अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस | Womens day anchoring script

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महिला दिवस (womens day) या किसी भी कार्यक्रम की हर मंच संचालक अलग अलग तरह से अपने अनुभव के अनुसार प्रस्तुतियों की सूची बनाता है। ज्यादातर कार्यक्रग्मों में शुरुआत में अतिथि सम्मान , दीप प्रज्वलन स्वागत गीत ,स्वागत संबोधन तक लगभग एक जैसी ही गतिविधियां रहती हैं। आप प्रस्तुतियों की सूची अपने अनुसार बना सकते हैं ।मुझे आपको एक स्क्रिप्ट देनी है इसलिए मैं अपने अनुभव के अनुसार जिस तरह से मैं सूची बनाता हूं ,उसी तरह से एक सूची बनाकर उसकी स्क्रिप्ट आपको दे रहा हूं । जो भी शब्दावली ,शायरी दी गई है ।अगर आपका कार्यक्रम विवरण इससे आगे पीछे होता है या थोड़ा अलग तरह का होता है तो आप अपनी बुद्धिमता से बदलाव कर सकते हैं। या अगर आपको अच्छा लगे तो आप मेरी तरह ही अपनी सूची बना लें।

  1. सर्वप्रथम मंच संचालक की एंट्री साउंड लगते ही कार्यक्रमों की विधिवत शुरुआत से पहले शायरी ,शब्दावली बोलकर माहौल बनाए।
  2. अतिथि आगमन शायरी, सन्देश से स्वागत
  3. दीप प्रज्वलन
  4. सरस्वती या ईश वंदना
  5. अतिथि स्वागत गीत
  6. स्वागत सम्बोधन

प्रस्तुतियां

  1. नृत्य
  2. भाषण
  3. कोई शिक्षाप्रद नाटक
  4. अपनी संस्कृति प्रस्तुति
  5. कविता
  6. विशिष्ट अतिथि भाषण
  7. मुख्य अतिथि का उद्बोधन
  8. समापन धन्यवाद

International women’s day anchoring script

सबसे पहले वक्ताओं,संचालकों, प्रेरकों को मेरी ओर से हार्दिक अभिनंदन ।महिला दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनाएं। महिला दिवस (women’s day) के कार्यक्रम के मंच संचालन की ये स्क्रिप्ट लिखने से पहले आपको एक बात जरूर कहूंगा की मंच संचालन करते हुए या भाषण देते हुए यह बात स्पष्ट कर ले कि आप महिला दिवस पर बोल रहे हैं तो कार्यक्रम के विषयानुकूल नारी, बेटी के उत्थान, जागरूकता पर ही बोलें।नारी शक्ति से जुड़ी बातें, भाषण या प्रस्तुतियां ही करें। कार्यक्रम विषय के अनुसार प्रस्तुतिकरण हो तो ज्यादा उचित रहेगा।

ज्यादातर हम लोग अपने वक्तव्य मंच संचालन में या प्रस्तुतियों में खास दिन की महत्ता को प्रस्तुत नहीं कर पाते। महिला दिवस (womens day) के कार्यक्रम के मंच संचालन में आप नारी कर्तव्य,नारी अधिकारों ,बेटियों की महिमा, नारी शिक्षा, समाज में रुतबा कायम करने वाली स्त्रियों के बारे में जानकारी प्रभावकारी ढंग से प्रस्तुतियों के बीच जरूर बताएं।ताकि सुनने वालों में जागरूकता आए और लोग घर में औरत का सम्मान,नारी अधिकारों, बेटियों की शिक्षा के प्रति सचेत हो।देश में व्यवस्था स्थापित हो।

यानी एक मंच संचालक,वक्ता का लक्ष्य केवल बोलना ही ना होकर बल्कि लोगों में अवेयरनेस और भाईचारा कायम करना हो। जैसा कि मैंने पहले भी बताया है कि एक मंच संचालक कार्यक्रम शुरू होने के 20-25 मिनट पहले मंच आ जाए। साउंड सेटिंग के साथ-साथ जितने भी अतिथि,बच्चे,नारी शक्ति,युवा,बुजुर्ग आए होते हैं उनके साथ शायरी,शब्दावली और अपनी बातों से संप्रेषण शुरू कर दे ताकि रूप से कार्यक्रम आरंभ होने से पहले अच्छा वातावरण बन जाए और मंच संचालक का आत्मविश्वास भी मजबूती पकड़ ले। बहुत अच्छा होगा अगर एक मंच संचालक कार्यक्रम के शुरुआती दौर में प्रभावकारी वाक शैली में नारियों के लिए महापुरुषों के विचार बोले।

जैसा कि मैंने पहले भी बताया है कि एक मंच संचालक को कार्यक्रम शुरू होने के 20-25 मिनट पहले मंच आ जाए। साउंड सेटिंग के साथ-साथ जितने भी अतिथि,बच्चे,नारी शक्ति,युवा,बुजुर्ग आए होते हैं उनके साथ बेटी, नारी शायरी,शब्दावली और अपनी बातों से संप्रेषण शुरू कर दे ताकि विधिवत रूप से कार्यक्रम आरंभ होने से पहले अच्छा वातावरण बन जाए और मंच संचालक का आत्मविश्वास भी मजबूती पकड़ ले। 20-25 मिनट पहले आप क्रमानुसार दी गई इन शायरी और शब्दावली से आप अच्छा माहल बना सकते हैं।

मंच संचालक की एंट्री शायरी और अभिवादन के साथ

मीरा की वीणा कल्पना की उड़ान है
झांसी की रानी मदर टेरेसा सी दिकपाल है
नारी की कोख से ही जन्मते हैं महान पुरुष
इसलिए नारी तू पुरुष से महान है

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (womens day) के शुभ अवसर पर सबसे पहले आप सभी बच्चों, विद्यार्थियों, युवाओं,बुजुर्गों और उपस्थित नारी शक्ति को हार्दिक प्रणाम करता हूं। सन 1921से विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। जगत जननी नारी के सम्मान में आज का दिन उत्सव के रूप में मना रहे हैं।यह हमारे लिए गौरव की बात है।

हजारों गम खाकर भी गले लगा लेती है
अपमानित होकर भी मन को मना लेती है
जीवन रूपी पहिए की धूरी है नारी
एक प्रेम के सहारे उजड़े घर को बना देती है

बस ऐसा ही भाव रहे हमारा कि सभी के जीवन में खुशियां आए। जिस तरह से पति के लिए त्याग, संतान के लिए ममता, दुनिया के लिए दया और जीव मात्र के लिए करुणा संजोने वाले नारी है। उसी तरह से पुरूष मन में भी ऐसे ही भाव हों की बिना किसी भेदभाव के सभी को सम्मान मिले।हर हृदय में मानवता का वास हो।ऐसी ही प्रेरणा से भरा होगा ये दिन।

बहारों की महफिल सुहानी रहेगी
लब पर खुशियों की कहानी रहेगी
चमकते रहेंगे खुशियों से ये सितारे
अगर आप की तालियों की मेहरबानी रहेगी

आज के इस पावन दिवस के सम्मान में एक बार अपनी तालियों से प्रांगण को गुंजायमान कर दीजिए। इसी तरह हम साथ मिलकर सावित्री बाई फुले, रानी लक्ष्मीबाई, मदर टेरेसा जैसी महान नारियों को याद करेंगे।1857 की क्रांति में भगवंती जैसी नारी की कुर्बानी को सलाम करते हुए समाज में जननी के सम्मान का संकल्प लेंगे।

दिन निकला हर दिन जैसा
पर आज का दिन कुछ खास हो
अपने लिए तो मांगते हैं रोज
आज सबके भले की अरदास हो

हर दिन शुभ होता है।एक उपलब्धि लेकर आता है।हम सब हर दिन खुद से वादा करें कि हमारा जीवन सबके भले के लिए हो। महान विचारक कार्ल मार्क्स ने कहा है “पुरुष अपना भाग्य नियंत्रित नहीं करते ।उसके जीवन में मौजूद औरत अपने गुणों से उसके लिए भाग्य निर्माण करती है ।” जब तक हमारे मुख्य अतिथि आते हैं सभी से निवेदन है कि वे अपना स्थान ग्रहण करें।पूर्ण अनुशासन के साथ महिला दिवस का ये उत्सव मनाएंगे।

दहलीज़ को मंदिर का द्वार बना देती है
अतिथि सत्कार की संस्कृति को महान बना देती है
नारी से ही घर का आँगन होता है रोशन
एक अच्छी नारी जीवन को आसान बना देती है

कार्यक्रम में उपस्थित सभी माताओं बहनों को मातृशक्ति को प्रणाम करता हूं। जगत जननी नारी हमेशा पूजनीय रहेगी। देश की आज़ादी के महान बलिदानी, अविष्कारक,बड़े-बड़े महापुरुषों का जन्म एक नारी की कोख से ही होता है। समाज में हर मां,बहन,बेटी का सम्मान बना रहे।

बहुत अच्छा होगा अगर आप समय समय पर महिला पर महान विचारकों के विचार बोलें। जब तक मुख्य अतिथि नहीं आते या विधिवत रूप से कार्यक्रम शुरू नहीं होता, आप इसी तरह से बीच-बीच में जाकर प्रारंभ में नारी,बेटी या ख़ुशी प्रसन्नता पर शायरी,तुकबंदी ,बेटियों के लिए कोई कविता या महिला सशक्तिकरण के बारे में कोई अच्छी जानकारी स्टेज पर बोल सकते हैं। प्रांगण में बैठे श्रोताओं में से किसी बच्चे को भी मंच पर एक दो मिनट की कविता या कार्यक्रम विषयानुसार ऐसी बात बोलने के लिए बुला सकते हैं। सभा में बैठे श्रोताओं से आप इसी तरह से मंच के माध्यम से संवाद बनाए रखिए। इसी बीच आपके बोलते हुए मुख्य अतिथि आ जाते हैं आप बोल सकते हैं।

अतिथि आगमन

फितरत बन चुकी है
दिल ए बेकरार की
अब तो आदत सी हो गई है
आपके इंतजार की

छोटे से इंतजार के बाद हमारे आज के ख़ास मेहमान का प्रांगण में पहुंचने पर दिल से अभिनंदन करते हैं।

जिंदगी में एक नई सौगात हो जाए
काश एक प्यार भरी मुलाकात हो जाए
दिल की उमंगों को पंख लग जाएंगे
बस आपकी तालियों की बरसात हो जाए

जोरदार तालियों से हम स्वागत करेंगे आज की हमारी ऑनरेबल Chife Guest श्रीमति……….. का जो हमारे कार्यक्रम में आए और हमें अनुग्रहित किया। हमारी मुख्या अतिथि आ चुकी हैं, उनके आने पर मैं हार्दिक स्वागत करते हैं।

अतिथि शायरी

आशाहीन हृदय में तरंग भर देती है
छोटी सी उम्मीद निराशा को भंग कर देती है
मुद्दत से आते हैं अतिथि भगवान बनकर
अतिथियों के आने की खबर मन में उमंग भर देती है

इसी तरह जब हम मिलकर कोई उत्सव मनाते हैं कोई हमारे अज़ीज़ होते हैं बीच में तो माहौल में खुशियां छा जाती है किसी शायर ने सच कहा है

साथ मिलकर आज उत्सव मनाते हैं
सम्मान में आपके सर झुकाते हैं
आप आए तो माहौल में खुशियां छा गई
आपकी खिदमत में श्रद्धा के दीप जलाते हैं

दीप प्रज्वलन

इसी बीच में चाहूंगा कि हमारे बीच में आए हुए मुख्य अतिथि मंच पर आएं और विद्या की देवी मां शारदा के आगे दीप प्रज्वलित के आज के इस कार्यक्रम का शुभारंभ करें।

खुदावंद तेरे नाम से आगाज करता हूँ
तेरा बंदा हूँ तेरी रहमतों पे नाज करता हूँ।
फ़कत तेरी मदद और ताक़त के भरोसे पर
मुझे उड़ना नहीं आता मगर परवाज करता हूँ।

हम सभी उस अलौकिक शक्ति, अदृश्य शक्ति को याद करें और धन्यवाद करें कि हमें यह सुंदर जीवन मिला है।मन ही मन भावों से भरकर अपनी माँ का धन्यवाद करें। रामायण में बाल्मीकि ने कहा है जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है जब तक दीप प्रज्वलन का कार्य हो आप कुछ ना कुछ बोलते रहिए या हल्के हल्के आवाज में कार्यक्रम विषयानुसार कोई गीत लगा दीजिए। हम धन्यवाद करें परमपिता परमात्मा का,सृष्टि का की एक नारी के अस्तित्व से हमारा वजूद है।

वन्दना

इसी कड़ी के चलते मैं मंच पर प्रतिभागी छात्राओं को आमंत्रित करूंगा या करूंगी वो मंच पर आएं और मां शारदा की वंदना करें

आसमान की ऊंचाइयों पर हम परवाज़ करते हैं
हमारे मेहमानों के सर सम्मान का ताज धरते हैं
विद्या की देवी माँ शारदा को करके सज़दा
खुशियों से भरी महफ़िल का आगाज़ करते हैं

इसी के साथ विद्या की देवी मां शारदे कि इस वंदना के साथ हमारी इस मंच का आगाज़ हुआ। बेटियों के सम्मान और शक्ति का यह दिन सभी को एक बार फिर से मुबारक हो ।हमारे बीच में आए हुए हमारे मुख्य
अतिथि उनका एक बार फिर से हार्दिक अभिनंदन।हमारी परंपरा रही है अतिथि सत्कार।

स्वागत गीत

एक दूसरे का सम्मान करना कदर करना यह एक मानवीय मूल्य है जो हम लोग निभाते रहें।

भारत की परंपरा है अतिथि सत्कार
गृहस्थ जीवन में पुण्य है अतिथि सत्कार
अतिथि सत्कार ही होती है राज घरानों की आन
पवित्र भावों की प्रबलता है अतिथि सत्कार

हमारे आए हुए मुख्य अतिथि, सभी मेहमानों, और दर्शकों के स्वागत के लिए एक तरन्नुम, भरा स्वागत गीत आपके सामने लेकर आ रहे हैं स्कूल के छात्र या छात्राएं

स्वागत गीत के बाद शायरी

अतिथि देवो भवः
कहती ये भारत की धरा
स्वागत करके आपका
निभा रहे हैं परम्परा

हम चाहते हैं ऐसे विशेष अवसरों पर मेहमान आते रहे। एक दूसरे की खुशियों में जब हम शरीक होते हैं तो हमारी खुशियां बढ़ जाती हैं । इसी प्रेरणा के साथ हम आपस में एक दूसरे के साथ अच्छे ताल्लुक बनाए और संसार में सद्भावना और आपसी स्नेह भावना कायम करें। इसके बाद भाषण, प्रस्तुतियों का दौर शुरू होता है।महिला दिवस पर ज्यादातर भाषण ही होता है।भाषण के साथ साथ अगर आप बेटियों से 1,2 मनोरंजक प्रस्तुतियां कोई लघु नाटिका, कविता, डांस जरूर करवाते हैं तो आपका कार्यक्रम बहुत खूबसूरत होगा।डांस सबसे पहले करवाएं।

प्रस्तुतियां

महिला दिवस (womens day) की शुभ बेला पर अब समय आ चुका है मनमोहक प्रस्तुतियों का तो एक बार जोरदार तालियां हो जाए आज के इस कार्यक्रम के सम्मान में।

अगर सच्चाई है तेरे दिल में
तो जरूर दो बात कर लूंगा
बढ़ा दो हौसला तालियों से
इस मंच पर गीतों की बरसात कर दूँगा

तो इसी के साथ आपकी जोरदार तालियों के साथ मंच पर आ रहे हैं पहली प्रस्तुति के लिए प्रतिभागी डांस लेकर

डांस💃💃💃💃💃💃
Male/Female डांस प्रस्तुति समापन

अगर डांस प्रतिभागी Female हैं तो ये शायरी बोलें

कम नहीं ये किसी से
साबित कर दिखलाएंगी
खोल दो बन्धन
बेटियां हर मंजिल पा जाएंगी

Really wonderful performance एक बार जोरदार तालियां हो जाए इस प्रस्तुति के लिए वास्तव में इन बेटियों में वह सामर्थ्य है जिसके बलबूते आज उन्होंने समाज में अपना स्थान बना लिया महिला दिवस के इस मौके पर हम प्रण लें इन बहन बेटियों के सम्मान का।

भाषण

अपनी भावनाओं को प्रकट करना यानी अपने विचारों को भीड़ में प्रस्तुत करना आज के युग में जरूरी हो चुका है। मंच का आत्मविश्वास आज के समय में एक जरूरत बन गई है।मंच के माध्यम से ही हमें विवेकी लोगों से जागरूकता और प्रेरणा मिलती है।बेटियों पर और नारी सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रकट करने के लिए आ रहे हैं मिस्टर…….एक बार तालियां जरूर बजा दीजिए

भाषण प्रस्तुति
भाषण समाप्त के बाद

डूबकर भी हम उभरना जानते हैं
और गिरकर भी संभलना जानते हैं
रोशनी है इसलिए अब तक चिरागों में
हम हवा का रुख बदलना जानते हैं

वास्तव में आज नारी (womens day) में वो जज़्बा है कि वह हवा का रुख बदल दे।बहुत ही अच्छी तरह से इन्होंने अपने विचार प्रकट किए । महान विभूति स्वामी विवेकानंद ने कहा है कुछ सच्ची,ईमानदार और ऊर्जावान महिलाएं (womens day) जितना कोई भीड़ एक सदी में नहीं कर सकती हैं उसके मुकाबले 1 वर्ष में कर सकती हैं ।

लघु नाटक

Womens DAY के हमारे कार्यक्रम की बहुत ही खूबसूरत शुरुआत हुई है। इसी कड़ी के चलते एक लघु नाटक हो जाए। आ रहे हैं हमारे कलाकार आपकी जोरदार CLAPPING के साथ

नाटक🕺
नाटक समापन पर शायरी

है अंधेरे बहुत तुम सितारा बनों
डूबतों के लिए तुम किनारा बनो
इस ज़माने में है बेसहारा बहुत
तुम सहारा ना लो बस सहारा बनो

समाज के लिए प्रेरणा से भरी इस प्रस्तुति के लिए एक बार जोरदार तालियां । जैसा कि मैंने शेर के माध्यम से कहा हम सहारा बने।घर में स्त्री एक सहारा होती है जिनकी बुनियाद पर खुशियों के महल बनते हैं। पुरूष नारी परस्पर एक दूसरे के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित हो।

महिला दिवस एंकरिंग स्क्रिप्ट

भारत देश विभिन्नता में एकता का प्रतीक माना जाता है।यहाँ भिन्न भिन्न संस्कृति, खान-पान पहनावा,भाषा है। हर क्षेत्र की अपनी संस्कृति भाषा एक अनूठापन लिए हुए है। अपनी संस्कृति से एक अलग ही लगाव होता है ।भारतीय नारी की भी अनूठी संस्कृति रही है, रविन्द्रनाथ ठाकुर ने कहा है पवित्र नारी सृष्टिकर्ता की सर्वोत्तम कृति होती है, वह सृष्टि के सम्पूर्ण सौंदर्य को आत्मसात् किए रहती है। अगली प्रस्तुति मंच पर लेकर आ रहे हैं नृत्य,नाटिका या गीत के माध्यम से हमारे प्रतिभागी आपकी जोरदार तालियों के साथ।

सांस्कृतिक विरासत प्रस्तुति
प्रस्तुति समाप्त के बाद

पति की दीर्घायु की कामना करती है
करवा चौथ के व्रत से साधना करती है
भारतीय संस्कृति की जीवंतता है ये
जहाँ नारी पति की आराधना करती है

बहुत ही अच्छी प्रस्तुति एक बार में जरूर कहना चाहूंगा कि भारतीय नारी ही संस्कृति, परम्परा और धार्मिकता को सँजोये हुए है।ऐसा देश जहाँ पति की आराधना होती है

कार्यक्रम को जारी रखते हुए अब मंच पर बुला रही हूं।आपकी जोरदार तालियों की बरसात के साथ ….……

कविता प्रस्तुति
कविता प्रस्तुति समापन

मेहंदी रोली कंगन का सिँगार नही होता
रक्षा बँधन भईया दूज का त्योहार नहीं होता
रह जाते है वो घर सूने आँगन बन कर
जिस घर मे बेटियों का अवतार नहीं होता

कविता की इस सुंदर प्रस्तुति से हम प्रेरणा लेकर बेटियों को ख़ूब पढ़ाएं।बेटी की शादी पर दहेज की बजाए उसे शिक्षा, स्वावलंबन और सफलता का दहेज दें, ताकि समाज में बेटी सम्मान से जी सके।

भाषण

फ़र्ज़ का एहसास होना चाहिए
कर्म अपने साथ होना चाहिए
कामयाबी चूमेगी हर कदम
विश्वास अपने पास होना चाहिए

ऐसे ही विश्वास के मालिक और आस्था के धनी जिन्होंने अपने विश्वास के बलबूते पर समाज में अपना विशेष स्थान बनाया है। आज वह विभूति हमारे इस सम्मानित मंच पर में मौजूद है। मैं बुलाना चाहूंगा आपकी तालियों की गड़गड़ाहट के साथ
आ रहे हैं मंच पर………….

सम्बोधन
सम्बोधन के बाद

नारी को दुनियां ने जब से सम्मान दिया है
नारी ने अपनी ताक़त को पहचान लिया है
अबला से बन गई है सबला देखो
सच है नारी ने जग पर बड़ा एहसान किया है

माननीय सर/मैडम ने महिलाओं के सम्मान (womens day) और उनके अधिकारों के बारे में जो कहा।हम धन्यवाद करते हैं।एक बार जोरदार तालियों से स्वागत कीजिये।

नारी (womens day) को समर्पित इस कार्यक्रम में अभी समय आ चुका है ऐसे व्यक्तित्व से मिलने का, जिनके विचारों में एक मार्गदर्शन है।भाव में प्रबलता है।(अगर नारी है तो कहिये हकीकत से रूबरू होने का समय है क्योंकि वो ख़ुद एक सफल नारी है हम बड़े खुशनसीब हैं कि आज उन्होंने हमारे कार्यक्रम में शिरकत की है। कहते हैं कि

कई बार ऐसे ही लोग हमें मिलते हैं ।हमारे बीच विराजमान होते हैं तो हमारे लिए प्रेरणा बन जाती है।

आपकी सम्मान भरी तालियों के साथ आ रहे हैं मंच पर आज के हमारे मुख्य अतिथि………….जोरदार तालियों से स्वागत कीजिए

उद्बोधन
उद्बोधन के बाद

नारी तुम प्रेम हो
आस्था हो विश्वास हो
टूटी हुई उम्मीदों की
एकमात्र आस हो

बहुत सुंदर सन्देश के लिए एक बार करतल ध्वनि हो जाए गांधी जी ने कहा है कि जीवन में जो कुछ पवित्र और धार्मिक है, स्त्रियां (womens day) उसकी विशेष संरक्षिकाएं है। घर के आँगन की सिंगार स्त्री से ही हमारी संस्कृति है।

समापन

इसी के साथ हमारे कार्यक्रम का समापन हो रहा है

अगर दुनिया में मोहब्बत के कारोबारी रहेंगे
तो कामयाबी के सफर यूं ही जारी रहेंगे
याद रहेंगे आपके साथ बीते ये अद्भुत पल
इस हाजिरी के लिए हमेशा आपके आभारी रहेंगे

माननीय मुख्य अतिथि और प्रांगण में मौजूद सभी सम्मानित जनों का आभार प्रकट करता हूँ जो आज आपने महिला दिवस (womens day) के इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई

जैसे पूनम की रात रोशन होती है
वैसी आस आज हर दिल में जगी है
सलामत रहे आपका ये उज्ज्वल व्यक्तित्व
आपके आगमन से इस आंगन की शान बढ़ी है।

धन्यवाद

समाज निर्माण में भी नारी की भूमिका अहम रही है

मै धरती की धरा हूँ
मै अम्बर का आसमान
कहने को मै बेटी हूँ
पर हूँ हर घर की पहचान

जब से हमें स्वराज्य प्राप्ति हुई है, हमारे देश ने चहुंमुखी विकास किया है। स्वराज्य प्राप्ति के बाद नारी शक्ति (womens day) में भी आत्मनिर्भरता, स्वावलंबन की भावना जागी है। जहां आज़ादी से पूर्व स्त्री को पुरुष की तुलना में कम समझा जाता था।घर की दहलीज के अंदर ही स्त्रियों का संसार होता था। आज़ादी के बाद बाबा साहेब आंबेडकर जैसी विभूतियों ने नारी (womens day) की स्वतन्त्रता, सशक्तिकरण के लिए कानून बनाए।नारी के लिए समाज में भी जागरूकता आई और जैसे जैसे बेटियों के पंख खुले, आज नारी शक्ति बुलंदियों को छू रही है।

इसे बेटा बना पा लो ये इतिहास छू लेगी
करो विश्वास बेटी पर ये विश्वास छू लेगी
कभी जीवन में बेटी को नजरअंदाज मत करना
जरा से पंख खोलोगे ये आकाश छू लेगी

आज नारी ने भारत के विकास को गति देने का कार्य किया है।हालांकि भारत में नारी जगत का इतिहास स्वर्णिम रहा है। 1831 में जन्मी सावित्री बाई फुले ने बालिका शिक्षा के लिए जो किया वह किसी चमत्कार से कम नहीं था।राष्ट्र निर्माण में सावित्री बाई का नाम हमेशा अमृत के समान रहेगा। इसके बाद रानी लक्ष्मी बाई का शौर्य और स्वाभिमान भारतीय नारी की महानता का परिचय देता है जिसने अपनी ममता को पीठ पर बांधकर फिरंगियों से लोहा लिया। इसके बाद सरोजिनी नायडू, iron lady इंदिरा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, सोनिया गांधी, जयललिता और वर्तमान में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरह हर क्षेत्र में कितनी ही नारियां हुई जिन्होंने भारत को हर क्षेत्र में सफलताएं प्रदान की है।

स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद इतने अल्प समय में नारीशक्ति (womens day) का राष्ट्र निर्माण में ही केवल योगदान नहीं अपितु भारत की बेटियों देश का स्वाभिमान जगाया है। ओलम्पिक हो, राष्ट्रमंडल खेल हो या अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता हो, हर खेल में बेटियों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। आईटी के क्षेत्र में, देश के शीर्ष प्रशासनिक पदों पर, शिक्षा के क्षेत्र में नारी शक्ति पुरुष को पछाड़ रही है। मेरे वक्तव्य की समय सीमा होने के कारण नारी सशक्तिकरण पर अनेकों मिसाल नहीं दे पाऊंगी, पर मेरे मन में राष्ट्र निर्माण में एक स्त्री की महिमा के भाव अति प्रबल हैं।

एक बात और कहना चाहूंगा की वर्तमान में लड़कियों का शिक्षा परिणाम लड़कों से बेहतर है।किसी छोटे बड़े राजकीय पद के लिए परीक्षा या साक्षात्कार हो तो नारी पीछे नहीं है। राजनीति में महिला शक्ति (womens day) की पूरी भागीदारी है। घर द्वार, चौखट,बच्चों का पालन पोषण, गृहस्थ जीवन के दायित्व को निभाते हुए भी जब हर क्षेत्र में नारी पुरुष के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चल रही है तो ये स्पष्ट है कि वर्तमान में राष्ट्र निर्माण में स्त्री के केवल योगदान की ही बात करना अनुचित होगा बल्कि ये कहें की आज नारी शक्ति भारत के निर्माण का आधार बन चुकी है।

मेरा यह संदेश जहां तक जाता है मैं भारत की हर बेटी, बहन, नारी को कहूंगी की वह हमेशा अपने अथक प्रयासों से राष्ट्र निर्माण में इसी तरह अग्रसर रहे। अपने स्त्रीत्व से परिचित होकर दुनियां के लिए प्रेरणा बनें। बेटियों की शिक्षा दीक्षा के लिए हमेशा अग्रणी रहे। ताकि नारीशक्ति भारत के भविष्य को उज्ज्वल करती रहे।

मीरा की वीणा कल्पना की उड़ान है
झांसी की रानी मदर टेरेसा सी दिकपाल है
नारी की कोख से ही जन्मते हैं महान पुरुष
इसलिए नारी तू पुरुष से महान है

अगर नारियों का सम्मान (womens day) समारोह है। महिला दिवस पर किसी विशेष प्रतिभाशाली नारी को बेटियों को सम्मानित किया जाना है तो आप उनको भी सम्मान के साथ मंच पर सम्मानित करवाइए बीच-बीच में आप इन शब्दों का इन विचारों का प्रयोग कर सकते हैं। भाषण या प्रस्तुतियों के साथ ये बातें बोलते रहें

नारी में त्याग एवं उदारता है इसलिए वह देवी है ।परिवार के लिए तपस्या करती है।इसलिए उसमें तापसी है।उसमें ममता है इसलिए मां है। क्षमता है इसलिए शक्ति है। किसी को किसी प्रकार की कमी नहीं होने देती इसलिए अन्नपूर्णा है। किसी युग में नारी का निरादर हुआ ।उस युग एवं समूचे राष्ट्र को इसका मूल्य चुकाना पड़ा। जिस प्रकार रामायण काल और महाभारत काल में सीता और द्रोपदी पर समाज में प्रश्न चिन्ह लगाए तो उसकी कीमत समाज को ही नहीं बल्कि युग को चुकानी पड़ी, नारी की प्रकृति ईश्वरीय है ,इसमें कोई शक नहीं है ।वह पक्षी की तरह आकाश में आजादी से उड़कर या घूम कर इतनी खुश नहीं होती जितनी खुश पति परिवार और बच्चों के साथ बन्ध कर रहती है।

महाभारत में विदुर जी ने कहा है घर को उज्जवल बनाने करने वाली और पवित्र आचरण करने वाली महा भाग्यवती नारी पूजा करने योग्य है क्योंकि वह घर की लक्ष्मी कही गई है। अतः उनकी विशेष रूप से रक्षा करें। नारी ही परिवार और समाज के केंद्र बिंदु है। किसी भी मैं किसी भी मैं किसी समुदाय की प्रगति उस समुदाय में महिलाओं द्वारा की गई प्रगति से मानता हूं. बाबासाहेब अंबेडकर, पुरुष अपना भाग्य नियंत्रित नहीं करते। उसके जीवन में मौजूद औरत अपने गुणों से उसके लिए भाग्य निर्माण करती है। कार्ल मार्क्स

“हम प्राचीन भारत के नारियों (womens day) को आदर्श मानकर ही नारी का उत्थान और सशक्तिकरण कर सकते हैं।स्वामी विवेकानंद

गांधी जी ने कहा है”एक आदमी को पढ़ आओगे तो एक ही व्यक्ति शिक्षित होगा। एक स्त्री को पढ़ आओगे तो पूरा परिवार शिक्षित होगा ।”

(womens day)

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