मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। जो समाज में एक दूसरे के सहयोग से ही जीता है। समाज में रहने वाले व्यक्ति के लिए उसका जाति समाज बहुत महत्वपूर्ण होता है। और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने समाज का साथ देते हैं। समय-समय पर समाज के सामूहिक कार्यक्रम में भाग लेते हैं। ऐसे में कई लोगों को समाज के कार्यक्रम में संचालन की आवश्यकता होती है। इसके लिए मैं आपको एक सुझाव देना चाहूंगा कि आप अपने समाज के इतिहास के बारे में जरूर अपने विचार रखिए।
समाज को जोड़ने के लिए ऐसे संदेश और शायरी बोलिए जिससे समाज आपस में जुड़े। अगर आपको आपके समाज ने मंच पर संचालन के लिए आगे किया है तो आपका यह भी दायित्व बनता है कि आप समय का प्रबंध करते हुए दूसरे लोगों को भी मंच पर समय दें। समाज के हर व्यक्ति की अच्छे शब्दों में सच्ची तारीफ करें। समाज के अनूठी प्रतिभाओं के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में अगर आपको संचालन करना हो तो आप इस स्क्रिप्ट की मदद ले सकते हैं
जाति समाज प्रतिभा सम्मान समारोह स्क्रिप्ट
भूमिका
गुरु जी आगमन
गुरु जी का आदर सत्कार
स्वागत सबोधन
प्रतिभा सम्मान
कृपाराम जी महाराज के प्रेरक वचन
दाता श्री का आदर सत्कार
गुरु जी का सम्मान समारोह
आभार समापन
1.भूमिका
जीवन जितना सजता है मां बाप के प्यार से
उतना ही महकता है गुरु के आशीर्वाद से
सबसे पहले हमारे समाज के हमारे पुरखों और कुल देवताओं को प्रणाम करता हुं। आज इस प्रतिभा सम्मान समारोह में उपस्थित समाज के दाता श्री प्रबुद्ध वर्ग, आदरणीय बुजुर्गों, माताओ बहनों और नई पीढ़ी का स्वागत करता हूं। चमकते सूरज के समान समाज के होनहारों को उनकी उपलब्धि पर बधाई देते हुए यही कहूंगा कि आपके प्रयासों ने हमारे समाज को एक पहचान दी है।
सफ़लता का एक कोई पंथ नहीं
विफलता की गोद में ही जीत है
हार कर भी जो नहीं हारा कभी
सफलता उसके हृदय का गीत है
अपने उज्जवल इतिहास के कारण हमारा समाज दुनिया में गौरवशाली है। आज आप ऐसे ही गौरव के साथ हम यहां आपसी सहयोग सहमति से एकत्र हुए हैं। जब भी किसी जाति,समाज,या किसी संस्था में किसी को उसकी अनोखी पहल, प्रतिभा पर सम्मान मिलता है तो ऐसे कार्यक्रम दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं।
सर उठाकर जीना तेरा स्वाभिमान है
अदम्य उत्साह ही तेरी पहचान है
तेरी ललकार से तूफ़ान थम जाए
हे युवा तू महान है तू महान है
एक युवा होने के नाते मैं युवा पीढ़ी से जरूर एक बात कहूंगा कि हम अपनी उर्जा को सही दिशा में लगाएं। अपनी दृढ़ लगन और मेहनत से बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करके अपने कुल का नाम रोशन करें। प्रेरणा से भरे इस दिन को सलाम करें।दुआ करता हुं कि जीवन में ऐसे दिन आते रहें। धरती पर सब व्यक्ति समान हैं। पर क्षमताएं अलग अलग है। प्रतियोगिता ना करके हम स्वयं की क्षमता में विश्वास कायम करें। घर द्वार की देवी बहन बेटियों को नमन करता हुं। समाज की बेटियों ने आज हर क्षेत्र में उन्नति की है।आज नारी का स्वाभिमान जागा है।
जगतजननी है तूँ
तेरे वजूद से ये सृष्टि है
प्रेम,दुआएं पाते हैं तुझसे
जिसकी उत्तम दृष्टि है
हम हमेशा बहन बेटियों का सम्मान करें। उन्हें आजादी से जीने का अधिकार दें। बेटी को पढ़ा लिखाकर उसकी शादी में उसे संस्कारों और स्वावलंबन का दान दें।
एक मीठी मुस्कान है बेटी
यह सच है कि मेहमान है बेटी
उस घर की पहचान बना देती है
जिस घर से अनजान है बेटी
हमारे समाज के दाता श्री जनों का विशेष रूप से धन्यवाद करता हूं।आपके सहयोग की बदौलत समाज के सामूहिक कार्यक्रम होते हैं। आपके लिए दो पंक्तियां जरूर कहूंगा।
सफ़लता की आग हो तो समय अवसर देता है
दान देने का भाव हो तो ईश्वर बरकत देता है
आज का कार्यक्रम हमारे समाज के होनहार छात्रों के सम्मान में हो रहा है। समाज के इस सुनहरी भविष्य को बधाई देते हुए यही कहूंगा कि आप इसी तरह से मेहनत करके समाज का नाम रोशन करते रहें। हमारे बच्चों को सम्मानित और प्रेरित करने के लिए हमारे परम पूज्य गुरुदेव श्री कृपाराम जी महाराज पहुंचे हुए हैं। जैसे ही वह प्रांगण में पधारेंगे हम अपने कार्यक्रम को विधिवत रूप से आरंभ करेंगे।
गुरु जी आगमन
ईश्वर ने भी कीमती रत्न
गिनती के ही बनाए हैं
उन रत्नों में सबसे कीमती
आज हमारे बीच में आए हैं
आज के हमारे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परम पूज्य गुरुदेव आदरणीय श्री कृपाराम जी महाराज पहुंच चुके हैं। एक बार अपने अपने स्थान पर खड़े होकर तालियों और पुष्पों की बौछार के साथ के साथ गुरुजी का स्वागत करेंगे। संत ही ईश्वर के सच्चे रत्न होते हैं।हम भाग्यशाली हैं कि हमारे समाज के कार्यक्रमों में गुरुजी का आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ रहता है। परम पूज्य गुरुदेव श्री कृपाराम जी महाराज जी के गुरुदेव पूज्य राजाराम जी पहुंचे हैं,उनका हृदय से स्वागत सत्कार करते हैं।
गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागू पाय
बलिहारी गुरुदेव को जो गोविंद दियो मिलाय
असल में गुरु ही ईश्वर से मिलाता है। परम पूज्य राजाराम जी महाराज के चरणों में प्रणाम और आदर सत्कार करते हैं।
गुरु जी का आदर सत्कार
अतिथि सत्कार करना भारत के की संस्कृति है। यही संस्कृति हमें एहसास कराती है कि अतिथि भगवान होता है। आज हमारे लिए भगवान के समान ही अतिथि पधारे हैं। समाज के अग्रणी बंधुओ से निवेदन करूंगा कि कृपया मंच पर आकर हमारे गुरु लोगों को अंगवस्त्र भेंट करके उन्हें सम्मानित करें।
आदर सत्कार सम्मान खुशियों की कुंजी है
रिश्ते एक दिन की नहीं पूरे जीवन की पूंजी है
बस यही आदर्श सत्कार सम्मान चला रहे और गुरु लोगों का आशीर्वाद बना रहे।
स्वागत सबोधन
एक बार पुनः आज के कार्यक्रम में उपस्थित समाज के सभी भाई बंधुओं,माता बहनों और बच्चों का स्वागत करता हूं। गुरु जी की पावन उपस्थिति में एक दो बातें जरूर कहना चाहूंगा। कोई भी समाज प्रेरणा से आगे बढ़ता है और प्रेरणा के लिए जरूरी है की नई पीढ़ी को प्रेरित किया जाए। शिक्षा और डिग्री में अव्वल स्थान हासिल करने वाले हमारे समाज के इन बच्चों को बधाई देता हूं। इन बच्चों के अभिभावकों को भी कहूंगा कि एक बच्चे को आगे बढ़ाने के लिए माता-पिता के प्यार और सहयोग की जरूरत होती है। इसलिए हम अपने बच्चों के लिए समय निकालें।
बच्चे अपनी इस नई उम्र की सौगात की कीमत समझें। आज आपकी ये उम्र, नई ऊर्जा बेशकीमती है। शिक्षा ,रचनात्मक तकनीक हर क्षेत्र में आप बड़ी सफलता अर्जित कर सकते हैं,क्योंकि इस उम्र में सीखने की क्षमता बहुत तेज होती है। इसलिए आप मन लगाकर पढ़ें। जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करें। अपने गुरुजनों की प्रेरणा से ज्ञान अर्जित करें। अच्छा सीखने और रचनात्मक बनने के लिए ही स्मार्टफोन का प्रयोग करें। मोबाइल के सही प्रयोग आपके जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आ सकता है।
रास्ते जिंदगी के आसान नहीं होते,
किसकी जिंदगी में तूफान नहीं होते
ऊंचे-ऊंचे मुकाम हासिल करने वाले
छोटी-छोटी बातों से परेशान नहीं होते
छोटी-छोटी बातों से परेशान होने की बजाय अपने आप को खुश रखें। आपका उज्ज्वल चरित्र ही समाज के चरित्र को मजबूत करेगा। आज हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि परम पूज्य कृपाराम जी महाराज अपने अमृत वचनों से हमें प्रेरित करेंगे।
बहारों की महफिल सुहानी रहेगी
लबों पर खुशियों की कहानी रहेगी
चमकते रहेंगे खुशियों से यह सितारे
अगर आपकी तालिया की मेहरबानी रहेगी
एक बार जोरदार तालियों के साथ आज के कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएं
प्रतिभा सम्मान
अभी हमारे समाज की अनूठी प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाएगा। दुनिया में कुछ ही लोग समाज से परितोष हासिल कर पाते हैं। दृढ़ लगन और मेहनत इंसान को सम्मान का हकदार बनाती है।
जो खैरात में मिलती कामयाबी
तो हर शख्स कामयाब होता
फिर कदर न होती किसी हुनर की और
न ही कोई शख्स लाजवाब होता।
आज हमारे समाज के बच्चों ने हमारे विश्वास और उम्मीदों को पूरा किया है। इसके लिए एक बार तालिया के साथ इनका सम्मान होना चाहिए। इन होनहार प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए परम पूज्य श्री कृपाराम जी महाराज से निवेदन करूंगा कि कृपया मंच पर आएं और अपने कर कमल से इन बच्चों को पुरस्कृत करके आशीर्वाद दें।
हमारे समाज के दाता श्री भी मंच पर आएंगे। जैसे ही किसी आदरणीय दाता श्री का नाम अनाउंस हो,कृपया मंच पर जाकर बच्चों को आशीर्वाद देंगे।
बिना बंदगी के प्यार नहीं मिलता
बैठे रहने से संसार नहीं चलता
कामयाबी के लिए कुछ तो करना होगा
आवाज दिए बिना द्वार नहीं खुलता
अभी मैं हमारे समाज के होनहारों को आवाज दूंगा। जैसे-जैसे नाम अनाउंस हो बच्चे मंच पर आएंगे और गुरु जी एवं दाता श्री सज्जनों के हाथों से अपना पुरस्कार प्राप्त करेंगे।
हम सभी जोरदार तालियों से इन बच्चों का सम्मान करेंगे। बच्चों के क्रमशः नाम बोलें।
कृपाराम जी महाराज के दिव्य वचन
भारत का आकाश संत सितारों से भरा है। ऐसे ही सितारे आज हमारे बीच उपस्थित है। जिनका पावन सानिध्य हमें हमेशा मानव धर्म के लिए प्रेरित करता है। परम आदरणीय गुरु जी को समर्पित दो पंक्तियां कहना चाहूंगा।
आपकी दुआओं से हमें सहारे मिले
आपका साथ पाकर हमें किनारे मिले
किन शब्दों में बयां करें खूबियां आपकी
जो इस दुनियां में आप हमें इतने प्यारे मिले
कृपाराम जी महाराज गौ सेवा करते हुए समाज को अपने जीवन का संदेश दे रहे हैं। जीवों पर दया करना संत ही हमें सिखाते हैं
मन में धर्म की महिमा अपरम्पार है
गौ माता की सेवा मेरे जीवन का आधार है
हम चाहते हैं कि गुरुजी हमें अपने दिव्य वचनों से प्रेरित करें। आज हमारी नई पीढ़ी को आपके पवित्र मार्गदर्शन की जरूरत है। संतो के शब्द दवा और दुआ दोनों तरह से काम करते हैं। आपकी सम्मान भरी तालियों के साथ हमारे गुरुदेव परम संत श्री कृपाराम जी महाराज को मंच पर आमंत्रित करूंगा कि कृपया आएं और अपने अमूल्य शब्दों से हमारा मार्गदर्शन करें।
कृपाराम जी महाराज का प्रेरक भाषण
भाषण के बाद बोलें
जर्जर आवाजों में साज़ भर दिया करते हैं
बातों बातों में कुछ नया ईज़ाद कर दिया करते हैं
संतो से संबंध रखा करो साहब
ये वो वैद्य है जो शब्दों से इलाज कर दिया करते हैं
गुरु जी का हार्दिक धन्यवाद जो आपने ये प्रेरक शब्द कहे। वास्तव में संतवाणी में ऐसी शक्ति होती है जिसे सुनकर निराशा में आशा का संचार हो जाता है। आपसे यही आशा करते हैं कि आप हमारे ऊपर यूं ही अपना आशीर्वाद बनाए रखेंगे। एक बार जोरदार तालियों से इनका स्वागत करेंगे।
दाता श्री सज्जनों का आदर सत्कार
आदरणीय गुरु जी ने जो वचन कहे, उनकी बातों पर चलने का हमेशा प्रयास करेंगे। आज इस प्रतिभा सम्मान समारोह में समाज के जिन जिन अग्रणी सदस्यों ने भूमिका निभाई है, उनके लिए 2 पंक्तियां कहना चाहूंगा।
अकेले में अक्सर हम अपनी परछाइयों से डर जाते हैं
अगर मिले किसी का साथ तो हम दुनियां जीत जाते हैं।
कोई भी कार्य हो सबके मिले-जुले सहयोग से ही संपन्न होता है। हमारे समाज के कुछ दाता श्री सज्जनों का धन्यवाद करते हैं,जो तन मन और धन से समाज का भरपूर सहयोग करते हैं। दान की महिमा भारत भूमि से आरंभ हुई थी।
धर्म के प्रति पूर्ण निष्ठावान को महान कहते हैं
अर्पण करने की निष्काम भावना को दान कहते हैं
हमारे समाज के आदरणीय दाता श्री सज्जनों को सम्मान के लिए मंच पर आमंत्रित करूंगा। कृपया आएं और पूज्य गुरु जी के हाथों सम्मान स्वरूप भेंट स्वीकार करें।
गुरु जी का सम्मान समारोह
जीवन की कठिन सी राहों में
मैं आशीष तुम्हारा चाहूंगा
जो राह तुमने है दिखलाई
वो राह मैं औरों को दिखलाऊंगा
अभी हम परम आदरणीय कृपाराम जी महाराज से सादर अनुरोध करेंगे की कृपया मंच पर आए और हमारे समाज की ओर से यह छोटी सी भेंट स्वीकार करें। आपका आशीर्वाद और पावन उपस्थित से आज का कार्यक्रम सफल हुआ है। बच्चों में एक नई प्रेरणा जागी है।इसके लिए आपका शत-शत अभिनंदन करते हैं।
आभार समापन
इसी के साथ आज के हमारे कार्यक्रम का समापन हुआ। मुझे मंच पर बोलने का अधिक अनुभव तो नहीं है। महाराज आपके सहयोग की बदौलत मैंने एक छोटा सा प्रयास किया है। आशा है आप भविष्य में भी इसके लिए मुझे प्रेरित करते रहेंगे। आज के इस प्रतिभा सम्मान समारोह की सफलता के लिए सभी डाटा श्री सज्जनों समाज के प्रबुद्ध वर्ग युवाओं और माताओ बहनों का आभार प्रकट करता हूं। जो आप इतने समय तक उपस्थित रहे और अनुशासन के साथ कार्यक्रम को निहारा।
परम आदरणीय कृपाराम जी महाराज और हमारे दादा गुरु परम पूज्य श्री राजाराम जी महाराज का हार्दिक आभार प्रकट करते हैं जो आपके आशीर्वाद से हमें आज के कार्यक्रम में सफलता मिली। धन्यवाद