स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 26 जनवरी (Republic day) 1949 को भारतीय संविधान बनकर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 भारतीय संविधान लागू हुआ। असल में इसी दिन हम लोग पूर्ण रूप से आजाद हुए। भारत के हर नागरिक को संप्रभुता मिली हर नागरिक को वोट का अधिकार मिला। इसलिए यह दिन पूरे भारतवर्ष में हर्षोल्लाह से मनाया जाता है।
इस दिन शिक्षण संस्थानों में मंच सजाई जाती है और शानदार कार्यक्रम होते है। अगर आपको 26 जनवरी (Republic day) के मंच पर संचालन करना तो आपको यह शानदार स्क्रिप्ट दी जा रही है। आप अभी से इसकी तैयारी करें ताकि आप अपना कार्यक्रम बेहतर तरीके से कर सके। 26 जनवरी या किसी भी कार्यक्रम की हर मंच संचालक अलग अलग तरह से अपने अनुभव के अनुसार प्रस्तुतियों की सूची बनाता है।
ज्यादातर कार्यक्रग्मों में शुरुआत में अतिथि सम्मान, दीप प्रज्वलन स्वागत गीत ,स्वागत संबोधन तक लगभग एक जैसी ही गतिविधियां रहती हैं। आप प्रस्तुतियों की सूची अपने अनुसार बना सकते हैं ।मुझे आपको एक स्क्रिप्ट देनी है इसलिए मैं अपने अनुभव के अनुसार जिस तरह से मैं सूची बनाता हूं ,उसी तरह से एक सूची बनाकर उसकी स्क्रिप्ट आपको दे रहा हूं ।
जो भी शब्दावली ,शायरी दी गई है ।अगर आपका कार्यक्रम विवरण इससे आगे पीछे होता है या थोड़ा अलग तरह का होता है तो आप अपनी बुद्धिमता से बदलाव कर सकते हैं। या अगर आपको अच्छा लगे तो आप मेरी तरह ही अपनी सूची बना लें।
- सर्वप्रथम मंच संचालक की एंट्री साउंड लगते ही कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत से पहले शायरी ,शब्दावली बोलकर माहौल बनाए।
- अतिथि आगमन शायरी,सन्देश से स्वागत
- अतिथियों से ध्वजारोहण
- राष्ट्रगान
- दीप प्रज्वलन
- सरस्वती या ईश वंदना
- अतिथि स्वागत गीत
- स्वागत सम्बोधन प्रस्तुतियां
- देशभक्ति गीत पर दमदार डांस ताकि शुरू में कार्यक्रम में रंग भर जाए
- देश भक्ति गीत
- कोई शिक्षाप्रद नाटक अगर हो तो
- किसी विद्यार्थी का भाषण
- अपने राज्य की संस्कृति प्रस्तुति डांस या अन्य
- हास्य स्किट या चुटकला
- किसी विशिष्ट अतिथि का भाषण
- डांस
- डांस
- डांस
- गीत
- भाषण
- अपनी संस्कृति प्रस्तुति
- देशभक्ति ग्रुप डांस
- मुख्य अतिथि का उद्बोधन
- समापन धन्यवाद
सबसे पहले वक्ताओं,संचालकों, प्रेरकों को मेरी ओर से हार्दिक अभिनंदन ।76वें (26 जनवरी 2025) गणतंत्र दिवस (Republic day) की आपको हार्दिक शुभकामनाएं। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के मंच संचालन की ये स्क्रिप्ट लिखने से पहले आपको एक बात जरूर कहूंगा की गणतंत्र दिवस हम लोग भारतीय संविधान के उपलक्ष में मनाते हैं और स्वतंत्रता दिवस आजादी के उपलक्ष में मनाते हैं।
इसलिए मंच संचालन करते हुए या भाषण देते हुए यह बात स्पष्ट कर ले कि आप गणतंत्र दिवस पर बोल रहे हैं या स्वतंत्रता दिवस पर। देशभक्तों ने 15 अगस्त के दिन आजादी दिलवाई और एक स्वतंत्र राष्ट्र का ही अपना संविधान हो सकता है तो यह बात ठीक है कि हम देशभक्तों के बलिदान को याद करें,भाषण दें या देशभक्ति प्रस्तुतियां दें।पर अधिकतर देखने में आता है कि हम 26 जनवरी (Republic day) को भी 15 अगस्त के कार्यक्रम की तरह देशभक्ति, बलिदान,आजादी से जुड़ी बातें, भाषण या प्रस्तुतियां ही करते हैं। कार्यक्रम विषय के अनुसार प्रस्तुतिकरण हो तो ज्यादा उचित रहेगा।
ज्यादातर हम लोग अपने वक्तव्य मंच संचालन में या प्रस्तुतियों में खास दिन की महत्ता को प्रस्तुत नहीं कर पाते।
गणतंत्र दिवस (Republic day) के कार्यक्रम के मंच संचालन में आप भारतीय संविधान,हमारे अधिकार,कर्तव्य,नारी अधिकारों के बारे में जितनी जानकारी प्रभावकारी ढंग से प्रस्तुतियों के बीच जरूर बताएं।ताकि सुनने वालों में जागरूकता आए और लोग कानून का पालन,नारी अधिकारों के प्रति सचेत हो।देश में व्यवस्था स्थापित हो।
यानी एक मंच संचालक,वक्ता का लक्ष्य केवल बोलना ही ना होकर बल्कि लोगों में अवेयरनेस और भाईचारा कायम करना हो। बहुत अच्छा होगा अगर एक मंच संचालक कार्यक्रम के शुरुआती दौर में प्रभावकारी वाक शैली में भारतीय संविधान की प्रस्तावना भी बोले।
जैसा कि मैंने पहले भी बताया है कि एक मंच संचालक कार्यक्रम शुरू होने के 20-25 मिनट पहले मंच आ जाए।
साउंड सेटिंग के साथ-साथ जितने भी अतिथि,बच्चे,नारी शक्ति,युवा,बुजुर्ग आए होते हैं उनके साथ शायरी,शब्दावली और अपनी बातों से संप्रेषण शुरू कर दे ताकि रूप से कार्यक्रम आरंभ होने से पहले अच्छा वातावरण बन जाए और मंच संचालक का आत्मविश्वास भी मजबूती पकड़ ले।
बहुत अच्छा होगा अगर एक मंच संचालक कार्यक्रम के शुरुआती दौर में प्रभावकारी वाक शैली में भारतीय संविधान की प्रस्तावना भी बोले।
जैसा कि मैंने पहले भी बताया है कि एक मंच संचालक को कार्यक्रम शुरू होने के 20-25 मिनट पहले मंच आ जाए।
साउंड सेटिंग के साथ-साथ जितने भी अतिथि,बच्चे,नारी शक्ति,युवा,बुजुर्ग आए होते हैं उनके साथ शायरी,शब्दावली और अपनी बातों से संप्रेषण शुरू कर दे ताकि विधिवत रूप से कार्यक्रम आरंभ होने से पहले अच्छा वातावरण बन जाए और मंच संचालक का आत्मविश्वास भी मजबूती पकड़ ले।
20-25 मिनट पहले आप क्रमानुसार दी गई इन शायरी और शब्दावली से आप अच्छा माहौल बना सकते हैं।
26 जनवरी मंच संचालन एंकरिंग स्क्रिप्ट (Republic day)
मंच संचालक की एंट्री शायरी और अभिवादन के साथ
आजादी से जीना आसान होगा
यहाँ हर जाति धर्म समान होगा
सपना था कानून लिखने वालों का
की हर भारतवासी इंसान होगा
गणतंत्र (Republic day) के संस्थापकों का बस यही एक सपना था।आज हम उस सपने को पूरा करें।इंसानियत के रास्ते पर चलते हुए अपनी कानून व्यवस्था को बनाए रखें।यही हमारा संकल्प रहे।
भारतीय संविधान के इस पावन दिवस पर सबसे पहले आप सभी बच्चों,विद्यार्थियों,युवाओं,बुजुर्गों और उपस्थित नारी शक्ति को हार्दिक प्रणाम करता हूं।
आज के दिन हम पूर्ण रुप से स्वतंत्र हुए भारत वर्ष का अपना एक वजूद बना। इस उपलक्ष में आज का दिन उत्सव के रूप में मना रहे हैं।यह हमारे लिए गौरव की बात है।
आओ प्रभु से हम दुआ मांगे
जिंदगी जीने की अदा मांगे
अपनी खातिर तो बहुत मांगा है
आओ आज सबके लिए भला मांगें
बस ऐसा ही भाव रहे हमारा कि सभी के जीवन में खुशियां आए। जिस तरह से भारतीय संविधान में सभी को समानता,स्वतंत्रता के अधिकार दिए गए। उसी तरह से मानव मन में भी ऐसे ही भाव हों की बिना किसी भेदभाव के सभी को सम्मान मिले।हर हृदय में मानवता का वास हो।ऐसी ही प्रेरणा से भरा होगा ये दिन।
बहारों की महफिल सुहानी रहेगी
लब पर खुशियों की कहानी रहेगी
चमकते रहेंगे खुशियों से ये सितारे
अगर आप की तालियों की मेहरबानी रहेगी
आज के इस पावन दिवस (Republic day) के सम्मान में एक बार अपनी तालियों से प्रांगण को गुंजायमान कर दीजिए। इसी तरह हम साथ मिलकर गणतंत्र के संस्थापको को याद करेंगे।शहीदों की कुर्बानी को सलाम करते हुए राष्ट्र के प्रति कृतसंकल्प होंगे।
दिन निकला हर दिन जैसा
पर आज का दिन कुछ खास हो
अपने लिए तो मांगते हैं रोज
आज सबके भले की अरदास हो
हर दिन शुभ होता है।एक उपलब्धि लेकर आता है।हम सब हर दिन खुद से वादा करें कि हमारा जीवन सबके भले के लिए हो।जैसे हमारा संविधान (26 जनवरी) लिखने वाली विभूतियां थी,आजादी दिलवाने वाले देशभक्त थे।हम भी आज के दिन ऐसी प्रेरणा लें।
जब तक हमारे मुख्य अतिथि आते हैं सभी से निवेदन है कि वे अपना अपना स्थान ग्रहण करें।एक अच्छे अनुशासन के साथ गणतंत्र दिवस (Republic day) का ये उत्सव मनाएंगे
इसी दौरान आपके पास नारी के बारे में भी कोई शायरी,शब्द होने चाहिए।
बहन,बेटियां, नारी शक्ति हर कार्यक्रम में उपस्थित होती है।
नारी तुम प्रेम हो
आस्था हो विश्वास हो
टूटी हुई उम्मीदों की
एकमात्र आस हो
कार्यक्रम में उपस्थित सभी माताओं बहनों को मातृशक्ति को प्रणाम करता हूं।
जगत जननी नारी हमेशा पूजनीय रहेगी।देश की आज़ादी (26 जनवरी) के महान बलिदानी हों चाहे भारतीय संविधान के संस्थापक हों।
बड़े-बड़े महापुरुष का जन्म एक नारी की कोख से ही होता है। समाज में हर मां,बहन,बेटी का सम्मान बना रहे।
जब तक मुख्य अतिथि नहीं आते या विधिवत रूप से कार्यक्रम शुरू नहीं होता आप इसी तरह से बीच-बीच में जाकर प्रारंभ में बच्चों,बुजुर्गों,बेटी या देशभक्ति पर शायरी,कविता,तुकबंदी ,संविधान के बारे में कोई अच्छी जानकारी स्टेज पर बढ़ सकते हैं।
प्रांगण में बैठे श्रोताओं में से किसी बच्चे को भी मंच पर एक दो मिनट की कविता या कार्यक्रम विषयानुसार ऐसी बात बोलने के लिए बुला सकते हैं।
सभा में बैठे श्रोताओं से आप इसी तरह से मंच के माध्यम से संवाद बनाए रखिए।
अतिथि आगमन
फितरत बन चुकी है
दिल ए बेकरार की
अब तो आदत सी हो गई है
आपके इंतजार की
छोटे से इंतजार के बाद हमारे आज के ख़ास मेहमान का प्रांगण में पहुंचने पर दिल से अभिनंदन करते हैं।
जिंदगी में एक नई सौगात हो जाए
काश आपसे प्यार भरी मुलाकात हो जाए
दिल की उमंगों को पंख लग जाएंगे
बस आपकी तालियों की बरसात हो जाए
जोरदार तालियों से हम स्वागत करेंगे आज के हमारे ऑनरेबल Chife Guest श्री……….. का जो हमारे कार्यक्रम में आए और हमें अनुग्रहित किया।
हमारे मुख्य अतिथि आ चुके हैं उनके आने पर मैं हार्दिक स्वागत करता हूं
हमारे इस परिवार की ओर से विद्यालय की ओर से जैसा भी आप का कार्यक्रम हो उसकी ओर से, आप कर सकते हैं और शायरी बोल सकते हैं
अतिथि शायरी
आशाहीन हृदय में तरंग भर देती है
छोटी सी उम्मीद निराशा को भंग कर देती है
मुद्दत से आते हैं अतिथि भगवान बनकर
अतिथियों के आने की खबर मन में उमंग भर देती है
इसी तरह जब हम मिलकर कोई उत्सव मनाते हैं कोई हमारे अज़ीज़ होते हैं बीच में तो माहौल में खुशियां छा जाती है किसी शायर ने सच कहा है
साथ मिलकर आज उत्सव मनाते हैं
सम्मान में आपके सर झुकाते हैं
आप आए तो माहौल में खुशियां छा गई
आपकी खिदमत में श्रद्धा के दीप जलाते हैं
और सच में गणतंत्र दिवस (Republic day) का उत्सव हमारे लिए सबसे बड़ा उत्सव है ।इस दिन हम सम्प्रभु बनें।बिना सम्प्रभुता हम खुल के जी ही नहीं सकते।
देशभक्ति शायरी
आज़ादी को ज़ीने वालो हमें नहीं पता
कब सूरज छिपता है तो कब दिन चढ़ता है
पर पन्ने पलट कर देखना अतीत के
हर आजादी से पहले मरना पड़ता है
तिंरगा फहराएं
हर आजादी से पहले कुर्बानी देनी पड़ती है और हमारे वीरों ने शहादत दी।इसके बाद देश में व्यवस्था कायम करने वालों को आज हम याद करेंगे और हमारी आन बान और शान हमारा तिरंगा (26 जनवरी) इसका सम्मान करेंगे मैं हमारे मुख्य अतिथि से निवेदन करूंगा कि वह मंच पर आएं और हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक तिरंगा फहराये । जब तक वह मंच पर आते हैं एक तिरंगा शायरी बोल दीजिये
आनंद पुलकित होकर आंखों से प्रेमाश्रु बरसाएं
आपसी वैर भाव मिटा कर एक दूसरे को गले लगाएं
आओ मिलकर वन्दे मातरम की गूंज के साथ
राष्ट्रीय एकता का परिचायक तिरंगा फहराएं
राष्ट्रगान
इसी के साथ सभी अपने अपने स्थान पर खड़े होंगे और हमारे राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करते हुए राष्ट्रगान करेंगे।
राष्ट्रगान शायरी
मिलकर आपस में स्नेह स्पंदन करते हैं
मौन वाणी से हृदय में गुंजन करते हैं
संकल्पकृत हों भव राष्ट्र के लिए
तिरंगे के आगे झुक कर राष्ट्र वंदन करते हैं
ध्वजारोहण राष्ट्रगान के बाद
शायरी
वतन के लिए जीने वालों को
भारत भूमि पर जन्नत मिलती है
जब तिरंगा हाथ में होता है
तो हिम्मत मिलती है
दीप प्रज्वलन
इसी बीच में चाहूंगा कि हमारे बीच में आए हुए मुख्य अतिथि मंच पर आएं और विद्या की देवी मां शारदा के आगे दीप प्रज्वलित के आज के इस कार्यक्रम का शुभारंभ करें।
शायरी
खुदावंद तेरे नाम से आगाज करता हूँ
तेरा बंदा हूँ तेरी रहमतों पे नाज करता हूँ।
फ़कत तेरी मदद और ताक़त के भरोसे पर
मुझे उड़ना नहीं आता मगर परवाज करता हूँ।
हम सभी उस अलौकिक शक्ति, अदृश्य शक्ति को याद करें और धन्यवाद करें कि हमें यह सुंदर जीवन मिला है जब तक दीप प्रज्वलन का कार्य हो आप कुछ ना कुछ बोलते रहिए या हल्के हल्के आवाज में देशभक्ति गीत (26 जनवरी) लगा दीजिए हम धन्यवाद करें परमपिता परमात्मा का, सृष्टि का,सविंधान के संस्थापकों,आज़ादी के फरिश्तों का जिनकी वजह से आज हमारा वजूद है।
सरस्वती वन्दना
इसी कड़ी के चलते मैं मंच पर प्रतिभागी छात्राओं को आमंत्रित करूंगा या करूंगी वो मंच पर आएं और मां शारदा की वंदना करें
वंदना प्रस्तुति
वंदना समापन के बाद शायरी
आसमान की ऊंचाइयों पर हम परवाज़ करते हैं
हमारे मेहमानों के सर सम्मान का ताज धरते हैं
विद्या की देवी माँ शारदा को करके सज़दा
खुशियों से भरी महफ़िल का आगाज़ करते हैं
स्वागत गीत
इसी के साथ विद्या की देवी मां शारदे कि इस वंदना के साथ हमारी इस मंच का आगाज हुआ। शहीदों की याद में ,भारत की आजादी का यह दिन सभी को एक बार फिर से मुबारक हो ।हमारे बीच में आए हुए हमारे मुख्य अतिथि उनका एक बार फिर से हार्दिक अभिनंदन। हमारी परंपरा रही है अतिथि सत्कार।
एक दूसरे का सम्मान करना कदर करना यह एक मानवीय मूल्य है जो हम लोग निभाते रहें। इसी के साथ विद्या की देवी मां शारदे कि इस वंदना के साथ हमारी इस मंच का आगाज हुआ। शहीदों की याद में और गणतंत्र (26 जनवरी) का यह दिन सभी को एक बार फिर से मुबारक हो ।हमारे बीच में आए हुए हमारे मुख्य अतिथि उनका एक बार फिर से हार्दिक अभिनंदन।
भारत की परंपरा है अतिथि सत्कार
गृहस्थ जीवन में पुण्य है अतिथि सत्कार
अतिथि सत्कार ही होती है राज घरानों की आन
पवित्र भावों की प्रबलता है अतिथि सत्कार
हमारे आए हुए मुख्य अतिथि, सभी मेहमानों, और दर्शकों के स्वागत के लिए एक तरन्नुम, भरा स्वागत गीत आपके सामने लेकर आ रहे हैं स्कूल के छात्र या छात्राएं
स्वागत गीत के बाद शायरी
अतिथि देवो भवः
कहती ये भारत की धरा
स्वागत करके आपका
निभा रहे हैं परम्परा
हम चाहते हैं किसी तरह से हमारे बीच में ही मेहमान आते रहे। एक दूसरे की खुशियों में जब हम शरीफ होते हैं तो हमारी खुशियां बढ़ जाती हैं । इसी प्रेरणा के साथ हम आपस में एक दूसरे के साथ अच्छे ताल्लुक बनाए और संसार में सद्भावना और आपसी भाईचारा कायम करें।
गणतंत्र दिवस (Republic day) पर एक बात यह ध्यान रखने योग्य है कि यह दिन भारतीय संविधान का है और कार्यक्रम के विषय के अनुसार बहुत अच्छा होगा अगर आप भारतीय संविधान की प्रस्तावना भी बोलें।
उसको अगर याद कर लें अति उत्तम । नहीं तो आप लेक्चर स्टैंड पर लिखा हुआ रखकर भी प्रभावकारी तरीके से बोल सकते हैं।
आप बोल सकते हैं
भारतीय संविधान लचीला और कठोर है विस्तृत है आज इसकी प्रस्तावना सम्मुख रखकर हम अपने अधिकारों का सही प्रयोग करने के लिए प्रतिबद्ध होंगे
हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी ,पंथनिरपेक्ष , लोकतंत्रात्मक गणराज्य[1] बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में, व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता[2] सुनिश्चित कराने वाली, बन्धुता बढ़ाने के लिए, दृढ़ संकल्पित होकर अपनी संविधानसभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ईस्वी (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हजार छह विक्रमी) को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
आजादी से जीना आसान होगा
यहाँ हर जाति धर्म समान होगा
सपना था कानून लिखने वालों का
की हर भारतवासी इंसान होगा
गणतंत्र (26 जनवरी) के संस्थापकों का बस यही एक सपना था।आज हम उस सपने को पूरा करें।इंसानियत के रास्ते पर चलते हुए अपनी कानून व्यवस्था को बनाए रखें।यही हमारा संकल्प रहे।
स्वागत सम्बोधन
अतिथियों के स्वागत के बाद कुछ कार्यक्रमों में संस्था,स्कूल मैनेजमेंट की ओर से स्वागत संबोधन होता है, तो ऐसे कर सकते हैं।
हमारे अतिथि सभी सुनने वाले आज यहां पर पधारे हैं,यह बहुत खुशी की बात है।एक दूसरे के लिए समय निकालना बहुत मुश्किल हो चुका है आज के दौर में ।लेकिन फिर भी हमारे यहां आप आए इस बात का तहे दिल से धन्यवाद करने के लिए मैं मंच पर बुला रहा हूं, हमारे स्कूल मैनेजमेंट की ओर से इन दो पंक्तियों के साथ।
शायरी
उसकी तहजीब की वो झुक के मिला था मुझसे
वरना वो शख़्स बहुत कद में बड़ा था मुझसे
स्वागत संबोधन के बाद
शायरी
आप के बयान से हुए हर दिल अजीज हम
हुनर को समझ रहे थे छुपाने की चीज
बस इसी तरह में एक दूसरे का सम्मान करते रहे और मानवीय मूल्यों का हमेशा सम्मान करें।
प्रस्तुतियों की शुरुआत
यूं ही नहीं इस देश में
खुशियों के चमन खिलते हैं
जरा आंख उठाकर देख ऐ विश्व
यहां दीप नहीं दिल जलते हैं
देशभक्ति गीत पर डांस ताकि शुरू में कार्यक्रम में रंग भर जाए
गणतंत्र दिवस (Republic day) की शुभ बेला पर अब समय आ चुका है मनमोहक प्रस्तुतियों का तो एक बार जोरदार तालियां हो जाए उन शहीदों की याद में और आज के इस कार्यक्रम के सम्मान में।
अगर सच्चाई है तेरे दिल में
तो जरूर दो बात कर लूंगा
बढ़ा दो हौसला तालियों से
इस मंच पर गीतों की बरसात कर दूँगा
तो इसी के साथ आपकी जोरदार तालियों के साथ मंच पर आ रहे हैं पहली प्रस्तुति के लिए प्रतिभागी देशभक्ति गीत (26 जनवरी) पर डांस लेकर
💃💃डांस💃💃
Male/Female डांस प्रस्तुति समापन
अगर डांस प्रतिभागी Female हैं तो ये शायरी बोलें
कम नहीं ये किसी से
साबित कर दिखलाएंगी
खोल दो बन्धन
बेटियां हर मंजिल पा जाएंगी
Really wonderful performance एक बार जोरदार तालियां हो जाए इस प्रस्तुति के लिए वास्तव में इन बेटियों में वह सामर्थ्य है जिसके बलबूते आज उन्होंने समाज में अपना स्थान बना लिया गणतंत्र दिवस के इस मौके पर हम प्रण लें इन बहन बेटियों के सम्मान का।
देश भक्ति गीत
कार्यक्रम में सांस्कृतिक गतिविधियों के दौर के चलते आपके सामने अगली प्रस्तुति देश भक्ति (26 जनवरी) गीत! भारत भूमि संगीत की जन्मभूमि मानी जाती है सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर के गाए गीत
“ऐ मेरे वतन के लोगों” ने हिंदुस्तानियों में देशभक्ति की भावना भर दी थी ।आज भी जब ये गीत गुजंता है तो देशभक्ति की भावना मन में हिलोरे लेती है।
इसी देशभक्ति (26 जनवरी) की भावना से ओतप्रोत अपनी आवाज लेकर मंच पर आ रहे हैं आप की उमंग भरी तालियों के साथ Mr..…….……
देशभक्ति गीत🎤🎺
देशभक्ति गीत समापन पर शायरी
सारा लहु बदन का
जमीं को पिला दिया
हम पे वतन का कर्ज था
हमने बलिदान देकर चुका दिया
ये गीत संगीत शायरी भी बोल सकते हैं
तुम्हारी आवाज़ सुनने को
हर पल बेक़रार रहती हुँ
नहीं करूँगी याद तुम्हें
मैं खुद से हर बार कहती हूँ
इस ख़ूबसूरत आवाज़ के लिए आप की ओर से पूरे आवेग के साथ करतल ध्वनि हो जाए।
इस गीत के साथ हम शहीदों को याद करते हुए वतन के लिए कुछ करने का संकल्प लें।
कोई शिक्षाप्रद नाटक
REPUBLIC DAY (26 जनवरी) का आज के हमारे कार्यक्रम की बहुत ही खूबसूरत शुरुआत हुई है। इसी कड़ी के चलते एक देशभक्ति पर नाटक हो जाए।
आ रहे हैं हमारे कलाकार आपकी LOUDLY CLAPPING के साथ
नाटक🕺देशभक्ति🕺🇮🇳🇮🇳🇮🇳
नाटक समापन पर शायरी
है अंधेरे बहुत तुम सितारा बनों
डूबतों के लिए तुम किनारा बनो
इस ज़माने में है बेसहारा बहुत
तुम सहारा ना लो बस सहारा बनो
देशभक्ति की प्रेरणा से भरी इस प्रस्तुति के लिए एक बार जोरदार तालियां ।
जैसा कि मैंने शेर के माध्यम से कहा हम सहारा बने। जैसे हमारे शहीदों ने देश के लिए शहादत दी।संविधान लिखने वालों ने एक व्यवस्था दी। हम भी दूसरों के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित हो।
विद्यार्थी का भाषण
अपनी भावनाओं को प्रकट करना यानी अपने विचारों को भीड़ में प्रस्तुत करना आज के युग में जरूरी हो चुका है। मंच का आत्मविश्वास आज के समय में एक जरूरत बन गई है ।इसी आत्मविश्वास के साथ अगली प्रस्तुति के लिए आ रहे हैं अपने विचार प्रकट करने के लिए मिस्टर…….एक बार तालियां जरूर बजा दीजिए
भाषण प्रस्तुति
भाषण समाप्त के बाद
डूबकर भी हम उभरना जानते हैं
और गिरकर भी संभलना जानते हैं
रोशनी है इसलिए अब तक चिरागों में
हम हवा का रुख बदलना जानते हैं
बहुत ही अच्छी तरह से इन्होंने अपने विचार प्रकट किए । देखिए मंच पर आना ही बहुत बड़ी बात हो जाती है।छोटी-छोटी प्रस्तुतियों से हम लोग बहुत कुछ सीखते हैं। इसलिए मंच पर जहां भी मौका मिले, घबराने के बजाय हमें हिस्सा लेना चाहिए।
सांस्कृतिक प्रस्तुति कार्यक्रम
भारत देश विभिन्नता में एकता का प्रतीक माना जाता है।यहाँ भिन्न भिन्न संस्कृति, खान-पान पहनावा,भाषा है। हर क्षेत्र की अपनी संस्कृति भाषा एक अनूठापन लिए हुए है। अपनी संस्कृति से एक अलग ही लगाव होता है ।अपनी मां बोली से मां जैसा स्नेह होता है। हमारे राज्य की भी अपनी एक सभ्यता है ।उसको मंच पर लेकर आ रहे हैं नृत्य के माध्यम से हमारे प्रतिभागी आपकी जोरदार तालियों के साथ।
सांस्कृतिक विरासत प्रस्तुति
प्रस्तुति समाप्त के बाद
राष्ट्रीय एकता शायरी
वन में पंछी अनेक हैं पर ठिकाना एक है
सबकी भाषाएं भिन्न भिन्न हैं पर तराना एक है
दिल में हो अगर प्यार तो सारा जमाना एक है
हम शिकारी भिन्न भिन्न हैं पर निशाना एक है
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति एक बार में जरूर कहना चाहूंगा कि बेशक हम भिन्न-भिन्न भाषा भिन्न भिन्न संस्कृतियों से है लेकिन हमारा मज़हब, हमारी क़ौम बस यही है कि हम हिंदुस्तानी है
हास्य स्किट या चुटकला
गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के कार्यक्रम के चलते यही संकल्प हमारे मन में रहे कि हम हिंदुस्तानी हमेशा एक रहे। खुश रहे ,मस्त रहें, दूसरों को भी खुश रखें ।इसी मस्ती और खुशी को चार चांद लगाने के लिए अगले प्रस्तुति हास्य स्किट लेकर या चुटकुले लेकर आ रहे हैं। प्रतिभागी आपकी जोरदार तालियों के साथ।
ताली शायरी
इन कलाकारों को बुलंदियों की हवा दीजिये
नये नये फूल खिलें हैं इन्हें मक़बूलियत की दुआ दीजिये
ये अपने फ़न से हर महफ़िल में ऐसे ही रंग जमाते रहें
इनके लिए दुआओं में जोरदार तालियां बजा दीजिये
तो ऐसे ही उमंग के साथ पेश है यह शानदार स्किट
स्किट प्रस्तुति
समापन
जिंदगी शायरी
तुँ रूठी रूठी सी रहती है ए ज़िंदगी
कोई तरक़ीब बता तुझे मनाने की
मैं सांसे गिरवी रख दूँगा अपनी
बस तुँ कीमत बता मुस्कुराने कि
तो हम लोग इसी तरह से मुस्कुराते रहें खुश रहे दूसरों को खुश रखें यही जीवन है।
नोट:कोशिश कीजिए कि कार्यक्रम में कम से कम भाषण हो। लेकिन फिर भी अगर भाषण है तो 3,4 सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के अंतराल में भाषण करवाते रहिए। भाषण की समय सीमा के लिए अगर आप सार्वजनिक रूप से मंच पर सम्मान के साथ बोल दे दो तो अच्छा रहेगा।
किसी विशिष्ट अतिथि का भाषण
हमारे बीच में आए हुए खास मेहमान माननीय श्री………… का मैं हार्दिक स्वागत करता हूं ।उनके विचार हमारे लिए बहुत कीमती हैं। उनके अनुभव हम सुनना चाहेंगे। कृपया वो मंच पर आएं और अपना आशीर्वाद दे
विशिष्ट अतिथि का सम्बोधन
सम्बोधन समाप्त
देशभक्ति शायरी
किसी को धर्म प्यारा है
किसी को ईमान प्यारा है
मगर मेरा धर्म और ईमान यही है
मुझे तो मेरा हिंदुस्तान प्यारा है
धन्यवाद करता हूं माननीय का जिन्होंने अपने कीमती विचार हमारे सामने रखे ।और हमें अपने शब्दों के माध्यम से मार्गदर्शन दिया।
देशभक्ति शायरी
हाथ एक दूसरे से मिलाकर कहो
गैर को भी गले से लगाकर कहो
हम हैं भारत के भारत है हमारा घर
सर झुकाकर नहीं सर उठाकर कहो
डांस
गणतंत्र दिवस का (26 जनवरी) आज का हमारा यह कार्यक्रम यौवन पर है। इसी के चलते मैं सभी अतिथियों का, सुनने वालों का ,बच्चों का एक बार फिर से तहे दिल से Thank You.