विदाई शायरी, विदाई कार्यक्रम स्क्रिप्ट

सबसे पहले भावी वक्ताओं,मंच संचालको को हार्दिक प्रणाम।

भाषण में,मंच संचालन में या मोटिवेशनल स्पीकिंग में हर प्रशिक्षित का अपना अलग अनुभव होता है।

मेरा भी अपना एक अलग अनुभव है और आज हम लोग बात करते हैं विदाई कार्यक्रम के बारे में।

विदाई कार्यक्रम स्कूल का हो कॉलेज का हो या कोई सेवानिवृत्ति पार्टी का हो।

हम लोग एक बात का ध्यान रखें कि शायरी विदाई की कोई भी बोली जा सकती है।

लेकिन उसकी शायरी के साथ कार्यक्रम के अनुसार हमारे पास प्रयाप्त एवं उपयुक्त शब्दजाल होना चाहिए।

यानी शायरी के साथ साथ माहौल के अनुसार आपकी शब्दावली ही कार्यक्रम को अच्छा बनाती है।

किसी भी प्रकार के विदाई कार्यक्रम में आप इन बेहतरीन शायरियों का प्रयोग करके कार्यक्रम को चार चांद लगा सकते हैं।

जाना पहचाना चेहरा अनजाना हो जाता है
पलों में ही रिश्ता जैसे पुराना हो जाता है
मिलना बिछड़ना तो दुनिया की रीत है दोस्तो
एक वक्त के बाद तो देश भी बेगाना हो जाता है

जुबां पर अक्सर तेरा नाम आएगा
तेरे साथ बीता हर पल याद आएगा
तेरे दिल की बस्ती से होकर गुजरा हुं
शायद ही जिंदगी में तुझसा दिलशाद आएगा

आकाश के चमकते आफताब रहना
आने वाले कल की बुलंद आवाज रहना
जुदाई के इन पलों में बस यही दुआ है
जहां भी रहना तुं आबाद रहना

सफलता का नया सफर होगा
कौन जाने कल किधर होगा
अपने इरादों में जान भरते रहना
इम्तिहान भरा तेरा हर कदम होगा

तुझसे बिछड़ने का गहरा एहसास है।
मेरी जिंदगी में तुं बहुत ख़ास है
शीतल चंदन सा रहे हरदम जीवन तुम्हारा
ईश्वर के आगे बस यही अरदास है

2 thoughts on “विदाई शायरी, विदाई कार्यक्रम स्क्रिप्ट”

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