भारत त्यौहारों ,अनुष्ठानों से जाना जाता है। भारतवर्ष की यह पहचान है कि यहां 200 किलोमीटर की दूरी पर आस्थाएं और इस भूमि के देवी देवताओं के दर्शन होते हैं।
शिवाजी उत्सव से पहले लोगों को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत करने के लिए बाल गंगाधर तिलक गणेश उत्सव की शुरुआत कर चुके थे. हर साल गणेश चतुर्थी पर देश-दुनिया में मनाए जाने वाले गणेशोत्सव को घरों की दहलीज से निकालकर सार्वजनिक मंच पर स्थापित करने का श्रेय तिलक को ही जाता है. इस परंपरा के चलते आज महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
गणेश जी चतुर्थी के दिन गणपति महाराज की मूर्ति स्थापित करके उसकी 10 दिन तक पूजा आराधना, भजन कीर्तन होते हैं और इसके उपरांत उसे मूर्ति को किसी बहते हुए जल में विसर्जन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का महत्व
पुराणों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था।
अपने देवी देवताओं में महाराज गणेश प्रथम देव मानव माने जाते हैं। इनकी पूजा से हर कार्य सफल होते हैं।
10 दिन तक सिद्धी विनायक का गुणगान और ध्यान करने से घर में सुख समृद्धि आती है। रुके हुए कार्य सिद्ध होते हैं। रोजगार और धन संपदा में वृद्धि होती है।
भगवान गणेश की पूजा स्थापना से विसर्जन तक 10 दिनों में कुछ लोग मंच पर डांस, गीत संगीत के कार्यक्रम भी करते हैं। अगर आपको ऐसे कार्यक्रम में संचालन करना हो तो यह एक स्क्रिप्ट लिखी है। आप इसकी तैयारी करके बेहतर संचालन कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी मंच संचालन स्क्रिप्ट Ganesh Chaturthi MANCH Sanchalan Script
- मंच संचालक की एंट्री
- अतिथि आगमन
- दीप प्रज्ज्वलन
- अतिथि उद्बोधन
- आरती
- प्रसाद वितरण
मंच संचालक की एंट्री
भक्ति में शक्ति बंधु
शक्ति में संसार है
दुनियां में है जिसकी पूजा
आज उस देव का त्यौहार है
सबसे पहले भारत के पावन पर्व गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
आज के इस पावन अवसर पर उपस्थित कंपनी के वरिष्ठ सदस्यों एवं सभी का वर्कर्स का वेलकम करता हूं।
भारत के लोग ऊंच नीच का भेद मिटाकर, आपसी प्रेम से इस उत्सव को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं ।यही हमारी सभ्यता है, ये प्रेम भाव ही हमारे त्यौहार, पूजा, अनुष्ठानों की वास्तविकता का परिचय करवाता है।
बहारों की महफिल सुहानी रहेगी
लबों पर खुशियों की कहानी रहेगी
चमकते रहेंगे खुशियों से ये सितारे
अगर आपकी तालियों की मेहरबानी रहेगी
कार्यक्रम का शुभारंभ कर रहे हैं। एक बार जोरदार तालियों से आज के इस पर्व का स्वागत करेंगे।
अतिथि आगमन & दीप प्रज्वलन
हमारी कंपनी के चेयरपर्सन श्री………पूजा प्रांगण में पधार चुके हैं।माननीय अतिथि महोदय का स्वागत सत्कार करते हैं। आपने यहां पधारकर इस प्रांगण को पावन किया है।
अतिथि देवो भव
कहती ये भारत की धरा
स्वागत करके आपका
निभा रहे हैं परंपरा
मुख्य अतिथि महोदय से निवेदन है कि कृपया वो मंच पर आएं और गणपति भगवान के आगे दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ करें।
जैसे रोशनी होती है दीपक से
वैसा सब में आप जोश भर दो
पावन किया दरबार को आपने
दीप जलाकर आगाज़ कर दो
आओ इस चिन्मय ज्योति के साथ एक हो जाएं ताकि सबके भीतर का अंधेरा मिट जाए।
सबके जीवन में ज्ञान के प्रकाश का परम अनुभव हो। गणपति के आशीर्वाद से हम जलते हुए चिराग बने। जहां-जहां पहुंचें, अंधेरा दूर हो।
जैसा कि आप सभी जानते हैं भगवान गणेश को प्रथम देव माना जाता है। गणराज सभी को बुद्धि वैभव प्रदान करें। रिद्धि सिद्धि के दाता गजानन सब के मन में विवेक की उत्पत्ति करे।
इसी आशीर्वाद के साथ के आज गणेश पूजा की मंगल कामना करते हैं।
इसी के चलते साउंड ऑपरेटर से निवेदन करुंगा की साउंड पर भगवान गणपति की एक प्रार्थना बजाएं।
हम सभी अपने स्थान पर खड़े होकर देवों के देव गणेश का ध्यान करेंगे और इसी के साथ हमारे आज के कार्यक्रम का श्री गणेश होगा।
क्षमा भाव मन में रखें हमेशा
यहाँ क़दम क़दम पर भूल होती है
सर्वप्रथम करें गणेश की पूजा
तो दुआएं क़बूल होती है
अतिथि उद्बोधन
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) गणेश पूजा का प्रथम दिन होता है। भक्तिमय वातावरण में आज के दिन की शुरुआत हुई है। इसमें सभी ने भावनाओं से साथ दिया है।
आज के हमारे मुख्य अतिथि आदरणीय श्री …..जी का एक एक बार वेलकम करते हैं जो आपने इस अनुष्ठान के लिए समय निकाला।
हम चाहते हैं कि आपका एक मैसेज इस मंच पर हो। भगवान के प्रति विश्वास बहुत बड़ी चीज होती है। कृपया ऐसे ही विश्वास भरे शब्दों से हमें प्रेरित करें।
आपकी जोरदार तालिया के साथ मंच पर कंपनी के चेयरपर्सन श्री…… जी को आमंत्रित करूंगा। कृपया आएं और अपना उद्बोधन रखें।
अतिथि उद्बोधन समाप्त
दुनिया के रैन बसेरे में
पता नहीं कितने दिन रहना है
जीत लो सबके दिलों को
बस यही जीवन का गहना है
आदरणीय चेयरपर्सन सर का हृदय से आभार जो आपने अपने अमूल्य शब्दों से हमारा मार्गदर्शन किया। सिद्धि विनायक से यही प्रार्थना है कि आपका साथ और प्यार यूं ही बना रहे।
अतिथि सम्मान समारोह
आदरणीय अतिथि महोदय से निवेदन है कि हमारी ओर से एक छोटी सी भेंट है जो आप स्वीकार करेंगे।
आदरणीय सदस्यों से आग्रह करूंगा कि कृपया चेयरपर्सन महोदय को उपहार देकर सम्मानित करें।
जोरदार तालियों से स्वागत करेंगे।
आरती
इसी के साथ अभी आरती का समय हो चुका है। आज प्रथम दिन है। 12 सितंबर को भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन होगा। तब तक समय अनुसार पूजा पाठ अनुष्ठान चलता रहेगा।
आज प्रथम दिवस पर अभी आरती होगी। इसके लिए सभी से कहूंगा कि अपनी अपनी जगह पर खड़े होंगे और आरती के दौरान भगवान गणेश को याद करेंगे।
आरती समाप्त
बोलो गणपति महाराज की जय
बोलो रिद्धि सिद्धि के दाता की जय
बोलो प्रथम देव गणेश की जय
सभी से निवेदन है कि कृपया प्रसाद वितरण होगा।
सभी प्रसाद लेकर जाएंगे।
धन्यवाद