खेल प्रतियोगिता मंच संचालन स्क्रिप्ट | Tournament Anchoring Script In Hindi

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हेलो दोस्तों नमस्कार। अगर आप बेहतर मंच संचालन करना चाहते हैं तो सबसे महत्वपूर्ण है आप अपनी वाक शैली का नियमित अभ्यास करें। तेज आवाज के साथ प्रेक्टिस करें।

आजकल स्कूल, कॉलेज में खेल प्रतियोगिताएं चल रही है ।प्रसिद्ध बेसवाल खिलाड़ी मिल्टन जॉर्डन का कथन है कि “खेल स्वास्थ्य की भाग्यशाली यात्रा है।” खान पान में लापरवाही और दौड़ती जिंदगी में स्वस्थ रहना मुश्किल होता जा रहा है।

खेल एक ऐसा माध्यम है जिससे हम समय के साथ-साथ खुद का प्रबंधन करना सीख जाते हैं। कपिल देव जैसे खिलाड़ी आज भी पूरी एनर्जी और जिंदादिली के साथ रहते हैं।

खंड स्तरीय या जिला स्तरीय प्रतियोगिता के मंच संचालन लिए ये एक स्क्रिप्ट लिखी है। आशा है आपको पसंद आएगी।

KHEL Divas anchoring script खेल प्रतियोगिता

खंड एवं जिला स्तरीय
खेलकूद प्रतियोगिता उद्घाटन
मंच संचालन स्क्रिप्ट
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सबसे पहले वक्ताओं,संचालकों, प्रेरकों को मेरी ओर से हार्दिक अभिनंदन।

स्कूल, खंड, जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता के कार्यक्रम के मंच संचालन की ये स्क्रिप्ट लिखने से पहले आपको एक बात जरूर कहूंगा की आप बोलने में खेल का विषय ही रखें।

इसलिए मंच संचालन करते हुए या भाषण देते हुए यह बात स्पष्ट कर ले कि आप खेल से जुड़ी बातें,भाषण या प्रस्तुतियां ही करें।कार्यक्रम विषय के अनुसार प्रस्तुतिकरण हो तो ज्यादा उचित रहेगा।

खेल प्रतियोगिता में एक मंच संचालक,वक्ता का कार्य केवल बोलना, अतिथि सत्कार, उद्घाटन या सांस्कृतिक गतिविधियां ही ना होकर लोगों में खेल के प्रति अवेयरनेस और प्रेरित करना होता है।

बहुत अच्छा होगा अगर एक मंच संचालक कार्यक्रम के शुरुआती दौर में प्रभावकारी वाक शैली के साथ खेल, जीत हार और महान खिलाड़ियों के प्रेरक प्रसंग और शायरी बोले।

इस खेल प्रतियोगिता में सबसे पहले आपको दर्शकों और प्रतिभागियों को एकत्रित करना है इसलिए एक मंच संचालक अतिथियों के आने से 20-25 मिनट पूर्व मंच आ जाए। ताकि मैदान में और स्टेज के आस पास अनुशासन कायम हो जाए।

साउंड सेटिंग के साथ-साथ जितने भी अतिथि,बच्चे,नारी शक्ति,युवा,बुजुर्ग आए होते हैं उनके साथ शायरी,शब्दावली और अपनी बातों से खेल प्रतियोगिता, आयोजन, अनुशासन को लेकर बोलना शुरू करें।

यदि आप कुशलता से बोलेंगे तो दर्शकों और प्रतियोगी एकत्र हो जाएंगे और कार्यक्रम के उद्घाटन से पहले अच्छा वातावरण बन जाएगा और संचालक का आत्मविश्वास मजबूत हो जायेगा।

उद्घाटन समारोह संचालन की विधिवत रूपरेखा

1.दर्शक और खिलाड़ियों का एकत्रीकरण एवं स्थान ग्रहण

सबसे पहले आप सभी को इस खेल उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। ये जिला स्तरीय खेल उत्सव जहां नई उम्र के खिलाड़ियों के लिए एक अवसर है। वहीं आपसी प्रेम और सद्भावना का उत्सव है। एक बार अपनी मीठी मुस्कान और जोरदार तालियों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवाइए।

शिक्षा विभाग की ओर से इन प्रतियोगिताओं का एक उद्देश्य होता है।वह उद्देश्य है स्टूडेंट्स स्टडी के साथ-साथ खेल के लिए प्रेरित हो। नई उम्र के बच्चों की ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए उनका नियमित खेल ग्राउंड से जुड़ना अति महत्वपूर्ण है।

इस खेल महाकुंभ में पधारे जिले के सभी विद्यालयों के आदरणीय टीचर्स, खेल प्रशिक्षक एवं खिलाड़ियों का आयोजन मंडल की ओर से अभिनंदन करते हैं।

इस प्रतियोगिता में हम सभी का सहयोग रहेगा। खेल-संसार में अनुशासन पहली जरूरत है। खेलों से हम पारस्परिक सौहार्द व टीम भावना के साथ नेतृत्व, सीखते हैं।इसलिए हम सभी अनुशासन का परिचय देंगे। दर्शक गण भी काफी संख्या में उपस्थित हैं।विद्यार्थी भी खेलने के साथ-साथ दर्शकों की भूमिका निभाएंगे।

इसलिए प्रतियोगी खिलाड़ियों और दर्शकों को कहूंगा अतिथियों के आने तक अनुशासित ढंग से इस मंच के पास एकत्रित हो जाएं।

इस जिला स्तरीय प्रतियोगिता में बेटियों का भी जलवा देखने को मिलेगा। जिले के भिन्न-भिन्न स्कूलों से पहुंची खिलाड़ी छात्राओं का स्वागत है।

मैं धरती की धारा हूं
मैं हूं अंबर का आसमान
कहने को मैं बेटी हूं
पर हूं हर घर की पहचान

स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारतीय नारी ने केवल राष्ट्र निर्माण में ही योगदान नहीं दिया बल्कि भारत की बेटियों देश का स्वाभिमान जगाया है। ओलम्पिक हो, राष्ट्रमंडल खेल हो या अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता हो, हर खेल में बेटियों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है।

कम नहीं ये किसी से
साबित कर दिखलाएंगी
खोल दो बन्धन
बेटियां हर मंजिल पा जाएंगी

जोरदार तालियों के साथ हम नारी शक्ति का स्वागत करेंगे।

ये मीरा की अमर भक्ति जहर से मर नहीं सकती
ये झांसी वाली रानी है किसी से डर नहीं सकती
मदर टेरेसा,लता हो कल्पना या सानिया,मैरी
असंभव क्या है दुनिया में जो नारी कर नहीं सकती

स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारतीय नारी ने केवल राष्ट्र निर्माण में ही योगदान नहीं दिया बल्कि भारत की बेटियों देश का स्वाभिमान जगाया है। ओलम्पिक हो, राष्ट्रमंडल खेल हो या अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता हो, हर खेल में बेटियों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है।

विवेकानंद जी ने कहा था कि भारतवर्ष की नई उम्र अगर खेल के मैदान में होगी तो देश ज्यादा विकास करेगा। क्योंकि खेल व्यायाम हमारे मानसिक विकास के साथ शरीर को मजबूत बनाता है।

युवा ..शक्ति है साहस है समृद्धि है
युवा.. प्रेरणा है विचार है लक्ष्य सिद्धि है
अवनी,मीरा,नीरज,रवि जैसे युवा हो जहां
उस देश की पूरे विश्व में प्रसिद्धि है

हमारे प्रांत की युवा शक्ति ने हर क्षेत्र में खुद को साबित किया है। खेलों की बात करें तो राजस्थान प्रांत की बेटी अवनी लेखरा जिसने दिव्यांग होते हुए भी मात्र 18 वर्ष की आयु में टोक्यो पैरालंपिक 2020 में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक हासिल किया। इस बार इस बेटी ने अपनी जीत को दोहराते हुए फिर से पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किया। दिव्यांग होते हुए इतना बड़ा इतिहास रचना, यही है भारत की बेटियों का चमत्कार।

इसके साथ-साथ मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक हासिल किया तो सुंदर गुर्जर ने कांस्य पदक जीतकर राजस्थान प्रांत का नाम रोशन किया है।

इस बार भारत के खिलाड़ियों ने पेरिस ओलंपिक में जहां एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज मेडल हासिल किये। वही अद्भुत कमाल करते हुए देश के दिव्यांग खिलाड़ियों ने सात गोल्ड,नौ सिल्वर और तेरह ब्रॉन्ज मिलाकर कल 29 मेडल जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

हालांकि ये खिलाड़ी दिव्यांग है, हौंसले और मेहनत को देखा जाए तो ये समस्त भारत की युवा शक्ति के लिए महान प्रेरणा है।

ओलिंपिक खेल प्रतियोगिता स्क्रिप्ट | Olympic games anchoring script

ओलिंपिक खेल प्रतियोगिता स्क्रिप्ट video

khel pratiyogita

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