सबसे पहले हमारे प्रिय पाठकों को मेरा नमस्कार। आशा है आप Swami Ji U Tube Channel एवम हमारी वेबसाइट healerbaba.com से बेहतर public Speaking सीख रहे हैं।
मेरा प्रयास है कि आप किसी भी तरह सीखें, मंच पर बोलना जरुर सीखें। इसके लिए में किसी विशेष दिवस , जयंती पर भाषण शायरी लिखता हूं।आप देखते रहिए और अनवरत अभ्यास से सीखते रहें।
15 अगस्त 2022 को 76वा स्वाधीनता पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाएगा। 2 वर्ष कोरोना के विकट दौर की वजह से Independence Day खुलकर नहीं बना।
इस बार 15 अगस्त पर विद्यार्थियों में युवाओं में पूरा उत्साह है। विद्यालयों में, सामुदायिक केंद्रों में,राजनीतिक मुख्यालयों में ध्वजारोहण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस दौरान आप में से कुछ लोग संचालन करेंगे या 15 August Speech देंगे। Healerbaba.com हमारी वेबसाइट पर आपको पिछले साल के भी कुछ आर्टिकल संचालन की शायरी मिल जाएगी।deshbhkti shayri, तिरंगा शायरी,15 अगस्त शायरी आप पढ़िए। प्रेक्टिस करें और स्वतंत्रता दिवस पर शानदार प्रदर्शन करें।
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स्वतंत्रता के विषय में ये कुछ महान विचार है। आप इन विचारों को अपने मंच संचालन या भाषण में जरूर बोलिए इसके साथ साथ स्वतंत्रता दिवस शायरी भी है।
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सुभाष चंद्र बोस ने कहा है हमारे बलिदान और मेहनत से जो स्वतन्त्रता हमें मिलती है, उसे हम अपनी सामर्थ्य से बचा कर रख सकते हैं. आज़ादी हमें कभी भी नहीं दी नहीं जाती बल्कि इसको हमें जीतना पड़ता है.
लाल बहादुर शास्त्री ने कहा है मैं अपने देश की स्वतंत्रता, किसी दूसरो का शोषण कर के नहीं, और ना ही किसी दूसरे देशों को नीचा दिखा कर, बल्कि मैं अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता ऐसे चाहता हूँ कि अन्य देश मेरे आजाद देश से कुछ सीख सके और उसका अनुसरण करे
जले दीप फूल महके चमन इस तरह सजा दो
हम गगन उतार देंगे जरा तुम मुस्कुरा दो
ऐ समय के चाँद तारो ना सँवारो चाहे मेरा जीवन
मेरी ज़िंदगी यही है मेरा देश जगमगादो
सरदार पटेल ने कहा इस मिट्टी में कुछ अनूठा है जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।
अपनी जान के दुश्मन को भी
हम अपनी जान कहते हैं
मुहब्बत की इसी मिट्टी को
हिंदुस्तान कहते हैं
नेल्सन मंडेला के अनुसार स्वतंत्र का अर्थ सिर्फ अपनी जंजीरों को उतार देना नहीं होता, बल्कि इस तरह से अपने जीवन को जीना होता है कि, औरों का सम्मान बढे और उन्हें भी स्वतंत्रता हो.
तमन्ना है जहां सारा ये हिंदुस्तान हो जाए
दुआ करता हुँ हर एक आदमी इंसान हो जाए
मगर यह बात सच होगी तभी जाकर कहीं
जब प्रेम ही गीता प्रेम कुरान हो जाए
लाल बहादूर शास्त्री ने कहा हमारी आज़ादी की सुरक्षा करना सिर्फ सैनिकों का ही कार्य नहीं है. बल्कि हमारे पूरे देश को मजबूत होना पड़ेगा.
बेशक पद प्रतिष्ठा सरताज बड़े हो
ख़ास जाति धर्म के लिए लाख लड़े हों
मगर वतन परस्त वही होते हैं
जो हर हाल में मजबूती से देश के साथ खड़े हों
सरदार पटेल ने कहा है इस मिट्टी में कुछ अनूठा है जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।
अपनी जान के दुश्मन को भी
हम अपनी जान कहते हैं
मुहब्बत की इसी मिट्टी को
हिंदुस्तान कहते हैं
आत्म गौरव भाव लेकर
देश आगे बढ़ चला हैं।
पथ सदा हमने चुना वह
विश्व का जिसमें भला हैं।
15 August Speech for School. स्कूल के लिए 15 अगस्त भाषण. Independence Day speech in Hindi
तीव्र वेग से उफन रही थी
देश प्रेम की निर्मल गंगा
आज़ादी की खातिर सबने
हाथो में जब लिया तिरंगा
सबसे पहले आप सभी को 76वें स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। मंच पर आसीन मुख्य अतिथि महोदय, विशिष्ट अतिथि,शिक्षकों, विद्यार्थियों एवम उपस्थित मातृ शक्ति, युवाओं और बुजुर्गों का अभिवादन करता हूं।
मातृभूमि के लिए हंसते-हंसते कुर्बानी देने वाले बहादुर वीरों व रणबांकुरों की शान में आज का दिवस भारतवर्ष ही नहीं विश्व के अनेक देशों में मनाया जा रहा है।
आज संकल्प का दिन है। हमारे लिए ये गौरव का दिन है कि विद्यालय में स्वाधीनता की मंच सजाई गई। जब शिक्षा के मंदिरों में हमारी स्वाधीनता,संस्कृति, संविधान के सम्मान में सभाएं होती हैं तो हमें प्रेरणा मिलती है। हमारे स्वतंत्रता सैनानियों के प्रति अगाध श्रद्धा जन्म लेती है।
स्वतंत्रता आंदोलन भारतीय इतिहास का वह युग है, जो पीड़ा, कड़वाहट, दंभ, आत्मसम्मान, गर्व, गौरव तथा सबसे अधिक शहीदों के लहू को समेटे है।
तूने चाहा नहीं हालात बदल सकते थे
मेरे आँसू तेरी आँखों से निकल सकते थे
हादसे इतने ज्यादा है वतन में अपने
की खून से छपके अख़बार निकल सकते थे
ये सच है कि जो शहादत हमारे वीरों ने दी आज हमें वैसी कुर्बानी देने की जरूरत तो नहीं पर देश में व्यवस्था, मानवता के लिए प्रतिबद्धता की सख्त जरूरत है। आज हम शिक्षा के साथ मानवता का पाठ पढ़े ताकि समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता जैसी बुराईयां खत्म हो।
आज एक बच्चा पढ़ लिखकर अधिकारी बन जाता है मगर इंसानियत नहीं सीखता और अपने पद का दुरुपयोग करके भ्रष्ट हो जाता है और देश की अर्थव्यवस्था को खोखला करने का घृणित कर्म करता है।
ऐसे में हमें देश, और जनमानस के प्रति निष्ठावान होकर शिक्षित होने की जरूरत है। यही हमारे आजादी के वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुझे विश्वास है हम अपने देश के प्रति ऐसे संकल्प लेंगे ,जिससे जनमानस में स्वतंत्रता सैनानियों के प्रति सम्मान के भाव जागृत हों और इंसान का इंसान से प्रेम हो।
वक्तव्य के समापन पर 2 पंक्तियो के साथ आपकी दुआएं चाहुंगा
जिंदगी को और भी जिंदा बनाएंगे
हम कलम से खून का रिश्ता निभाएंगे
ताज और मीनार किस काम के
सबसे पहले हम आदमी का घर बनाएंगे
जय हिंद जय भारत
15 August Speech In Hindi. 15 August Manch sanchalan. Independence Day speech in Hindi
ये शानो-शौकत और ये ईमान न होता
आज इस देश में कोई किसी का मेहमान न होता
नही मिल पाती खुशियां हमें इस वतन में
अगर आज़ादी के लिए देशभक्तों का बलिदान न होता
जब जब देश पर बाह्य शक्तियों ने आक्रमण किया। तब तब हमारे शूरवीरो, सीमा के प्रहरियों ने देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाया। जान की बाजी लगाकर दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब दिया।
देश के लिए कुर्बान होने का जज्बा हमने हमारे फ्रीडम फाइटर से सीखा, जिन्होंने देश के लिए शहादत देकर हमें प्रेरणा दी।
हमारे स्वतंत्रता सैनानियों ने एक लम्बे अरसे तक संघर्ष किया। इस संघर्ष में ना जाने कितनी जिंदगिया कुर्बान हुई।
मगर जब आज हमारी गुलामी की जंजीरे टूट गई तो हम मनमानी पर उतर आए। कहां वो शूरवीर जो स्वतंत्रता के लिए जान देकर इतना बड़ा मूल्य चुकाया। कहां हमारी सोच जिसमें देशधर्म, मानवीय मूल्य, राष्ट्र प्रेम जैसी बातें लुप्त होती नज़र आ रही है।
जिन्हें ख़ौफ़ हो ज़ुल्म से लड़ने का
कुर्बानी का जज़्बा नहीं आता
मर जाये बेशक इत्तफाक मौत से
देश के लिए मरना नहीं आता
कहने को आज स्वाधीनता दिवस है। मगर मानसिक रूप से गुलाम होते जा रहे है।हम देश के स्वाभिमान की बात करते हैं। देशभक्तों की महानता का ऊंची आवाज में वर्णन करते हैं।
- क्या इस आवाज में देशहित का भाव है?
- क्या दिल में देश के प्रति निष्ठा और स्वाभिमान है ?
- क्या चित्त में शहीदो की तस्वीर है।
ईमानदारी से कहें तो हमारे पास जवाब नहीं है देश के लिए शहादत देना तो दूर शायद हमारे लिए अनुशासन में रहना भी आज बहुत मुश्किल होता जा रहा है।
हमारे सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हो जाते हैं। हमारे पास श्रद्धांजलि के बस मोमबती होती है। देश के लिए कोई संकल्प नहीं। कोई प्रेरणा नहीं। बस बातों ही में देश के लिए प्रेम साबित करते हैं।
समाज सेवा करके अखबारों में छपा देते हैं
वतनपरस्ती से ओतप्रोत होके तिरंगा उठा लेते हैं
आदमी से प्रेम करना जिनके लिए है नामुमकिन
वो देशप्रेम के नारों से आसमान गूंजा देते हैं
स्वाधीनता दिवस की इस मंच से यही कहूंगा की हम मानव धर्म का पालन करें। देश में कोई आंतरिक समस्या या सुरक्षा की बात आए तो सहयोग करें। सोशल मीडिया पर किसी समस्या को भड़काने जैसे कार्यों पर अंकुश लगाएं। हमारे शहीदो को हमेशा याद रखें। वो गुलामी, शहादत याद रहेगी तो हमें एहसास रहेगा की हम कहां से कहां पहुंचे हैं।
स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास को याद करते हुए वर्तमान, भविष्य में देश हित के लिए आगे आएं। मुझे विश्वास है हम मिलकर एक नवभारत का निर्माण करेंगे।
दो पंक्तियां कहकर अपने वक्तव्य को समाप्त करता हूं।
मेरी आजादी पर कुर्बान फरिश्तो
आपकी शहादत के पल यादगार रहे
जितनी दुआ आज है मेरे मन में
ये दुआ हर दिन बरकरार रहे
जय हिंद जय भारत
15 अगस्त पर बाबा साहब के बारे में भी जरूर बोलिए। 15 अगस्त भाषण. 15 August speech in Hindi
आकाश का चमकता सितारा था
जो अंधेरों से कई बार हारा था
इंसानियत ही था जिनका मज़हब
वो बेसहारों,वंचितों का सहारा था
स्वाधीनता दिवस के पावन पर्व पर सबसे पहले हमारे स्वतंत्रता सैनानियों एवम महान पथ प्रदर्शक बाबा साहेब को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
सभा में उपस्थित सभी अतिथियों एवं ग्रामवासियों को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
आज स्वतंत्र भारत की सफल विकास यात्रा को देखकर मन में हर्ष होता है। कभी हमारे देशभक्तों ने केवल स्वतंत्रता का दिव्य स्वप्न देखा था। जिसके लिए हजारों कुर्बानियां हुई।
आज हम क्या से क्या हो गए। देश ने चहुंमुखी विकास से विश्व में ख्याति प्राप्त की है। मगर कुछ लोगों के लिए आज भी आज़ादी अधूरी है। बाबा साहेब ने आजादी के पहले से ही जातिवाद, संप्रदायवाद को खत्म करने के लिए भरसक प्रयास किए।
मजदूरों को के हक दिलवाने से उनके हक दिलवाने से लेकर नारी के अधिकारों,नारी का सम्मान,दलितों पिछड़ों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किए।
अपनी इसी भावना को लेकर उन्होंने भारतीय संविधान में महिला अधिकार ,दलितों, किसानों, वंचित वर्ग के लिए विशेष कानून बनाए।
26 जनवरी 1950 को जब हमें पूर्ण स्वतंत्रता मिली थी हम आत्मनिर्भर हुए थे उस समय उन्होंने यह बात कही थी कि क्या हम गणतंत्र भारत की छवि को साफ रख पाएंगे। आजाद भारत में अनुशासन रख पाएंगे।
मगर आज हमने आज़ादी के परवानों को भुला दिया।
नीरज कवि ने सच कहा है
चंद मछेरों ने मिलकर, सागर की संपदा चुरा ली
कांटों ने माली से मिलकर, फूलों की कुर्की करवा ली
खुशियों की हड़ताल हुई है, सुख की तालाबंदी हुई
आने को आई आजादी, मगर उजाला बंदी है
आज़ादी के बाद के हालात ऐसे हैं कि बाड़ ही खेत को खा रही है। इन हालातों के बारे में बाबा साहेब ने नवंबर 1949 में अपने अंतिम भाषण में जिक्र किया था। जो आज हम देख रहे हैं। ऊपर से देश में जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद जैसी विकराल समस्याएं हैं।
मजहबों में बंटा हुआ है चित्त यहां
जातिवाद का दंश अति भारी है
चरित्र की महिमा से कर्तव्य का बोध करो
हर भारतवासी की ये जिम्मेदारी है
आज हमें देश के लिए जागरूकता की जरूरत है। चरित्र को महान बनाएं। इसके साथ साथ समाज के आर्थिक, सामाजिक राजनैतिक रूप से कमजोर वर्ग को बाबा साहेब से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए। शिक्षाविद् वीरपालसिंह शेखावत ने कहा कि यदि बाबा साहेब नहीं होते तो देश समाज की हालत नहीं सुधरती। शेखावत ने बाबा साहेब को जाति, समाज एवं देश से ऊपर उठकर विश्व के महान चिंतक की संज्ञा दी।
बाबा साहेब ने हिन्दू धर्म की वर्ण व्यवस्था का पूर्णतः विरोध किया। 1935 में जब आंबेडकर ने हिन्दू धर्म छोड़ने और सामूहिक धर्मांतरण करने की घोषणा दी, तो 4 मार्च, 1936 को गुजरात के सावली गाँव के एक कार्यक्रम में जमनालाल बजाज ने इस पर गांधी की राय पूछी। गांधी ने कहा- ‘डॉ॰ आंबेडकर की जगह अगर मैं होता, तो मुझे भी इतना ही क्रोध आता। उस स्थिति में रहकर शायद मैं अहिंसावादी नहीं बनता। डॉ॰ आंबेडकर जो कुछ करें हमें नम्रता से सहना चाहिए। इतना ही नहीं, बल्कि हरिजनों की सेवा इसी में है। अगर वे सचमुच हमें जूतों से मारें, तो भी हमें सहन करना चाहिए। पर उनसे डरना नहीं चाहिए। डॉक्टर आंबेडकर की कदमबोसी करके उन्हें समझाने की भी जरूरत नहीं है। इससे कुसेवा होगी। वे या अन्य हरिजन जो हिन्दू धर्म में विश्वास न रखते हों, वह यदि धर्मांतर करें तो वह भी हमारी शुद्धि का ही कारण होगा। हम इसी योग्य हैं कि हमारे साथ ऐसा व्यवहार हो।
आज हमें अपने देशभक्तों की शहादत का कर्ज चुकाना है। बाबा साहेब के जीवन आदर्शों को अपनाकर देश में अनुशासन और भाईचारे को अपनाएं।
मुझे विश्वास है हम मानव धर्म का पालन करते हुए देश हित के लिए प्रतिबद्ध होंगे।
जय हिंद जय भारत
युवाओं का मार्गदर्शन और देशभक्ति का जज्बा पैदा करने के लिए सतीश जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद शुभकामनाएं । आपका प्रयास हमेशा हर वर्ग के लोगों के लिए प्रेरणादायक और मार्गदर्शक की तरह हमारे जीवन को उज्जवल करता रहेगा।
हार्दिक आभार