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अगर आपको एक बेहतर वक्ता या संचालक बनना है तो सबसे महत्वपूर्ण है कि आप अकेले में अधिक से अधिक बोल बोलकर प्रैक्टिस करें।
14 सितंबर Hindi Divas को भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत के अधिकतर क्षेत्रों में हिंदी बोली जाती है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा है। हिंदी दिवस पर हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है। जिसमें हिंदी भाषा में कविता पाठ, भाषण, लेखन जैसी प्रतियोगिताएं होती है। इन प्रतियोगिताओं से हिंदी भाषा को बढ़ावा मिलता है।
हिंदी भाषा से प्रेम करने वाले लोग हिंदी प्रेम को देश प्रेम मानते हैं। विशेष दिन पर अगर आपको मंच पर संचालन करना हो तो अग्रलिखित स्क्रिप्ट का प्रयोग कर सकते हैं।
हिन्दी दिवस पखवाड़ा समारोह उद्घाटन दिवस स्क्रिप्ट
- मंच उद्घोषक की एंट्री
- अतिथि स्वागत
- दीप प्रज्ज्वलन
- प्राचार्य (निदेशक)द्वारा सत्कार संबोधन
- प्रतियोगी बच्चों को आमंत्रण
- स्किट
- शिक्षक भाषण
- समापन
मंच उद्घोषक की एंट्री
श्री गणेश मैं करूं राष्ट्र के वंदन से
वंदे मातरम के ज्योतिर्मय अभिनंदन से
लिए भावना भवराष्ट्र की वंदन करती हूं
सबसे पहले आप सबका अभिनंदन करती हूं
सबसे पहले आप सभी को आज के दिन की हार्दिक शुभकामनाएं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम हमारी राजभाषा हिंदी के सम्मान में हिंदी सप्ताह बना रहे हैं। इन दिन में कविता,भाषण,पोस्टर,निबंध एवं हिंदी लेखन जैसे अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे। सभी स्टूडेंट्स से इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।
हमें गौरव का एहसास होता है जब हम अपने राष्ट्र की किसी विरासत की बात करते हैं।हिंदी हमारी विरासत है, हमारी सभ्यता और संस्कृति है। जरूरी है कि हम हिंदी को हमेशा संजोया जाए।
हिंदी धर्म है,जाति है,आन है
हिंदी वतन है,मोहब्बत है,जान है
जिनकी आत्मीयता से जुड़ी है हिंदी
वही लोग भारतवर्ष की शान है।
हमारी संस्कृति और भारतीयता से जुड़ी कोई भी चीज हमारे अंदर देश प्रेम की भावना जाग्रत करती है। एक बार जोरदार तालियों के साथ कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएं। कोई भी भाषा सीखें, प्रयोग करें। मगर हिंदी हमारे हृदय में रहनी चाहिए। भाषा से हम अपने विचार व्यक्त करते हैं। एक दुसरे के साथ विचार सांझा करते हैं। भाषा हमारे संस्कारों, सभ्यता, संस्कृति से जुड़ी होती है। और देश की सांस्कृतिक विरासत को संजोना हमारा प्रथम कर्त्तव्य है।
राष्ट्रभाषा अपना स्वाभिमान हो
हृदय से हिंदी का सम्मान हो
भारतवर्ष की संस्कृति है हिंदी
हिंदी ही राष्ट्र की पहचान हो।
अतिथि आगमन सत्कार
आज का दिन अनूठी अनुभूति से भरा है। आपसी सहयोग और प्रेम की ऊर्जा से लबालब भरे हमारे विद्यालय स्टाफ और अतिथियों की जीवंत उपस्थिति कार्यक्रम को शोभवान करेगी।
फूलों पर भँवरों की गूँजन हो
मां शारदे के चरणों में वंदन हो
सद्गुण संपन्न जीवन हो सबका
इस शुभ वेला पर सबका अभिनंदन हो
प्रांगण में जितने अतिथि पधारे हैं।सबका करबद्ध अभिवादन करते हैं। जैसे ही हमारे मुख्य अतिथि प्रांगण में पहुंचेंगे, सर्वप्रथम विद्या और कला की देवी मां शारदे के आगे दीप प्रज्वलन होगा।
इसी के साथ अभी परम खुशी के क्षण आ चुके है । एक बार हम तालियों की पुष्प वर्षा करेंगे।
हसरतों से हम आपकी राह सजातें है
सपनों की दौलत हम आप पर लुटातें है
ना कोई फूल है आज हमारे दामन में
आपके आने पर हम पलकें बिछातें हैं
माननीय मुख्य अतिथि महोदय का स्वागत सत्कार करते हैं। आपने यहां पधारकर हमारे जीवन के पलों को पावन किया है। हमारे हिन्दी कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई है।
दीप प्रज्ज्वलन
तेरी शरण में प्यार मिलता है
दिव्य ज्ञान का भंडार मिलता है
मन से मिटता है अज्ञान का अंधेरा
तुमसे ही उजालों का संसार मिलता है
इस कार्यक्रम की प्रयोजन सिद्धि के लिए सर्वप्रथम विद्या और कला की देवी मां शारदा के आगे दीप प्रज्वलन होगा।
अभिवादन हो आप सबका
मुहब्बत की कोई नज़्म सुनाते हैं
माँ सरस्वती के आगे दीप जलाकर
आओ मिलकर ये जश्न मनाते हैं
मुख्य अतिथि महोदय से निवेदन है कि वो मंच पर आएं और ज्ञान की इस ज्योति को प्रज्वलित करें।
खुशी का सवेरा गमों की शाम ढ़लती रहे
बुलंद इरादे कामयाबी की राहें खुलती रहे
पावन मन से राजभाषा का लें संकल्प
हिंदी की ये दिव्य ज्योति हमेशा जलती रहे
भारतवर्ष के दो महापुरुष जिन्होंने हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए हर संभव प्रयास किए,राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और स्वामी दयानंद सरस्वती को याद करेंगे,जिनके चरित्र और भावों में हिंदी के प्रति अगाध श्रद्धा थी।
हम अपने महापुरुषों को हमेशा याद रखें। आजादी का अमृत महोत्सव यही है कि हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारक विभूतियों की स्मृति को हृदय में बसाये रखें।
मिट्टी है तो पल भर में बिखर जाएंगे हम
खुशबू है तो हर दौर में को महकाएंगे हम
हम रूह-ए-सफर हैं हमें नामों से ना पहचान
कल किसी और नाम से आ जाएंगे हम
बाबा साहब ने कहा है कि जीवन बेशक बड़ा ना हो पर जितना हो महान हो। जब तक धरती पर हैं शुभ कार्य करते रहें। मां शारदा के दीप प्रज्वलन होने के बाद अतिथि महोदय से निवेदन की वो अपना स्थान ग्रहण करे।
प्राचार्य (निदेशक)द्वारा सत्कार संबोधन
जब भी देश के लिए कुछ करने की बात आती है तो कहना चाहूंगी हम लोग कुछ भी करें। हमारी सोच और कदम राष्ट्रहित में होना चाहिए। हमारे इस शिक्षण संस्थान ने ….. वर्षों में हमारी प्रांतीय संस्कृति के साथ-साथ राष्ट्रीय संस्कृति को संजोने का काम किया है। आदरणीय प्रधानाचार्य सर के सफल संचालन के परिणाम स्वरूप विद्यालय में विशेष दिन पर गतिविधियां होती रहती हैं। जिनसे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
हिंदी दिवस पर यह पखवाड़ा प्राचार्य सर के मार्गदर्शन में ही मनाया जा रहा है। हम चाहते हैं कि आदरणीय प्रधानाचार्य सर मंच पर आकर अतिथियों के सम्मान एवं राजभाषा हिंदी पर अपने विचार रखें विचार रखें।
प्रतियोगी बच्चों को मंच पर आमंत्रण
भाषण
अभी हिन्दी भाषा Hindi Divas पर भाषण, कविता पाठ जैसी प्रस्तुतियों का समय है। हमारे स्टूडेंट के मन में हिन्दी को लेकर अमूल्य विचार हैं। मैं कहना चाहुंगी की आपको जब भी मौका मिले अपने विचारों को प्रकट करना चाहिए। किसी शायर ने सच कहा है।
इस्तेमाल करने का तरीका ना हो तो
बेवक्त बेवजह बोले जा सकते हैं
वैसे शब्द वो चाबी हैं जिनसे
दिल के ताले खोले जा सकते हैं
आपकी जोरदार तालियों के साथ हिंदी के सम्मान में अपने शब्द रखने आ रहे हैं आठवीं के छात्र ……
कविता
भारत की भाषा हिंदी है
हम हिंदी को अपनाएंगे
जन जन का प्रेम हो हिंदी से
हम ज्ञान के दीप जलाएंगे
हिन्दी भारत की आत्मा से जुड़ी हुई है। हमारी भारतीयता यही है कि हम हमेशा अपनी राजभाषा का गुणगान करें। हिन्दी पर कविता पाठ के लिए आमन्त्रित करूंगी 9वीं की छात्रा …. को आपकी करतल ध्वनि होनी चाहिए।
भाषण
माथे पे लगाके देश की मिट्टी
सभ्य हर इंसान बने
हर कंठ में वास हो हिंदी का
और दुनियां में पहचान बने
जब देश के हर विद्यालय में हिंदी का प्रयोग होगा। हिंदी में कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे तो आने वाली पीढ़ी का हिंदी के प्रति विश्वास बढ़ेगा।तभी हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलेगा।
ऐसी ही विश्वास भरी आवाज के साथ राजभाषा को समर्पित अपना संदेश रखना आ रहे हैं 11वी कक्षा के छात्र
स्किट
आज हमें हिंदी भाषा के प्रति समर्पण की ज़रूरत है। अगर हिंदी अमर रहेगी तो हमारे धर्मशास्त्रों, वेद, ग्रंथों में वर्णित ज्ञान के मूल सूत्र भी हमेशा रहेंगे। भारत के हिंदी साहित्यकार और कवियों, लेखकों ने विश्व स्तर पर अपने उज्ज्वल लेखन से सम्मान पाया है।
अभी आपके सामने पेश है हिंदी में लघु नाटिका। हमारे विद्यालय के आदरणीय शिक्षकों ने बच्चों को अभिनय के लिए तैयार किया है। एक बार जोरदार तालियों से आदरणीय टीचर्स एंड बच्चों का स्वागत करेंगे।
प्रस्तुत है हिंदी लघु नाटिका
कविता
किस तरह से शुक्रिया कहें आपको,
जमीन से उठा कर दिल में बिठा लिया,
विद्या की देवी माँ शारदे को वंदन बार बार
कि मेरे बिखरे शब्दों को कविता बना दिया
हिंदी कविताओं का अपना अलग स्थान है। मां शारदे की कृपा और अपने लगन से भारत में रामधारी सिंह दिनकर जैसे कवि हुए हैं जिन्होंने शुद्ध हिंदी में अपनी रचनाओं के माध्यम से राष्ट्र को प्रेरित किया।
एक ऐसी ही प्रेरणा भरी कविता आपके सामने प्रस्तुत है।
आपकी करतल ध्वनि के साथ मंच पर आमंत्रित करूंगी …….
कविता
जब भी देश के प्रति समर्पण और प्रेरणा की बात आती है, प्रचंड भाव से निकले शब्दों ने राष्ट्रप्रेम जगाया है।पद्मभूषण माखन लाल चतुर्वेदी, रामधारी सिंह दिनकर, बंकिम चंद्र चटर्जी, अटल बिहारी बाजपेई जैसे कवियों की कविताएं सुनकर भारतीय होने का एहसास होता है।
राजभाषा की इस मंच पर जोश भरी एक कविता आपके सामने पेश है।
कविता गान के लिए श्री ……को आमंत्रित करुंगा।
कविता
कविता समाप्त
इस शानदार कविता के लिए एक बार आपकी करतल ध्वनि हो जाए। ऐसी रचनाएं सुनकर जीवन की प्रेरणा मिलती है।
शिक्षक भाषण
समाज में शिक्षक वो विभुति है जो हर व्यवसायी, प्रतिभा, चिकित्सक और उच्च श्रेणी इन्सान का निर्माण करता है। शिक्षक को सरस्वती पुत्र कहा जाता है। हम चाहते हैं कि हमारे आदरणीय शिक्षक भी हिंदी पर अपने विचार रखें। दो पंक्तियों के साथ हमारे हिंदी के शिक्षक श्री ….जी को मंच पर आमंत्रित करूंगी।
ज्ञान की नींव को मजबूत करके
जीवन को आधार देता है
बच्चों में जिज्ञासा पैदा करके
शिक्षक ही सोच को आकार देता है।