भारतवर्ष में ऐसे महान पुरुषों ने जन्म लिया है। जिनके विचारों और कर्मों ने हमें एक नया रास्ता दिया। जब भी जीवन में कठिन स्थिति आए तो अपने महापुरुषों के विचारों को पढ़कर हम प्रेरित हो जाते हैं। 2 अक्टूबर 1869 को एक ऐसे महापुरुष का जन्म हुआ, जिसने मानव धर्म के लिए सब कुछ त्याग दिया। 2 अक्टूबर 1869 (gandhi jayanti) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ। जय मोहनदास करमचंद गांधी के नाम से भी जाना जाता है। गांधी जी ने सत्य अहिंसा के बल पर देश को आजादी दिलवाई। इनके जन्मदिन पर अगर आपको भाषण देना होतो ये प्रेरक भाषण लिखे हैं। आप पूरा भास्कर के ये भाषाण बोल सकते हैं।
गांधी जयंती पर मोटिवेशनल भाषण | गांधी जयंती भाषण स्क्रिप्ट | गांधी जयंती भाषण
तेरी अमर गाथा का गुणगान करता हुँ
हे मानवता के पुजारी तुझे प्रणाम करता हुँ
तेरे कर्मों से रोशन हुआ है भारत का आंगन
तेरी हस्ती तेरे वजूद को सलाम करता हुँ
सबसे पहले युगप्रवर्तक, मानव धर्म के संवाहक, सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। इस पावन अवसर पर उपस्थित माननीय मुख्य अतिथि महोदय, विशिष्ट अतिथि एवं सभी आदरणीय श्रोताओं का अभिवादन करता हूं।
भारतवर्ष सदैव से दिव्य विभूतियों की जन्मस्थली रहा है। समय-समय पर भारत भूमि पर अनेक ऐसे रत्न जन्में हैं जिन्होंने अपने लोक कल्याणकारी कार्यों एवं त्याग से मानव धर्म को निभाया है। आज ही के दिन सन 1869 को एक ऐसे दिव्य रत्न का जन्म हुआ, जो अपने महान कर्मों की बदौलत राष्ट्रपिता कहलाए। मानव धर्म के लिए खुद को समर्पित कर देने वाले इस महापुरुष ने अपना व्यवसाय,आजीविका तक का त्याग कर दिया और भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में कुद पड़े। दूसरों के लिए जीने की कला सीखनी हो तो गांधी जी हमारे लिए सबसे महान पथ-प्रदर्शक है। जिन्होंने कहा था “जो बदलाव दुनियां में देखना चाहते हो वो बदलाव खुद में लेकर आओ।”
हो जाएगा सफर आसां
आओ साथ चलकर देखें
कुछ तुम बदलकर देखो
कुछ हम बदलकर देखें
गांधी जी ने कहा था कि इंसान को उसके विचार ही महान बनाते हैं। व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ भी नहीं है। वह जो सोचता है, वह बन जाता है। इन शब्दों को प्रेरणा मानकर मैं कहना चाहूंगा कि हम गांधी जी (gandhi jayanti) के सब विचारों पर मनन करें और अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें। किसी दूसरे को उपदेश देने से बेहतर है कि पहले हम खुद अपने उपदेशों को मनाना शुरू करें।
कभी-कभी हमने अपने दिल को
यूं भी बहलाया है
जो बात हम खुद नहीं समझे
दूसरों को समझाया है
जब इंसान स्वयं में सकारात्मक परिवर्तन करता है तो उसे किसी को बदलने की आवश्यकता नहीं होती। उसके आचरण से ही लोग प्रेरणा लेते हैं ।मनुष्य का आचरण ही उसका सबसे बड़ा भाषण है। किसी भी विशेष दिन को मनाने का उद्देश्य तभी पूरा होता है, जब हम उसे विशेष दिन पर कोई प्रेरणा लेकर अपने जीवन में लागू करते हैं। हम अपने महापुरुष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (gandhi jayanti) के अनमोल वचनों और शुभ कर्मों को अपने जीवन में अपनाते हैं तभी हमारे लिए गांधी जयंती मनाना सार्थक होगा।
युवाओं के लिए गांधी जी के विचार फ़ौलादी हैं। उनका मानना था की”ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है। यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।” इसलिए युवाओं से कहूंगा कि हम अपने लक्ष्य के लिए अपनी इच्छा शक्ति को जगाएं। अदम्य परिश्रम और दृढ़ संकल्प से पुरुषार्थ करें।यही एक सच्चे भारतीय युवा की पहचान है। हर विद्यार्थी के अंदर एक प्रतिभा होती है तथा उस प्रतिभा को जागृत करना व निरंतर प्रयास करना ही सफलता का मूलमंत्र है। जीवन में सफल होने वाले व्यक्ति हमेशा बड़ा सोचते हैं। और हर बड़ा सोचने वाला व्यक्ति परिश्रम के द्वारा एक दिन जरूर सफल होता है।
अनूठे सृजन की युक्ति तुम में है
मोक्ष पद की भक्ति तुम में है
मानव मन की कोई सीमा नहीं दोस्तो
ख़ुद पर विश्वास करो हर शक्ति तुम में है
गांधी जी स्वयं महान लक्ष्य तय करते हुए पूरे विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत बने। जो न केवल आजादी के लिए लड़े बल्कि मानव धर्म, सत्य और अहिंसा का संदेश देकर गए। उनके कर्मों और विचारों की गूंज युगों युगों तक सृष्टि में गूंजती रहेगी। आओ आज हम अपने राष्ट्रपिता की जयंती पर शुभ संकल्प लें। जीवन जीने की कला सीखें। जीवों पर दया करें। मांसाहार का त्याग करें। जीवन के महान लक्ष्यों को पाने के लिए अदम्य परिश्रम करें। मानवता की सेवा करते हुए मानव धर्म को ही अपना परम ध्येय बनाएं। इन्हीं शब्दों के साथ में आशा करता हूं की हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों पर चलते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे।
एक बार पुनः आप सभी को गांधी जयंती(gandhi jayanti) की हार्दिक शुभकामनाएं और सभी का आभार जो आपने मेरी बातों को ध्यानपूर्वक सुना। गांधी जी को समर्पित इन दो पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूं।
ज़ख़्म तो आएँगे पर मरहम नहीं आने वाला
सादगी के लिए कोई परचम नहीं आने वाला ।
आगे आने वाली कई सदियों को तरसना होगा
बापु जैसा कोई युग प्रवर्तक नहीं आने वाला
जय हिंद जय भारत
Mahatma Gandhi Jayanti Speech | Gandhi Jayanti per bhashan
स्वाभिमान और साहस से जीओ
इनके बिना जीवन मौत के समान है
धरती पर आए हो तो इंसानियत सीखो
इंसानियत ही इंसान की पहचान है
सबसे पहले सत्य और अहिंसा का रास्ता दिखाने वाले महापुरूष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती पर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। इस अवसर पर गांधी जी को प्रेरणा स्रोत मानने वाले सभी आदरणीय श्रोताओं का अभिवादन करता हूं।
भारतवर्ष महापुरुषों की जन्मभूमि मानी जाती है। जब जब इस धरती पर महान पुरुषों का जन्म हुआ, तब तब नए विचारों का संवर्धन हुआ। हमें जीवन जीने की राह मिली। मानव मन में जागृति पैदा हुई। 2 अक्टूबर 1869 को एक ऐसे युगपुरुष का जन्म हुआ,जिन्होंने सत्य और अहिंसा हथियार के बल पर भारत देश को आजादी दिलवाई।
आज का दिन प्रेरणा का पर्व है। गांधी जी की जीवन यात्रा से हम प्रेरित होकर जीवन का कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।सोशल मीडिया पर आजकल नए-नए मोटिवेशनल स्पीकर आ रहे हैं। जिनको सुनकर हम अनुकरण करते हैं। मगर एक बात आपको कहना चाहूंगा कि हम गांधी जी के साहित्य को पढ़कर देखें। उनके विचारों को गहराई से पढ़ें तो हमें उससे बड़ा मोटिवेशन कहीं नजर नहीं आएगा।
पतन के लिए उत्थान है गांधी
धैर्य और जुनून का नाम है गांधी
गांधी दया और त्याग की मिसाल है
अन्याय के विरुद्ध तूफान है गांधी
गांधी जी का एक महान विचार था की”गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में” हमें उनकी इस प्रेरणा पर चलते हुए अपने लक्ष्य के लिए हमेशा अग्रसर रहना चाहिए। जीवन में जब भी कठिनाइयों का सामना हो।हम गांधी जी की जीवनी को पढ़कर खुद को प्रेरित करें। एक संघर्षशील और परमार्थी इंसान का जीवन ही प्रेरणादाई होता है। गांधी जी का मानना था कि“व्यक्ति को अपनी बुद्धिमानी के बारे में पूरा भरोसा रखना बुद्धिमानी नहीं है। अच्छी बात है कि ये याद रखा जाए कि सबसे मजबूत भी कमजोर हो सकता है और बुद्धिमान भी गलती कर सकता है।”
इसलिए कभी खुद की कुशलता पर अंहकार नहीं करना चाहिए।जीवन में हमेशा सीखते रहना चाहिए।गलतियों से घबराने वाले जीवन में कभी बड़ी सफलता अर्जित नहीं कर पाते। गलतियां होंगी तो सीखने को मिलेगा।
ग़लतियां रुलाती है
तो राह दिखाती है
इंसान गलतियों का पुतला है
ये अक्सर हो ही जाती है
गांधी जी की आत्मकथा में बहुत बड़ा संदेश है। उन्होंने भी जीवन में बहुत गलतियां की। पर वह अपनी हर गलती से सीखते गए और एक महान पुरुष बने। गांधी जी ने कहा था “हमें मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक समुद्र है, यदि समुद्र की कुछ बूंदें सूख जाती है तो समुद्र मैला नहीं होता।”
मेरे पवन मन मंदिर का
मानव ही भगवान है
मानवता की आराधना
मेरा लक्ष्य महान है
अगर आज हमें कहीं मानवता तार तार प्रतीत होती नज़र आती है तो कहीं मानवता की ऐसी अद्भुत मिसाल देखने को भी मिलती है,जिससे लगता है कि गांधी जी जैसे महापुरुषों का दिव्य स्वप्न पूरा हो रहा है। इंसानियत अभी जिंदा है। जब तक पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व है मानवता का सदैव पालन होना चाहिए।
गांधी जयंती पर बोलने का मेरा उद्देश्य केवल भाषण देना नहीं है। मेरा उद्देश्य है कि हम अपने महापुरुषों की जीवनियां पढ़कर मनन करें। उनके महान विचारों को अपने जीवन में लागू करें। अगर ऐसा होगा तो हमारे महापुरुष हमारे विचारों में हमेशा अमर रहेंगे। महापुरुषों की अमरता इस बात में नहीं है कि हम केवल उनकी प्रतिमा के आगे पुष्प अर्पित कर दें या केवल उन्हें याद करें। उनकी अमरता इस बात में है कि हम उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाएं।
इन्हीं शब्दों के साथ में आशा करता हूं की मानवता के सच्चे उपासक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से हम प्रेरणा लेंगे। उनके विचारों का अनुकरण करते हुए समाज को समृद्ध करेंगे। एक बार पुनः आप सभी को गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं और आप सभी का आभार जो आपने मेरे विचारों को सुना।
जय हिंद जय भारत
गांधी जी के महान विचार | गांधी जी के अनमोल विचार | Gandhi Jayanti hindi Bhashan
- 1.व्यक्ति जो सोचता है, वही बन जाता है। इसलिए इन्सान के विचार पवित्र होने चाहिए।
- 2.निर्बल कभी माफ़ नहीं कर सकता । क्षमा करना ताकतवर की निशानी है.
- 3.कायर आदमी कभी प्रेम नहीं कर सकता है। प्रेम करना बहादुर का काम है।
- 4.बापू ने कहा कि स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी.