विद्यालय के वार्षिक उत्सव में स्कूल के निदेशक का भाषण अति जरूरी होता है। ज्यादातर निदेशक वेलकम स्पीच देते हैं। जिसमें अतिथियों के वेलकम संबोधन के साथ बच्चों के अभिभावकों के लिए भी कुछ बातें कहनी ज़रुरी है। स्कूल के निदेशक को इतना ध्यान रखना चाहिए की एनुअल फंक्शन में आपके पास अपने विचार रखने का एक सुनहरा अवसर होता है। इसलिए आप वार्षिक उत्सव की मंच पर संक्षिप्त ,सुंदर और स्पष्ट बात करें। जो सभी को अच्छी लगे। निदेशक द्वारा दिया जाने वाला एक भाषण मैंने लिखा है। आप यह देख सकते हैं।
जीवन जितना सजता है
मां-बाप के प्यार से
उतना ही महकता है
गुरु के आशीर्वाद से
सर्वप्रथम विद्या के इस मंदिर में विद्या की देवी मां शारदा को नमन करती हूं। स्कूल के वार्षिक उत्सव में हमारे बीच उपस्थित आज के हमारे माननीय मुख्य अतिथि महोदय माननीय श्री…….., विशिष्ट अतिथि श्री …….., स्कूल के टीचर्स, बच्चों के अभिभावक एवं सभी विद्यार्थियों का स्वागत करती हूं। कोई भी इंसान जब एक लक्ष्य लेकर चलता है तो उस लक्ष्य के पीछे कोई ना कोई सोच होती है। मैंने भी लगभग 25 वर्ष पहले एक सपने के साथ इस शिक्षण संस्थान की शुरुआत की थी।
मेरी एक सोच थी की मैं अपने स्कूल के माध्यम से कम फीस में शिक्षा का प्रचार प्रसार कर सकूं। और मैं आपको एक बात स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगी कि हमारे विद्यालय की जितनी फीस है उतना खर्च तो कुछ विद्यालयों की केवल ड्रेस और बुक्स में ही हो जाता है। और आए हुए अभिभावकों से एक विशेष बात कहना चाहूंगी कि स्कूल में सबसे महत्वपूर्ण पढ़ाई होती है। इसलिए स्कूल की विशेषता ज्यादा महंगी ड्रेस में ,महंगी पुस्तकों या परिवहन की सुख सुविधा में या बड़ी-बड़ी इमारतों से नहीं बल्कि स्कूल के कुशल शिक्षण कार्य से होती है।
जीवन और चरित्र का गठन करते हैं
आओ ऐसी शिक्षा के लिए यत्न करते हैं
स्कूल का मुख्य कार्य है बच्चों को शिक्षित और संस्कारी बनाना। इसके लिए हमारा विद्यालय हमेशा प्रतिबद्ध है।बच्चों की फीस को लेकर अभिभावकों को किसी तरह का डाउट नहीं है।निर्धन परिवार के बच्चे भी हमारे विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अगर एक स्कूल हर वर्ष एनुअल फंक्शन करता है तो इस बात को ध्यान रखें कि एनुअल फंक्शन का खर्चा बच्चों के अभिभावको पर ही पड़ता है। इस बार हमने ये वार्षिक उत्सव इसलिए रखा कि आपके साथ शिक्षा को लेकर कुछ बातें स्पष्टता से की जा सके।
विद्यालय में कुशल स्टाफ के साथ-साथ हर एक्टिविटी पारदर्शी है। आपके बच्चों की शिक्षा दीक्षा और टैलेंट से ही आज शिक्षण संस्था सफल है। समय-समय पर शिक्षा के साथ-साथ प्रश्नोत्तरी, मेहंदी एवं हमारे त्योहार पर विभिन्न एक्टिविटीज होती रहती है जिसे बच्चों का टेंलेंट निखरता है।
शिक्षा का जन्मदाता है
राष्ट्र का निर्माता है
शिक्षक से रोशन होता जहां सारा
शिक्षक ही भाग्य विधाता है
एक शिक्षक शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थी को जीवन संग्राम में सफल बनाता है। जब यह विद्यालय नहीं बना था तो मैं अक्सर मैंने देखा की विद्यालयों में बच्चों को प्रैक्टिकल नॉलेज की कमी रहती है। इसके साथ-साथ बच्चों की फाऊंडेशन स्टडी की और ध्यान नहीं दिया जाता। जिसकी वजह से हमेशा इंटेलिजेंट रहने के बावजूद भी बच्चों को करियर के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
हमने इन 6 वर्षों में बच्चों के बेस को स्ट्रांग बनाने से लेकर प्रैक्टिकली एजुकेशन के लिए काम किया है। इसी का परिणाम है कि आज हमारे पास …… बच्चों की स्ट्रेंथ है।
हमारे बच्चों के अभिभावक हमारे कार्य से संतुष्ट हैं। फिर भी एक बार पुनःआपको अवगत करवाना चाहूंगा की हमारे पास वेल क्वालिफाइड और डेडिकेटेड टीचर्स हैं। हमारे इन टीचर्स के कारण ही इस विद्यालय का वजूद है। इस विद्यालय का नाम क्रिस्टल इसलिए रखा गया क्योंकि क्रिस्टल का मतलब है, कुशल और पारदर्शी। विद्यालय में कुशल स्टाफ के साथ-साथ हर एक्टिविटी पारदर्शी है। आपके बच्चों की शिक्षा दीक्षा और टैलेंट से ही आज शिक्षण संस्था सफल है।
आए हुए अभिभावकों से मेरा एक निवेदन है की आप अपने बच्चों के साथ एक रिलेशन मेंटेन कीजिए। अपने बच्चों के साथ बैठिए और उसके स्कूल,शिक्षा, मित्रों और व्यवहार को लेकर चर्चा कीजिए। बच्चों के साथ यह बॉन्डिंग आपके बच्चों का भविष्य संवार देगी। हमने विशेष रूप से इस पर ध्यान दिया है। हम प्रयास करते हैं कि हमारे टीचर्स और स्टूडेंट्स की आपस में एक बॉन्डिंग बनें। इससे टीचर को अपने स्टूडेंट को समझने मैं आसानी रहती है और स्टूडेंट अपने टीचर से डरने की बजाय खुले मन से ज्ञान और व्यवहार पर चर्चा कर सकता है।
इसलिए हम समय-समय पर अपने टीचर्स के साथ इस तरह की चर्चा और मीटिंग करते हैं। ताकि हम इन बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर से बेहतर कर सके। हमारे स्कूल के जो दायित्व हैं उन्हें हम पूरा करेंगे और अभिभावकों से कहूंगी कि आपका दायित्व है कि आप घर में बच्चों के दोस्त शिक्षक बनिए। अगर आप घर में बच्चों को समय देंगे तो इससे टीचर्स को बहुत हेल्प मिलती है। पेरेंट्स और टीचर्स के तालमेल से ही बच्चों में एक सफल व्यक्तित्व का निर्माण होगा। आशा करती हूं आप सही अर्थों में अपने बच्चों को शिक्षित करने के लिए प्रेरित होंगे।
इन शब्दों के साथ आज के हमारे माननीय मुख्य अतिथि महोदय आदरणीय श्री…… जी का हमारे स्कूल परिवार की ओर से विशेष रूप से स्वागत करती हूं, जो आज आप हमारे बच्चों को आशीर्वाद देने पहुंचे। विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आए हुए अतिथियों एवं बच्चों के अभिभावकों का हार्दिक वेलकम करती हूं,जो आपने आज इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। एक बार पुनः आप सभी का वेलकम, स्वागत ,अभिनंदन धन्यवाद।