समाज के कुछ विशिष्ट व्यक्तियों को गणतंत्र दिवस पर अक्सर आमंत्रण मिलता है। ऐसे में उन्हें भाषण की सख्त जरूरत होती है। कुछ विद्यार्थी भी अपने विचारों को भीड़ के सामने रखने के लिए प्रेरित होते हैं। इसलिए मैं कहना चाहूंगा की पहली बात तो आप 26 जनवरी के भाषण की खुद तैयारी करें ।कागज पर लेकर बैठे और जो आपके मन के अच्छे विचार हैं, उन विचारों के साथ देशभक्ति और संविधान की बातें जोड़कर अच्छा भाषण बनाइए। असल में खुद के विचारों से ही भाषण होता है। मैंने कुछ भाषण लिखे हैं।आप इन भाषण को पढ़कर अपना भाषण अच्छे से तैयार कर सकते हैं। भीड़ में बोलने की कला आपके अंदर होनी चाहिए और यह कला विकसित करने के लिए आप प्रेक्टिस करें और इसके साथ-साथ हमारे youtube channel चैनल Swami Ji और swamiji politics को सब्सक्राइब करके वीडियो देखते रहें। नीचे लिखे भाषण 26 जनवरी पर बोल सकते हैं।
नगर पालिका गणतंत्र दिवस संबोधन
यूँ ही नहीं इस देश में
खुशियों के चमन खिलतें है
जरा आँख उठाके देख ऐ विश्व
यहाँ दीप नहीं दिल जलतें हैं
सबसे पहले हमारे संविधान निर्माताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं। गणतंत्र दिवस के इस कार्यक्रम में उपस्थित नगर पालिका के अध्यक्ष माननीय श्री…….., आदरणीय अधिकारी गण और सभी कर्मचारियों का स्वागत एवं गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं करता हूं।
देश की आजादी के बाद हमारे संविधान निर्माताओं बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभाई। देश को पूर्ण रूप से संप्रभु बनाने के लिए संविधान लिखा गया और 26 जनवरी 1950 को देश लोकतंत्रात्मक गणराज्य बना।देश में हर वर्ग,जाति, धर्म के लोगों को अवसर की समता और जीने का अधिकार मिला। देश के हर नागरिक को पूर्ण रूप से राजनीतिक अधिकार मिले।हम हमेशा हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और गणतंत्र के संस्थापक को याद रखें व उनके सपनों के भारत का संकल्प लें ।
आजादी नाम में नहीं ईमान में है
हर नागरिक के सच्चे सम्मान में है
हर भारतवासी अपने फर्ज निभाए
मेरे देश की महानता इस विधान में है
हमारे इस नगर परिषद परिवार के सदस्यों को यही कहूंगा कि हम अपने कर्तव्यों को निष्ठा से निभाएं।निष्ठा से काम करना ही देश के विकास में अपना योगदान है। विशेष रूप से हमारे अध्यक्ष महोदय माननीय श्री ……और वरिष्ठ अधिकारी श्री …..जी के बारे में कहना चाहूंगा कि हम इनके मार्गदर्शन पर चलें। एक मुख्य व्यक्ति का कुर्सी पर बैठकर काम करवाना आसान नहीं होता। बड़े पद के साथ बड़ी जिम्मेदारियां होती है जिन्हें समझते हुए हम अपने दायित्व को बेखुदी निभाते रहें। डॉ भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि संविधान व्यक्ति के हृदय की बात है।अगर भारत के हर नागरिक के हृदय में इंसानियत है तभी संविधान का पालन होगा।
इस स्थान पर ड्यूटी करते हुए मुझे …. वर्ष हो चुके हैं। यहां आपसी सहमति और सहयोग से कार्य होते हैं। यह आप सभी लोगों का प्यार और तालमेल है। और कहना चाहूंगा कि यही भारत है।
अपनी जान के दुश्मन को भी
हम अपनी जान कहते हैं
मोहब्बत की इसी मिट्टी को
हिंदुस्तान कहते हैं
गणतंत्र दिवस के इस पावन पर्व पर यही कहना चाहूंगा कि हम इसी तरह से आपस में प्रेम और सहयोग से अपना दायित्व निभाते रहें। आज के आयोजन के लिए सभी का आभार प्रकट करता हूं। हमारे अध्यक्ष महोदय श्री ……का विशेष रूप से धन्यवाद करता हूं जो हर कार्य में पूरी लगन और निष्ठा से सहयोग करते हैं। एक बार फिर से आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।अपने वक्तव्य के समापन पर दो पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूं।
चिंतन करो मनन करो
नव भावना के कमल दो
नूतन व्यवस्था दो न दो
तुम दुर्व्यवस्था बदल दो
जय हिंद जय भारत
मुखिया के लिए 26 January speech
सबसे पहले हमारे देशभक्तों और गणतंत्र के संस्थापकों को नमन करता हूं। मंच पर उपस्थित माननीय मुख्य अतिथि महोदय, विशिष्ट अतिथि, आदरणीय बुजुर्ग, माता बहनों ,युवाओं एवं प्रिय विद्यार्थियों का अभिवादन करता हूं।
आज पूरे देश में 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। हमारे लिए अपार हर्ष का विषय है कि देश ने इन 74 वर्षों में हर क्षेत्र में विकास किया है। इसके लिए हम अपने देशभक्तों और संविधान लिखने वाले महापुरुषों को हमेशा याद रखें।
मेरा बोलने का अनुभव इतना ज्यादा नहीं है इसलिए मैं एक दो बातें ही आपके सामने रख पाऊंगा। सबसे पहले में यह कहूंगा कि शिक्षा से ही एक परिवार, गांव, प्रांत,देश का विकास होता है। इसलिए सभी बच्चे मन लगाकर पढ़ाई करें।विशेष करके बहन बेटियों के लिए कहना चाहूंगा कि एक नारी के लिए शिक्षा ही वह हथियार है जिससे वह अपनी बेड़ियों को काट सकती है। इसलिए अभिभावकों से कहना चाहूंगा कि वे अपनी बेटियों को पढ़ाने में कोई कमी न छोड़ें।
नई उम्र के विद्यार्थी नशे से दूर रहे। नशे से ही देश की युवा शक्ति पतन की ओर जा रही है। आप अनुशासन और निष्ठा के साथ पढ़े। अपने शिक्षकों के ज्ञान का लाभ उठाएं। अगर आप और हम अनुशासित रहेंगे।तभी देश में अनुशासन होगा। देश में व्यवस्था की जिम्मेदारी हमारे अपने घर,पड़ोस,स्कूल से शुरू होती है।
इसलिए अच्छी आदतें अपनाएं।अपने अपने आसपास स्वच्छता रखें। बड़े बुजुर्गों के प्रति आदर सम्मान का भाव रखें। इसके साथ-साथ स्कूल प्रशासन का धन्यवाद करता हूं जो आपने मुझे इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया। बच्चों ने कम समय में बहुत अच्छी तैयारी के साथ खूबसूरत प्रस्तुतियां दी इसके लिए इन बच्चों और इनके टीचर्स को बधाई देता हूं। इन्हीं शब्दों के एक बार फिर से आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय हिंद जय भारत
Republic day motivational Speech
कुछ करके दिखा इस दुनिया में काम बहुत है
इस दुनिया में जीतने के मुकाम बहुत है
सिकंदर वही है जो जीत के दिखा दे
वरना कोशिश करने वाले इंसान बहुत हैं।
सर्वप्रथम आप सभी को 75वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। गणतंत्र दिवस की शुभ बेला पर उपस्थित माननीय मुख्य अतिथि महोदय, विशिष्ट अतिथि, शिक्षक गण, आदरणीय बुजुर्ग ,मातृशक्ति और युवाओं का अभिनंदन करता हूं।
अपार हर्ष का विषय है कि गणतंत्र भारत के 74 वर्ष पूरे होने की खुशी में आज हम लोग यहां पर एकत्रित हुए हैं।हर जाति धर्म, बच्चे, बुजुर्गों ,युवाओं, नारी शक्ति का राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर एकजुट होना भारत की राष्ट्रीय एकता के दर्शन करवाता है। गणतंत्र के संस्थापकों का यही सपना था कि देश हमेशा एक भारत श्रेष्ठ भारत रहे।
गणतंत्र के इन 74 वर्षों में देश ने हर क्षेत्र में विकास किया है आज देश के युवा खेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, तकनीक जैसे हर क्षेत्र में विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रहे हैं। इसी से कहा जाता है कि भारतवर्ष एक युवा देश है।
आ गए यहां जवां कदम जिन्दगी को ढूंढते हुए
गीत गा रहे हैं आज हम रागिनी को ढूंढते हुए.
अब दिलों में ये उमंग है, ये जहां नया बसायेंगे
फूल हम नए खिलायेंगे ताजगी को ढूंढते हुए
युवा मन में नई उमंग,समृद्धि, सृजन और उत्सव होता है। जब जब देश पर विपत्ति आई देश के युवाओं ने देश को संभाला है। स्वतंत्रता आंदोलन हो या देश के तीव्र विकास की बात हो, युवा शक्ति ने देश के चरित्र को मजबूत करने का काम किया है। नई उम्र के विद्यार्थियों से एक बात यही कहना चाहूंगा कि इस उम्र में उत्थान पतन दोनों ही तेजी से होते हैं। अगर 15 से 18 वर्ष की आयु में खुद को सजग कर लिया तो जीवन तेजी से उत्थान की ओर बढ़ेगा। और अगर गलत आदतों में पड़ गए तो जीवन में तेजी से पतन होता है। यहां सिखाने वाली बात यह है कि इस आयु में ऊर्जा का आवेग बहुत तेज होता है।
दिखावे में गुजारो तो बर्बाद है जिंदगी
सीखने में गुजारो तो किताब है जिंदगी
इस उम्र में जरूरी है कि हम हमेशा सीखते रहें। अपने आप को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहें। गूगल कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई एवं नीरज चोपड़ा,अवनि लेखराज, रिंकू सिंह जैसे खिला़ड़ियों ने अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाकर देश को उन्नति की राह दिखाई। गणतंत्र भारत का चरित्र इसकी युवा शक्ति से ही मजबूत होगा। अगर देश में व्यवस्था है या दुर्व्यवस्था है,इसकी जिम्मेदारी हम पर है।
चिंतन करो मनन करो
नव भावना के कमल दो
नूतन व्यवस्था दो न दो
तुम दुर्व्यवस्था बदल दो
इसके लिए मैं यही कहूंगा कि हम अपने आप को अनुशासित, स्वावलंबी, कर्तव्यनिष्ठ और अच्छा इंसान बनाएं, यही राष्ट्रहित में बहुत बड़ा कदम होगा। एक जली हुई मोमबत्ती हजारों बजी मोमबत्ती जला सकती है। इसी तरह से एक अनुशासित युवा न जाने कितने लोगों को अनुशासन के रास्ता दिखा सकता है। इन्हीं शब्दों के साथ में आशा करता हूं की गणतंत्र दिवस के इस पावन पर्व पर हम अपने आप को एक अच्छा नागरिक बनाएंगे।यही हमारे स्वतंत्रता सैनानियों और संविधान के संस्थापकों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। एक बार पुनः आए हुए अतिथियों और उपस्थित सभी सुनने वालों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
जय हिंद जय भारत
मुख्य अतिथि महोदय का भाषण
वतन के लिए जीने वालों को
भारत भूमि पर जन्नत मिलती है
जब तिरंगा हाथ में होता है
तो हिम्मत मिलती है
सबसे पहले हमारे देशभक्तों और संविधान निर्माताओं को नमन करता हूं। राष्ट्रीय दिवस समारोह में उपस्थित आदरणीय प्रधानाचार्य श्री ….., शिक्षक गण, प्यारे बच्चों और ग्राम वासियों का अभिनंदन करता हूं।
आज के दिन भारत का संविधान लागू हुआ। हमारे महापुरुषों ने संविधान लिखा और हर भारतवासी को अधिकार मिले।हम अपने देशभक्ति और संविधान निर्माताओं को हमेशा याद रखें। मंच पर बोलने का अनुभव ज्यादा नहीं है,इसलिए बस एक दो बातें आपके सामने रखूंगा। एक तो सभी बच्चों से कहना चाहूंगा कि आप अपनी पढ़ाई लगन और मेहनत के साथ करें। डॉ भीमराव अंबेडकर ने कहा है कि शिक्षा ही आपके जीवन में बदलाव कर सकती है। शिक्षा से ही हम देश के विकास में योगदान दे सकते हैं। बच्चों के अभिभावकों से भी कहूंगा कि अपनी बेटियों को जरूर शिक्षित करें। समाज में जागरूकता के लिए महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरूरी है।
जीवन और चरित्र का गठन करते है
आओ ऐसी शिक्षा के लिए यत्न करते हैं
शिक्षा के साथ-साथ अच्छी आदतें अपनाएं। हमारा गांव एक परिवार की भांति है। गांव में स्वच्छता में सभी सहयोग करें। आपसी भाईचारा और शांति बनाए रखने में सहायक बनें। यह मेरे लिए सौभाग्य है की बात है की मुझे एक मुखिया के तौर पर सेवा का अवसर मिला है। मगर गांव में स्वच्छता शांति और अपने बच्चों को शिक्षित करने वाली जिम्मेदारी हम सभी की है। आपके सहयोग से ही गांव में व्यवस्था बनी रहेगी।
गांव की मिट्टी से खुशबू आती है
दिल में खुशी के फूल खिलाती है
ऐसी महिमा है मेरे गांव की
जहां सभ्यता जीना सिखाती है।
आज के कार्यक्रम के लिए स्कूल परिवार का धन्यवाद करता हूं। बच्चों ने बहुत अच्छी प्रस्तुतियां दी, इसके लिए इनके टीचर्स और इन बच्चों को बधाई देता हूं। आप इसी तरह इन बच्चों को शिक्षित करते रहें। आपके मार्गदर्शन और साथ से हमारे गांव के विद्यार्थी अपने सपनों को पूरा करेंगे। आप लोगों ने मुझे इतना सम्मान और स्नेह दिया,इसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। एक बार पुनः आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय हिंद जय भारत