स्कूल के लिए 15 अगस्त भाषण || Independence Day Anchoring Script For School

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सर्वप्रथम आप सभी को हार्दिक प्रणाम

दोस्तों स्वतंत्रता दिवस पर आपने अच्छे से अच्छा भाषण देना है। 15 august par bhashan देने के लिए जरूरी है आपकी अच्छी तैयारी। जोर जोर से बोल कर आप भाषण की तैयारी करें और 15 अगस्त के मंच पर पूरे आत्मविश्वास के साथ बोलें।

15 August Par Bhashan || 15 August Per Bhashan

स्कूल के लिए कुछ भाषण आप शायरी से शुरू करें

सपने उनके साथ होते हैं
जिनके सपनों में जान होती है
पंखों से कुछ नहीं होता
हौसलों से उड़ान होती है

सबसे पहले विद्या के इस मंदिर में विद्या की देवी मां शारदे के चरणों में प्रणाम करता हूं और देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले देशभक्तों को शत शत नमन करता हूं।

आज के इस कार्यक्रम में उपस्थित माननीय मुख्य अतिथि महोदय, आदरणीय प्रधानाचार्य सर ,आदरणीय शिक्षक गण ,गांव से आए हुए सम्माननीय बुजुर्ग ,माताओं बहनों ,युवाओं और सभी विद्यार्थियों का अभिवादन करता हूं।

200 वर्षों तक लंबे संघर्ष के बाद सन 1947 को आज ही के दिन हम अंग्रेजों से आजाद हुए। इस आजादी को पाने के लिए देश की कई पीढ़ियों ने बलिदान दिया। स्वाधीनता दिवस उन सभी देशभक्तों को याद करने का बहुत बड़ा अवसर है।

एक भारतीय छात्र होने के नाते मैं आपसे एक दो बातें सांझा करूंगा।

हमारे जिन महापुरुषों ने आजादी दिलवाई। क्या उनके सपनों का भारत बनाने के लिए हमारा भी कोई कर्तव्य है कि नहीं है इस पर आज गंभीरता से सोचने की जरूरत है।

अगर एक युवा या कोई नई उम्र का विद्यार्थी अनुशासन, इंसानियत, योग्यता, परिश्रम से परिचय देता है, तो वह एक तरह से राष्ट्रीय चरित्र का परिचय दे रहा है।

आत्म गौरव भाव लेकर, देश आगे बढ़ चला हैं।
पथ सदा हमने चुना वह, विश्व का जिसमें भला हैं।

भारत कोई नेता ,इमारत ,भूमि या व्यक्ति का नाम नहीं है। मैं ही भारत हूं। मेरा चरित्र ही भारत का चरित्र है। एक भारतीय की सच्चाई ही श्रेष्ठ भारत है। मेरे अंदर की इंसानियत से ही साबित होता है कि भारत एक मानवतावादी देश है। हमारे सीखने में नयापन और लगन से पढ़ाई करना कि भारत का विकास है।

हम यह नहीं कह सकते कि भारत में व्यवस्था ठीक नहीं है।भारत के लोग अच्छे नहीं हैं। यहां स्वच्छता नहीं है। यह हम सब की जिम्मेदारी है कि हम देश की कानून व्यवस्था के पालन,स्वच्छता, अच्छा शासक चुनने की जिम्मेदारी लें। समस्याओं के लिए दूसरों को दोषी ठहराना अपनी जिम्मेदारियों से भागना है।

हमारे देशभक्तों ने आजादी के लिए यातनाएं झेली। देश के कोने कोने से हर स्वतंत्रता सेनानी ने देश की आजादी के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाई। अगर वो देश की समस्या के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराते तो आज हम आजाद ना होते।

देशहित में आचरण करने वालों की
ज़िंदगी कभी अधूरी नहीं होती
आजादी का सिर्फ़ किस्सा सुनने से
आजादी की बात पूरी नहीं होती

आज हमारा हर कदम देशहित में होना चाहिए। हम कुछ भी करें,हमें यह सोचना होगा की क्या मेरे इस कार्य से देश, समाज को लाभ हो रहा है।
हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का यह सपना नहीं था कि उनकी शहादत पर मेले लगे, स्मारक स्थल बने या सभाएं हो।

स्वतन्त्र भारत को लेकर उनके दिव्य स्वप्न थे। उनका सपना था की हर भारतवासी के पास जीने का अधिकार हो। मन में मानवता का वास हो।
देश की रक्षा की बात आए तो भारत का हर वासी मर मिटने को तैयार हो। हर देशवासी अपने देश के भले को हमेशा अपनी आंखों के सामने रखे।

मैं आशा करता हूं हमारे लिए स्वाधीनता का इतिहास हमेशा अमृत रहेगा। जन जन में देश के प्रति निष्ठा जागेगी।

आओ हम मिलकर आह्वान करें नव भारत के निर्माण का। स्वच्छता का, मानवता का, संस्कृति के सम्मान का, हर मानव की गरिमा का। ताकि देश हर अवस्था में महान हो।

इन्हीं शब्दों के साथ एक बार फिर से आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आए हुए अतिथियों और सुनने वालों का आभार करता हूं।

जय हिंद जय भारत

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छोटा भाषण

हिंदू की नहीं ये मुसलमान की नहीं है
हिंद जिसका नाम यह शहीदों की जमी है

सबसे पहले हमारे देश भक्तों को नमन करता हूं।

15 अगस्त के इस कार्यक्रम में उपस्थित आदरणीय अध्यापक गण,बड़े बुजुर्ग, युवाओं और माताओं बहनों काका स्वागत करता हूं।

जैसा कि आप जानते हैं आज ही के दिन हम अंग्रेजों से आजाद हुए। देश की आजादी के लिए देशभक्तों ने बलिदान दिया। आज हम अपने देश भक्तों को याद करें और उनकी शिक्षा पर चलें।

मुझे मंच पर बोलना बहुत कम आता है इसलिए एक दो बातें रखना चाहूंगा।

जिस आजादी के लिए हमारे देशभक्तों ने बलिदान दिया।आज हम उसे आजादी की कीमत समझे। देश के लिए जीने मरने की बात छोड़कर केवल इतना ही करें की आपस में प्रेम से रहें। किसी की सहायता करें। समाज में हर मानव,जाति ,धर्म का सम्मान करें। इससे देश में सद्भावना बढेगी। आपसे प्रेम और सद्भावना से ही देश मजबूत होगा।

दुनिया के सब पीर पैगंबर
यही संदेश सुनाते हैं
प्रेम से मजलिस सजती है
नफरत से मरघट बनते हैं

नफरत छोड़ प्रेम से रहना ही देश की सेवा है। अगर हम अपने आचरण को स्वच्छ रखेंगे तभी देश का चरित्र उज्जवल बनेगा।
इन्हीं शब्दों के साथ मैं आशा करता हूं की हम आपस में प्रेम से रहेंगे, किसी जरूरतमंद की सहायता करेंगे। ऐसे शुभ कार्यों से देश का उत्थान करेंगे।

एक बार फिर से आपको स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

धन्यवाद

15 अगस्त भाषण | 15 August par bhashan deshbhakti भाषण | स्कूल के लिए 15 अगस्त भाषण

सर्वप्रथम देश की आजादी के लिए अपने प्राण अर्पित करने वाले शूरवीरों को शत-शत नमन करता हूं।

77वें स्वाधीनता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित माननीय मुख्य अतिथि महोदय, अति विशिष्ट अतिथि , युवा साथी, माताएं बहनें,आदरणीय बुजुर्ग एवं समस्त ग्राम वासियों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।

एक मंच के नीचे सभी को एकत्रित देख कर आज खुशी हो रही है। यही हमारी राष्ट्रीयता है। यही हमारा राष्ट्रीय चरित्र है यही हमारी सभ्यता और संस्कृति की झलक है।

वन में पंछी अनेक हैं पर ठिकाना एक है
सबकी भाषाएं भिन्न भिन्न हैं पर तराना एक है
दिल में हो अगर प्यार तो सारा जमाना एक है
हम शिकारी भिन्न भिन्न हैं पर निशाना एक है

हमारे शूरवीरों ने स्वराज्य प्राप्ति के लिए मां भारती के चरणों में प्राण तक अर्पित कर दिए। आज हमें देश में व्यवस्था मानवता के नए संकल्पों की जरूरत है।

आज हमारे देश के जो युवा देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल कर पदक ला रहे हैं, देश के विकास में व्यापार के नए आयामों को ढूंढ रहे हैं। देश की स्वच्छता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

भारत को गौरव दिलाने वाले ऐसे युवाओं को प्रणाम करें प्रगति पथ पर बढ़ रहे देश के साथ चलें।

आज हमें नए संकल्पों को आधार बनाना है ।नवभारत का यह अमृत काल है।समय है नएपन का, सृजन का, समृद्धि के नए शिखर का।
इस समय का हम स्वागत करें।

मां भारती की तूं संतान है
बुलंदी को छूना तेरी पहचान है
जीवन मंत्र को सिद्ध करो
युवा शक्ति ही राष्ट्र का स्वाभिमान है

आजादी से पूर्व के समय को एहसास करें कि हमारे देश भक्तों में देश की खातिर कैसा जुनून और जज्बा था। 20,22 की उम्र में जहां बच्चों के पास घर तक की भी कोई जिम्मेवारी नहीं होती। वहीं हमारे स्वतंत्र सेनानियों ने देश को स्वतंत्र कराने का बीड़ा उठाया। हमारे शहीद ही आज हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।

अदम्य साहस और कड़ी मेहनत के साथ अपने आपको स्वावलंबी बनाएं।जरूरी है कि हम खुद के साथ जीना सीखें। अपनी आत्मिक योग्यता को पहचान कर कुछ नया करें। आज सफलता के मानदंड बदल चुके हैं।

आज के समय में विजय का सूत्र परिवर्तन है। स्वयं से भागने की बजाय हम स्वयं को बदलें

हो जायेगा सफ़र आसां आओ साथ चलकर देखें
कुछ तुम बदलकर देखो कुछ हम बदलकर देखें

बदलाहट के लिए साहस चाहिए,संकल्प चाहिए ,श्रम चाहिए शक्ति चाहिए। और सच कहा जाए तो भारत के युवाओं में ऐसी दैवीय गुणवत्ता है , जिससे ये युग परिवर्तन कर सकते हैं।

विवेकानंद जी ने कहा है

उच्च विचारों से कमजोरियां दूर होती हैं। हमें हमेशा उच्च विचार पैदा करते रहना चाहिए।

इसलिए जरूरी है कि हम अपनी कमजोरियों को दूर करें।उच्च विचारों के साथ रहें ।अपने आपको मानसिक रूप से मजबूत करें। हमारी मानसिक समृद्धि,उच्च चरित्र ,संकल्प बल ही देश की समृद्धि ,चरित्र और संकल्प है।

स्वाधीनता दिवस समारोह में जितने भी विद्यार्थी छात्र-छात्राएं उपस्थित है अपनी योग्यता को पहचान कर उस पर कार्य करेंगे।लक्ष्य साधना करते हुए सफलता के शिखर को छूएंगे।

मैं आशा करता हूं कि ये स्वाधीनता दिवस हम सबके लिए एक सुनहरा अवसर बनकर आया है। और हम सभी दृढ़ संकल्पित होकर देश के विकास में योगदान देंगे।

इन्हीं शब्दों के साथ एक बार पुनः माननीय मुख्य अतिथि महोदय और उपस्थित सभी महानुभाव का आभार प्रकट करता हूं, जो आपने मुझे सुना और स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

जय हिंद जय भारत।

आशा है आप हमारे Swami Ji YouTube Channel और वेबसाइट Healerbaba.com से बहुत कुछ सीख रहे हैं। आप एक अच्छे वक्ता बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपको जब भी मौका मिले मंच पर आते रहे। अभी 15 अगस्त का फंक्शन आ रहा है। इसलिए 15 अगस्त पर कोई भाषण या मंच संचालन की अच्छे से तैयारी कर लें।


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