मंच पर बोलने की बात करें तो गांव के एक मुखिया को मंच पर बोलना आना ही चाहिए। आज शिक्षा और तकनीक के युग में जागरूकता आ रही है। समय समय पर गांव में अनेक सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं।ऐसे में गांव के मुखिया (gram panchayat) को भिन्न भिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिलता है। ऐसे कार्यक्रमों में ज्यादातर मुख्य अतिथि के रूप में गांव का मुखिया होता है। इसलिए अगर आप सरपंच हैं तो मंच पर बोलने की कला जरूर सीखें। गांव के मुखिया के लिए भिन्न भिन्न कार्यक्रमों में बोलने वाले ये कुछ भाषण हैं। आप अच्छी तैयारी के साथ ये भाषण बोल सकते हैं।
01.मुखिया का धार्मिक कार्यक्रम भाषण
02.मुखिया का स्वतंत्रता दिवस भाषण
03.मुखिया द्वारा गणतंत्र दिवस भाषण
04.मुखिया द्वारा जनप्रतिनिधि का स्वागत संबोधन
05.मुखिया का स्वाधीनता दिवस भाषण
06.अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस भाषण
07.मुखिया द्वारा वार्षिक उत्सव भाषण
08.मुखिया पद शपथ ग्रहण भाषण
09.विधायक महोदय जन संवाद कार्यक्रम मुखिया संबोधन
10.जनप्रतिनिधि संवाद कार्यक्रम मुखिया स्वागत सम्बोधन
11.सरपंच संघ में भाषण
12.गांव में कृषि वैज्ञानिक का सम्मान संबोधन
मुखिया का धार्मिक कार्यक्रम भाषण
जर्रे जर्रे में झांकी भगवान की
किसी सूझवान इंसान ने पहचान की
सबसे पहले आप सभी को आज के शुभ दिन की हार्दिक शुभकामनाएं। ग्रामवासियों की अगाध श्रद्धा और प्रेम की बदौलत हमारे बीच पहुंचे हमारे मुख्य अतिथि विधानसभा सदस्य माननीय ————– का आभार प्रकट करते हैं। जिला पार्षद श्री——- और सभी विशिष्ट अतिथियों का समस्त ग्रामवासियों की तरफ से हार्दिक अभिनन्दन।
सन्तों की वाणी का गुणगान करने पधारे भजन गायक और वाद्य कलाकारों की कला को साधुवाद इस सत्संग कार्यक्रम की भव्यता के लिए सभी ग्रामवासियों, बच्चों, बुजुर्गों,नारी शक्ति,युवाओं और हर घर के आंगन की महक इन बेटियों को बधाई देता हूँ।
आज हम उनके इस पावन दिवस पर ऐसे ही संकल्प लें।समय का पालन करें। अपने काम से प्यार करें। बेशक काम छोटा हो बड़ा। ज्ञान की बड़ी बड़ी बातों का बखान करने की बजाय व्यवहारिक बने। भारतवर्ष के महापुरुषों के जीवन से प्रेरित होकर परोपकार यानी दूसरों के लिए भी जीना सीखें। धर्म जाति के भेद से ऊपर उठकर समाज के लिए प्रेरणा बनें।
अभिमान और बड़प्पन त्याग कर विनम्रता के भाव से आचरण करें।ताकि समाज में आपसी सद्भाव, प्रेम और बन्धुता बढ़े। किसी भी युगनिर्माता, महापुरुष की जयंती मनाना,कोई धार्मिक आयोजन या सत्संग तभी सार्थक होगा जब हम उनके दिए वचनों पर चलेंगे।
छीन कर खाने वाले का कभी नहीं भरता
बांट कर खाने वाला कभी भुखा नहीं रहता
ऐसे ही कर्म करते हुए हम संसार की सेवा करें।इस पावन पुनित अवसर पर ये भी कहूंगा कि बहन बेटियों के प्रति पवित्रता का भाव रखें। जगतजननी नारी और बेटियों का सम्मान करें। एक नारी की एक बेटी की दुआ जिंदगी सँवार देती है। अपार हर्ष का विषय है कि हमारे गांव में आज यह पावन पर्व मनाया जा रहा है। भारतीय संस्कृति और सभ्यता की पहचान हमारे गांवों की पृष्ठभूमि है।यहीं से देश की स्वच्छ संस्कृति की झलक मिलती है।
गांव में अपनापन मिलता है।सद्भाव और आपसी रिश्तों में संजीवता होती है। गांव की मिट्टी से मेरा जन्म का रिश्ता रहा है। ख़ुद का सौभाग्य समझता हूँ कि एक गांव का रहने वाला हूँ, महापुरुषों के प्रेरित वचनों से मैं भी आपकी सेवा में हमेशा तैयार हूँ।मेरा भी जीवन का एक लक्ष्य है कि मैं भी जनधर्म के कोई काम करूँ। इसके लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ और ऐसे ही गांव के सांझे सम्मेलनों में शामिल होने का अवसर मिलता रहा तो मैं इसे अपना गौरव समझूँगा।
जो बात दवा से ना हो सके
वो बात दुआ से होती है
क़ामिल मुर्शिद अगर मिल जाए
तो बात खुदा से होती है
इन्हीं शब्दों के साथ आपका आभार सन्तों की धरती भारतभूमि की जय
मुखिया स्वतंत्रता दिवस भाषण | Gram Pradhan 15 August bhashan
दीवाली में अली बसे
राम बसे रमजान
ऐसे ही उज्ज्वल रहे
मेरा प्यारा हिंदुस्तान
सबसे पहले हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं। मंच पर विराजमान आदरणीय प्रिंसिपल सर, शिक्षक गण, एसएमसी कमेटी, गांव से आए आदरणीय बुजुर्गों, माता बहनों नौजवान साथियों और प्यारे बच्चों का स्वागत करता हूं। आज के दिन 15 अगस्त 1947 को हम अंग्रेजों से आजाद हुए। इस आजादी के लिए हमारे देशभक्तों ने कुर्बानियां दी। हम अपने देशभक्तों की कुर्बानी को हमेशा याद रखें और देशसेवा के लिए कुछ करने का संकल्प लें।
इस गांव का मुखिया होने के नाते एक दो बातें आपसे सांझा करना चाहूंगा। साल में कुछ ऐसे अवसर होते हैं जिन अवसरों पर हम लोग एकजुट होते हैं। जिससे गांव में आपसी भाईचारा बना रहता है। आज हमारा राष्ट्रीय दिवस है। इस दिवस पर सबसे पहला संदेश तो यही है कि हम आपस में मिलजुलकर रहें। गांव एक परिवार की भांति होता है। छोटी मोटी नोंक झोंक को भुलाकर गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर ग्रामवासी की प्रतिबद्धता जरूरी है।
इसके साथ-साथ स्वच्छता के लिए सभी की जिम्मेदारी बनती है। बेशक गांव में कितने भी सफाई कर्मचारी हो, हमें खुद भी अपने घर ,पड़ोस ,गली मोहल्ले में स्वच्छता की जिम्मेदारी लेनी होगी। सबके छोटे-छोटे प्रयासों से गांव खुशहाल होगा।
गांव की मिट्टी से खुशबू आती है
दिल में खुशी के फूल खिलाती है
ऐसी महिमा है मेरे गांव की
जहां सभ्यता जीना सिखाती है
इसके साथ-साथ युवाओं और उनके अभिभावकों से विशेष रूप से कहना चाहूंगा कि नशे से दूर रहें। नशे के उन्मूलन की पहली जिम्मेदारी बच्चों के अभिभावकों की बनती है। अपनी संतान को नशे रूपी राक्षस से बचाना जरुरी है। गांव का सरपंच होने के नाते मेरे जो भी दायित्व है मैं निष्ठा से निभाने का प्रयास करूंगा। बस इसके लिए आपका सहयोग और सहमति जरूरी है। गांव की किसी सामाजिक समस्या या पारिवारिक समस्या को भड़काने की बजाय सुलझाने में साथ दें।
बच्चों से विशेष करके कहना चाहूंगा कि आप मन लगाकर पढ़ाई करें। विद्यालय में किसी प्रकार की कोई कमी या समस्या है तो आप अपने प्राचार्य सर या शिक्षकों को बताएं ताकि उस समस्या का समाधान हो सके। आप बच्चों का कार्य केवल शिक्षा और अनुशासन है। इसके लिए आप हमेशा प्रतिबद्ध रहें। आज का कार्यक्रम बहुत अच्छा रहा। बच्चों ने सुंदर-सुंदर प्रोग्राम देकर स्वाधीनता दिवस समारोह को चार चांद लगा दिए। इसके लिए बच्चों को, स्कूल प्रशासन को हार्दिक बधाई देता हूं। इसी तरह से आप बच्चों का सर्वांगीण विकास करते रहें।
इन्हीं शब्दों के साथ आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं जो आपने मुख्य अतिथि के तौर पर मुझे आमंत्रित करके इतना सम्मान दिया। एक बार फिर से आपको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जय हिंद जय भारत
मुखिया द्वारा गणतंत्र दिवस भाषण | gram Pradhan 26 January speech
वतन के लिए जीने वालों को
भारत भूमि पर जन्नत मिलती है
जब तिरंगा हाथ में होता है
तो हिम्मत मिलती है
सबसे पहले हमारे देशभक्तों और संविधान निर्माताओं को नमन करता हूं। राष्ट्रीय दिवस समारोह में उपस्थित आदरणीय प्रधानाचार्य श्री ….., शिक्षक गण, प्यारे बच्चों और ग्राम वासियों का अभिनंदन करता हूं। आज के दिन भारत का संविधान लागू हुआ। हमारे महापुरुषों ने संविधान लिखा और हर भारतवासी को अधिकार मिले।हम अपने देशभक्ति और संविधान निर्माताओं को हमेशा याद रखें।
मंच पर बोलने का अनुभव ज्यादा नहीं है,इसलिए बस एक दो बातें आपके सामने रखूंगा। एक तो सभी बच्चों से कहना चाहूंगा कि आप अपनी पढ़ाई लगन और मेहनत के साथ करें। डॉ भीमराव अंबेडकर ने कहा है कि शिक्षा ही आपके जीवन में बदलाव कर सकती है। शिक्षा से ही हम देश के विकास में योगदान दे सकते हैं। बच्चों के अभिभावकों से भी कहूंगा कि अपनी बेटियों को जरूर शिक्षित करें। समाज में जागरूकता के लिए महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरूरी है।
जीवन और चरित्र का गठन करते है
आओ ऐसी शिक्षा के लिए यत्न करते हैं
शिक्षा के साथ-साथ अच्छी आदतें अपनाएं। हमारा गांव एक परिवार की भांति है। गांव में स्वच्छता में सभी सहयोग करें। आपसी भाईचारा और शांति बनाए रखने में सहायक बनें। यह मेरे लिए सौभाग्य है की बात है की मुझे एक मुखिया के तौर पर सेवा का अवसर मिला है। मगर गांव में स्वच्छता शांति और अपने बच्चों को शिक्षित करने वाली जिम्मेदारी हम सभी की है। आपके सहयोग से ही गांव में व्यवस्था बनी रहेगी।
गांव की मिट्टी से खुशबू आती है
दिल में खुशी के फूल खिलाती है
ऐसी महिमा है मेरे गांव की
जहां सभ्यता जीना सिखाती है।
आज के कार्यक्रम के लिए स्कूल परिवार का धन्यवाद करता हूं। बच्चों ने बहुत अच्छी प्रस्तुतियां दी, इसके लिए इनके टीचर्स और इन बच्चों को बधाई देता हूं। आप इसी तरह इन बच्चों को शिक्षित करते रहें। आपके मार्गदर्शन और साथ से हमारे गांव के विद्यार्थी अपने सपनों को पूरा करेंगे। आप लोगों ने मुझे इतना सम्मान और स्नेह दिया,इसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। एक बार पुनः आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय हिंद जय भारत
मुखिया द्वारा जनप्रतिनिधि का स्वागत संबोधन
मध्य प्रदेश के आप अनमोल रत्न है
आपकी सादगी भरी अदा कमाल है
इस क्षेत्र को गौरव दिया है आपने
मिलनसार छवि आपकी बेमिसाल है
सबसे पहले भिंड संसदीय सीट से सांसद माननीय श्री….. का ग्राम पंचायत की ओर से हार्दिक अभिनंदन करते हैं। इनके साथ आए हुए भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी प्रशासनिक अधिकारियों का स्वागत करते हैं।
मनुष्य सामाजिक प्राणी है। सामान्य स्तर पर जन सुविधाओं की जरूरत होती है। जन सुविधाओं के लिए हम अपने जनप्रतिनिधि पर निर्भर होते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं मिलती रहे तो वही जनप्रतिनिधि जनता के लिए मसीहा बन जाता है। स्कूल की दीवार और भवन निर्माण का कार्य काफी वर्षों से अटका हुआ था। माननीय सांसद महोदय ने यह पूरा करवाया।आपने एक विद्या के मंदिर में निर्माण कार्य करवाया है। जो ताउम्र याद रहता है।हर मां बाप का सबसे बड़ा सपना यही होता है कि उसकी संतान शिक्षित होकर परिवार को ऊंचा उठाए। और ये सपने विद्यालयों से ही पुरे होते हैं।
ग़मों की शाम ढलती रहे
ख़ुशियों की बगिया खिलती रहे
आओ हम मिलकर करें कुछ ऐसा
शिक्षा की ज्योति हरदम जलती रहे
आप जैसे जन सेवकों की बदौलत शिक्षा को लेकर समाजगब में जागृति आ रही है। माननीय सांसद महोदय को विश्वास दिलाता हूं कि हम हमेशा आपके साथ हैं,आप इसी तरह अपना अपनी कृपा दृष्टि हमारे ऊपर बनाए रखना। आज आपने यहां आकर इस गांव के साथ अपने रिश्ते को मजबूत किया है। आपके सहयोगात्मक व्यवहार और जनसेवा की भावना ने हमारे विश्वास को मजबूत किया है।
स्कूल के प्रधानाचार्य सर, शिक्षक ,बच्चे और ग्रामवासी चाहते थे कि स्कूल का यह कार्य जल्दी से जल्दी हो। इस कार्य को अंजाम देकर आपने हमारे ऊपर उपकार किया है।
इन शब्दों के साथ कहूंगा कि आप इसी तरह हमें दर्शन देते रहें और ऐसे ही जनसेवा के कार्य करते रहें।
एक बार पुनः आप सभी का आभार प्रकट करता हूं और धन्यवाद करता हूं जो आप सभी यहां पर पधारे। जय हिंद धन्यवाद
मुखिया का स्वाधीनता दिवस भाषण
सबसे पहले हमारे वीर शहीदों को नमन करता हुं। सम्मानित मंच पर विराजमान मुख्य अतिथि महोदय श्री….., कार्यक्रम अध्यक्ष श्री …., स्कूल प्रशासन, आदरणीय बुजुर्ग, मातृशक्ति, यूवा साथी, प्यारे विद्यार्थियों और सभी ग्राम वासियों का अभिवादन करता हूं।
अक्सर हमारे विद्यालय में राष्ट्रीय दिवस या अन्य विशेष अवसर पर कार्यक्रम होते रहते हैं। जब ऐसे कार्यक्रमों में जाने का अवसर मिलता है तो खुशी होती है। असल में जब भी ऐसे कार्यक्रमों में हम ग्रामवासी, बच्चे ,बड़े सभी एकत्रित होते हैं, तो हमारा आपसे भाईचारा बढ़ता है। आपसी गिले-शिकवे दूर होते हैं ।गांव की संस्कृति और पृष्ठभूमि के दर्शन होते हैं।
आज पूरे भारतवर्ष में स्वाधीनता दिवस मनाया जा रहा है।आज ये कल्पना करना कितना कठिन है कि हमारे देशभक्तों को किन-किन कुर्बानियों से गुजरना पड़ा। 200 वर्ष की गुलामी थी, लंबा संघर्ष था।लक्ष्य को पाना आसान नहीं था। मगर अपने देशभक्तों के बल पर हमने आजादी पाई और आज हम स्वाधीनता का पर्व मना रहे हैं।
यह दिन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का पर्व है।
इस गांव का सरपंच होने के नाते एक तो बातें सांझा करूंगा। गांव के विकास के लिए 2,3 सबसे महत्वपूर्ण कार्य हैं।जिन पर हम सभी को काम करना पड़ता है।
सबसे पहला है शिक्षा ,दूसरा स्वच्छता,तीसरा है युवाओं को नशे से रोकना इसलिए सबसे पहले तो मैं सभी से यह आग्रह करूंगा कि अपने बच्चों को पढ़ाना अनिवार्य समझें। आज हमारे दैनिक जीवन के लिए शिक्षित होना जरूरी हो चुका है।
नारी शक्ति को दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए शिक्षा ही एकमात्र हथियार है जिससे इन कुरीतियों को दूर किया जा सकता है। इसलिए बेटी को शिक्षित करना अति अनिवार्य समझें। शिक्षा से ही हम जिम्मेदार नागरिक बनते हैं। इसलिए गांव में स्वच्छता की जिम्मेदारी लें। बेशक हमारे पास कितने भी सफाई कर्मचारी हैं, अगर गांव का हर घर, पड़ोस अपने आसपास की सफाई के प्रति जागरूक नहीं होगा तो स्वच्छता नहीं हो पाएगी।
बाकी नशे के बारे में सभी जानते हैं। गांव में कुछ ऐसे परिवार हैं जिनकी युवा संतान नशे की गिरफ्त में आ चुकी है। इसकी जिम्मेदारी सबसे पहले बच्चों के अभिभावकों को लेनी होगी। मैंने देखा है कि जब एक पिता शराब , बीड़ी सिगरेट या कोई अन्य नशा करता है तो उसकी संतान भी नशा सीख जाती है। इसलिए नशे का उन्मूलन करें। इसके साथ कहना चाहूंगा कि मेरा जो दायित्व है मैं उसे निभाने का पूरा प्रयास करूंगा। गिले शिकवे भुलाकर हम एक होकर गांव के विकास में योगदान दें।
हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे गांव के विद्यालय में सभी निष्ठावान अध्यापक हैं।आदरणीय शिक्षक हमारे बच्चों का भविष्य गढने का काम कर रहे हैं। आज के कार्यक्रम को देखने के बाद लगता है कि हमारे अध्यापक मेहनती हैं। बच्चों ने बहुत ही शानदार प्रोग्राम पेश किया। आदरणीय प्रधानाचार्य सर और गुरुजनों के लिये एक बार जोरदार तालियां होनी चाहिए।
इन्हीं शब्दों के साथ आदरणीय अतिथियों का पंचायत की ओर से हार्दिक धन्यवाद करते हैं जो आपने आज इतना समय दिया।कार्यक्रम आयोजन के लिए स्कूल परिवार का आभार प्रकट करता हूं ।सभी ग्राम वासियों का धन्यवाद करता हूं जो आपने बच्चों का हौसला बढ़ाया। हमारे आदरणीय शिक्षकों का आभार,जो आपने हमारे बच्चों की प्रतिभा निखारने का काम किया। सभी युवाओं और विद्यार्थियों का आभार जो आपने अनुशासन बनाए रखा। इन्हीं शब्दों के साथ एक बार पुनः आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद जय भारत
अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस भाषण
मेरी मिट्टी मेरा मान है
सादगी मेरी शान है
गांव का रहने वाला हूं
सभ्यता ही मेरी पहचान है
आदिवासी दिवस पर प्रांगण में उपस्थित माननीय मुख्य अतिथि महोदय, विशिष्ट अतिथि, युवा शक्ति, मातृशक्ति बुजुर्गों और आदिवासी भाई बहनों का अभिवादन करता हूं। किसी भी समाज का अतीत अति महत्वपूर्ण होता है। आदिवासी समाज की बात करें तो हमारा अतीत गौरवपूर्ण रहा है। पर्वतों ,नदी नालों, जंगलों की आराधना करने वाले आदिवासी लोग हमेशा प्रकृति पूजक रहे हैं। हमारे आदिवासी समाज से ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति की पहचान होती है।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जैसे जैसे देश ने विकास किया है,आदिवासी समाज में भी जागरूकता आई है। आज समाज धीरे-धीरे विकास के पथ पर अग्रसर है। गांव का मुखिया और देश का यूवा होने के नाते आदिवासी समुदाय के लोगों से एक दो बातें जरूर कहूंगा कि आप शिक्षा के लिए प्रेरित हों। आज शिक्षा जरूरी हो चुकी है। इसलिए अपने बच्चों को आप हर हाल में शिक्षित करने का संकल्प लें।
आज भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुरमू आदिवासी समुदाय से ही है। उन्होंने यह पद अपनी शिक्षा दीक्षा से ही हासिल किया है। किसी भी समाज का कोई व्यक्ति जब शिक्षित होकर सफल होता है तो वो ।दूसरों की भी सहायता कर सकता है।
जीवन और चरित्र का गठन करते है
आओ ऐसी शिक्षा के लिए यत्न करते हैं
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने एक बात कही है “शिक्षित बनो संगठित रहो” आज आप शिक्षित होंगे तभी अपने समाज के हितों के लिए लड़ पाएंगे। असल में अनपढ़ता और आडंबर बहुत बड़ी कमजोरी होती है। जिसे छोड़ना होगा। शायद आप लोगों को पता ही नहीं होता कि आदिवासियों के लिए सरकार की क्या सुविधाएं हैं? कितना फंड आता है? संविधान में हमारे लिए क्या प्रावधान है? इन बातों के प्रति हम तभी सजग होंगे जब हम शिक्षित और जागरूक होंगे। हालांकि आदिवासी समाज धीरे-धीरे शिक्षा की आगे बढ़ रहा है। मगर हमें इस बदलाव भरे युग में तेजी से विकास करना होगा।
मैंने देखा है कि अक्सर नेता लोग आदिवासियों की गौरव गाथा सुनाकर, और केवल हमारी संस्कृति का बखान मात्र करके आदिवासी समाज का नाजायज फायदा उठाते हैं।
भारत देश में लगभग 10 करोड़ आदिवासी है। इनके उत्थान के लिए सरकार से पैसा भी आता है जन सुविधाएं भी आती हैं। मगर हमारी कमजोरियों की वजह से अधिकारी और राजनीतिक लोग हमारा पैसा हड़प जाते हैं। जिसका परिणाम यह है कि आज भी समाज मूलभूत आवश्यकताओं के लिए जूझ रहे हैं। एक बात मैं स्पष्ट रूप से कहूंगा कि अगर हम लोग आदिवासी भाई बहनों का कल्याण चाहते हैं तो हमें खुद को आगे लाना होगा। सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। इसके लिए बेशक हमें संगठन बनाना पड़े या हमें एक होकर अपने हितों के लिए लड़ना पड़े।
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है
हर पल ज़िन्दगी का इम्तिहान होता है
डरने वालों को कुछ नहीं मिलता यहाँ
लड़ने वालों के कदमो में जहान होता है
भगवान बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों से हम प्रेरणा लें कि हम हमेशा एक होकर रहेंगे। आदिवासियों का पौराणिक इतिहास देखा जाए तो आदिवासी एक शक्तिशाली समाज था।
आज फिर से अपनी शक्तियों को जगाने की जरूरत है । समाज को बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि आपने मेरी बातों को ध्यान पूर्वक सुना है और मैं आशा करता हूं कि हम अपने समाज के प्रहरी बनेंगे। आज आपने मुझे इस कार्यक्रम का हिस्सा बनाया इसके लिए आपका हार्दिक आभार प्रकट करता हूं। आगे भी मैं इसी तरह आपसी सहमति और सहयोग से कार्य करता रहूंगा।
इन्हीं शब्दों के साथ एक बार पुनः आप सभी का आभार जो आपने मुझे इतना सम्मान दिया। आप सभी को आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। अपने वक्तव्य के समापन पर 2 पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूं।
हर हाल में सूरज अपना है
इक रोज ये दावा कर लेंगे
हम अहले जुनू जब चलेंगे
दुनियां में उजाला कर देंगे
जय हिंद जय भारत
मुखिया द्वारा वार्षिक उत्सव भाषण
सम्मानित मंच पर विराजमान माननीय मुख्य अतिथि श्री ………, कार्यक्रम अध्यक्ष श्री……., विशिष्ट अतिथि, स्कूल प्रिंसिपल, अध्यापक गण, मातृ शक्ति, विद्यार्थियों एवं ग्रामवासियों का हार्दिक अभिवादन करता हूं। मंच पर बोलने का मेरा अनुभव बहुत कम है। इसलिए हो सकता है ज्यादा बातें ना कर पाऊं। मगर शिक्षा के लिए जरूर कहूंगा की हर मां बाप अपने बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी लें।
शिक्षा ही विकास है
शिक्षा ही जीवन है
शिक्षा ही रोजगार है
ऑनलाइन सिस्टम के बढ़ते हुए प्रचार प्रसार से आज पढ़े लिखे होना बहुत जरूरी हो चुका है। अनपढ़ता से हम अपना विकास नहीं कर सकते। आज आप बच्चों की उम्र है कुछ करने की। समय का सदुपयोग करें और संकल्प के साथ पढ़ाई करें। बच्चों के अभिभावकों से विशेष करके कहूंगा कि अपनी बेटियों को जरूर पढ़ाएं। आज देश में नारी के प्रति जागरूकता आई है।
जितना हो सकता है,आप बेटी को पढ़ाने का प्रयास जरूर करें। आपने एक नारा सुना होगा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ बेटियों की शिक्षा का सपना संजोए महान नारी सावित्री बाई फुले कहा था कि शिक्षा ही स्त्री का गहना है। यानी अगर एक बेटी को अच्छी शिक्षा दिलवा दी तो समझो वो बच गई।
पढ़ा लिखा कर बेटी को
आजादी से जीने का हक दिलाओ
बेशक मत दें धन का दहेज
बस बेटी को क़ाबिल बनाओ
एक पीढ़ी लिखी बेटी अपनी योग्यता से समाज में सम्मानित होगी और आत्मनिर्भर बनेगी। राजस्थान के युवा ने कड़ी मेहनत हमारे गांव के स्कूल में मेहनती स्टाफ है। आप विद्यार्थी हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करें। शिक्षकों के प्रति श्रद्धा रखने वाले विद्यार्थी ही जीवन में सफल होते हैं इसके साथ साथ कहुंगा की हमारे गांव का माहौल बहुत अच्छा है। हम इसी तरह से मिलकर रहें। छोटी मोटी नोंक झोंक को भुलाकर आपस में प्रेम से रहें। गांव का रहन सहन एक परिवार की भांति होता है। इसलिए हम परिवार की भांति ही रहें।
वार्षिक उत्सव के लिए हमारे स्कूल के प्रिंसिपल सर और अध्यापकों के लिए एक बार जोरदार तालियां चाहूंगा,जिन्होंने बच्चों को मंच पर आने का अवसर दिया। बच्चों ने भी मंच पर बहुत ही खूबसूरत कार्यक्रम दिया।आगे भी आप इसी तरह से कार्यक्रमों में भाग लेते रहें। गांव के आदरणीय भामाशाहों का दिल से आभार जो आप शिक्षा के इस मंदिर में दान करते हैं। इन्हीं शब्दों के साथ मैं आशा करता हूं कि हम मिलकर रहेंगे। आपसी बंधुता और प्यार से गांव में अच्छा माहौल बनाकर रखेंगे। एक बार फिर से आप सभी का आभार प्रकट करता हुं। धन्यवाद
मुखिया पद शपथ ग्रहण भाषण
आपके कर्म ही आपकी पहचान है
वरना एक नाम के तो हजारों इंसान हैं
सबसे पहले आप सभी को आज के दिन की हार्दिक शुभकामनाएं गांव के प्रांगण में उपस्थित पूर्व सरपंच, उप सरपंच, वार्ड सदस्य और सभी ग्रामवासियों का अभिनंदन करती हूं। मेरे मुखिया पद के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए मुझे बहुत खुशी है। आपने मुझे इस सम्मान के काबिल समझा,यह मेरे लिए ही नहीं गाँव की हर बहन बेटी के लिए प्रेरणा है।
आपसी सहयोग और प्रेम ही एक गांव की पहचान है।किसी की योग्यता,उपलब्धि पर तारीफ़ या सम्मान करना बहुत मुश्किल है। आज आपने मुझे सम्मान नहीं दिया।ख़ुद को और इस गांव को गौरव दिया है। गांव की सभ्यता में आपने एक नया इतिहास जोड़ा है
एक बेटी होने के नाते एक बात बेटियों के लिए जरूर कहूंगी की आज के परिवेश में हमें भी जीने का अधिकार मिल रहा है।सकारात्मक सोच के साथ अपनी ऊर्जा का सही दिशा में लगाएं,ताकि हमारे अभिभावक, समाज हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे और और अधिक आज़ादी दे।
आज इस सभा में आपकी उपस्थिति देखकर खुशी हो रही है।गांव का रहन सहन, एक परिवार की भांति मिलजुल कर रहना,हमारी संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है। आपके आशीर्वाद से इस बार आपने मुझे गाँव की सेवा का अवसर दिया,इसके लिए आप सभी को पुनः कोटि कोटि प्रणाम इस बार आप सबने मिलकर मुझे मुखिया बनाया,इसके लिए मैं पूर्ण विश्वास प्रकट करती हूं । मैं आपसे निवेदन करूँगी की हम अपने गांव, पड़ोस की समस्याओं को सुलझाने के लिए धैर्य से प्रयास करेंगे। सबके फायदे की बात हो तो सहमति देंगे ताकि जिला,खण्ड प्रशासन की ओर से हमें अच्छे से सहयोग मिलता रहे।
हां एक बात मैं जरूर कहूंगी कि गांव के विकास कार्यों में हर ग्रामवासी की भागीदारी होती है।एक देश का मुखिया भी तभी विकास कार्य कर पाता है जब आम जनता उसका साथ देती है।गांव में सफाई कर्मचारी हो या न हो, अगर हर ग्रामीण स्वच्छता सफाई के लिए प्रतिबद्ध हो आस पास थोड़ी थोड़ी भी सफाई रखे तो गांव का वातावरण अच्छा रहेगा।
मैं शपथ लेती हूं की अपने मुखिया पद की जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाऊंगी। गांव के विकास के लिए अच्छे से अच्छा कार्य करवाऊंगी। बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता व्यवस्था सुचारू होंगी। आपने जिस उम्मीद से मुझे ये पद दिया है, आपकी आशा के अनुरूप कार्य करूंगी।
मैं चाहती हूँ कि एक भाव से मिलकर हम अपने गांव के चहुंमुखी विकास में सहयोग करें। छोटे से छोटे कार्य के लिए भी एक परिवार के साथ कि जरूरत होती है।आज हमारा ये गांव ही हमारा परिवार है। हमारा आपसी सहमति,सहयोग और तालमेल ही हमारा सच्चा विकास है। आप सभी ने इस आयोजन को सफल किया,इसके लिए आप सभी का आभार प्रकट करती हूँ। मेरे इस शपथ समारोह के लिए ग्राम पंचायत और सभी ग्रामवासियों का तहदिल से अभिवादन करती हूँ।
विधायक महोदय जन संवाद कार्यक्रम मुखिया संबोधन
अतिथि देवो भव
कहती है भारत की धरा
स्वागत करके आपका
निभा रहे हैं परंपरा
सबसे पहले विधायक महोदय आदरणीय श्री …………जी का ग्राम पंचायत देवपुरी की ओर से अभिनंदन करती हूं। आज की इस सभा में पधारे समस्त ग्रामवासियों का आभार प्रकट करती हूं जो आपने आज इस सभा को सफल बनाया।
आदरणीय विधायक महोदय को कहना चाहूंगी की एक जनप्रतिनिधि से जनता को बहुत बड़ी आशाएं होती हैं। आज आप हमारी समस्याओं का समाधान करने पहुंचे इसके लिए पूरा गांव आपका आभारी है। मुझे इस गांव का मुखिया बनने का सौभाग्य प्राप्त है। एक मुखिया होने के नाते मेरा यह दायित्व है कि ग्राम वासियों को जरूरी जन सुविधाएं मुहैया हो। आज गांव में आपका जनसंवाद हमारे लिए एक नई आशा की किरण है। हमारे गांव में एक दो बड़ी समस्याएं हैं, जिनका निवारण हो जाए तो ग्रामवासियों के लिए बहुत बड़ी सुविधा होगी।
गांव में सबसे बड़ी समस्या है कि हमारे गांव की सड़के टूटी-फूटी हैं। जिसके कारण राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बरसात के दिनों में पानी भर जाने से तो बहुत बड़ी समस्या आ जाती है। राजकीय स्कूल के लिए जाने वाला रास्ता खराब होने के कारण बच्चों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ-साथ राजकीय प्राथमिक पाठशाला में शौचालय की सख्त जरूरत है। 2019 की आपदा में यह शौचालय ढह गया,जो अभी तक बन नहीं पाया।
आपसे नम्र निवेदन है कि आप इन कार्यों को करवाने का कष्ट करें। आपने इस क्षेत्र की जनता के साथ हमेशा परिवार की भांति व्यवहार किया है। आशा करते हैं कि आप हमारी इन मांगों को पूरा करेंगे। हमारे लिए आपका समय कीमती है। इसलिए कम शब्दों में अपनी बात पूरी करती हूं। इन्हीं शब्दों के साथ एक बार पुनः आपका हृदय से आभार प्रकट करती हूं जो आपने हमारी सुध ली। आशा करती हूं कि आज का ये जनसंवाद सफल रहेगा। धन्यवाद
जनप्रतिनिधि संवाद कार्यक्रम मुखिया स्वागत सम्बोधन
आपके कर्म ही आपकी पहचान है
वरना एक नाम के तो हजारों इंसान हैं
सबसे पहले होडल विधानसभा क्षेत्र से जन संवाद के लिए पधारे विधायक महोदय माननीय श्री…….जी का ग्राम पंचायत ……. की ओर से अभिवादन करता हूं। इनके साथ पहुंचे गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त महोदय श्री ……….., पटौदी उपमंडल से एसडीएम महोदय श्री …….. एवं जिला प्रशासन से सभी विभागों से पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों बीडीपीओ, डी डी पी ओ,चिकित्सा अधिकारी एवं कर्मचारियों और विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करता हूं।
विधायक महोदय द्वारा ये जन संवाद कार्यक्रम लोकतंत्र के प्रति हमारी सच्ची आस्था को दर्शाता है,क्योंकि लोकतंत्र जनता की जनता द्वारा और जनता के लिए सरकार है। अरस्तु के शब्दों में “राजनीति के क्षेत्र में जो सर्वोत्तम है ,वह न्याय है, तथा न्याय उन बातों में निहित है जिनमें सार्वजनिक हित हो। आप एक जनप्रतिनिधि हैं और एक जनप्रतिनिधि से जनता को बहुत बड़ी आशाएं होती हैं।
आज प्रशासनिक अमले के साथ आप हमारी समस्याओं का समाधान करने पहुंचे इसके लिए पूरा गांव आपका आभारी है। मुझे इस गांव का मुखिया बनने का सौभाग्य प्राप्त है। एक मुखिया होने के नाते मेरा यह दायित्व है कि ग्राम वासियों को जरूरी जन सुविधाएं मुहैया हो। आदरणीय विधायक महोदय को कहना चाहूंगा की वर्तमान सरकार में प्रांत में व्यापक स्तर पर अनेक विकास कार्य हुए हैं। आज हमारे गांव में आपका जनसंवाद हमारे लिए गौरव की बात है। आपकी गरिमामई उपस्थिति के लिए एक बार पुनः ग्राम परिवार की ओर से आभार व्यक्त करता हूं।
जनसंवाद के कार्यक्रम में विषयपरक बातें ही होती है। हमारे लिए आपका समय कीमती है। इसलिए कम शब्दों में अपनी बात पूरी करता हूं। इन्हीं शब्दों के साथ एक बार पुनः में आपका दिल से आभार प्रकट करता हूं जो आपने हमारी सुध ली। आशा करता हूं कि आज का ये जनसंवाद सफल रहेगा। धन्यवाद
सरपंच संघ में भाषण
उसूलों पर आंच आए तो
टकराना जरूरी है
जिंदा हो अगर तो
जिंदा नजर आना जरूरी है
सरपंच संघ के इस भव्य मिलन समारोह में आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूं । जिले के नवनियुक्त मुखियाओं की सभा में पधारे माननीय मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, प्रदेश के नव निर्वाचित मुखियाओं का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। घर द्वार की देवी नारी शक्ति को प्रणाम करता हूँ। गांव में मुखिया निर्वाचित होना एक अनुकरणीय उपलब्धि है। इस गज़ब की लीडरशिप और उपलब्धि के लिए एक बार हम जोरदार तालियों से स्वागत करेंगे।
हैं अंधेरे बहुत तुम सितारा बनों
डूबतों के लिए तुम किनारा बनो
इस ज़माने में है बेसहारा बहुत
तुम सहारा ना लो बस सहारा बनो
इसके साथ हम संगठित रहें। बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा है शिक्षित बनो, संगठित रहो। बिखरे हुए लोग कभी बादशाह नहीं बन सकते।
केवल सोचने से सपना चाह नहीं बन सकता
कोरे शब्दों से इन्सान औरों की निगाह नहीं बन सकता
एकत्रित रहकर संगठन में विश्वास भरना सीखो
बिखरा हुआ समाज कभी बादशाह नहीं बन सकता
जो लोग संघर्ष करते हुए आगे बढ़ते हैं,वही लोग अपने परिवार और समाज के भाग्य का निर्णय करते हैं।संघर्ष हमें मजबूत बनाता है।
पथ में कांटे ना होते तो
जीवन का आभास ना होता
मंजिल मंजिल रहा जाती
मानव का इतिहास ना होता,
ठीक है सरपंच पद पर सरकार हमें अनेक अधिकार देती है। मगर सामाजिक कार्य करते हुए में समस्याएं भी आएंगी। इसके लिए जरूरी है कि हम एकजुट रहे हैं। किसी भी गांव में हमारे किसी साथी मुखिया पर कोई समस्या आती है तो हम मिलकर उसका निवारण करेंगे। अपनी ओर से हम गांव में आपसे भाईचारा और गांव के विकास के विकास के लिए बेहतर प्रयास करेंगे
अपने वक्तव्य के समापन पर कहुंगा कि हम सभी नवनियुक्त मुखिया अपनी मेहनत आचरण और व्यवहार के बलबूते पर समाज को एक नई दिशा देंगे। एक बार पुनः आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूं और आज के सम्मान समारोह के लिए आयोजकों का आभार प्रकट करता हूं। दो पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूं
दुनिया के सब पीर पैगंबर
यही संदेश सुनाते हैं
प्रेम से मछली सजती है
नफरत से मिलकर बनते हैं
धन्यवाद
गांव में कृषि वैज्ञानिक का सम्मान संबोधन
गांव की मिट्टी से खुशबू आती है
दिल में खुशी के फूल खिलाती है
ऐसी महिमा है मेरे गांव की
जहां सभ्यता जीना सिखाती है
भारतवर्ष की सभ्यता और संस्कृति को दीप्तमान करते मेरे गांव की मिट्टी को प्रणाम करता हूं सभा में मौजूद कृषि वैज्ञानिक माननीय मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि एवं समस्त ग्राम वासियों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। जैसा कि आप जानते हैं कि हम सभी एक उद्देश्य के साथ के साथ जीवन जीते हैं।
बड़े हर्ष का विषय है कि आज हमारे बीच में ये कृषि वैज्ञानिक एक ऐसे उद्देश्य के लिए पधारे हैं। जिससे हमारे किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो कृषि करने के तरीकों में सुधार आए । अतःएक बार फिर से समस्त ग्रामवासियों की ओर से इनका हार्दिक स्वागत करते हैं।
छीन कर खाने वाले का कभी नहीं भरता
बांट कर खाने वाला कभी भुखा नहीं रहता
किसान धरती पर एक ऐसी कौम है जिस की दया दृष्टि से पशु पक्षी पलते हैं। भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसमें हमारे 70% लोग खेती करते हैं। हमारा भूमि पुत्र समस्त देशवासियों का पेट भरता है। सभा में उपस्थित भूमि पुत्रों को भी कहना चाहूंगा कि हम अपने कृषि कार्यों में और सुधार लाएं, रचनात्मकता लाएं। जिससे उपज बढ़े। इस तरह के कार्यक्रमों में उपस्थित होकर जागरूकता हासिल करें।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इस कार्यक्रम का लाभ उठाएंगे और अपनी खेती को समृद्ध बनाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ एक बार फिर से आप सभी सुनने वालों का और हमारे कृषि वैज्ञानिकों का आभार प्रकट करता हूँ।
धन्यवाद