शरद पूर्णिमा मंच संचालन स्क्रिप्ट | Sharad Purnima

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शरद पूर्णिमा हिंदुओं का प्रसिद्ध त्यौहार है। आश्विन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो अक्टूबर या नवंबर में पड़ता है। भारत के लोग अपने उत्सवों, त्यौहारों एवं अनुष्ठानों को पूरी श्रद्धा से मानते हैं। शरद पूर्णिमा (sharad purnima) भी एक ऐसा त्यौहार है, जिसका वैज्ञानिक महत्व है। शरद पूर्णिमा के दिन चांद पृथ्वी के बहुत नजदीक होता है। जिसे चांद की किरणें पृथ्वी पर गिर स्वास्थ्य की बौछार करती है।

शरद पूर्णिमा को भगवान श्रीकृष्ण के साथ जोड़कर देखा जाता है, जिन्होंने इस दिन गोपियों के साथ रासलीला की थी। शरद पूर्णिमा (sharad purnima) के दिन चंद्रमा अपनी पूरी शक्ति से चमकता है, इसलिए इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है। शरद पूर्णिमा की रात को जागरण करें और भगवान के भजन गाएँ। इसका बहुत महत्व है। शरद पूर्णिमा का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है, और यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन कुछ लोग कार्यक्रम रखते हैं। अगर आपको शरद पूर्णिमा के उत्सव में मंच संचालन करना हो तो दिए गए स्क्रिप्ट आपके लिए है।

शरद पूर्णिमा उत्सव

विधिवत शूरुआत से पूर्व कार्यक्रम की प्रांरभिक स्क्रिप्ट

महारास का उत्सव है
यहां चांद से अमृत नीर टपकेगा
मनोकामना पूर्ण होगी
सबकी दुआओं का नूर बरसेगा

सबसे पहले आप सभी को शरद पूर्णिमा (sharad purnima) पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। भारत में शरद पूर्णिमा का ये पावन पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। ऐसे ही उमंग और उल्लास के साथ आज गुढियारी के महेश्वरी समाज के आपसी सहयोग से शरद पूर्णिमा पर्व मनाया जा रहा है। हमारे भारतीय त्यौहारों को इस तरह परिवारिक रूप से एकत्र होकर सेलिब्रेट करना हमारी सभ्यता संस्कृति को दर्शाता है।

परिवारों में हो सुख समृद्धि
ये मंगल कामना करते हैं
संसार में सबके भले की खातिर
शरद उत्सव पर मिलकर आराधना करते हैं

इसके साथ ही योगी राज श्री कृष्ण ने राधा रानी के साथ पहला रास शरद पूर्णिमा (sharad purnima) को ही रचाया था।इसलिए शरद पुर्णिमा को रास पुर्णिमा भी कहा जाता है। मां लक्ष्मी का समुद्र से आविर्भाव शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। इसी कारण इस दिन मां लक्ष्मी धरती में आती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति हर बीमारी से छुटकारा पा सकता है। चन्द्रमा की किरणों से रात भर अमृत बरसता है। इस कार्यक्रम में भी आज हम सभी मिलकर इस अमृतमयी खीर का प्रसाद ग्रहण करेंगे और मां लक्ष्मी, भगवान महेश एवम भगवान श्री कृष्ण की कृपादृष्टि से सभी के स्वास्थ्य की मंगल कामना करेंगे।

अमृत खीर का प्रसाद लेकर
आपस में खुशी मनाएंगे
भगवान महेश की कृपा होगी
मिलकर सभी मंगल गीत गाएंगे

माहेश्वरी समाज से सखी सहेलियों, युवाओं और समाज के प्रतिष्ठित महानुभावों का महेश भवन ट्रस्ट की ओर से अभिवादन करते हैं।सभी से निवेदन है कि सभा में आकर अपना स्थान ग्रहण करे। जैसे ही गुढियारी महेश्वरी समाज से सभी सज्जन विशेष, नारी शक्ति , युवा और समाज के वरिष्ठ प्रतिष्ठित लोग पहुंचते हैं। भगवान महेश के आगे दीप प्रज्वलन कर के कार्यक्रम को विधिवत रूप से आरंभ करेंगे।

ईश्वर ने भी कीमती रतन
गिनती के ही बनाए हैं
उन रत्नों में सबसे कीमती
आज हमारे बीच में आए हैं

हमारे महेश्वरी समाज से विशेष अतिथि पहुंच चुके हैं। आए हुए मेहमानों का महेश भवन ट्रस्ट परिवार की और से हार्दिक स्वागत करते हूं जिनकी उपस्थिति पाकर ये प्रांगण जगमग हुआ है।श्री रामदेव जी गोपी जी धूत और श्री बसंत जी शशि जी राठी का विशेष रुप से स्वागत करते हैं। हृदय की गहराइयों अभिवादन करते हैं जिन्होंने हमेशा महेश्वरी समाज को एक परिवार बनाने का काम किया है।हमारे समाज के लिए भरपूर सहयोग देते हैं। आज के कार्यक्रम के प्रायोजक भी यही हैं। एक बार जोरदार तालियों से स्वागत करेंगे।

पैसा तो सभी कमाते हैं दुआएं भी कमाओ दुआएं भी कमाओ दुआ वहां काम आती है जहां पैसा काम नहीं आता। ऐसी ही दुआएं से सराबोर हमारे समाज के माननीय अति विशिष्ट सज्जनों का स्वागत करते हैं। सबसे पहले मैं सादर अनुरोध करुंगा हमारे बीच में आए हुए विशेष अतिथि श्री…….. एवम श्री …….और माहेश्वरी समाज से माननीय प्रतिष्ठित विभूतियों का की वो मंच पर आएं और भगवान महेश और योगीराज कृष्ण जी के आगे दीप प्रज्वलित करके शरद पूर्णिमा के इस भव्य समारोह को ज्योतिर्मय करें।

शायरी

जैसे रोशनी होती है दीपक से
वैसा सब में आप जोश भर दो
पावन किया दरबार को आपने
दीप जलाकर आगाज़ कर दो

हम सभी उस अलौकिक शक्ति, अदृश्य शक्ति को याद करें और धन्यवाद करें,कि हमें यह सुंदर जीवन मिला है। मां लक्ष्मी सभी को बुद्धि वैभव प्रदान करें। गीता के उपदेशक भगवान श्री कृष्ण सब के मन में विवेक की उत्पत्ति करे। इसी आशीर्वाद के साथ सबके भले के लिए मंगल कामना करते हैं दीप प्रज्वलन के साथ ही हम ईश्वर स्तुति प्रार्थना करेंगे। 2 मिनट के लिए सभी अपने अपने स्थान पर खड़े होंगे। उस परम सत्ता स्मरण करते हुए धन्यवाद करेंगे। परमपिता परमात्मा और इस सृष्टि के कृतज्ञता प्रकट करेंगे जो हमें ये जीवन दिया। अपने माता पिता पर हृदय से श्रद्धा की पुष्प वर्षा करें जो हमें ये सुंदर और स्वस्थ शरीर दिया।

Prayer

सभी का एक बार पुनः सभी का सादर अभिवादन। आए हुए सभी अतिथि अपना अपना स्थान ग्रहण करेंगे। कार्यक्रम का शुभारंभ कर रहे हैं। आज का कार्यक्रम बहुत ही खूबसूरत होने वाला है। महेश्वरी समाज की छोटी-छोटी प्रतिभाओं को देखने का अवसर मिलेगा। सबसे पहले दो ग्रुप में 3 से 10 वर्ष के लिटिल चैंपियन्स का फैंसी ड्रेस कार्यक्रम होगा। फैंसी ड्रेस कार्यक्रम की संयोजिका है श्रीमति अर्चना डागा इसके बाद हमारे समाज से बहन बेटियां, सखी सहेलियां युगल नृत्य करेंगी। इस कार्यक्रम की संयोजिका है श्रीमति प्रीति

इसी के चलते लक्की ड्रा, लक्की गेम के बाद समाज के विशिष्ट महानुभावों का सम्मान समारोह और कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण महारास से कार्यक्रम समापन होगा। मैं चाहूंगी कि आज के इस से माहेश्वरी समाज के शरद पूर्णिमा उत्सव का एक बार जोरदार तालियों के साथ स्वागत करेंगे। 3 से 6 वर्ष के बच्चों के फैंसी ड्रेस प्रस्तुति को आमंत्रित करने से पहले इन नन्हे मुन्ने हंसते चेहरों के लिए 2 पंक्तियां कहूंगी।

दौड़ने दो खुले मैदानों में
इन नन्हे कदमों को जनाब
जिंदगी बहुत तेज भगाती है
बचपन गुजर जाने के बाद

आपकी जोरदार तालियों के साथ फैंसी ड्रेस प्रस्तुति के लिए आ रहे हैं माहेश्वरी समाज के नन्हें कलाकर

फैंसी ड्रेस प्रस्तुति 3 से 6

जोरदार स्वागत कीजिए तालियों से। आपकी तालियां रुकनी नहीं चाहिए

कान्हा के चरणों की धूल चंदन से कम नहीं
आपकी तालियां किसी अभिनंदन से कम नहीं
जोरदार तालियों से बच्चों का हौंसला बढ़ाएं
तो ऐसा लगेगा की आपका प्रयास वंदन से कम नहीं

इसी के साथ मैं 7 से 10 साल के बच्चों को फैंसी ड्रेस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करूंगी।

छोटी छोटी खुशियां ही तो
जीने का सहारा बनती है
इच्छाओं का क्या वह तो
पल-पल बदलती है

आपकी प्रसन्नता भरी मुस्कुराहट के साथ मंच पर आ रहे हैं माहेश्वरी समाज के नन्हें स्टार

इम्तिहान समझकर
सारे गम सहा करो
शख़्सियत महक उठेगी
बस खुश रहा करो

वास्तव में असली खुशी बच्चों संग ही मिलती है। बच्चों का सबसे बड़ा धर्म खुशी, उमंग उल्लास ही होता है। आज के फैंसी ड्रेस कार्यक्रम में जमकर लुत्फ उठाइए।

रोने की वजह भी ना थी
ना हंसने का बहाना था
क्यों हम हो गए इतने बड़े
इससे अच्छा तो बचपन का जमाना था

एक बार पुनः हम सब इन बच्चों के सम्मान में तालियां बजाएंगे। फैंसी ड्रेस के ये प्रस्तुति लाजवाब थी। बच्चों ने भिन्न भिन्न पोशाकों के साथ खुबसूरत अभिनय किया। ये हमारे समाज का आने वाला चमकदार भविष्य है। हम अभिभावक हमेशा
इनका सम्मान करें। इनके साथ बैठें ताकि इनके सपनों को पंख लगे।

खिलखिलाती इस महफ़िल के सितारो
आपके लिए दिल में सम्मान बहुत है
हमारे हुनर को देखकर जाना आज
बेशक बच्चे हैं पर इरादों में जान बहुत है

फैंसी ड्रेस प्रस्तुति के लिए श्रीमती प्रीति बूब और श्रीमती अर्चना डागा का धन्यवाद

sharad Purnima anchoring script

युगल नृत्य प्रस्तुति

अगली प्रस्तुति सखी सहेलियों के युगल डांस से पहले मैं कहना चाहूंगी कि महेश्वरी समाज के संस्कार हमेशा उज्जवल रहे हैं। आज महेश्वरी समाज ने अपनी सभ्यता और संस्कृति से ही समाज में अपना विशेष स्थान बनाया है। इसी तरह से आज का हमारा कार्यक्रम भी मर्यादा और संस्कारों से परिपूर्ण है। हमारा मौलिक उद्देश्य है की आपस में परिवार के भांति रहे। हमेशा तन मन से दूसरे का साथ दें। इसी लक्ष्य को लेकर शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर हमने यह उत्सव मनाने का निर्णय लिया।

युगल डांस के लिए सबसे पहले आमंत्रित करूंगी ……. और …….को इन दो पंक्तियों के साथ

आपकी जोरदार तालियों के साथ आ रही हैं ……. और ………Please come on the stage

युगल नृत्य
युगल नृत्य के बाद

कम नहीं ये किसी से
साबित कर दिखलाएंगी
खोल दो बन्धन
बेटियां हर मंजिल पा जाएंगी

जिंदगी के विरानो में खिला एक फूल है नारी । जिसकी खुशबू से ब्रह्मांड में महकता है

हम इनका सम्मान करें।बेटों के समान इन्हें अधिकार दें। बेटियों से गहरा प्रेम करके देखें, इन्हें भी हंसने,खेलने की आजादी दें।इन बेटियों की दुआएं हमारे जीवन में खुशियां भर देगी। घर आँगन समृद्धि भर जाएगी। इसी के साथ अगले युगल नृत्य के लिए मंच आमंत्रण दे रही हूं ……. और …… को,जो मंच पर आएं और अपनी प्रस्तुति दे

युगल नृत्य प्रस्तुति
युगल नृत्य के बाद

सजदा अदा न कर सका
इस बात का ग़म नहीं
खुशी से झूमना भी दोस्तों
खुदा की इबादत से कम नहीं

वास्तव में इन मनमोहक प्रस्तुतियो ने हमारे शरद पूर्णिमा उत्सव को चार चांद लगा दिए। एक बार तालियों से जोरदार स्वागत करेंगे। जिंदगी एक इम्तिहान,एक संघर्ष है।सुख दुख जीवन में साथ चलते हैं।जीवन में ये संघर्ष,इम्तिहान,दुख यूं ही चलते रहेंगे। बस चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहे तो जीवन की कठिन परिस्थितियों से गुजरना आसान हो जाता है और एक बड़ा लक्ष्य पा लेते हैं। इसलिए आज अपनी समस्याओं को बुलाकर एक बार सभी अपनी मुस्कुराहट से माहौल को चार चाँद लगाएंगे।

ये माना की जिंदगी की राह आसान नहीं
पर मुस्कुराकर चलने में कोई नुकसान नहीं

महेश्वरी समाज गुढ़ियारी के शरद पूर्णिमा उत्सव का मुख्य आकर्षण महारास है। जिसमें सभी मिलकर रास करेंगे। महारास के दर्शन कार्यक्रम के अंत में होगा। आज के इससे पहले हम चाहेंगे कि हमारे समाज के कुछ अग्रणी बंधु पथप्रदर्शको का इस पावन अवसर आदर सत्कार हो।

आदर सत्कार सम्मान खुशियों की कुंजी है
रिश्ते एक दिन की नहीं पूरे जीवन की पूंजी है

समाज में कुछ इन्सान ऐसे होते हैं जो रिश्ते नाते निभाने के लिए बने होते हैं।जीवन भर अपने समाज की और दूसरों की मदद करना इनका लक्ष्य बन जाता है।

मन में शक्ति का संचार होता है
बुद्धि में ज्ञान का भंडार होता है
सफलताओं से विभूषित होते हैं वो
जिनके जीवन में हमेशा आभार होता है

आज महेश्वरी समाज की ऐसी ही विशेष छवियां हमारे बीच मौजूद है। हम चाहते हैं कि एक बार जोरदार तालियों से हम सभी का सम्मान करेंगे और इनको सम्मान स्वरूप पगड़ी, साफा, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करेंगे। मंच पर आमंत्रित कर रही हूं श्री ……… जी, श्री …… जी (सभी के नाम बोलिए)

जैसे शरद पूर्णिमा की रात पावन होती है
वैसी आस आज हर दिल में जगी है
सलामत रहे आपका ये उज्ज्वल व्यक्तित्व
आपके आगमन से इस आंगन की शान बढ़ी है

शरद पूर्णिमा की चांदनी रात के बहुत सुन्दर,पवित्र और आकर्षक पल । हृदय से किए गए आदर सत्कार के पल जीवन भर याद रहते हैं। हम दिल की गहराईयों से गुढियारी की आन बान शान का स्वागत सत्कार करते हैं।

महेश्वरी समाज के इस स्नेह मिलन में
आज अपनेपन का एहसास हुआ है
आपकी गरिमामयी उपस्थिति पाकर
शरद पूर्णिमा का उत्सव ख़ास हुआ है

अभी समय आ चुका है कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण को निहारने का । आज के शरद पूर्णिमा उत्सव का मुख्य आकर्षण है महारास। बताया जाता है कि योगीराज भगवान श्री कृष्ण ने राधा के साथ पहली बार शरद पूर्णिमा को रास किया था। गुढ़ियारी समाज के सभी उपस्थित परिवार इस महारास से जुड़ेंगे। जोरदार तालियों के साथ महारास शुरू होगा।

जब भी करो बात मुस्कुरा दिया करो
बातों बातों में सबको अपना बना लिया करो
खुशियों के ऐसे मौके बार-बार नहीं आते
जहाँ मौका मिले थोड़ा ठुमका लगा लिया करो

वास्तव में जीवन एक नृत्य है। जो लोग खुशी के पलों‌ का जमकर लुत्फ उठाते हैं। प्रसन्नता हमेशा उनके साथ रहती है। आज इस महारास में भी गुढ़ियारी समाज के सभी परिवार मिलकर खुशी मनाएंगे।


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