भारतवर्ष में गणतंत्र दिवस (Republic day) और स्वतंत्रता दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाये जाते हैं। दोनों ही राष्ट्रीय दिवस होते हैं। गणतंत्र दिवस पर भारत एक लोकतंत्रात्मक गणराज्य बना था। देश के हर नागरिक को वोट देने का अधिकार मिला। हमें अपने संवैधानिक अधिकार मिले। देश का हर नागरिक संप्रभु बना। इस उपलक्ष्य में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस दिन भी विद्यालयों और बहुत सी संस्थाओं में मंच पर कार्यक्रम होते हैं। तिरंगा फहराने के साथ बच्चे भिन्न-भिन्न मनमोहक प्रस्तुतियां देते हैं। बच्चों में पूरा उत्साह होता है। इस दिन गांव के मुखिया, कोई मुख्य अतिथि, टीचर, स्टूडेंट को भाषण बोलने होते हैं। अपने विचारों को रखने के लिए यह दिन विशेष अवसर होता है। इसलिए आप अपने विचार जरूर रखें। मैंने कुछ भाषण लिखे हैं। आप यह भाषण तैयार करके मंच पर बोल सकते हैं।
Short Speech For Republic day
सबसे पहले आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। कार्यक्रम में उपस्थित आदरणीय मुख्य अतिथि…..,श्री विशिष्ट अतिथि…., स्कूल प्रिंसिपल श्री…., आदरणीय शिक्षक गण,एसएमसी कमेटी, माता बहनों, ग्राम वासियों और प्रिय विद्यार्थियों का स्वागत करता हूं। आज के दिन भारत का संविधान लागू हुआ। जिसमें हर भारतवासी को अधिकार मिले। आज हमारे संविधान लिखने वालों महापुरुषों को याद करने का दिन है। आज हमारा देश विकसित देशों में गिना जाने लगा है। इस विकास में हम भी सहयोग करें।
इसलिए जरूरी है कि आप बच्चे पढ़ लिख कर अच्छे नागरिक बने। अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखें। ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं। नशे और अपराध की दुनिया से दूर रहें। अपने मोबाइल का प्रयोग अपनी ज्ञान वृद्धि के लिए ही करें। हमारी अच्छी आदतें होगी तभी हम अच्छे नागरिक बनेंगे और अच्छे नागरिक ही देश का निर्माण करेंगे।
आज का कार्यक्रम बहुत ही अच्छा रहा।कम समय में तैयारी करके भी बच्चों ने सुंदर प्रोग्राम दिए। इसके लिए मैं इन बच्चों को स्कूल स्टाफ को बधाई देता हूं। इन्हीं शब्दों के साथ एक बार पुनः आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
दो पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूं।
दिवाली में अली बसे
राम बसे रमजान
ऐसे ही उज्जवल रहे
मेरा प्यारा हिंदुस्तान
जय हिंद जय भारत
26 January speech in Hindi Republic day Motivational Speech
अनूठे सृजन की युक्ति तुम में है
मोक्ष पद की भक्ति तुम में है
मानव मन की कोई सीमा नहीं
विश्वास करो हर शक्ति तुम में है
सबसे पहले संप्रभुता के इस पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। गणतंत्र दिवस की इस पावन मंच पर विराजमान माननीय मुख्य अतिथि महोदय एवं सभी सुनने वालों का अभिवादन करता हूं अभिनंदन करता हूं।
200 वर्ष अंग्रेजों की गुलामी के बाद हमारे शूरवीरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आजादी दिलवाई। आजादी के बाद देश को एक विधि व्यवस्था की जरूरत थी। जिस जिम्मेदारी को निभाते हुए डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ भीमराव अंबेडकर, हरेंद्र कुमार मुखर्जी, सच्चिदानंद सिन्हा जैसे महापुरुषों ने हमें एक संविधान दिया,जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। आज के दिन भारत एक लोकतंत्रात्मक गणराज्य बना। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान के संस्थापकों को शत-शत नमन करता हूं।
विशेष करके नई पीढ़ी को स्वतंत्रता और गणतंत्र का इतिहास पढ़ना चाहिए। क्योंकि देश की कानून व्यवस्था की सबसे बड़ी जिम्मेदारी नई पीढ़ी पर होती है। इसके लिए जरूरी है की नई पीढ़ी को जागरूक होना होगा। आज दौड़ भरी जिंदगी में मोबाइल के दुरुपयोग और नशे ने यूवा समाज की चिंता बढ़ा दी है। गणतंत्र की बुनियाद वही मजबूत कर सकता है जो स्वस्थ ,जागरूक और स्वावलंबी हो।
परों को खोल, ज़माना उड़ान देखता है।
जमीन पर बैठकर, क्या आसमान देखता है ।
मिला है हुस्न तो इस हुस्न की हिफाजत कर
संभल के चल तुझे सारा जहान देखता है
आप अपने इस नई उम्र की सौगात की कीमत समझें। आज आपकी ये उम्र, नई ऊर्जा बेशकीमती है। शिक्षा ,रचनात्मक तकनीक हर क्षेत्र में आप बड़ी सफलता अर्जित कर सकते हैं,क्योंकि इस उम्र में सीखने की क्षमता बहुत तेज होती है। इसलिए आप मन लगाकर पढ़ें। जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करें। अपने गुरुजनों की प्रेरणा से ज्ञान अर्जित करें। अच्छा सीखने और रचनात्मक बनने के लिए स्मार्टफोन का प्रयोग करें। मोबाइल के सही प्रयोग आपके जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आ सकता है।
रास्ते जिंदगी के आसान नहीं होते,
किसकी जिंदगी में तूफान नहीं होते
ऊंचे-ऊंचे मुकाम हासिल करने वाले
छोटी-छोटी बातों से परेशान नहीं होते
छोटी-छोटी बातों से परेशान होने की बजाय अपने आप को खुश रखें। आपका उज्ज्वल चरित्र ही देश के चरित्र को मजबूत करेगा। अगर हम एक अच्छे इंसान बनते हैं तो ये राष्ट्र निर्माण में एक एक कदम होगा। खुद को ही भारत समझे। मैं अच्छा हूं तो मेरा भारत अच्छा है। मैं अनुशासित हूं तो देश अनुशासित होगा। अगर हर व्यक्ति ऐसा प्रण कर ले तो देश हर अवस्था में महान होगा।
मुझे विश्वास है हम आज के दिन ऐसे शुभ संकल्प लेंगे, अच्छी आदतें अपनाएंगे,अच्छे इंसान बनेंगे। हमारे ऐसे चरित्र से ही स्वतंत्रता सेनानियों और गणतंत्र के संस्थापकों के सपनों के भारत का निर्माण होगा। इन्हीं शब्दों के साथ एक बार पुनः आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय हिंद जय भारत
Republic day bhashan | गणतंत्र दिवस शिक्षकों के लिए भाषण
हैं अंधेरे बहुत तुम सितारा बनों
डूबतों के लिए तुम किनारा बनो
इस ज़माने में है बेसहारा बहुत
तुम सहारा ना लो बस सहारा बनो
सर्वप्रथम भारत के आकाश के तारे हमारे देशभक्तों और संविधान निर्माताओं को नमन करता हूं। समारोह में उपस्थित माननीय मुख्य अतिथि महोदय, विशिष्ट अतिथि, स्कूल प्रिंसिपल, आदरणीय गुरुजन, प्रिय विद्यार्थियों एवम गांव से आए सभी युवाओं, बुजुर्गों और मातृशक्ति का अभिवादन करता हूं।
आज पूरे देश में संप्रभुता का यह पावन पर्व मनाया जा रहा है। गणतंत्र भारत के 74 वर्ष पूरे हो चुके हैं। आज देश तेजी से विकास के पायदान पर अग्रसर है। आजादी के बाद हमारे संविधान निर्माताओं ने देश को लोकतंत्रात्मक गणराज्य दिया। आज हम अपने संविधान निर्माताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को याद करें। उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लें।
तेजी से विकसित होते भारत ने वर्ष 2023 में अनेकों उपलब्धियां प्राप्त की है।चंद्रयान 2 की असफलता के बाद 14 जुलाई 2023 को अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 लॅान्च किया था, जिसके बाद भारत चांद के साउथ पोल पर स्मूथ लैंडिंग करने वाला पहला देश बना।
आत्म गौरव भाव लेकर
देश आगे बढ़ चला है
पथ सदा हमने चुना वह
विश्व का जिसमें भला है
यह देश की युवा पीढ़ी का कमाल है। स्वराज्य प्राप्ति के बाद इतने अल्प समय में अगर देश ने विकास किया है तो इसमें कोटि-कोटि जन की आकांक्षाएं, भावनाएं और देश प्रेम है। यह नई उम्र के अनुशासन और निष्ठा का परिणाम है। अगर एक युवा या कोई नई उम्र का विद्यार्थी अनुशासन, इंसानियत, योग्यता, परिश्रम से परिचय देता है, तो वह एक तरह से राष्ट्रीय चरित्र का परिचय दे रहा है।
इस बार भारत ने हांगझोऊ एशियाई खेल 2023 में 28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य सहित 107 पदकों के रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के साथ एक नया मानदंड स्थापित किया। एशियन गेम्स के इतिहास में यह पहली बार था कि भारत की पदक तालिका तीन अंकों के आंकड़े को पार कर गई। ये है देश की शक्ति और नयी ऊर्जा का प्रदर्शन।
आगे तुम्हीं को बढ़ना है नियति का यही इशारा है
ये हालात तुम्हारे हैं ये संघर्ष भी तुम्हारा है
तुम्हें खुद ही बदलना होगा सब क्योंकि
ये जिंदगी तुम्हारी है और ये वक्त भी तुम्हारा है।
नई उम्र के बच्चों से कहना चाहूंगा कि आज वक्त आपका है। आज नएपन का समय है। पुरानी धारणाओं,विचारों को छोड़कर कोई सृजन करें। सबसे पहले तो हम अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से लगन और परिश्रम से करें। इसके बाद जरूरी है अपनी नॉलेज को अपडेट रखना। आज के समय में स्मार्टफोन बड़े कमाल की चीज है। यह मोबाइल आपके जीवन में बहुत बड़ी उपलब्धि दे सकता है। जरूरी है कि आप स्मार्टफोन का सदुपयोग करें।
माना कि किरदार इसका लाज़वाब है
उंगलियों पर आज सारा हिसाब है
मुनासिब नहीं जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल
हिफ़ाज़त करो ख़ुद की ये मोबाइल खतरनाक है।
अपनी आदतों के प्रति जागरूक रहें। जीवन में अच्छी आदतें अपनाएं और अच्छे नागरिक बनकर देश के विकास में अपना योगदान दें। हमारा चारित्रिक रूप से उज्जवल होना ही देश का भला है। इन्हीं शब्दों के साथ में आशा करता हूं कि आप पढ़ाई करते हुए एक सफल और अच्छे इंसान बनेंगे।
एक बार फिर से आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद जय भारत
26 January hindi bhashan | 26 जनवरी मुखिया के लिए भाषण
यूँ ही नहीं इस देश में
खुशियों के चमन खिलतें है
जरा आँख उठाके देख ऐ विश्व
यहाँ दीप नहीं दिल जलतें हैं
सबसे पहले हमारे संविधान निर्माताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं। कार्यक्रम में उपस्थित कार्यक्रम अध्यक्ष माननीय श्री…….., आदरणीय प्रिंसीपल सर, गुरुजन और प्यारे बच्चो का स्वागत एवं गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं करता हूं।
देश की आजादी के बाद हमारे संविधान निर्माताओं बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभाई। देश को पूर्ण रूप से संप्रभु बनाने के लिए संविधान लिखा गया और 26 जनवरी 1950 को देश लोकतंत्रात्मक गणराज्य बना।देश में हर वर्ग,जाति, धर्म के लोगों को अवसर की समता और जीने का अधिकार मिला। देश के हर नागरिक को पूर्ण रूप से राजनीतिक अधिकार मिले।हम हमेशा हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और गणतंत्र के संस्थापक को याद रखें व उनके सपनों के भारत का संकल्प लें ।
आजादी नाम में नहीं ईमान में है
हर नागरिक के सच्चे सम्मान में है
हर भारतवासी अपने फर्ज निभाए
मेरे देश की महानता इस विधान में है
असल में जब देश की महानता की बात आती है तो बहुत जरूरी हो जाता है कि हम एक अच्छे नागरिक बनें। इसके लिए आज सबसे जरूरी है शिक्षित होना। एक शिक्षित व्यक्ति ही अपने परिवार, समाज को ऊपर उठा सकता है। इसके साथ-साथ है बहन बेटियों की शिक्षा की जिम्मेदारी भी लेनी होगी। राजस्थान में आज देखा जाए तो हमारे प्रांत की बेटियों और युवाओं ने छोटी-छोटी उम्र में बड़े-बड़े पदों और उपलब्धियां को हासिल किया है। यह शिक्षा का परिणाम है।
महान समाज सुधारक नेल्सन मंडेला ने एक बात कही है कि शिक्षा ही हमारी दुनिया बदल सकती है।
विषम परिस्थितियों में भी बेहतर सीखकर
गरीबी के दुष्चक्र से निकल सकते हैं
शिक्षा वो शक्तिशाली हथियार है बच्चो
जिससे आप दुनियां बदल सकते हैं
आदिवासी समाज में आज शिक्षा और जागरूकता की बहुत ज्यादा जरूरत है। मैंने देखा है कि आदिवासी समाज में भी कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते पर बड़ी-बड़ी सफलताएं अर्जित की है। एक बार जरुर कहना चाहूंगा कि ठीक है हम अपने हितों के लिए लड़े। अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए सरकार के आगे मांगे रखें। मगर यह भी कहना चाहूंगा की बड़ी सफलताओं के लिए हमें खुद की मेहनत के बलबूते उठना होगा। दुनिया में जो लोग महान सफलता अर्जित करते हैं। ऐसे ज्यादातर लोग अपनी जिम्मेदारी खुद लेते हैं और अपनी कड़ी मेहनत, शिक्षा और जागरूकता से अपने घर परिवार समाज को एक नई राह दिखाते हैं।
पथ में कांटे ना होते तो
जीवन का आभास ना होता
मंजिल मंजिल रह जाती
मानव का इतिहास ना होता
अगर हमें अपना सुनहरा इतिहास कायम करना है तो हमें शिक्षा का संकल्प लेना होगा। यही हमारा विकास है। अपना विकास होगा तभी हमें देश का विकास दिखाई देगा।
इसके साथ-साथ हम अपनी सभ्यता और संस्कृति को हमेशा याद रखें। अपनी सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करें। आज आपने मुझे आमंत्रित किया इसके लिए आपका दिल से आभार प्रकट करता हूं।आज का यह कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा यह आप सभी लोगों का प्यार और तालमेल है। और कहना चाहूंगा कि यही भारत है।
अपनी जान के दुश्मन को भी
हम अपनी जान कहते हैं
मोहब्बत की इसी मिट्टी को
हिंदुस्तान कहते हैं
गणतंत्र दिवस के इस पावन पर्व पर यही कहना चाहूंगा कि हम इसी तरह से आपस में प्रेम और सहयोग से अपना दायित्व निभाते रहें। आज के आयोजन के लिए सभी का आभार प्रकट करता हूं। हमारे स्कूल स्टाफ ……का विशेष रूप से धन्यवाद करता हूं जो हमारे बच्चों को निष्ठा और लगन से पढ़ाते हैं हैं। एक बार फिर से आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।अपने वक्तव्य के समापन पर दो पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूं।
चिंतन करो मनन करो
नव भावना के कमल दो
नूतन व्यवस्था दो न दो
तुम दुर्व्यवस्था बदल दो
जय हिंद जय भारत