किसी कोचिंग सेंटर या स्कूल में वार्षिक उत्सव (annual function) के दौरान हमें एक अच्छे संचालन की आवश्यकता होती है। कोचिंग सेंटर या स्कूल की उपलब्धियां को बताने के लिए संचालक को बेहतरीन तरीके से तैयारी करनी होती है। इस तरह के कार्यक्रम दीर्घ अवधि के होते हैं। इसलिए जरूरी है कि मंच संचालक के पास भरपूर शायरी, शब्दावली एवं विचार होने चाहिए। अगर आप एक शिक्षण संस्थान में संचालन कर रहे हैं तो उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आपके पास शिक्षा, शिक्षक, तकनीक ,विज्ञान, आविष्कार एवं खेलों और जीवन मूल्यों से जुड़ी कहानी बातें और शायरी होनी चाहिए। ताकि आप सुनने वाले बोर ना हो। और आप आत्मविश्वास के साथ बोल सकें। एक कोचिंग सेंटर में वार्षिक उत्सव के संचालन के लिए एक स्क्रिप्ट लिखी गई है। आप इस स्क्रिप्ट को तैयारी के साथ बोलिए।
कोचिंग सेंटर, स्कूल सम्मान समारोह
सूत्रसंचालन स्क्रिप्ट
मंच संचालक की एंट्री
जीवन जितना सजता है मां बाप के प्यार से
उतना ही महकता है गुरु के आशीर्वाद से
सबसे पहले सभा में उपस्थित उत्कर्ष ज्ञान के उत्कृष्ट छात्र छात्राओं, उनके अभिभावकों एवं सभी विद्यार्थियों का वैलकम करता हुं। आज का दिन हमारे लिए गौरवशाली दिन है। जब भी किसी समाज से अनूठी प्रतिभाएं निकलती है तो पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन जाती है। आज हम इस उत्कर्ष सम्मान समारोह (annual function) से यह संकल्प लेंगे की कि शिक्षा ही हमारा परम लक्ष्य बने। हमारे महान प्रेरणास्त्रोत ज्योतिबा फुले ने कहा था कि शिक्षा स्त्री और पुरुष की प्राथमिक आवश्यकता है। इस प्राथमिक आवश्यकता को हमें समझना होगा और बेटों के साथ-साथ बेटियों को भी शिक्षित करना होगा।
शिखर पर जाने की चाहत है तो
अपने काम में मिटना सीखो
आपके चरणों में दीप जलाएंगे लोग
अपनी सफलता की कहानी लिखना सीखो
दुनिया में दुनिया में बड़ी सफलताओं की कहानी वही लिखते हैं जो लोग खुद के साथ वादा करते हैं और जी जान से मेहनत करते हैं। मैं अपने आप को लक्की मानता हूं कि मुझे उत्कर्ष ज्ञान कोचिंग सेंटर में शिक्षा सेवाएं देने का अवसर मिला। इससे भी खुशी की बात की आपके साथ की बदौलत आज उत्कर्ष ज्ञान कोचिंग सेंटर की उपलब्धियां जुड़ती जा रही हैं। महानतम नारियों में से एक सावित्रीबाई फुले का भी यही विचार था कि ~ एक सशक्त शिक्षित स्त्री सभ्य समाज का निर्माण कर सकती है, इसलिए उनको भी शिक्षा का अधिकार होना चाहिए।
कम नहीं ये किसी से
साबित कर दिखलाएंगी
खोल दो बन्धन
बेटियां हर मंजिल पा जाएंगी
हमारे इंस्टिट्यूट के 10th के 10 टॉपर को सम्मानित किया जाएगा।आज इस मंच पर इंस्टिट्यूट की छात्राएं भी सम्मानित होंगी। आज हम इन प्रतिभाशाली बच्चों को प्रेरणा मानकर शिक्षा का दृढ़ संकल्प करें ताकि एक शिक्षित स्त्री अत्याचार से बचे और हर घर का उजियारा बने। भारतीय संविधान के महानायक बाबा साहब उनका मानना था कि शिक्षा के बिना समाज आगे नही बढ सकता है।
इस तरह हौसला आजमाया करो
मुश्किलें देखकर भी मुस्कुराया करो
दो निवाले भले कम खा लेना
लेकिन अपने बच्चों को पढ़ाया करो।
इसलिए हम शिक्षा को परम उद्देश्य मानते हुए समाज में शिक्षा का प्रचार प्रसार करें।
अतिथि आगमन सत्कार स्थान ग्रहण
उत्कर्ष कोचिंग सेंटर (annual function) के आंगन को सुशोभित करने पहुंचे माननीय मुख्य अतिथि महोदय,कार्यक्रम अध्यक्ष, विशिष्ट अतिथि, सभी शिक्षकों और सुनने वालों का स्वागत करता हूं।
हृदय कमल खिल उठा आंगन हुआ गुलज़ार
भावों के उपवन से हो रही पुष्पों की बौछार
स्वर से स्वर मिल रहा करतल ध्वनि गूंज रही
कृपा हुई आपकी जो किया अनुग्रह स्वीकार
माननीय मुख्य अतिथि महोदय का उत्कर्ष परिवार की ओर से तहे दिल से धन्यवाद और स्वागत करते हैं जो आपने हमारे निमंत्रण को स्वीकार (annual function) किया और अपने कीमती समय में से समय निकालकर हमारे बीच में पहुंचे एक बार जोरदार तालियों के साथ माननीय मुख्य अतिथि महोदय और विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करेंगे। आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय विशिष्ट अतिथि और बच्चों से निवेदन है कि वह अपना अपना स्थान ग्रहण करें।
नीचे अवनी ऊपर अंबर
बीच धरा के पवन हिलोरे खाती
सप्तधारा के शांत करों से
सौंधी गंध ये आती
पुष्पगंध में बसा हुआ है
आज यहां पर प्रांगण
अभिनंदन स्वीकार करें
आज का दिन अनूठी अनुभूति से भरा है। आपसी सहयोग और प्रेम की ऊर्जा से लबालब भरे मित्रों और अतिथियों की जीवंत उपस्थिति कार्यक्रम को शोभवान करेगी।
दीप प्रज्वलन
अभिवादन हो आप सबका
प्रेम की कोई नज़्म सुनाते हैं
माँ सरस्वती के आगे दीप जलाकर
आओ आज का जश्न मनाते हैं
हमारे कार्यक्रम (annual function) के सिरमौर माननीय मुख्य अतिथि महोदय , विशिष्ट अतिथियों और हमारे आदरणीय अध्यापकों से निवेदन करूंगा कि मंच पर आएं और विद्या और कला की देवी मां शारदा के आगे पुष्प अर्पित करके दीप प्रज्वलित करें और मंच का शुभारंभ करें।
जैसे रोशनी होती है दीपक से
वैसा सब में आप जोश भर दो
पावन किया दरबार को आपने
दीप जलाकर आगाज़ कर दो
हम सभी उस अलौकिक शक्ति, अदृश्य शक्ति को याद करें और धन्यवाद करें कि हमें यह सुंदर जीवन मिला है जब तक दीप प्रज्वलन का कार्य हो आप कुछ ना कुछ बोलते रहिए या हल्के हल्के आवाज में कोई धार्मिक गीत या प्रार्थना लगा दीजिए। सभी का एक बार पुनः सभी का सादर अभिवादन।सम्मान समारोह में मंच पर विराजमान माननीय मुख्य अतिथि महोदय, विशिष्ट अतिथि, समाज के अग्रणी महानुभावों,उपस्थित मातृशक्ति ,युवाओं, बुजुर्गों एवं उपलब्धिवान छात्र छात्राओं का अभिवादन करता हूं। आए हुए सभी अतिथि अपना अपना स्थान ग्रहण करेंगे।
गणेश वंदना
कार्यक्रम का शुभारंभ (annual function) कर रहे हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं भगवान गणेश को प्रथम देव माना जाता है।गणराज सभी को बुद्धि वैभव प्रदान करें।रिद्धि सिद्धि के दाता गजानन सब के मन में विवेक की उत्पत्ति करे। इसी आशीर्वाद के साथ के कार्यक्रम की मंगल कामना करते हैं।
एक दन्त विनायक है गणपति महानायक है
पहले पूजे जाते हैं दीन हीन के सहायक है
भोले बाबा के लाडले रिद्धि सिद्धि दायक है
नाम सुमिरत कष्ट निवारत धन वैभव बल दायक है
किसी भी काम को करने से पूर्व गणेश भगवान का नाम लेते हैं। इसी के चलते सबसे पहले गणेश वंदना के लिए मैं मंच पर (annual function) आमंत्रित करूंगा आपकी जोरदार तालियों के साथ उत्कर्ष कोचिंग सेंटर की छात्राओं को, वो आएं और आज की सभा का श्री गणेश करें।
सर झुका कर इस प्रांगण में प्रवेश करते हैं
एक दूसरे के मस्तक पर अभिषेक करते हैं
करबद्ध अभिवादन से करके नमन
खुशियों से भरी महफिल का श्री गणेश करते हैं
सरस्वती वंदना
उत्कर्ष कोचिंग सेंटर के सम्मान समारोह (annual function) को लेकर सभी स्टूडेंट्स में पूरा उत्साह है। हमारे विद्यार्थियों की भी पूरी इच्छा थी कि हम ऐसा कार्यक्रम आयोजित करें। हमारे कोचिंग सेंटर के छात्र-छात्राओं ने इस आयोजन को सफल बनाने में पूरा प्रयास किया है। इसी के साथ है मां सरस्वती की वंदना के लिए आमंत्रित करूंगा छात्राओं को।
वंदन हो माँ सरस्वती का
मन में निर्मल भाव भरें
हर कंठ में वास हो रसना का
अभिव्यक्ति में यशोगान करें
स्वागत गीत
भारतवर्ष विविधता में एकता का प्रतीक माना जाता है। हमारी संस्कृति में पीपल पूजन, प्रकृति पूजने से लेकर अतिथि के आदर सत्कार जैसी अनूठी विशेषताएं हैं जिनसे अपने देश को महानता प्रदान की है।
महक उठा ये घर आंगन
जब से आप पधारे हैं
ऐसा एहसास होता है
जन्मों से आप हमारे हैं
ऐसी ही उज्जवल संस्कृति के साथ आज आए हुए मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों के स्वागत के लिए तरन्नुम भरा गीत लेकर मंच पर आ रही है उत्कर्ष कोचिंग सेंटर की छात्राएं।तालियों के साथ स्वागत करेंगे।
पुष्पाभिनंदन
भारतीय संस्कृति को संजोते हुए हमारे आदरणीय अतिथियों, शिक्षकों का पुष्पाभिनंदन करते हैं।
जब तक हृदय ना फेरे डाले वह गठबंधन व्यर्थ रहेगा
जब तक जले न दिल का दीपक सारा पूजन व्यर्थ रहेगा
चाहे जय जयकार मनाओ मालाओं से कण्ठ सजाओ
जब तक हृदय ना तिलक लगाए वह अभिनंदन व्यर्थ रहेगा
सबसे पहले आदरणीय सर श्री …….को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत करेंगे एक बार जोरदार तालियों से स्वागत करेंगे। अभिवादन, अभिनन्दन, सत्कार की इसी कड़ी के चलते आदरणीय सर श्री ……. को पुष्प भेंट करके स्वागत करने आ रहे हैं……..
आज की हर्षित बेला पर
खुशियां मिले अपार
यश कीर्ति सम्मान मिले
और बढ़े सत्कार
अभी मैं हमारी आदरणीय ……से आग्रह करूंगा कि वो मंच पर आएं और खुशी और समृद्धि के प्रतीक पुष्प स्वीकार करें। …… के पुष्प अभिनंदन के लिए श्री …..जी को आमंत्रित करूंगा।
सजती रहे खुशियों की महफिल
हर खुशी इतनी सुहानी रहे
आप जिंदगी में इतने खुश रहे हैं
कि हर खुशी आपकी दीवानी रहे
इस सम्मान दिवस के अवसर पर कहना चाहूंगा कि ये बच्चे खिलते हुए फूल है। इनकी खिलखिलाहट को हम एहसास करें। इनकी प्रतिभाओं के लिए हम हमेशा हौसला देते रहेंगे। उमंग और आशा के प्रतीक पुष्पाभिनंदन के लिए आमंत्रित करूंगा श्री …..जी को
स्वागत सम्बोधन
किसी भी संगठन,संस्था की सफलता के पीछे एक टीम वर्क होता है। आपके उत्कर्ष ज्ञान कोचिंग सेंटर के शिक्षकों और आप अभिभावकों के प्रबल भावनात्मक सहयोग की बदौलत बच्चों का उत्थान हो रहा है।हमारा यही भावनात्मक जुड़ाव हमारे समाज को गति दे रहा है। अभी मैं ऐसे ही व्यक्तित्व को मंच पर आमंत्रित कर रहा हूं। जो हमेशा बेहतर से बेहतर करने के प्रयास किए हैं। आपकी सम्मान भरी तालियों के साथ मंच पर आमंत्रित करूंगा उत्कर्ष ज्ञान कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर श्री …… जो आएं और स्वागत संबोधन रखें
भाषण
भाषण समाप्त के बाद बोले
शिक्षक के बिन ये दुनिया क्या
कुछ भी नहीं बस अंधकार यहाँ
शत-शत नमन उन शिक्षकों को
जिनके कारण रोशन सारा जहाँ
बहुत सुन्दर संदेश दिया। आज हम शिक्षकों को इसी तरह समर्पित और संगठित होकर कार्य करने की ज़रूरत है। आदरणीय सर के अनमोल विचार हमारे लिए पथ प्रदर्शन का काम करेंगे एक बार पुनः आज के शानदार समारोह के लिए करतल ध्वनि हो जाए।
बहारों की महफिल सुहानी रहेगी
लब पर खुशियों की कहानी रहेगी
यूं ही चमकती रहेगी यह अनूठी प्रतिभाएं
अगर आप की तालियों की मेहरबानी रहेगी
शिक्षकों का पुष्पभिनंदन
जैसा की हम सभी जानते हैं कि की शिक्षक को सरस्वती पुत्र कहा जाता है। शिक्षक से ही समाज में जागरूकता आती है शिक्षक दिव्य दृष्टि देता है।अतः उत्कर्ष की इस मंच पर सबसे पहले हमारे उत्कर्ष कोचिंग संस्थान के शिक्षकों और आसपास के विद्यालयों से आए हुए आदरणीय शिक्षकों को मंच पर आमंत्रित करूंगा।
ज्ञान की नींव को मजबूत करके
जीवन को आधार देता है
बच्चों में जिज्ञासा पैदा करके
शिक्षक ही सोच को आकार देता है
माननीय मुख्य अतिथि महोदय से सादर अनुरोध करूंगा कि मंच पर आएं और हमारे आदरणीय अध्यापकों को माल्यार्पण, पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित करें। शिक्षक समाज की वो विभुति है जो हर व्यवसायी, प्रतिभा, चिकित्सक और उच्च श्रेणी इन्सान का निर्माण करता है। आज के इस अद्भुत दिन के लिए एक बार तालियां हो जाए।
हर सपने को अपनी सांसो में रखो
हर मंजिल को अपनी बाहों में रखो
हर जीत आपकी ही है
बस अपने लक्ष्य को अपनी निगाहों में रखो
हमारे सभी आदरणीय शिक्षकों के मस्तक पर तिलक लगाकर सम्मान के इस उत्सव को यादगार बनाएंगे।
उत्कर्ष प्रार्थना
उत्कर्ष का अर्थ है समृद्धि, जागृति ,उच्च गुणवत्ता या उन्नति। समाज में चहुंओर शिक्षा ,जागरूकता और मानवता का उत्कर्ष हो, इसी दुआ में उत्कर्ष प्रार्थना के लिए हम सभी अपने अपने जगह पर खड़े होंगे
क्षमा भाव रखें मन में हमेशा
क्षमा ही जीवन का सार होती है
मिलकर करें सृष्टि का धन्यवाद
तो प्रार्थनाएं स्वीकार होती है।
हम ईश्वर स्तुति( प्रार्थना) करेंगे। 2 मिनट के लिए सभी अपने अपने स्थान पर खड़े होंगे। उस परम सत्ता स्मरण करते हुए धन्यवाद करेंगे।
जीवन में प्रगति, उत्थान, उत्कर्ष हो तो जीवन एक संगीत बन जाता है। जीवन एक प्रेरणा बन जाता है। उत्कर्ष ज्ञान कोचिंग सेंटर के विद्यार्थियों ने अपने शिक्षण कार्य में विशेष स्थान अर्जित करके उत्कर्ष की प्राप्ति की है। इसी प्रेरणा में एक मोटिवेशनल गीत पेश है। दो पंक्तियों के साथ मंच पर पेश है उत्कर्ष गीत
रास्ते जिंदगी के आसान नहीं होते
किसकी जिंदगी में तूफान नहीं होते
ऊंचे-ऊंचे मुकाम हासिल करने वाले
छोटी-छोटी बातों से परेशान नहीं होते