हेलो दोस्तों आप सभी को independence Day की हार्दिक शुभकामनाएं
आप पंद्रह अगस्त पर संचालन करेंगे या भाषण देंगे.
कुछ अच्छे संचालक 15 August के कार्यक्रम में संचालन के दौरान किसी प्रस्तुति या किसी विशेष गतिविधि पर ताली शायरी बोलकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर देते हैं। अगर आप इस तरह से जोश भरते रहेंगे तो सुनने वाले लंबे समय तक कार्यक्रम में बैठे रहते हैं।
कुछ एक ऐसे वक्ता भी होते हैं जो 15 अगस्त पर भाषण देते वक्त अपनी किसी बात पर श्रोताओं से तालियां बजवाते हैं।
ये कुछ शायरियां और शब्दावली है आप 15 अगस्त पर मंच संचालन करते हुए अपनी बुलंद आवाज से बोलिए।
15 August clapping Shayari. 15 August Tali Shayari. 15 अगस्त पर ताली शायरी बोलें
आजादी की 75वी वर्षगांठ पर आयोजित इस कार्यक्रम में बैठे गणमान्य लोगों और माननीय श्रोताओं को कहना चाहुंगा की इस कार्यक्रम में जोश भरने के लिए आपकी तालियों का साथ चाहिए।
जैसा कि आप जानते हैं
हुनर ना हो तो जिन्दगी अनजान होती है
बिना उमंग उल्लास के महफिल वीरान होती है
जोरदार तालियों के लिए ये पंक्तियां कहुंगा
दूध का दूध और पानी को पानी कह दूंगा
मेघ की गर्जना दरिया की रवानी कह दूंगा
कैश ने लैला को जो भेजी थी प्यार की निशानी कह दूंगा
सूरदास के पद मीरा की वाणी कह दूंगा
अगर यूं ही खामोश रहे तो कुछ भी नहीं कह पाऊंगा
थोड़ा तालियों से साथ दोगे तो पूरी दुनिया की कहानी कह दूंगा
जोरदार तालियों से स्वाधीनता की इस मंच में जोश भरेंगे।
आज के कार्यक्रम में हमारे अध्यापकों की बदौलत विद्यार्थियों की मनमोहक प्रस्तुतियां हो रही हैं। आपकी तालियां हो जाए तो इन कलाकारों के हुनर को पंख लग जाएंगे।
कभी सुख से कभी दुख से मुलाकात होती है
ऐसे लम्हों से ही जिंदगी लाजवाब होती है
सामने भीड़ देखकर बढ़ते हैं कलाकारों के हौंसले
दर्शकों की तालियों से महफ़िल आबाद होती है
आपकी तालियों की गड़गड़ाहट की गूंज से माहौल में उत्साह आएगा
इसके साथ है भावी मंच संचालकों को यह भी कहना चाहूंगा कि 15 अगस्त के अच्छे से अच्छे के कार्यक्रम में भी अनुशासन नहीं होता। कुछ लोग यहां वहां खड़े रहते हैं
आप उनके लिए विशेष रूप से बोल सकते हैं।
आज के इस आयोजन में सभी ने मिलजुल कर सहयोग किया है। कोई भी प्रोग्राम तभी सफल होता है जब सभी सुनने वाले अनुशासन में साथ दें।
खुशियों भरा समां बंध जाए
ऐसी पावन घड़ी ला दूंगा
बस आप तसल्ली से बैठ जाइये
इस मंच पर गीतों की झड़ी लगा दूंगा
मैं रिक्वेस्ट करूंगा कि सभी सुनने वाले जहां भी जगह मिले बैठ जाएं।
कार्यक्रम में जितना अनुशासन होगा उतनी ही बेहतर प्रस्तुतियां देखने को मिलेगी।
कहते हैं कि गाने में या नृत्य करने में तभी रंजकता आती है जब अदाकार के मन में उल्लास उमंग होती है। तब उसकी बुलंद आवाज किसी के लिए प्रेरणा बन जाती है।
ऐसे ही स्वाधीनता का आज का दिन हमारे लिए प्रेरणा बन जाएगा अगर आप तालियों से साथ देंगे।
दिल की उमंगो से गुनगुनाके देखो
आवाज़ में लहज़ा आएगा
आप तालियों से साथ देते रहोगे
तो महफ़िल का मजा आएगा
इस तरह से दोस्तों आप खुद भी थोड़ा प्रयास कीजिए इसमें आप खुद की भी क्रिएटिविटी डाल सकते हैं।
धन्यवाद
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अतिसुंदर, आप तो खुद शब्दों का भंडार या शब्दों के सर्जक हो। शुभकामनाएं प्रिय मित्र।