Ramleela Script | रामलीला मंच संचालन स्क्रिप्ट

Share the Post

भारत देश विविधता में एकता का प्रतीक माना जाता है। हमारे भारतीय लोगों में धार्मिक आस्थाएं अति प्रबल हैं। हर प्रांत के अपने अलग विश्वास ,पूजा ,आस्थाएं एवं त्यौहार हैं। दिवाली का त्यौहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। दिवाली से 20 दिन पूर्व विजयदशमी का त्यौहार मनाया जाता है। दशहरे के दिन भगवान श्री राम ने लंका पति रावण को मारकर विजय प्राप्त की थी। दशहरे के उपलक्ष में ही रामलीला (Ramleela) का आयोजन होता है। दशहरे से 10,15 दिन पहले रामलीला शुरू हो जाती है।

रामलीला भगवान श्री राम के जीवन चरित्र को दर्शाती है। रामलीला में भिन्न-भिन्न अभिनयों में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के संघर्ष और आपस के पारिवारिक प्रेम अभिव्यक्त होता है।जिससे समाज को एक प्रेरणा मिलती है। कुछ लोगों के मतानुसार रामलीला की अभिनय परंपरा के प्रतिष्ठापक गोस्वामी तुलसीदास हैं, इन्होंने हिंदी में जन मनोरंजनकारी नाटकों का अभाव पाकर इसका श्रीगणेश किया। इनकी प्रेरणा से अयोध्या और काशी के तुलसी घाट पर प्रथम बार रामलीला हुई थी।

रामलीला में मंच संचालक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रामलीला का मंच संचालक रामलीला के दृश्यों की समय-समय पर जानकारी देता है। इसके साथ-साथ रामलीला में दान आदि की बहुत जरूरत रहती है। इसलिए मंच संचालक अच्छे शब्दों से दानी सज्जनों का गुणगान करता है। रामलीला में प्रथम दिन से अंतिम दिन तक कोई ना कोई मुख्य अतिथि होता है। अतिथियों के स्वागत सत्कार के लिए भी एक कुशल संचालक की जरूरत रहती है।

रामलीला के प्रथम दिन मंच संचालन के लिए आपके लिए एक स्क्रिप्ट लिखी है। इस स्क्रिप्ट को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसकी तैयारी कीजिए। ताकि आपका संचालन बहुत अच्छा हो। एक बात मैं आपको जरुर कहना चाहूंगा की रामलीला के कार्यक्रम में प्रेरणा के साथ-साथ एक मनोरंजन भी होता है। इसके लिए आपके पास अगर बेहतरीन शायरियां है तो आप माहौल को चार चांद लगा देंगे। इसलिए आप स्क्रिप्ट में दी गई शायरियों की प्रैक्टिस जरूर करें।

प्रथम दिन रामलीला के विधिवत आरंभ से 30 मिनट पूरा मंच पर आकर माहौल बनाईये। आए हुए बुजुर्गों, नौजवानों ,माता बहनों और बच्चों के बारे में बोलिए। भारतीय संस्कृति एवं हमारे आस्था और विश्वासों के बारे में शायरी, डायलॉग एवं प्रभावशाली बातें बोलना शुरू कर दीजिए।

रामलीला मंच संचालन स्क्रिप्ट

  • 1.विधिवत आरंभ से 30 मिनट पूर्व मंच संचालक की एंट्री
  • 2.अतिथि आगमन
  • 3.अतिथि अभिनंदन
  • 4.दीप प्रज्ज्वलन
  • 5.स्वागत सम्बोधन
  • 6.अतिथि महोदय उद्वोधन
  • 7.रामलीला दृश्य आरंभ
  • 8.अतिथि सम्मान समारोह

1.विधिवत आरंभ से 30 मिनट पूर्व मंच संचालक की एंट्री

गदगद कंठ से वंदन करता हूं
आपके चरणों की धूलि को चंदन करता हूं
भगवान श्री राम की करके स्तुति
हृदय से सबका अभिनंदन करता हूं

सबसे पहले भगवान श्री राम के इस भव्य समारोह की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। आज रामलीला का प्रथम दिन है।मर्यादा पुरुषोत्तम राम की महिमा देखने पहुंचे गांव के सभी युवाओं, मातृशक्ति, बच्चों, बुजुर्गों एवं बहन बेटियों का हार्दिक अभिवादन करता हूँ।

बड़े हर्ष की बात है की हमारे गांव में रामलीला को होते आज 50 वर्ष हो चुके हैं। गांव के ही कलाकार अभिनय करके भगवान श्री राम के महान पुरुषार्थ एवं जीवन लीला का दर्शन करवाते हैं। 50 वर्षों में इस रामलीला में किरदार बदलते गए।13 से 25 वर्ष के युवाओं ने अपने अभिनय से गांव को एक नई पहचान दी है।

नगरी हो अयोध्या सी
रघुकुल सा घराना हो,
मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरण हो
जहाँ मेरा ठिकाना हो

भगवान श्री राम के जीवन से प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन को सफल बनाएं। आज प्रथम दिन इस रामलीला में आई माताओं बहनों को प्रणाम करता हूं। यहां सतयुग की नारी गागरी ने वेदों को कंठस्थ कर लोगों का अहम तोड़ा वही त्रैता युग में माता सीता ने अपने सुन्दर आचरण से नारी की महानता का संदेश । द्वापर में राधा ने भगवान श्री कृष्ण को अपने प्रेम में बांध लिया था और कलयुग में झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने झांसी की रक्षा के लिए मर्दानगी दिखाई थी। सृष्टि के आरंभ से ही नारी गौरव गाथा अमर रही है। वह नारी ही थी जिसने इतिहास को नए सिरे से लिखने की सामर्थय रखने वाले योद्धाओं को जन्म दिया था।

ये मीरा की अमर भक्ति जहर से मर नहीं सकती
ये झांसी वाली रानी है किसी से डर नहीं सकती
मदर टेरेसा लता हो कल्पना या सानिया,मैरी
असंभव क्या है दुनिया में जो नारी कर नहीं सकती

भारतीय नारी की करुणा,प्रेम,अतिथि सत्कार हमारी भक्ति परंपरा का परिणाम है। युवा श्री राम के जीवन से आज हम प्रेरणा लें,जिन्होंने अपनी युवावस्था में बनवास को स्वीकार किया। राजगद्दी को छोड़ दिया और रावण का संहार किया। भरत जैसा भाई जिसने 14 वर्ष भाई राम की चरण पादुकाओं को राज सिन्हासन पर विराजमान किया।

हो त्याग भरत जैसा
सीता सी नारी हो
लव कुश के जैसी
संतान हमारी हो

मैं आपको यही कहुंगा की रामलीला के दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन चरित्र से हम लोग प्रेरणा लें कि हमेशा सच्चाई का साथ दें।राजा जनक जैसी शासन व्यवस्था के भागीदार बनें,ताकि समाज का कल्याण हो। भरत का बड़े भाई राम के प्रति समर्पण भाव की बात करें, बेशक लक्ष्मण का बड़े भाई राम के लिए राजपाट छोड़ कर बनवास में साथ रहने की बात हो। रामायण, रामकथा हमें सांसारिक जीवन में त्याग तपस्या, पितृ भक्ति की प्रेरणा देती है

लक्ष्मण सा भाई हो
कौशल्या माई हो,
स्वामी तुम जैसा
मेरा रघुराइ हो

रामलीला में मनोरंजन भी होता है जो इस बात के लिए हमें प्रेरित करता है कि सुख दुख में हमेशा सहज रहें।भगवान श्री राम की तरह जीवन में कठिनाइयों से डरें नहीं।

दिव्य पथ प्रदर्शक हो तुम
मन में मंगल भाव भरो
यौवन की दिव्य शक्ति से
बुराइयों का संहार करो

अपने साहस और शौर्य के बल पर दुनियां में नाम कमाएं।शुभ कर्मों से अपने जीवन को सफल बनाएं। हमारे भारतीय त्यौहार और विशेष दिन हमें प्रेरणा देकर जाते हैं।रामलीला के इन विशेष दिनों को हम हर्ष, उल्लास और विजय पर्व के रूप में मनाएं।

रामलीला जैसे मंचन के कार्यक्रम समाज को आपस में जोड़ते हैं। रामलीला देखने के लिए गांव के लोग एक परिवार की भांति एकत्रित होते हैं। इस गांव के बारे में भी कहना चाहूंगा कि हर वर्ष होने वाली इस रामलीला ने हमारी आपसी बंधुता को बढ़ाया है। समाज में भाईचारा, प्रेम और पराक्रम की भावना पैदा हो, इसलिए भारत के भिन्न भिन्न राज्यों में रामलीला के माध्यम से श्री राम के शौर्य का प्रदर्शन किया जाता है। रामलीला कमेटी के सभी सदस्यों एवं कलाकारों का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मुझे इस रामलीला मंच का एंकरिंग का कार्यभार सौंपा।

बोलो सियावर रामचंद्र की
बोलो सियावर रामचंद्र की
बोलो बजरंगबली हनुमान की

मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन की तरह सभी के मन साहस, शौर्य,पराक्रम, समृद्धि, विनम्रता से परिपूर्ण हो।


Share the Post

Leave a Comment