Children Shayari | बच्चों पर शायरी:
बच्चों पर शायरी:
किसी महफ़िल,कक्षा, मंच कार्यक्रम में बच्चों के लिए अच्छी शब्दावली की तैयारी के साथ अच्छे अंदाज़ में शायरी बोलें
इन नन्हें फूलों पर इतना एहसान करना
छुएं ऊंचाइयों को ख़ुदा से ये फ़रमान करना
और कुछ ना सही देने के लिए इनको
कम से कम तालियों से तो इनका सम्मान करना
दिखने में ये बच्चे भोले नादान होते हैं
कभी गौर करना अपने अध्यापक पर हमेशा कुर्बान होते हैं
आज के दौर में इतना तो अच्छा रहने दिया जाए
बच्चों को बस बच्चा ही रहने दिया जाए
खिलखिलाती इस महफ़िल के सितारो
आपके लिए दिल में सम्मान बहुत है
मेरे हुनर को देखकर जाना आज
बेशक बच्चा हुँ पर इरादों में जान बहुत है
सच्चाई और प्यार की तस्वीर हैं ये बच्चे
नफ़रत नाम भी नहीं जानते हैं ये बच्चे
काश इन बच्चों का सा दिल हो जाए हमारा
क्योंकि इस दुनियां में यही हैं सबसे सच्चे
ये धन दौलत ज़ागीर किसी की सरताज़ नहीं होती
नेक इरादों से चलने वालों की ज़िंदगी बर्बाद नहीं होती
लोग कहते हैं काबलियत उम्र के तजुर्बे से आती है
असल में काबलियत कभी उम्र की मोहताज़ नहीं होती