भारत देश विविधताओं में एकता का प्रतीक माना जाता है। देश के विभिन्न प्रांतो में अनेक आस्थाएं और विश्वास प्रचलित हैं। भारत भूमि को देवी देवताओं की भूमि माना जाता है। जिसके कारण यहां के लोगों में धार्मिक विश्वास बहुत गहरा है। नवरात्रि पर्व भी लोगों की आस्था का केंद्र है। जिसमें नौ दिन तक जागरण, डांडिया, दुर्गा पूजा होती है। विजय दशमी के दिन मां दुर्गा की मूर्ति को जल में प्रवाहित की जाती है।
इस पर्व पर देश के सभी प्रान्तों में धार्मिक आयोजन होते हैं। जिन आयोजनों में बेहतरीन मंच संचालन की जरूरत होती है। नवरात्रि पर्व एवं दुर्गा पूजा, डांडिया के लिए संचालन की विस्तार पूर्वक ये स्क्रिप्ट है।
Navratri Special Anchoring Script
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बेहतर होगा अगर गायक , कलाकारों और मुख्य अतिथि के आने से पूर्व आप मंच पर बोलना शुरू कर दें। धार्मिक कार्यक्रम में साउंड लगने के बाद 30,40 मिनट पहले कोई धार्मिक गीत, भजन बजने लगता है,उस समय कुछ कुछ बोलना शुरू कर दें।
दुर्गा पूजा, डांडिया अथवा नवरात्रि जागरण में नारी शक्ति, बच्चे, कुछ वरिष्ठ नागरिक आदि कुछ लोग जब आने शुरू हो जाएं तब आप बोलना शुरू कर दें । संगीतमय धार्मिक कार्यक्रम में एक विशेष बात ये है की सबसे पहले साउंड लगने के बाद वाद्य वृंद यानी साज बजाने वाले अपने वाद्यों की सेटिंग करते हैं, कोई धुन बजाते हैं या गणेश वंदना करते हैं।
ऐसे में आप संचालक की भूमिका श्रेष्ठता से निभाएं वाद्य वृंद के वादकों का भी नाम सहित परिचय करवाएं। उनका कमेटी अथवा गांव की तरफ से स्वागत करें। गणेश वंदना के लिए उन्हें आमंत्रण दें।अतिथियों को अंग वस्त्र, तिलक करवाएं।
इससे आपको सबसे बड़ा लाभ होगा कि इस आधे घंटे में या 20 मिनट में आप अपने आपको आत्मविश्वास से भर लोगे। ऐसे आपके बोलने के दौरान ही अतिथि प्रांगण में प्रवेश करते हैं तो आप के कार्यक्रम की कड़ी से कड़ी जुड़ती जाती है । कथा प्रांगण में अपने भक्तिमय शब्दों और शायरी, मुक्तक से वातावरण बनाएं।
कार्यक्रम से पहले शायरी, शब्दावली से वातावरण बनाने के लिए बिना हड़बड़ाहट के धैर्य से काम लें। इससे आप अपने अनुसार अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने का प्रयास करें।
इस विवरणिका के अनुसार संचालन की तैयारी करें।
- उद्घोषक की एंट्री
- भंडारा प्रसाद के लिए अनुरोध संदेश
- वादकों का परिचय
- अतिथि आगमन
- दीप प्रज्ज्वलन
- गणेश वन्दना
- अतिथि, कलाकार एवं वाद्य वृंद का स्वागत, अंगवस्त्र
- डांडिया
- नवरात्रि जागरण महोत्सव
- दानवीरों का स्वागत महिमामंडन
- डांडिया
- झांकी
- भजन
- भस्मासुर दुर्गा झांकी
- दानवीरों के नाम
- भगवान श्री कृष्ण झांकी
- भजन गायन
- छोटे बच्चों की झांकी
- शंकर भगवान की झांकी
- डांडिया
- समापन
मंच संचालक अपनी एंट्री नवरात्रि पर्व की शायरी से करें।
मस्तक पर है अर्धचंद्र
है मंद मंद मुस्कान
पावन हृदय से दुर्गा मां के
चरणों में प्रणाम
सबसे पहले मां दुर्गा के चरणों में प्रणाम करता हुं और आप सभी को दुर्गा पूजा एवं नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
एक बार मां दुर्गा का जोरदार जयकारा लगाएंगे।
बोलों दुर्गा शक्ति की जय
बोलो जगत जननी महारानी की जय
बोलिए सच्चे दरबार की जय
बोलो माता भवानी की जय
बोलो शंकर भगवान की जय
बोलो कृष्ण कन्हैया लाल की जय
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम दुर्गा पूजा का ये पावन पर्व मना रहे हैं। आज अगर हम भारतीय सनातन संस्कृति की बात करते हैं तो हमारे शास्त्र ,ग्रंथ,पूजा अर्चना, हमारे इष्ट देव, हमारी धार्मिक आस्थाएं और आयोजन हमारी संस्कृति का वास्तविक रूप है।
इसलिए अगर कोई देशप्रेम की बात करता हैं तो उसका ये प्रेम देश की संस्कृति के प्रति होना चाहिए।जिस देश के लोग अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति श्रद्धा रखते हैं।वह देश हमेशा शक्तिशाली होता है।दुर्गा पूजा भारत की पूर्णता को नए रूप देती है,नए श्रृंगार देती है, नई चमक देती है।
उषाकाल दिनकर की आभा वसुधा का आंचल धोती है
रात चंद्रिका होती जगमग हर उर में आशा बोती है
मैं हुं वासी उस धरती का जहां सृष्टि पूजी जाती
है मानव का सम्मान जहां और नारी की पूजा होती है
आज की रात्रि मां भगवती से ऐसा अमृत आनंद बरसेगा। आज की रात्रि संकल्प की रात्रि है। जिसमें जितनी श्रद्धा होगी वह मां का आशीर्वाद प्राप्त करेगा।
भक्ति में शक्ति बंधु
शक्ति में संसार है
दुनियां में है जिसकी पूजा
आज उस देवी का त्यौहार है
इस भव्य समारोह में पधारे आदरणीय बुजुर्ग, माता बहनों, युवाओं और प्यारे बच्चों का अभिवादन करता हूं। आज हमें इस शक्ति स्थल पर मां दुर्गा के नव रूपों की झलक देखने को मिलेगी।
जैसे ही हमारे मुख्य अतिथि पहुंचते हैं,दीप प्रज्वलन के साथ इस भव्य दुर्गा पूजा का श्री गणेश होगा। डांडिया,दुर्गा पूजा उत्सव में पधारी मातृशक्ति का वंदन करता हूं।
सलमे सितारे क्या करते जग में आकर
अगर नारी ने उन्हें दामन न दिया होता
नीम पीपल बरगद का महात्म्य
अजाना ही रह जाता
यह पूजा,आराधना,उपासना, व्रत और त्यौहार जगतजननी नारी से ही है। दुर्गा पूजा, नवरात्रि, करवा चौथ, डांडिया जैसे उत्सवों को नारी ने अपनी आस्था से शक्ति प्रदान की है।देवकी जैसी नारी की कोख से भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया तो यशोदा मां ने उनका पालन पोषण किया। दुर्गा पूजा के इस पावन पर्व पर हम नारी शक्ति के सम्मान का संकल्प लें। जगतजननी नारी हमेशा पूजनीय है।
क्षमा भाव रखें मन में हमेशा
क्षमा ही जीवन का सार होती है
मिलकर करें मां की आराधना
तो प्रार्थना स्वीकार होती है
दुर्गा पूजा भारत की एकता का पर्व है। आज भारतवर्ष के ऋषि मुनियों की भक्ति की शक्ति के दर्शन हो रहे हैं। जिन भक्तजनों को इस पर्व से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, उन्हें आज मां से सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा । दानी सज्जनों के लिए शब्द
इस नवरात्रि महोत्सव को मनाने में दानी सज्जनों की मुख्य भूमिका रही है। किसी भी छोटे-बड़े कार्यक्रम के लिए धन की जरूरत रहती है। ऐसे में कुछ लोग निमित बनकर दान राशि भेंट करते हैं। जिनके संग सहयोग से ऐसे मंगल कार्य सिद्ध होते हैं।
धर्म के प्रति पूर्ण निष्ठावान को महान कहते हैं
अर्पण करने की निष्काम भावना को दान कहते हैं
आज इस कार्यक्रम में निस्वार्थ भाव से दान करने वाले दानी सज्जनों को प्रणाम करता हुं।
आज कलयुग में दान भेंट की परंपरा के कारण ही हम ऐसे अवसरों पर आस्था प्रकट कर पाते हैं।
इस तरह से जब तक अतिथि नहीं आते या कार्यक्रम विधिवत रूप से आरंभ नहीं होता,आप वातावरण को देखकर कार्यक्रम विषय अनुसार कोई धर्म ग्रंथ, शास्त्र की बात , शायरी या और भी बहुत सी बातें बोल सकते हैं।
Durga Pooja Anchoring shayari
भंडारा प्रसाद के लिए अनुरोध संदेश
आज इस दुर्गा पूजा, नवरात्रि उत्सव में समिति की ओर से भंडारा प्रसाद का विशेष प्रबंध किया गया है। इसलिए सभी श्रद्धालुओं से साधन अनुरोध है कि कृपया मां का अमृतमयी प्रसाद ग्रहण करके प्रांगण में बैठें।
जीभ को अच्छा लगे तो
भोजन मुंह का स्वाद बन जाता है
जिसे खाकर तन मन तृप्त हो जाए
ऐसा भोजन प्रसाद बन जाता है।
किसी भी देवस्थान, धार्मिक आयोजन में जब भोजन करते हैं। तो उसे एक अभूतपूर्व आनंद की प्राप्ति होती है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वहां पर भोजन बनाने और परोसने वालों की दुआएं मिल जाती हैं। दूसरा एक देवस्थल में एक रोटी प्रसाद बन जाती है। एक बार फिर से मैं अनुरोध करूंगा कि कृपया आए हुए अतिथि एवं श्रद्धालु भंडारे का प्रसाद ग्रहण करके शीघ्रातिशीघ्र पूजा प्रांगण में बैठे।
आज की रात्रि सबके लिए पावन होगी। मां की कृपा बरसेगी। इस क्षेत्र के मशहूर गायक कलाकर देवी भगवती की अपरम्पार महिमा का गुणगान करेंगे।आज की रात्रि की भव्यता के लिए एक बार जोरदार तालियों से स्वागत करेंगे और मां दुर्गा का जयकारा लगाएंगे।
बोलो मां दुर्गा शक्ति की जय
बोलिए जगतजननी मां की जय
बोलिए शंकर भगवान की जयबहारों की महफिल सुहानी रहेगी
लबों पर खुशियों की कहानी रहेगी
सबकी दुआएं कबूल होगी इस दरबार में
अगर आप की तालियों की मेहरबानी रहेगी
बस ऐसे ही हम सभी मिलकर शक्ति स्वरूपा मां भगवती का पूरी रात गुणगान करेंगे।
इस क्षेत्र में अपने भक्तिमय गुणगान के लिए प्रसिद्ध श्री ….. जी और ….. जी परमार आज के हमारे गायक कलाकार हैं। जो देवी मां के भजनों से हमें भाव विभोर करेंगे।
इनके साथ आए हुए वाद्य वादकों का जोरदार तालियों से स्वागत करें। जो अपने जादुई हाथों से मधुर स्वर लहरियां छेड़ेंगे और वातावरण को मंत्रमुग्ध करेंगे।
साज की खुशबु साज की आवाज़ से आती है
इंसानी मिज़ाज की खुशबु उसके जज्बात से आती है
वादकों का परिचय
सम्माननीय वादकों में श्री …….जी आर्गन पर मधुर स्वर बजाएंगे। ढोलक (तबला) की थाप से भजन कीर्तन को लय देकर सुन्दर बनाएंगे श्री…..जी। इलेक्ट्रो पैड की भिन्न भिन्न लयात्मक ध्वनियों से संगीत और वातावरण को श्रृंगारित करेंगें श्री …..जी और इनके साथ अपने मीठे मीठे भजनों से प्रांगण को भक्तिमय करेंगे श्री ……. जी।
प्रांगण में लगे साउंड सिस्टम की आवाज़ का सटीक संतुलन बनाए रखने का काम करेंगे ……साउंड से श्री ……..।
एक बार जोरदार तालियों से हम सभी स्वागत करेंगे, मैं निवेदन करूंगा वाद्यवृंद से कि आज के इस पावन दिन के स्वागत में एक मधुर स्वर लहरी बजाएं।
ऐसे ही मां दुर्गा सभी पर कृपा दृष्टि बनाएं रखें। इसी दुआ के साथ एक बार जोरदार जयकारा लगाएंगे।ऐसा जयकारा हो जिससे सृष्टि गूंज उठे।
बोलो मां भवानी लाल की जय
बोलो शक्तिस्वरूपा मां जगदम्बा की जय
अतिथि आगमन
आज के हमारे माननीय मुख्य अतिथि श्री…. जी ,श्री….. जी, विधायक श्री …..जी और ….. विभाग से श्री ……जी पहुंच चुके हैं। इनका हमारी सेवा समिति की तरफ से हार्दिक अभिनंदन करते हैं।
वाद्यवृंद से कहूंगा की हमारे माननीय अतिथियों के सम्मान में एक खुबसूरत धुन बजाएं।
भक्ति की शक्ति से हम सब
मानवता के फूल खिलाएं
अतिथि सत्कार कि उज्ज्वल संस्कृति
भारतवर्ष को महान बनाएं
दीप प्रज्ज्वलन
माननीय मुख्य अतिथि महोदय से निवेदन करुंगा आदि शक्ति परब्रह्म मां दुर्गा के दरबार में दीप प्रज्ज्वलित करके दुर्गा पूजा प्रांगण को ज्योतिर्मय करें।
गुणवती योग माया आदि शक्ति है तू
तेरे चरणों में प्यार मिलता है
परमब्रह्म से तुलना है तेरी
तेरे दरबार में दुआओं का भंडार मिलता है
अंधकार व अज्ञानता रुपी राक्षसों से मां दुर्गा सबकी रक्षा करे। सबके जीवन में समृद्धि और प्रकाश हो। मां दुर्गा पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री’ के नाम से जानी जाती हैं। नवरात्र के दुसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है।साधक इस दिन अपना मन मां के चरणों में लगाते हैं।
माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है।इस देवी की कृपा से साधक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। दिव्य सुगन्धियों का अनुभव होता है और कई तरह की ध्वनियाँ सुनाई देने लगती हैं।देवी का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है।
गणेश वन्दना
जगत जननी मां दुर्गा का उत्सव में सर्वप्रथम रिद्धि सिद्धि के दाता गणपति गजानंद का ध्यान करें।
दुर्गा पूजा के पावन प्रांगण में
गणपति गजानंद का ध्यान करते हैं
जीवन में बुद्धि वैभव की वर्षा हो
आओ सिद्धि विनायक का गुणगान करते हैं
मां का गुणगान करने पधारे हमारे क्षेत्र के सुप्रसिद्ध गायक श्री को मंच पर आमंत्रित करूंगा। कृपया अपनी भक्तिमय आवाज में गणेश वंदना से इस उत्सव का शुभारंभ करें।
बोलिए प्रथम देव गणेश की जय
बोलो सिद्धि विनायक भगवान गणपति की जय
बोलिए ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा की जय
अतिथि, कलाकार एवं वाद्य वृंद का स्वागत,अंगवस्त्र
मन में गणपति का भाव हो तो बुद्धि आती है
तेरी पूजा से घर में समृद्धि आती है
जीवन से सब बाधाओं को दूर करते हैं भगवान
सर्वप्रथम तेरे गुणगान से रिद्धि सिद्धि आती है
गणेश वंदना के बाद माननीय अतिथियों और हमारे गायक कलाकारों का पुष्प अभिनंदन होगा। हमारे अतिथियों का स्वागत करते हैं।हमारे समिति सदस्यों से आग्रह करूंगा कि वो हमारे अतिथियों का सम्मानस्वरूप साफा, पगड़ी भेंट करके अभिनंदन करें।
पगड़ी, तिलक पुष्पाभिन्दन करना हमारे भारतवर्ष की संस्कृति है। हमारी संस्कृति ऐसे ही उज्ज्वल रहे।
श्रद्धा इंसान को महान बनाती है
लगन हर मुश्किल को आसान बनाती है
ईश्वर के लिए हृदय में श्आस्था होनी चाहिए
सच्ची आस्था ही पत्थर को भगवान बनाती है
अभी मैं अतिथियों से आग्रह करूंगा हमारे कि कृपया मंच पर आएं और हमारे गायक कलाकारों और वाद्य वृंद को अंग वस्त्र भेंट करके सम्मानित करें।
खिलखिलाते फूलों में ना देख सके
तो पत्थर की मूरत में क्या दिखेगा
इबादत की नजरों से देखोगे तो
ज़र्रे ज़र्रे में ख़ुदा दिखे
दानवीरों का महिमामंडन
मां ब्रह्मचारिणी ने इस नवरात्रि महोत्सव के लिए कुछ माननीय दानी सज्जनों को निमित्त बनाया है। अभी दानवीरों के नाम अनाउंस होंगे। जिन्होंने इस आस्था स्थल पर दिल खोलकर दान दिया है। एक बार तालियों से स्वागत कीजिए।
5000 रुपए श्री ……
1000 रुपए श्री ….
प्रेम से बड़ा कोई धर्म नहीं होता
दान से बड़ा कोई कर्म नहीं होता
दान एक ऐसा कार्य है जिसके जरिए हम न केवल धर्म का ठीक-ठाक पालन कर पाते हैं बल्कि अपने जीवन की तमाम समस्याओं से भी निकल सकते हैं। आयु रक्षा और सेहत के लिए तो दान को अचूक माना जाता है जीवन की तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए दान का विशेष महत्व है।दान करने से ग्रहों की पीड़ा से भी मुक्ति पाना आसान हो जाता है।
हमारे ऋषि मुनि अंतर्ज्ञानी ना होते
तो देश में ऐसे स्वाभिमानी ना होते
न जाने कितने धर्म कर्म अधूरे रह जाते
अगर भारत भूमि पर इतने बड़े दानी ना होते
श्री …जी ने अपनी नेक कमाई में से 11000 रुपए का महादान किया है।
जय जयकार हो
बोलो मां भवानी की जय
ब्रह्मचारिणी चंद्रघंटा मैया की जय
आज के हमारे बने मुख्य अतिथि महोदय ने मां के दरबार में 21000 रूपये की दिव्य राशि भेंट की है। आपका बहुत बहुत आभार। मां ब्रह्मचारिणी से प्रार्थना है की आपके जीवन में वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के फूल खिलें।
सफ़लता की आग हो तो समय अवसर देता है
दान देने का भाव हो तो ईश्वर बरकत देता है