गर्भसंस्कार से आने वाली सन्तान को महान बनाएं

गर्भसंस्कार से आने वाली सन्तान को महान बनाएं:

Introduction:

हां तो दोस्तो सबसे पहले आप सभी को मेरी ओर से प्यार भरी नमस्ते। बात करते हैं आज, गर्भ संस्कार के बारे में। आधुनिक दौर में अगर विचारवान होने की बात की जाए तो वह केवल मात्र पूजा-पाठ आडंबर और कर्मकांड तक रह जाती है। हर व्यक्ति एक अच्छी विचार शक्ति के साथ जीना चाहता है वह बात अलग है कि उसे कोई रास्ता नहीं मिल पाता। एक अच्छा मार्गदर्शक मिल जाए तो जीवन में कल्याण हो सकता है।

Today’s Time:


आज मैं आपके साथ बात कर रहा हूं गर्भ संस्कार के बारे में। आपने एक कहानी सुनी होगी महाभारत की, जब उत्तरा के गर्भ में अब अभिमन्यु था तब उत्तरा सात चक्रव्यू भेदने का राज सुना। जब वह ये कहानी सुन रही थी तो सात चक्रव्यू में जब अंतिम चक्रव्यू रहा तब अभिमन्यु की मां को नींद आ गई थी। बाद में जब अभिमन्यु का जन्म हुआ तब अभिमन्यु  एक बार  युद्ध करते करते छः चक्रव्यूह में से तो निकल गया और सातवें में अटक गया और वह वीरगति को प्राप्त हुआ। इस कहानी को आप अच्छे से किसी पुस्तक से पढ़ लें। मैं आपको यह समझाना चाहता था कि गर्भ संस्कार होते हैं जो प्राकृतिक है।

इसलिए जो महिला जो अभिभावक चाहते हैं कि उनकी आने वाली संतान चरित्रवान हो, स्वस्थ हो, अच्छे विचारों वाली हो, कोई आविष्कारक हो, महान हो, तो गर्भवती स्त्री को गर्भावस्था के शुरू से ही या लगभग 4, 5 महीने के बाद से ही अच्छे अच्छे विचार सोचने होंगे, खुश रहना होगा, सकारात्मक विचार अपने अजन्मे बच्चे को देने होंगे कि गर्भ में पल रहा बच्चा महान शख़्सियत है वह बच्चा संस्कारी है। और इसके साथ साथ जिस मां के गर्भ में बच्चा है उस मां को तनाव मुक्त होकर हमेशा खुशी से झूमते हुए  जिंदगी को जीना होगा। सुपर पॉजिटिव होकर जैसा भी मां सोचेगी और साथ में अगर पिता का भी सहयोग रहे तो दोनों माता पिता की ऊंची सोच एक अच्छी संतान उत्पत्ति का कारण बनेगी।


इसलिए इस बात को अनदेखा ना किया जाए। ऐसा ना हो कि गर्भवती स्त्री के मन की उलझन, तनाव चिड़चिड़ापन या उसके साथ पति का गलत व्यवहार उस बच्चे के मानसिक स्तर को  कमजोर करे। अगर आप इस विचार को यानि गर्भ संस्कार को मानते हैं, इस प्राकृतिक सिद्धांत को समझते हैं तो गर्भावस्था के 4 महीने के बाद वैचारिक और व्यवहारिक रूप से बहुत ज्यादा जागरूक होने की आवश्यकता है। अच्छे से अच्छा सोचना, खुश रहने के लिए एक गर्भवती  स्त्री को और उसके पति को  हरसंभव प्रयास करना चाहिए ।


मैं आपको इतना जरूर कहना चाहूंगा कि यह विचार काम करेंगे ।मेरा अपना एक अनुभव है, अपने अनुभव को मैं मेरे यूट्यूब चैनल के माध्यम से जरूर शेयर करूंगा। मैं यह कहूंगा कि इतना तो आप जानते हैं कि अच्छा सोचना अच्छी पुस्तकें पढ़ना, दूसरों के बारे में अच्छा सोचना, समृद्धि की कामना करना, ये विचार हमारे जीवन के लिए भी उपयोगी है, महान है तो हम लोग अपने तनाव को, समस्याओं को भूल कर एक बार इन विचारों को अपनाकर देखें ।


हर रोज सुबह शाम हर गर्भवती अपने अजन्मे शिशु को महान विचारों की शक्ति दे, अच्छे एहसास करें। आपको परिणाम जरूर मिलेंगे। यह मेरा अपना कोई विचार नहीं है, यह प्राकृतिक है, सत्य है।


इस विचार को  सभी माताएं बहनें अपनाएं और आने वाली संतानों को संस्कारी बनाएं ।ताकि समाज का कल्याण हो परिवारों का कल्याण हो

धन्यवाद

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