Annual function speech | annual function per bhashan

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वार्षिक उत्सव में अगर डायरेक्टर को भाषण देना हो तो इस बात का ध्यान रखना की आवश्यक है की आप अपने भाषण में स्कूल को परफॉर्म कर रहे हो। इसलिए आप स्कूल की महत्वपूर्ण उपलब्धियां को और स्कूल की कुछ अनूठी विशेषताओं को ध्यान रखें। एनुअल फंक्शन पर आपके पास अवसर होता है। आप इस अवसर पर बेहतरीन तरीके से बोलिए। अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण संदेश बोलने की आवश्यक है। टीचर और अभिभावकों के आपसी तालमेल के लिए जरूर बातचीत करें। अतिथियों के वेलकम स्पीच के दौरान आप अपनी बात में रख सकते हैं। स्कूल के डायरेक्टर के लिए यह एक स्पीच मैंने लिखा है।

वार्षिक उत्सव (Annual Function) डायरेक्टर संबोधन

जीवन जितना सजता है
मां-बाप के प्यार से
उतना ही महकता है
गुरु के आशीर्वाद से

सबसे पहले शिक्षा के इस मंदिर में विद्या के देवी मां शारदा को नमन करता हूं। स्कूल के इस वार्षिक उत्सव में उपस्थित माननीय मुख्य अतिथि महोदय, विशिष्ट अतिथि, प्रिंसिपल सर, आसपास के विद्यालयों से आमंत्रित शिक्षक गण, बच्चों के अभिभावक एवं प्यारे बच्चों का स्वागत करता हूं।

आज का दिन हमारे लिए एक विशेष दिन है। माननीय अतिथियों का विशेष रूप से स्वागत करता हूं, जो आज ने आज आपने हमारे इस कार्यक्रम के लिए समय निकाला। इसके साथ-साथ बच्चों के अभिभावकों‌ का भी हार्दिक धन्यवाद करता हूं जो अपने अपने स्कूल में आकर आज इस वार्षिक उत्सव की शोभा बढ़ाई।

अपने स्वागत संबोधन के साथ है एक दो बातें आपके साथ जरूर शेयर करूंगा। 2015 में हमने यह विद्यालय शुरू किया था। और शुरुआत में ही हमारे पास 1000 बच्चे थे। किसी भी शिक्षण संस्थान की शुरूआत में पहले ही वर्ष 1000 बच्चे होना अपने आप में एक रिकॉर्ड है।मगर इसके पीछे एक कारण था जो कम शब्दों में आपको बताना चाहूंगा। हम 2 मित्र श्री ….., शिक्षा विभाग में कार्यरत थे। इसके साथ-साथ हम कोचिंग सेंटर में कुशलता से teach करते थे। हमने यह देखा कि हम अपनी क्षमता को बेहतरीन तरीके से use कर सकते हैं।इसलिए हमने नौकरी छोड़कर अपना इंस्टिट्यूट खोलने के बारे में सोचा। और इस सोच को 2015 में साकार किया और आज आप यह विद्यालय देख रहे हैं।

शिक्षा का जन्मदाता है
राष्ट्र का निर्माता है
शिक्षक से रोशन होता जहां सारा
शिक्षक ही भाग्य विधाता है

एक शिक्षक शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थी को जीवन संग्राम में सफल बनाता है। जब यह विद्यालय नहीं बना था तो मैं अक्सर मैंने देखा की विद्यालयों में बच्चों को प्रैक्टिकल नॉलेज की कमी रहती है। इसके साथ-साथ बच्चों की फाऊंडेशन स्टडी की और ध्यान नहीं दिया जाता। जिसकी वजह से हमेशा इंटेलिजेंट रहने के बावजूद भी बच्चों को करियर के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

हमने इन 9 वर्षों में बच्चों के बेस को स्ट्रांग बनाने से लेकर प्रैक्टिकली एजुकेशन के लिए काम किया है।इसी का परिणाम है कि आज हमारे पास 4000 बच्चों की स्ट्रेंथ है। हमारे बच्चों के अभिभावक हमारे कार्य से संतुष्ट हैं। फिर भी एक बार पुनःआपको अवगत करवाना चाहूंगा की हमारे पास वेल क्वालिफाइड और डेडिकेटेड टीचर्स हैं। हमारे इन टीचर्स के कारण ही इस विद्यालय का वजूद है।इस विद्यालय का नाम क्रिस्टल इसलिए रखा गया क्योंकि क्रिस्टल का मतलब है, कुशल और पारदर्शी।विद्यालय में कुशल स्टाफ के साथ-साथ हर एक्टिविटी पारदर्शी है। आपके बच्चों की शिक्षा दीक्षा और टैलेंट से ही आज शिक्षण संस्था सफल है।

आए हुए अभिभावकों से मेरा एक निवेदन है की आप अपने बच्चों के साथ एक रिलेशन मेंटेन कीजिए। अपने बच्चों के साथ बैठिए और उसके स्कूल,शिक्षा, मित्रों और व्यवहार को लेकर चर्चा कीजिए। बच्चों के साथ यह बॉन्डिंग आपके बच्चों का भविष्य संवार देगी।हमने विशेष रूप से इस पर ध्यान दिया है। हम प्रयास करते हैं कि हमारे टीचर्स और स्टूडेंट्स की आपस में एक बॉन्डिंग बनें। इससे टीचर को अपने स्टूडेंट को समझने मैं आसानी रहती है और स्टूडेंट अपने टीचर से डरने की बजाय खुले मन से ज्ञान और व्यवहार पर चर्चा कर सकता है।

इसलिए हम समय-समय पर अपने टीचर्स के साथ इस तरह की चर्चा और मीटिंग करते हैं। ताकि हम इन बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर से बेहतर कर सके। हमारे स्कूल के जो दायित्व हैं उन्हें हम पूरा करेंगे और अभिभावकों से कहूंगा कि आपका दायित्व है कि आप घर में बच्चों के दोस्त शिक्षक बनिए। अगर आप घर में बच्चों को समय देंगे तो इससे टीचर्स को बहुत हेल्प मिलती है। पेरेंट्स और टीचर्स के तालमेल से ही एक अच्छी सफल व्यक्तित्व का निर्माण होगा।

इसके साथ-साथ सभी बच्चों से भी कहूंगा कि आप भाग्यशाली हैं जो इतने अच्छे विद्यालय में पढ़ रहे हैं।आप अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाकर अपने बेहतर भविष्य का निर्माण करें। जिन बच्चों ने शिक्षा, खेल और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में स्थान प्राप्त किया है उनको हार्दिक बधाई देता हूं। दूसरे बच्चे भी इन बच्चों से प्रेरणा लेकर बेहतर प्रयास करें।स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि असफलताओं की चिंता मत करें। ये बिल्कुल स्वाभाविक हैं और वे इस जीवन का सौंदर्य है। असफलताओं के बिना जीवन में रस नहीं है।जीवन में यदि संघर्ष ना हो तो जीवन व्यर्थ है। इस संघर्ष में ही जीवन का काव्य छिपा है।

पथ में कांटे ना होते
तो जीवन का आभास ना होता
मंजिल मंजिल रह जाती
मानव का इतिहास ना होता

विद्यालय के शानदार वार्षिक उत्सव के सफल आयोजन की पूरे स्टाफ को बधाई देता हूं। इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर मिलता है और मंच से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। मंच पर मनमोहक प्रस्तुतियों के लिए बच्चों और उनके टीचर्स का एक बार जोरदार तालियों स्वागत करेंगे। आज आपने हमारे विद्यालय में आकर इस वार्षिक उत्सव की शोभा बढ़ाई। इसके लिए आप सभी का आभार, धन्यवाद और स्वागत है। आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय का हृदय से स्वागत करते हैं जो आप अपने कीमती समय में से समय निकालकर इस उत्सव में शामिल हुए। इन्हीं शब्दों के साथ एक बार फिर से हमारे स्कूल परिवार की ओर से आप सभी का अभिनंदन वेलकम करते हैं। धन्यवाद

वार्षिक उत्सव अतिथि उद्बोधन स्क्रिप्ट

जीवन और चरित्र का गठन करते हैं
आओ ऐसी शिक्षा के लिए यत्न करते हैं

सबसे पहले विद्या के इस मंदिर में विद्या की देवी मां शारदा का वंदन करती हूं। अग्रसेन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के वार्षिक उत्सव में उपस्थित माननीय मुख्य अतिथि महोदय श्री गोपाल कांडा, स्कूल प्रिंसिपल श्री…., teaching staff ,विशिष्ट अतिथियों, बच्चों के पेरेंट्स एवं प्यारे बच्चों का स्वागत करती हूं। अग्रसेन स्कूल सिरसा की एक अद्भुत धरोहर है। क्योंकि ये शिक्षण संस्थान लोकप्रिय होने के साथ बहुत पुराना है ।साल दर साल नये बदलाव के साथ आज इस संस्था ने अपने विद्यार्थियों को बड़ी उपलब्धियों से नवाजा है।

मैं शायद आपके सामने ना बोलती, मगर आज मेरी बेटी की एक अचीवमेंट के कारण मेरा भी बोलने का मन हुआ। मेरी बेटी इसी विद्यालय में 12 वर्ष तक पढ़ी। स्कूल की बेहतरीन एजुकेशन के बदौलत बेटी का एमबीबीएस में दाखिला हुआ और आज मुझे बताते हुए गर्व फुल हो रहा है की मेरी बेटी एमबीबीएस कंप्लीट कर चुकी है। इसके लिए मैं अग्रसेन मैनेजमेंट कमेटी एवं स्कूल परिवार का विशेष रूप से आभार व्यक्त करती हूं, जो यहां से बच्चे काबिल होकर निकलते हैं और भविष्य में बड़ी सफलताएं अर्जित करते हैं।

आए हुए अभिभावकों से एक बार जरूर कहूंगी की संतान सबसे बड़ी दौलत होती है। इसलिए अपने बच्चों को समय दें और उनके साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करें। पेरेंट्स का प्यार और सम्मान ही बच्चों में आत्मविश्वास जगाता है। केवल अच्छे स्कूल में भेजना,ट्रांसपोर्ट कि सुविधा ,अच्छा खाना देना या बढ़िया कपड़े पहनाने जैसी चीज बच्चों की बाहरी ज़रूरतें हैं। अपनी संतान को मानसिक रूप से समृद्ध करना हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।

अभिभावकों के ऐसे संस्कारों से ही बच्चे में संतुलित व्यक्तित्व का निर्माण होता है। उसके साथ-साथ है आज के कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से स्कूल मैनेजमेंट का और टीचिंग स्टाफ का धन्यवाद करती हूं, जो कार्यक्रम को इतना खूबसूरत ढंग से आयोजित किया और बच्चों को इतनी मनमोहक प्रस्तुतियां तैयार करवाई। इन बच्चों के लिए और उनके टीचर्स के लिए एक बार आपकी तालियां जरूर होनी चाहिए।

आज इस उत्सव में उपस्थित बड़े भाई साहब आदरणीय श्री गोपाल कांडा जी के लिये एक बात जरूर कहूंगी। चाहे राम मंदिर के निर्माण की बात हो या कोई कुटिया में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो, गोपाल और गोविंद दोनों भाइयों ने हमारी आस्थाओं को मजबूत किया है। ईश्वर से दुआ है कि आप इसी तरह से जनसेवा करते रहें। इन्हीं शब्दों के साथ आए हुए अभिभावकों, बच्चों, स्कूल मैनेजमेंट एवं टीचिंग स्टाफ का आभार व्यक्त करती हूं जो आपने मुझे आमंत्रित किया, इतना मान सम्मान दिया और मेरे विचार सुने।

आप सभी का धन्यवाद


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