Clap Shayari | महफ़िल में रंग भर देगी ये ताली शायरी:
ताली शायरी
हार अपनी खुद को कबूल ने नहीं दूंगा
बेहोशी में आज तुझे भूलने नहीं दूंगा
अपनी तालियों से इस मंच को हौसला देते रहना
सच कहता हूं आज का दिन तुम्हें भूलने नहीं दूंगा
दूध का दूध और पानी को पानी कह दूंगा
मेघ की गर्जना दरिया की रवानी कह दूंगा
कैश ने लैला को जो भेजी थी प्यार की निशानी कह दूंगा
सूरदास के पद मीरा की वाणी कह दूंगा
अगर यूं ही खामोश रहे तो कुछ भी नहीं कह पाऊंगा
थोड़ा तालियों से साथ दोगे तो पूरी दुनिया की कहानी कह दूंगा
तकदीर चमकानी है तो थोड़ा हुनर दिखाना होगा
शमा थोड़ी ही हो बेशक अंधेरों को डराना होगा
कोई कमी नहीं माहौल की साज सजावट में पर
महफिल के अंदाज देखने हैं तो इसे जोरदार तालियों से सजाना होगा
गिर गिर गिरके यारों मुझको खूब संभलना आता है
जलकर बुझना आता है बुझ कर जलना आता है
अपने ही किस्मत लिखता हूं खुद अपने ही हाथों
मुझको सारी महफिल का अंदाज बदलना आता है
बिजली कड़कती है तो किसान के जज्बात बदलते हैं
दिल धड़कता है तो आंखों से मिज़ाज झलकते हैं
हर खुशी और ग़म में होते हैं अलग अलग लहज़े
तालियां बरसती है तो महफिल के अंदाज़ बदलते हैं
बिना मंजिल जिंदगी सफर नहीं होती
कुछ किए बिना ये जिंदगी बसर नहीं होती
जोरदार तालियों से महफ़िल में अपनी मौजूदगी दिखाइए
क्योंकि तंग आवाज किसी महफिल में असर नहीं होती
महफ़िल में माहौल को देखकर ताली शायरी बोलें
ख़्वाहिशें आली होंगी आसमान बन जाएंगी
उदासियां ग़र्क होकर आसमान बन जाएंगी
आप तालियां बजाकर हौंसलो को हवा देते रहिये
आपकी तालियां महफ़िल की जान बन जाएंगी
?छोटी छोटी बातें यानि शायरी,विचार, आपके वक्तव्य को खूबसूरत बनातें है?
आएं हैं तो काटेंगे इक रात तुम्हारी बस्ती में
चाहोगे तो कर लेंगे इक बात तुम्हारी बस्ती में
मन के सूने आंगन में ग़र घटा बन के बरस जाओगे
कर देंगे हम गीतों की बरसात तुम्हारी बस्ती में
ग़र सच्चाई है तेरे दिल में
तो ज़रूर दो बात कर लूंगा
बढ़ा दो हौंसला तालियों से तो
इस मंच पर गीतों की बरसात कर दूंगा
शामो-सहर खुशियों का तराना रहे
कुछ भी हो मुस्कुराने का बहाना रहे
आप जिन्दगी में इतने ख़ुश रहे की
हर पल आपकी खुशियों का दीवाना रहे
मुहब्बत रंग दे जाती है
जब दिल दिल से मिलता है
पर मुश्किल तो ये है कि
दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है
हर किसी की किस्मत में मुहब्बत होती है
किसी को दर्द मिलता है तो किसी की इबादत होती है
जब खामोश आंखों से बात होती है,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तुम्हारे ही ख्यालो में खोए रहते हैं,
पता नहीं कब दिन कब रात होती है।
कभी उफ़ तो कभी
हम फ़रियाद करते हैं
ऐ नफ़रत करने वालो हम तो
आपकी इस अदा से भी प्यार करते हैं
वो जो बैठें है उनसे परे जो बैठें है
उनसे कहदो की हम उन पर मरे बैठें हैं
वो ख़ुद पर इतना ग़ुरूर ना करें क्योंकि
महफ़िल में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हम पर मरे बैठें है
वो तो समझते हैं महफ़िल की रौनक
उनके पैरों की पायल हैं
मगर वो ग़ुरूर ना करें ख़ुद पर
कुछ लोग यहाँ हमारी काबिलियत के भी काइल है.
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Nice GD excellent
Thanks, Gajanad G
बहुत बढ़िया, शानदार कलेक्शन, आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
संतोष जी आपका बहुत ही धन्यवाद
आप जीयो हजारों साल
नव वर्ष आपके लिए मंगलमय हो
बहुत बढ़िया, शानदार कलेक्शन, आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
👌