ नागरिक आदि कुछ लोग जब आने शुरू हो जाएं तब आप बोलना शुरू कर दें ।

संगीतमय धार्मिक कार्यक्रम में एक विशेष बात ये है की सबसे पहले साउंड लगने के बाद वाद्य वृंद यानी साज बजाने वाले अपने वाद्यों की सेटिंग करते हैं, कोई धुन बजाते हैं या गणेश वंदना करते हैं।

ऐसे में आप संचालक की भूमिका श्रेष्ठता से निभाइए। भगवान श्री कृष्ण, मातृ शक्ति, आज के शुभ मुहूर्त पर, बुजुर्ग, गांव की महिमा पर बोलना शुरू कीजिए।

वाद्य वृंद के वादकों का भी नाम सहित परिचय करवाएं। उनका कमेटी अथवा गांव की तरफ से स्वागत करें। गणेश वंदना के लिए उन्हें आमंत्रण दें।अतिथियों का साफा, तिलक करवाएं।

इससे आपको सबसे बड़ा लाभ होगा कि इस आधे घंटे में या 20 मिनट में आप अपने आपको आत्मविश्वास से भर लोगे।
ऐसे आपके बोलने के दौरान ही अतिथि प्रांगण में प्रवेश करते हैं तो आप के कार्यक्रम की कड़ी से कड़ी जुड़ती जाती है ।
कथा प्रांगण में अपने भक्तिमय शब्दों और शायरी, मुक्तक से वातावरण बनाएं।

कार्यक्रम से पहले शायरी, शब्दावली से वातावरण बनाने के लिए बिना हड़बड़ाहट के धैर्य से काम लें। इससे आप अपने अनुसार अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने का प्रयास करें।

जन्माष्टमी महोत्सव || जन्माष्टमी महोत्सव मंच संचालन || जन्माष्टमी मंच संचालन स्क्रिप्ट || janmashtmi anchoring script


इस विवरणिका के अनुसार संचालन की तैयारी करें।

  1. संचालक की एंट्री
  2. वादकों का परिचय
  3. अतिथि आगमन
  4. दीप प्रज्ज्वलन
  5. अतिथि सत्कार एवम वाद्य वादकों को अंगवस्त्र
  6. गणेश वन्दना
  7. गायक कलाकारों द्वारा भजन प्रस्तुति
  8. झांकी
  9. बच्चों की प्रस्तुति
  10. धार्मिक गीत पर डांस
  11. गायक कलाकारों द्वारा भजन गायन
  12. डांस
  13. दानवीरों का महिमामंडन
  14. धार्मिक गीत पर डांस
  15. गायक कलाकारों द्वारा भजन गायन
  16. श्री कृष्ण जन्म झांकी
  17. मुख्य अतिथि उद्बोधन
  18. पुरस्कार वितरण
  19. आरती
  20. संचालक की एंट्री

जय श्री कृष्णा जय श्री राम रटता हूं
अल्लाह वाहेगुरु ईसा ईश्वर का नाम भजता हुं
सर झुकाकर सभी को प्रणाम, सत श्री अकाल
हैप्पी गुड डे, अस- सलाम- आलेकुम करता हूं।

सबसे पहले आप सभी को त्रिलोकी के देव भगवान श्री कृष्ण के अवतार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

एक बार हम त्रिलोकी के देव के जोरदार जयकारे के साथ इस दरबार में अपनी हाजिरी दर्ज करवाएंगे।

बोलो कृष्ण कन्हैया लाल की जय
बोलो कृष्ण कन्हैया लाल की जय
बोलो यशोदा के लाल की जय
बोलो योगीराज भगवान श्री कृष्ण की जय

कान्हा इन आंखों को
जब तेरा दीदार हो जाता है
दिन कोई भी हो
मेरा तो त्यौहार हो जाता है

जिस इंसान को देवों के देव भगवान श्री कृष्णा की शरण मिल जाए तो उसके जीवन का हर पल एक पर्व बन जाता है। यशोदा के लाल के अवतार दिवस पर आज हम सच्चे मन इस भक्ति संध्या को पावन करेंगे। ऐसी दुआएं करेंगे जिसमें संसार के हर जीव की रक्षा हो,हर परिवार में सुख समृद्धि हो। आज की रात्रि ऐसी ही पावन होने वाली है।

हमारे साउंड ऑपरेटर और वाद्य वादक अपने यंत्रों की उपासना के साथ मंच पर विराजमान हो चुके हैं। एक बार जोरदार तालियों के साथ वाद्यवृंद और साउंड ऑपरेटर का स्वागत करेंगे।

सद्भाव भरा कोई गीत बजाकर
कानों में रसधार घोल दे
कान्हा का तन मन भाव उठे
हर दिल में ऐसा प्यार घोल दे

आदरणीय वादकों(साउंड ऑपरेटर) से निवेदन करूंगा कि एक मधुर और भक्ति में धुन के साथ गिरधर गोपाल के अवतार दिवस की मंगल कामना करें।

बोलो वृंदावन बिहारी लाल की जय
बोलो कृष्ण कन्हैया लाल की जय

जिस घर में बेटियों को प्यार मिले
वहाँ उमंग और उल्लास होता है
जहां मन मंदिर में स्त्री मात्र देवी का रूप हो
ऐसे वातावरण में समृद्धि का वास होता है

मंदिर प्रांगण में पधारी मातृशक्ति माता बहनों का हार्दिक अभिवादन करता हूं। नारी वह देवी है जिसने हमारी संस्कृति को रूप प्रदान किया है। पीपल,बरगद की उपासना की संस्कृति हो या अतिथि देवो भव का भाव हो,नारी ने अपने इन गुणों से सृष्टि की तरंगित किया है।

सलमें सितारे क्या करते जग में आकर
अगर नारी ने उन्हें दामन ना दिया होता
नीम पीपल बरगद का महात्म्य
अजाना ही रह जाता

देवकी जैसी नारी की कोख से भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया तो यशोदा मां ने उनका पालन पोषण किया। जन्माष्टमी के इस पावन पर्व पर हम नारी शक्ति के सम्मान का संकल्प लें। जगतजननी नारी हमेशा पूजनीय है।

पलकें झुके और नमन हो जाए
मस्तक झुके और वंदन हो जाए
ऐसी नज़र कहाँ से लाऊँ मेरे कान्हा
आपको याद करूँ और आपके दर्शन हो जाएं

इस क्षेत्र के मशहूर गायक कलाकार श्री……..भगवान श्री कृष्णा की अपरम्पार महिमा का गुणगान करेंगे। आज की रात्रि की भव्यता के लिए एक बार जोरदार तालियों से स्वागत करेंगे।

बहारों की महफिल सुहानी रहेगी
लबों पर खुशियों की कहानी रहेगी
सबकी दुआएं कबूल होगी इस दरबार में
अगर आप की तालियों की मेहरबानी रहेगी

इनके साथ हमारे प्रांत से अपने भक्तिमय गुणगान के लिए प्रसिद्ध श्री ………और श्री ……जी हमें कान्हा के भजनों से भाव विभोर करेंगे।

इस तरह से जब तक कार्यक्रम विधिवत रूप से आरंभ नहीं हो जाता आप शायरी ,शब्दावली ,ग्रंथ न,शास्त्रों की बातों से माहौल बनाए रखिए।

अगर आपको जन्माष्टमी पर्व की यह 23 पेज की पूरी स्क्रिप्ट चाहिए तो दिए गए मोबाइल नंबर पर ₹200 पे करके इसी नंबर पर स्क्रीनशॉट भेज दें।
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9416281909
Gpay ———healer baba
Phone pe –Mamta
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WhatsApp नंबर
9416281909
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