मंच पर बोलने के लिए सबसे इंपॉर्टेंट है आपकी सोचने की क्षमता। किसी भी विषय,विचार के बारे में आप जितना समग्रता से सोच पाते हैं, उतना ही अच्छा बोल पाएंगे। अगर आपमें छोटी सी बात को भी अच्छे लहजे और उदाहरण के साथ खूबसूरती से बोलने की क्षमता हो,तो आपको लगेगा कि ज्ञान से अधिक सोचने की क्षमता काम करती है। इतना जरूर है कि आपके पास अच्छी शायरी शब्दावली होनी चाहिए, ताकि सुनने वाले बोर ना हो। इसलिए आपके पास शिक्षा शायरी, शिक्षक शायरी, मोटिवेशनल शायरी, बच्चों के लिए शायरी, बेटी के लिए शायरी जैसा संकलन होना चाहिए। स्कूल की सुबह की सभा (Assembly) में भाषण बोलना हो तो मैंने यह दो-तीन स्पीच लिखे हैं,आप उनके साथ अपने विचार भी ऐड कर सकते हैं।
Morning Assembly Speech
परिंदों का संगीत रहनुमाई दे आपको
कायनात की पवित्र गूंज सुनाई दे आपको
खुशियों से भरा रहे आपका आज का दिन
सूरज की पहली किरण बधाई दे आपको
सबसे पहले आप सभी को आज के शुभ दिन की हार्दिक शुभकामनाएं। हमारे विद्यालय की मॉर्निंग असेंबली में उपस्थित ऑनरेबल प्रिंसिपल सर, रेस्पेक्टेड टीचर्स और सभी स्टूडेंट्स का वेलकम करती हूं।
आज मुझे हमारी असेंबली बोलने का अवसर मिला है। मुझे विश्वास है कि आज मुझे कुछ नया सीखने को मिलेगा। मेरी कोशिश रहेगी कि आप भी मेरी बातों में रूचि लेंगे। सबसे पहले तो कहना चाहूंगा कि स्कूल एक ऐसा स्थान है, जहां हम सबसे ज्यादा सीखते हैं। एक टीचर हो या स्टूडेंट ,अगर ठान ले की स्टडी के साथ-साथ मैं अपने विद्यालय की हर एक्टिविटी में अपनी भूमिका निभाऊंगा।तो वह इंसान अपने आपको बेहतर से बेहतर बना सकता है।
सीखने में गुज़ारो तो किताब है ज़िंदगी
दिखावे में गुज़ारो तो बर्बाद है ज़िन्दगी
हम हमेशा नया सीखने के लिए तैयार रहें। मगर कई बार यह देखकर बड़ा दुख होता है की कुछ विद्यार्थी अपना होमवर्क भी पूरा नहीं कर पाते। कुछ ऐसे भी विद्यार्थी हैं जिनके लिए अनुशासन में रहना बहुत मुश्किल है।
एक बात मैं आपको बता देता हूं कि आज नहीं तो कल आपको खुद के प्रति एवं अपने समाज ,परिवार के कर्तव्यों के प्रति अनुशासित होना ही होगा। क्यों ना आज ही आप अपने आप को अनुशासित करें। आप अपने छोटे-छोटे प्रयासों से अपने आपको एक आदर्श विद्यार्थी के रूप में देख सकते हैं। अपनी स्टडी के लिए आप प्रयास करें की अधिक से अधिक अध्ययन करें। फिर भी मैं कहूंगा कि आप अपने बौद्धिक स्तर से 65,70% अंक भी लेते हैं तो आप पीछे नहीं रहेंगे। मगर इसके लिए शर्त यही है की समय के साथ आपको परिवर्तन करना ही होगा। आपकी वाक शैली, शारीरिक हाव-भाव एवं दूसरों के प्रति आपकी मानसिकता जैसी बातें आपके परवरिश की सबूत होती है।
हर पल ख़ुद में सुधार करते रहिए
उम्र के साथ संस्कार मजबूत होते हैं
सलीके से कीजिए शब्दों का इस्तेमाल
यह परवरिश का बेहतरीन सबूत होते हैं।
जीवन में इंजॉय भी स्टूडेंट लाइफ में ही होता है ।इसलिए आप जीवन को खुलकर जीएं । मगर अपने टारगेट को हमेशा अपनी आंखों के सामने रखना। मैंने ऐसे अनेक स्टूडेंट देखे हैं जिन्होंने स्टूडेंट लाइफ को एंजॉय किया है और आज वह बड़ी सफलता के पथ पर अग्रसर हैं।
फ़र्ज का एहसास होना चाहिये
कर्म अपने साथ होना चाहिए
कामयाबी चूमेगी हर क़दम
विश्वास अपने पास होना चाहिये
सफलता का बस एक ही सूत्र है अनुशासन ,सही दिशा और सुपर सकारात्मक सोच। आपको सही दिशा मिल चुकी है।अब आप पर निर्भर है कि आप अपनी सोच और मेहनत से कितनी बड़ी सफलता अर्जित करते हैं। जीवन में सफल होने के लिए जरुरी है कि हम अपने गुरू, शिक्षक, आदर्शो के प्रति दिल में श्रद्धा रखें। इन्हीं शब्दों के साथ मैं आशा करती हूं कि आप अनुशासन के साथ-साथ अपने लक्ष्य में सफल होने के लिए जी तोड़ मेहनत करेंगे। अपनी शिक्षा- दीक्षा का कार्य लगन से करेंगे। इन्हीं शब्दों के साथ एक बार फिर से आपको आज की सुबह की हार्दिक शुभकामनाएं।
धन्यवाद
मॉर्निंग असेंबली भाषण 2
कितना प्यारा नवजीवन का साया है
एक नई सुबह नहीं फिर हमें बुलाया है
सबसे पहले आप सभी को आज के शुभ दिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आज की मॉर्निंग असेंबली में उपस्थित ऑनरेबल प्रिंसिपल सर, रेस्पेक्टेड टीचर्स और सभी स्टूडेंट्स का वेलकम करती हूं।
सबसे पहले तो कहना चाहूंगा कि स्कूल एक ऐसा पावन स्थल है, जहां हम जीवन का पाठ सीखते हैं। सुबह-सुबह मॉर्निंग असेंबली में ईश्वर से हमारी यही प्रार्थना होती है कि हमें जो मिला है उसके लिए हम एहसानमंद हैं, ईश्वर का धन्यवाद करते हैं।
जो दिया खुदा ने, करो कबूल
कभी-कभी कांटों में भी खिल जाते हैं फूल
शिक्षा के बारे में मेरा सोचना है कि संस्कारों के बिना शिक्षा अधूरी है। संस्कार का अर्थ है मन मस्तिष्क का पवित्र होना। इंसान का मन पवित्र होगा तो उसकी शिक्षा का लक्ष्य मानवता का कल्याण होगा। संस्कारों से ही एक आदर्श विद्यार्थी की पहचान होती है। हमारी आदतों से ही हमारे संस्कार बनते हैं, इसलिए हम अच्छी आदतें अपनाएं। सुबह नींद खुलते ही प्रभु का धन्यवाद करें। अपने पूर्ण शरीर के लिए बोलें की मैं प्रभु का धन्यवाद करता हूं जो मुझे सुंदर और स्वस्थ शरीर मिला है। इस तरह से एक दो मिनट के लिए हर उस चीज के लिए थैंक्स करें जो हमें सुविधा के रूप मिली है।
जीवन और चरित्र का गठन करते है
आओ ऐसी शिक्षा के लिए यत्न करते हैं
यानी हम ऐसी शिक्षा के लिए संकल्पित हों,जो शिक्षा हमें मानव बनाए।आप अपने छोटे-छोटे प्रयासों से अपने आपको एक आदर्श विद्यार्थी के रूप में देख सकते हैं। समय के साथ अच्छी सोच विकसित करें। इंसान की वाक शैली, शारीरिक हाव-भाव एवं दूसरों के प्रति सोच, जैसी बातें उसके परवरिश की सबूत होती है।
हर पल ख़ुद में सुधार करते रहिए
उम्र के साथ संस्कार मजबूत होते हैं
सलीके से कीजिए शब्दों का इस्तेमाल
यह परवरिश का बेहतरीन सबूत होते हैं।
और जैसा कि मैं शुरू में कहा था कि हम प्रभु की बनाई सृष्टि का धन्यवाद करें। खुद से प्यार करें। जीसस ,नानक देव, कृष्ण जैसे महापुरुषों के विचारों को मन में धारण करें। इन विचारों से हम जीवन जीने की कला सीखतें हैं। स्टूडेंट लाइफ से ही अगर ऐसी आदतें बन जाए तो महान सफलताएं अर्जित होती है। जीवन में इंजॉय भी स्टूडेंट लाइफ में ही होता है । इसलिए आप जीवन को खुलकर जीएं । मगर मर्यादा और अपने लक्ष्य को हमेशा अपनी आंखों के सामने रखें। मैं आशा करती हूं कि हम शिक्षा के साथ-साथ अपनी अच्छी आदतों और संस्कारों का निर्माण करेंगे। अच्छे इंसान बनकर दूसरों के लिए प्रेरणा बनेंगे।
इन्हीं शब्दों के साथ एक बार फिर से आपको आज की सुबह की हार्दिक शुभकामनाएं।
धन्यवाद
Morning assembly motivational Speech 3
आओ प्रभु से हम दुआ मांगे
जिंदगी जीने की अदा मांगे
अपनी खातिर तो बहुत मांगा है
आओ आज सबके लिए भला मांगें
सबसे पहले विद्या के इस मंदिर में विद्या की देवी मां सरस्वती को प्रणाम करता हूं। सुबह की सभा में उपस्थित माननीय डायरेक्टर सर, आदरणीय प्रिंसिपल सर, सभी शिक्षक गण और स्टूडेंट का अभिवादन करता हूं। हमारे विद्यालय की मॉर्निंग असेंबली में आज मुझे बोलने का अवसर मिला है।इसके लिए आदरणीय प्रिंसिपल सर और टीचर्स का धन्यवाद करता हूं।
मेरे वक्तव्य का विषय है हम अपनी ज़िम्मेदारियों को समझें। जिम्मेदारियां ही इन्सान को सफल बनाती हैं। अगर हमारे शिक्षकों का दायित्व है कि हमें लगन से पढ़ाएं तो यहां हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम भी अनुशासन में रहते हुए अपनी शिक्षा के लिए मेहनत करें।
हमारे माता-पिता का दायित्व है कि हमें पढ़ने के लिए स्कूल भेजें। हमारी जरूरतों को पूरा करें। इस पर हमारी भी रिस्पांसिबिलिटी बनती है कि हम अपने मां बाप के प्रति निष्ठावान रहें। मेहनत और लगन से पढ़ते हुए अपने माता- पिता के सपनों को पूरा करें। इस तरह देखा जाए तो अपनी स्कूल ड्रेस, कपड़े ,जूते ,स्कूल बैग, पुस्तकों के रखरखाव से लेकर खुद की और आसपास की स्वच्छता रखने जैसी अनेक जिम्मेदारियां हमें स्कूल लाइफ से ही निभानी होती है। स्कूल में अनुशासन रखना, अच्छे शब्दों का प्रयोग करना, क्लासरूम में मार्कर, ब्लैकबोर्ड, डस्टर ,बैच जैसी चीजों का सम्मान और व्यवस्थित रखना एक विद्यार्थी की जिम्मेदारी होती है।
सोच अच्छी होगी तो
भावनाएं पवित्र होंगी
पवित्र भावनाएं
उच्च दृष्टिकोण को जन्म देती है
उच्च दृष्टिकोण से ही
अच्छी आदतों का निर्माण होता है
और अच्छी आदतों से ही
इंसान भाग्यशाली बनता है।
इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि हम अपनी शिक्षा,परिवार , स्कूल , शिक्षकों और स्वयं के प्रति अच्छी सोच रखें। हमारी इसी सोच से हम सफल इंसान बनेंगे। जीवन में निरंतर छोटी-छोटी अच्छी आदतें ही बड़ी सफलता का निर्माण करती है।
यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल
एक जुनून सा दिल में जागना पड़ता है
पूछा चिड़िया से कैसे बना आशियाना तो बोली
भरनी पड़ती है उड़ान बार-बार तिनका-तिनका उठाना पड़ता है।
अगर हम सफल होंगे तभी हम दूसरों को सफलता का रास्ता दिखा पाएंगे। एक सफल इंसान ही देश सेवा में अपना योगदान दे सकता है। इन्हीं शब्दों के साथ मैं आशा करता हूं कि हम अपनी ज़िम्मेदारियों को खुशी से निभाएंगे और सभी सफल होंगे।
एक बार फिर से आप सभी को आज के दिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आज का दिन आपका शुभ हो